गृह मंत्रालय
जी-20 के तहत 23 से 25 मई, 2023 तक आयोजित होने वाली दूसरी डीआरआरडब्ल्यूजी बैठक में आपदा जोखिम वित्तपोषण चर्चा का मुख्य केंद्र होगा
मुंबई में डीआरआरडब्ल्यूजी की दूसरी बैठक आपदा जोखिम कटौती 2015-2030 के लिए सेंडाई फ्रेमवर्क की मध्यावधि समीक्षा (एमटीआर) के बाद आयोजित हो रही है
Posted On:
22 MAY 2023 5:21PM by PIB Delhi
जी-20 के तहत आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यकारी समूह (डीआरआरडब्ल्यूजी) की दूसरी बैठक का आयोजन 23 से 25 मई, 2023 तक मुंबई में किया जा रहा है। यह बैठक बीस से अधिक देशों के सरकारी अधिकारियों, उद्योग जगत के विशेषज्ञों, निजी क्षेत्र के प्रतिनिधियों एवं अन्य हितधारकों को एक मंच पर लेकर आएगी, जो स्थायी विकास हेतु आपदा जोखिम को कम करने और वित्तपोषण के प्रबंधन के लिए नवीन उपायों की तलाश करने की अपनी प्रतिबद्धता में एकजुट होंगे। इस बैठक का उद्देश्य नये अवसरों की पहचान और रचनात्मक वित्तपोषण तंत्रों की जांच करके, कमजोर तबकों पर आपदाओं के प्रभाव को कम से कम करना है।
मुंबई में अगले तीन दिनों तक होने वाली डीआरआरडब्ल्यूजी बैठक में चार तकनीकी सत्र और कुछ अन्य प्रमुख कार्यक्रम संचालित होंगे। ये उच्च स्तरीय विचार-विमर्श इस वर्ष 31 मार्च से 1 अप्रैल तक गांधीनगर में आयोजित डीआरआरडब्ल्यूजी की पहली बैठक "आपदा जोखिम में कटौती के लिए वित्तपोषण" से उभरने वाली क्रॉस-कटिंग थीम पर विचार-विमर्श के माध्यम से अपना कार्य करना जारी रखेंगे। विशेष रूप से, आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यकारी समूह (डीआरआरडब्ल्यूजी) जी-20 का एक सहयोगी निकाय है, जिसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर आपदा जोखिम न्यूनीकरण के प्रयासों को बढ़ावा देना है। डीआरआरडब्ल्यूजी विशेषज्ञों एवं हितधारकों को रणनीतियों को तैयार करने, सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा करने और आपदा जोखिम के प्रबंधन व वित्त पोषण के लिए नवीन समाधानों का तलाश कर सामने लाने के उद्देश्य से एक साथ लेकर आता है।
न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में महासभा के अध्यक्ष द्वारा 18 मई से 19 मई, 2023 तक आयोजित आपदा जोखिम न्यूनीकरण 2015-2030 के लिए सेंडाई फ्रेमवर्क की मध्यावधि समीक्षा (एमटीआर) का त्वरित पालन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ही इस बैठक की रणनीतिक योजना बनाई गई है। इस संदर्भ में, जी-20 मंच सेंडाई फ्रेमवर्क के उद्देश्यों के अनुरूप सभी समावेशी समाधान प्रदान करने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।
जी-20 देशों के साथ प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती संख्या और जलवायु परिवर्तन से संबंधित समस्याओं से जूझते हुए, अनुमानित तौर पर वार्षिक औसत नुकसान 218 बिलियन डॉलर या बुनियादी ढांचे में औसत वार्षिक निवेश का 9% है, ऐसे में डीआरआरडब्ल्यूजी की दूसरी बैठक अपना बहुत महत्व रखती है। यह बैठक विकास के लिए वित्त पोषण पर उच्च स्तरीय चर्चा के माध्यम से आपदा जोखिम न्यूनीकरण (डीआरआर) के लिए वित्त संबंधी कार्रवाई का आह्वान करने का एक अवसर प्रदान करती है। बैठक की चर्चाओं में आपदा प्रतिक्रिया, वसूली और पुनर्निर्माण के लिए सार्वजनिक एवं निजी वित्तपोषण, सामाजिक सुरक्षा, ज्ञान को साझा करना तथा अंतर्राष्ट्रीय वित्तपोषण तंत्र शामिल किये जाएंगे।
इसके अलावा, डीआरआरडब्ल्यूजी के माध्यम से अवसंरचना जोखिम मूल्यांकन उपकरण और डाटा प्लेटफार्म के महत्व को दर्शाने वाले अन्य कार्यक्रमों की मेजबानी की जाएगी, साथ ही 'बेहतर निर्माण करें' का एक दृष्टिकोण अपनाया जाएगा, जो काफी महत्वपूर्ण है और पारिस्थितिकी तंत्र-आधारित रणनीतियों को एकीकृत करता है तथा स्थानीय समुदायों को क्रिया-कलाप में शामिल करता है। इसके अतिरिक्त, बैठक में विभिन्न अन्य एजेंडों को शामिल किया जाएगा, उदहारण के लिए एक राष्ट्रीय ढांचा स्थापित करना, निजी निवेश को प्रोत्साहित करना और आपदा तैयारियों में सहयोग करना, जो अधिक लचीले भविष्य के निर्माण में योगदान देगा।
डीआरआरडब्ल्यूजी की दूसरी बैठक में जी-20 सदस्य देशों, आमंत्रित राष्ट्रों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, विदेश मंत्रालय, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान तथा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल सहित महत्वपूर्ण भारतीय प्रमुख हितधारकों द्वारा पर्याप्त संख्या में भाग लिया जाएगा।
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