वित्त मंत्रालय
केन्द्रीय बजट 2023-24 में अमृत काल के लिए विजन पेश किया गया है, जो कि सशक्त एवं समावेशी अर्थव्यवस्था के लिए ब्लू प्रिंट है
चार रूपांतरकारी अवसरों पर आधारित त्रिआयामी फोकस अमृत काल का मुख्य आधार है
पूंजीगत निवेश व्यय को 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया गया
प्रभावी पूंजीगत व्यय जीडीपी का 4.5 प्रतिशत है
राजकोषीय घाटा वर्ष 2023-24 में जीडीपी का 5.9 प्रतिशत रहने का अनुमान
वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2022-23 में 7 प्रतिशत रहने का अनुमान
निर्यात वृद्धि दर वित्त वर्ष 2023 में 12.5 प्रतिशत रहने का अनुमान
उच्च मूल्य वाली बागवानी फसलों के लिए गुणवत्तापूर्ण पौध सामग्री की उपलब्धता बढ़ाने के लिए 2200 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ आत्मनिर्भर स्वच्छ पौध कार्यक्रम शुरू किया जाएगा
157 नए नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे
पीएम आवास योजना का परिव्यय 66 प्रतिशत बढ़ाकर 79000 करोड़ रुपये से भी अधिक किया गया
रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपये का अब तक का सर्वाधिक पूंजीगत परिव्यय प्रदान किया गया है
प्राथमिकता क्षेत्र के ऋणों में आई कमी का उपयोग करके शहरी अवसंरचना विकास कोष (यूआईडीएफ) बनाया जाएगा
10,000 करोड़ रुपये के कुल निवेश से गोबर्धन योजना के तहत 500 नए ‘कचरे से संपदा’ संयंत्र स्थापित किए जाएंगे
10,000 जैव-कच्चा माल संसाधन केन्द्र स्थापित किए जाएंगे जिससे राष्ट्रीय स्तर का वितरित सूक्ष्म–उर्वरक और कीटनाशक विनिर्माण नेटवर्क बनेगा
मंत्री कौशल विकास योजना 4.0 का शुभारंभ किया जाएगा
केन्द्रीय बजट 2023-24 में व्यक्तिगत आयकर पर व्यापक राहत दी गई है
नई कर व्यवस्था के तहत नए स्लैब घोषित किए गए हैं
नई कर व्यवस्था के तहत 7 लाख रुपये तक की कुल आय वाले निवासी व्यक्ति को कोई आयकर नहीं देना होगा
नई कर व्यवस्था के तहत वेतनभोगी व्यक्तियों को 50,000 रुपये की मानक कटौती भी उपलब्ध होगी
व्यक्तियों एवं एचयूएफ के लिए नई कर व्यवस्था ही डिफॉल्ट व्यवस्था होगी
गैर-सरकारी वेतनभोगी कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने पर अवकाश नकदीकरण पर कर छूट सीमा बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई है
सहकारी क्षेत्र के लिए अनेक प्रस्तावों की घोषणा
अप्रत्यक्ष कर संबंधी प्रस्तावों का उद्देश्य निर्यात को प्रोत्साहित करना, देश में विनिर्माण को बढ़ावा देना, घरेलू मूल्यवर्धन में वृद्धि करना, और हरित ऊर्जा एवं गतिशीलता को प्रोत्साहित करना है
वस्त्र एवं कृषि को छोड़ अन्य वस्तुओं पर मूल सीमा शुल्क की दरों की कुल संख्या 21 से घटाकर 13 कर दी गई है
Posted On:
01 FEB 2023 1:37PM by PIB Delhi
भारत की आजादी के 75वें वर्ष में पूरी दुनिया ने यह भलीभांति स्वीकार कर लिया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक ‘चमकता सितारा’ है क्योंकि कोविड-19 और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक स्तर पर व्यापक सुस्ती दर्ज किए जाने के बावजूद भारत की आर्थिक विकास दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो कि सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सर्वाधिक है। यह बात केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज 01 फरवरी, 2023 को संसद में केन्द्रीय बजट 2023-24 पेश करते हुए कही। वित्त मंत्री ने विशेष जोर देते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था बिल्कुल सही पथ पर बड़ी तेजी से आगे बढ़ रहा है और मौजूदा समय में तरह-तरह की चुनौतियां रहने के बावजूद भारत उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर है।
भाग-ए
श्रीमती सीतारमण ने कहा, ‘यह उम्मीद की जा रही है कि पिछले बजट में डाली गई मजबूत नींव और भारत@100, जिसमें एक समृद्ध एवं समावेशी भारत की परिकल्पना की गई है’ के लिए तैयार किए गए ब्लूप्रिंट के सहारे भारत एक ऐसे मुकाम पर पहुंच जाएगा जहां आर्थिक विकास के फल सभी क्षेत्रों एवं समस्त नागरिकों, विशेषकर हमारे युवाओं, महिलाओं, किसानों, ओबीसी, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों तक निश्चित रूप से पहुंच जाएंगे।’
तरह-तरह के संकटों के बीच मजबूती हासिल की गई
वित्त मंत्री ने कहा कि अनगिनत उपलब्धियों जैसे कि अनूठी विश्वस्तरीय सार्वजनिक डिजिटल अवसंरचना यथा आधार, को-विन, और यूपीआई; अभूतपूर्व पैमाने एवं गति से कोविड-19 टीकाकरण अभियान चलाए जाने; अग्रणी क्षेत्रों में अति सक्रिय भूमिका निभाने जैसे कि जलवायु संबंधी लक्ष्यों को हासिल कर लेने, मिशन लाइफ, और राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन की बदौलत ही भारत की वैश्विक साख निरंतर दमदार होती जा रही है।
वित्त मंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे, जिसके लिए सरकार ने 80 करोड़ से भी अधिक लोगों को मुफ्त अनाज मुहैया कराने की विशेष योजना 28 महीनों तक चलाई। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि खाद्य एवं पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केन्द्र की प्रतिबद्धता को जारी रखते हुए सरकार 1 जनवरी, 2023 से पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत सभी अंत्योदय एवं प्राथमिकता वाले परिवारों को मुफ्त अनाज मुहैया कराने की योजना चला रही है जो अगले एक साल तक जारी रहेगी। केन्द्र सरकार द्वारा ही कुल मिलाकर लगभग 2 लाख करोड़ रुपये का समूचा खर्च वहन किया जाएगा।
जी20 की अध्यक्षता : चुनौतियों के बीच वैश्विक एजेंडे को आगे बढ़ाया जा रहा है
वित्त मंत्री ने इस ओर ध्यान दिलाया कि वैश्विक चुनौतियों के मौजूदा समय में जी20 की अध्यक्षता ने भारत को विश्व आर्थिक व्यवस्था में अपनी भूमिका को मजबूत करने का अनूठा अवसर प्रदान किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की थीम के साथ भारत वैश्विक चुनौतियों से निपटने के साथ-साथ सतत आर्थिक विकास को संभव करने के लिए एक महत्वाकांक्षी जन-केन्द्रित एजेंडे को आगे बढ़ा रहा है।
वर्ष 2014 से लेकर अब तक की उपलब्धियां : किसी को भी पीछे नहीं छोड़ा जा रहा है
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि वर्ष 2014 से ही निरंतर जारी सरकारी प्रयासों के तहत सभी नागरिकों के लिए बेहतर जीवन स्तर और सम्मानित जीवन सुनिश्चित किया गया है, और इसके साथ ही प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से भी अधिक होकर 1.97 लाख रुपये हो गई है। उन्होंने कहा कि इन 9 वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार काफी विशाल हो गया है और वह दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से काफी आगे निकलकर अब 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। इसके अलावा, देश की अर्थव्यवस्था में औपचारिकरण काफी बढ़ गया है जैसा कि ईपीएफओ की बढ़ती सदस्यता से स्पष्ट होता है जो कि दोगुनी से भी अधिक होकर 27 करोड़ हो गई है, और इसी तरह वर्ष 2022 में यूपीआई के जरिए 126 लाख करोड़ रुपये के कुल 7400 करोड़ डिजिटल भुगतान हुए हैं।
वित्त मंत्री ने इस ओर ध्यान दिलाया कि अनेक योजनाओं के प्रभावकारी कार्यान्वयन और सभी लोगों को लक्षित लाभ देने की बदौलत समावेशी विकास सुनिश्चित हुआ है। वित्त मंत्री ने कुछ योजनाओं का उल्लेख किया जैसे कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत 11.7 करोड़ घरेलू शौचालय बनाए गए, उज्ज्वला के तहत 9.6 करोड़ एलपीजी कनेक्शन दिए गए, 102 करोड़ लोगों को कोविड टीके की 220 करोड़ खुराक दी गई, 47.8 करोड़ पीएम जन-धन बैंक खाते खोले गए, पीएम सुरक्षा बीमा और पीएम जीवन ज्योति योजना के तहत 44.6 करोड़ लोगों को बीमा कवर दिया गया, और पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 11.4 करोड़ से भी अधिक किसानों को 2.2 लाख करोड़ रुपये का नकद हस्तांतरण किया गया।
अमृत काल के लिए विजन – एक सशक्त और समावेशी अर्थव्यवस्था
वित्त मंत्री ने कहा कि अमृत काल से जुड़े हमारे विजन में मजबूत सरकारी वित्तीय स्थिति के जरिए प्रौद्योगिकी एवं ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था, एवं एक मजबूत वित्तीय क्षेत्र सुनिश्चित करना शामिल है जिसे हासिल करने के लिए ‘सबका साथ सबका प्रयास’ के जरिए जन भागीदारी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस विजन को साकार करने से जुड़े आर्थिक एजेंडे में तीन चीजों पर फोकस किया गया है और ये देश के नागरिकों विशेषकर युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए व्यापक अवसर सुलभ करा रही हैं। दूसरी बात यह है कि ये आर्थिक विकास एवं रोजगार सृजन को काफी बढ़ावा दे रही हैं, और आखिर में वृहद-आर्थिक स्थिरता को मजबूती प्रदान कर रही हैं। उन्होंने कहा कि भारत@100 की हमारी इस यात्रा में इन फोकस क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अमृत काल के दौरान निम्नलिखित चार अवसर रूपांतरकारी साबित हो सकते हैं –
- महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण : दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने ग्रामीण महिलाओं को 81 लाख स्वयं सहायता समूहों के रूप में संगठित कर उल्लेखनीय सफलता हासिल की है और अब हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उन विशाल उत्पादक उद्यमों या सामूहिक संस्थाओं के गठन के जरिए ये समस्त समूह आर्थिक विकास के अगले चरण में पहुंच जाएं जिनमें से प्रत्येक में हजारों सदस्य होंगी और उनका प्रबंधन प्रोफेशनल ढंग से होगा।
- पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान (पीएम विकास) : सदियों से परंपरागत कारीगरों और शिल्पकारों, जो विभिन्न उपकरणों का उपयोग करते हुए अपने हाथों से काम करते हैं, ने भारत को काफी गौरवान्वित किया है और उन्हें आम तौर पर विश्वकर्मा कहा जाता है। इनकी विशिष्ट कला और इनके द्वारा तैयार हस्तशिल्प से आत्मनिर्भर भारत की सच्ची भावना उभरकर सामने आती है।
वित्त मंत्री ने बताया कि पहली बार इनके लिए एक सहायता पैकेज की परिकल्पना की गई है और नई योजना से वे अपने-अपने उत्पादों की गुणवत्ता, कुल संख्या और पहुंच को काफी हद तक बढ़ा सकती हैं, और इसके साथ ही एमएसएमई मूल्य श्रृंखला से इनका एकीकरण हो जाएगा। इस योजना के घटकों में न केवल वित्तीय सहायता देना शामिल होगा बल्कि उन्नत कौशल प्रशिक्षण तक इनकी पहुंच, अत्याधुनिक डिजिटल प्रौद्योगिकियों और प्रभावकारी हरित प्रौद्योगिकियों का ज्ञान हासिल करना, ब्रांड संवर्धन, स्थानीय एवं वैश्विक बाजारों से जुड़ाव, डिजिटल भुगतान और सामाजिक सुरक्षा, इत्यादि भी शामिल होंगे। इससे अनुसूचित जातियां, अनुसूचित जनजातियां, ओबीसी, महिलाएं और समाज के कमजोर तबकों से जुड़े लोग काफी हद तक लाभान्वित होंगे।
- पर्यटन : वित्त मंत्री ने कहा कि देश में घरेलू एवं विदेशी पर्यटकों को व्यापक रूप से आकर्षित किया जा रहा है क्योंकि पर्यटन में व्यापक संभावनाएं निहित हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में रोजगार और विशेषकर युवाओं के लिए उद्यमिता हेतु अपार अवसर हैं। उन्होंने विशेष जोर देते हुए कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने का काम मिशन मोड में किया जाएगा जिसमें राज्यों की सक्रिय भागीदारी होगी, सरकारी कार्यक्रमों का आपस में सामंजस्य होगा और सार्वजनिक-निजी भागीदारी होगी।
- हरित विकास : वित्त मंत्री ने हरित विकास के विषय का जिक्र करते हुए कहा कि भारत में हरित ईंधन, हरित ऊर्जा, हरित कृषि, हरित गतिशीलता, हरित भवनों, हरित उपकरणों के लिए अनेक कार्यक्रमों को लागू किया जा रहा है, और इसके साथ ही विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों में ऊर्जा के प्रभावकारी उपयोग के लिए नीतियां लागू की जा रही हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि हरित विकास से जुड़े इन प्रयासों से देश की अर्थव्यवस्था की कार्बन तीव्रता को कम करने में काफी मदद मिलती है और इसके साथ ही बड़ी संख्या में हरित रोजगार अवसर उपलब्ध होते हैं।
इस बजट की प्राथमिकताएं
श्रीमती निर्मला सीतारमण ने केन्द्रीय बजट की सात प्राथमिकताएं गिनाईं और कहा कि ये सभी एक-दूसरे की पूरक हैं और ये ‘सप्तऋषि’ के रूप में कार्य कर रही हैं जो अमृत काल में हमारा मार्गदर्शन कर रही हैं। इनमें ये शामिल हैं: 1) समावेशी विकास 2) अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना 3) अवसंरचना एवं निवेश 4) संभावनाओं को उन्मुक्त करना 5) हरित विकास 6) युवा शक्ति 7) वित्तीय क्षेत्र।
प्राथमिकता-1 : समावेशी विकास
सबका साथ, सबका विकास के सरकार के सिद्धांत ने विशेष रूप से किसानों, महिलाओं, युवा लोगों, अन्य पिछड़े वर्गों, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, दिव्यांगजनों और आर्थिक रूप से कमजोर तबकों यानी सभी वंचितों को वरीयता देते हुए समावेशी विकास को संभव किया है। जम्मू और कश्मीर, लद्दाख और पूर्वोत्तर पर भी निरंतर ध्यान दिया गया है। यह बजट उन प्रयासों को आगे बढ़ा रहा है।
कृषि एवं सहकारिता
कृषि के लिए डिजिटल जन अवसंरचना
वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि के लिए एक खुले स्रोत, खुले मानक और अंतर-प्रचालन-योग्य डिजिटल जन अवसंरचना का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि फसलों के नियोजन और स्वास्थ्य के लिए उपलब्ध सूचना सेवाओं, फार्म इनपुट के प्रति बेहतर सुलभता, ऋण एवं बीमा, फसल आकलन, बाजार की जानकारी और कृषि प्रौद्योगिकी उद्योग के विकास को समर्थन और स्टार्ट-अप्स को मदद के माध्यम से एक समावेशी किसान केन्द्रित समाधान संभव हो पाएगा।
कृषि वर्धक निधि
वित्त मंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि एक कृषि वर्धक निधि स्थापित की जाएगी, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं को कृषि-स्टार्ट-अप्स शुरू करने के लिए प्रोत्साहन मिल सके। इस निधि का उद्देश्य किसानों के सामने आ रही चुनौतियों का नवोन्मेषी एवं किफायती समाधान उपलब्ध कराना है। यह कृषि पद्धतियों को बदलने, उत्पादकता और लाभप्रदता के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकियां लेकर आएंगे।
कपास फसल की उत्पादकता बढ़ाना
अतिरिक्त लम्बे रेशेदार कपास की उत्पादकता बढ़ाने के लिए सरकार सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के माध्यम से कलस्टर आधारित और मूल्य श्रृंखला दृष्टिकोण अपनाएगी। इससे इनपुट आपूर्ति, एक्सटेंशन सेवाओं और बाजारों से जुड़ाव के लिए किसानों, राज्य और उद्योग के बीच परस्पर सहयोग बढ़ेगा।
आत्मनिर्भर बागवानी स्वच्छ पौध कार्यक्रम
श्रीमती निर्मला सीतारमण ने बताया कि सरकार 2,200 करोड़ रुपये के परिव्यय से उच्च गुणवत्ता वाली बागवानी फसलों के लिए रोगमुक्त गुणवत्तापूर्ण पौध सामग्री की उपलब्धता बढ़ाने के लिए आत्मनिर्भर स्वच्छ पौध कार्यक्रम का शुभारंभ करेगी।
मिलेट के लिए वैश्विक केन्द्र : ‘श्री अन्न’
श्रीमती सीतारमण ने प्रधानमंत्री की बात को उद्धृत करते हुए बताया कि भारत मिलेट को लोकप्रिय बनाने के कार्य में सबसे आगे है, जिसकी खपत से पोषण, खाद्य सुरक्षा और किसानों के कल्याण को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा कि भारत, विश्व में ‘श्री अन्न’ का सबसे बड़ा उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है। भारत में कई प्रकार के ‘श्री अन्न’ की खेती होती है, जिसमें ज्वार, रागी, बाजरा, कुट्टु, रामदाना, कंगनी, कुटकी, कोदो, चीना और सामा शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि इन अनाजों के ढेरों स्वास्थ्य फायदे हैं और यह सदियों से हमारे भोजन का मुख्य अंग बने रहे हैं। उन्होंने ‘श्री अन्न’ को उगाकर देशवासियों की सेहत में योगदान करने वाले छोटे किसानों द्वारा की गई उत्कृष्ट सेवा के लिए उनके प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि भारत को ‘श्री अन्न’ के लिए वैश्विक केन्द्र बनाने के लिए भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद को उत्कृष्टता केन्द्र के रूप में बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि यह संस्थान सर्वश्रेष्ठ पद्धतियों, अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर साझा कर सके।
कृषि ऋण
किसानों के हित पर जोर देते हुए वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि कृषि ऋण के लक्ष्य को पशुपालन, डेयरी तथा मत्स्यपालन पर ध्यान केन्द्रित करते हुए 20 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सरकार 6,000 करोड़ रुपये के लक्षित निवेश के साथ प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की एक नई उप-योजना शुरू करेगी। इसका उद्देश्य मछुआरे और मछली विक्रेताओं की गतिविधियों को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही, सूक्ष्म तथा लघु उद्यमों, मूल्य श्रृंखला की क्षमताओं में सुधार लाना और मछली बाजार का विस्तार करना है।
सहकारिता
किसानों, विशेष रूप से छोटे एवं सीमांत किसानों के लिए तथा अन्य वंचित वर्गों के लिए सरकार सहकारिता आधारित आर्थिक विकास मॉडल को बढ़ावा दे रही है। ‘सहकार से समृद्धि’ के विजन को साकार करने के उद्देश्य से एक नया सहकारिता मंत्रालय बनाया गया है। इस विजन को साकार करने के लिए सरकार ने पहले ही 2,516 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 63,000 प्राथमिक कृषि क्रेडिट समितियों (पीएसीएस) के कम्प्यूटरीकरण का कार्य शुरू किया है।
सभी हितधारकों एवं राज्यों के साथ परामर्श करके पीएसीएस के लिए मॉडल उप-नियम तैयार किए गए थे, ताकि वे बहुद्देशीय पीएसीएस बन सकें। सहकारी समितियों के देशव्यापी मानचित्रण के लिए एक राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस तैयार किया जा रहा है।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि सरकार व्यापक विकेन्द्रीकृत भंडारण क्षमता बनाने के लिए एक योजना लागू करेगी। इससे किसानों को अपनी उपज का भंडारण करने और उचित समय पर उसकी बिक्री करके लाभकारी मूल्य प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। सरकार अगले 5 वर्षों में शेष रह गई पंचायतों और गांवों में बड़ी संख्या में बहुद्देशीय सहकारी समितियों, प्राथमिक मत्स्य समितियों और डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना करने के लिए सुविधा प्रदान करेगी।
स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल वर्धन
मेडिकल और नर्सिंग कॉलेज
वित्त मंत्री ने बताया कि वर्ष 2014 से स्थापित मौजूदा 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ सह-स्थानिक 157 नये नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 2047 तक सिकल से एनीमिया का उन्मूलन करने के लिए एक मिशन की शुरुआत की जाएगी। इसमें प्रभावित जनजातीय क्षेत्रों में जागरूकता सृजन, 0.40 वर्ष के आयुवर्ग के 7 करोड़ लोगों की व्यापक जांच और केन्द्रीय मंत्रालयों तथा राज्य सरकारों के सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से परामर्श का कार्य किया जाएगा। सहयोगात्मक अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए चुनिंदा आईसीएमआर प्रयोगशालाओं की सुविधाएं सरकारी तथा निजी मेडिकल कॉलेज संकाय एवं निजी क्षेत्र के अनुसंधान और विकास दलों को अनुसंधान के लिए उपलब्ध कराई जाएगी।
वित्त मंत्री ने बताया कि फार्मास्यूटिकल्स में अनुसंधान एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिए उत्कृष्टता केन्द्रों के माध्यम से एक नया कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार विशिष्ट प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में अनुसंधान तथा विकास में निवेश के लिए उद्योगों को भी प्रोत्साहित करेगी।
अध्यापकों का प्रशिक्षण
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि नवोन्मेषी शिक्षा, विज्ञान, पाठ्यचर्या संव्यवहार, सतत पेशेवर विकास, डिपस्टिक सर्वेक्षण और आईसीटी कार्यान्वयन के माध्यम से अध्यापकों का प्रशिक्षण पुन: परिकल्पित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों को जीवंत उत्कृष्ट संस्थानों के रूप में तैयार किया जाएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि बच्चों और किशोरों के लिए अलग-अलग इलाकों, भाषाओं, विषयों और स्तरों में गुणवत्तापूर्ण पुस्तकें विभिन्न उपकरणें के माध्यम से उपलब्ध कराने के लिए एक राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय की स्थापना की जाएगी। राज्यों को उनके लिए पंचायत तथा वार्ड स्तरों पर प्रत्यक्ष पुस्तकालय स्थापित करने और राष्ट्रीय डिजिटल पुस्कालय संसाधनों तक पहुंच बनाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, पढ़ने की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए और महामारी के समय की अधिगम क्षति को पूरा करने के लिए, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, बाल पुस्तक न्यास और अन्य स्रोतों को इन प्रत्यक्ष पुस्तकालयों में क्षेत्रीय भाषाओं तथा अंग्रेजी में पाठ्येतर विषयों की पुस्तकें उपलबध कराने और उनकी पुन: पूर्ति करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
प्राथमिकता 2 : अंतिम छोर और अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री वाजपेयी की सरकार ने जनजातीय कार्य मंत्रालय तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास विभाग का गठन किया था। ‘अंतिम छोर व व्यक्ति तक’ पहुंचने के उद्देश्य पर और अधिक ध्यान केन्द्रित करने के लिए मोदी सरकार ने आयुष, मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी, कौशल विकास, जलशक्ति तथा सहकारिता मंत्रालयों का गठन किया है।
आकांक्षी जिला एवं ब्लॉक कार्यक्रम
वित्त मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि, जल संसाधन, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास और मूलभूत इंफ्रास्टक्चर जैसे अनेक क्षेत्रों में अनिवार्य सरकारी सेवाओं को पर्याप्त रूप से पहुंचाने के लिए 500 ब्लॉकों को शामिल करके आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम शुरू किया गया है।
प्रधानमंत्री पीवीजीटी विकास मिशन
वित्त मंत्री ने कहा कि विशेष रूप से संवेदनशील जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार लाने के लिए प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘इसमें पीवीटीजी परिवारों और आवासन को सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल एवं स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण,सड़क तथा दूरसंचार संपर्कता और संधारणीय आजीविका के अवसरों जैसी बुनियादी सुविधाएं पूरी तरह उपलब्ध कराई जाएंगी।‘
वित्तमंत्री ने यह भी कहा कि अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना के तहत अगले तीन वर्षो में इस मिशन को लागू करने के लिए 15,000 करोड़ रूपये की राशि उपलब्ध कराई जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि अगले तीन वर्षों में केन्द्र 3.5 लाख जनजातीय छात्रों के लिए चलाए जा रहे 740 एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूलों के लिए 38,800 अध्यापक और सहायक कार्मिक नियुक्त किए जाएंगे।
सूखा प्रवण क्षेत्रों के लिए जल
वित्त मंत्री ने कहा कि कर्नाटक के सूखा प्रवण मध्य क्षेत्र में संधारणीय सूक्ष्म सिंचाई सुविधा मुहैया करने तथा पेयजल के लिए बहिस्तल टैंकों को भरने के लिए ऊपरी भद्रा परियोजना को 5,300 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता दी जाएगी।
पीएम आवास योजना
वित्त मंत्री ने कहा कि पीएम आवास योजना के लिए परिव्यय 66 प्रतिशत बढ़ाकर 79,000 करोड़ रूपये से अधिक कर दिया गया है।
‘भारत साझा पुरालेख निधान’ एक डिजिटल पुरालेख संग्रहालय में प्रथम चरण में एक लाख प्राचीन पुरालेखों के डिजिटलीकरण के साथ स्थापित किया जाएगा।
प्राथमिकता 3 : अवसंरचना और निवेश
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि अवसंरचना एवं उत्पादक क्षमता में निवेश का विकास और रोजगार पर बहुआयामी प्रभाव पड़ता है और पूंजीगत निवेश परिव्यय में लगातार तीसरे वर्ष 33 प्रतिशत की तीव्र वृद्धि करके इसे 10 लाख करोड़ रूपये किया जा रहा है, जो जीडीपी का 3.3 प्रतिशत होगा। उन्होंने कहा कि यह वर्ष 2019-20 के परिव्यय से लगभग तीन गुना अधिक होगा1 केन्द्र के ‘प्रभावी पूंजीगत व्यय’ का बजट 13.7 लाख करोड़ रुपये होगा, जो जीडीपी का 4.5 प्रतिशत होगा।
राज्य सरकारों को पूंजीगत निवेश के लिए सहायता
वित्त मंत्री ने जानकारी दी कि अवसंरचना में निवेश में तेजी लाने और राज्यों को सम्पूरक नीतिगत कार्रवाईयों के लिए प्रोत्साहित करने के लिए 1.3 लाख करोड़ रुपये के उल्लेखनीय रूप से बढ़े परिव्यय के साथ, राज्य सरकारों के लिए 50-वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण को और एक वर्ष जारी रखने का निर्णय लिया है।
रेलवे
वित्त मंत्री ने घोषणा की कि रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ के पूंजीगत परिव्यय का प्रावधान किया गया है। अब तक का यह सर्वाधिक परिव्यय है और वर्ष 2013-14 में किए गए परिव्यय से लगभग 9 गुना है।
उन्होंने जानकारी दी कि पत्तनों, कोयला, इस्पात, उर्वरक और खाद्यान्न क्षेत्रों के लिए शुरू से लेकर अंत तक संपर्क साधने के लिए सौ महत्वपूर्ण अवसंरचना परियोजनाएं अभिज्ञात की गई हैं। इन परियोजनाओं को निजी स्रोतों के 15,000 करोड़ रुपये सहित 75,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ प्राथमिकता दी जाएगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय हवाई संपर्क में सुधार लाने के लिए पचास अतिरिक्त हवाई अड्डों, हेलीपोर्ट, वाटर एरोड्रोम और एडवांस लैंडिंग ग्राउंड का पुनरुद्धार किया जाएगा।
श्रीमती सीतारमण ने घोषणा की कि आरआईडीएफ की तरह प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र उधारी न्यूनता के उपयोग के माध्यम से शहरी अवसंरचना विकास निधि (यूआईडीएफ) की स्थापना की जाएगी। इसका प्रबंधन राष्ट्रीय आवास बैंक द्वारा किया जाएगा और इसका उपयोग टीयर 2 और टीयर 3 शहरों में शहरी अवसंरचना के सृजन हेतु सार्वजनिक एजेंसियों द्वारा किया जाएगा। राज्यों को यूआईडीएफ का उपयोग करते समय उपयुक्त प्रयोक्ता प्रभारों को लागू करने के लिए 15वें वित्त आयोग के अनुदान के साथ-साथ मौजूदा स्कीमों से संसाधन जुटाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि इस उद्देश्य के लिए 10,000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष की धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी।
प्राथमिकता 4: सक्षमता को सामने लाना
श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि व्यापारिक सुगमता को बढ़ावा देने के लिए 39,000 से अधिक अनुपालनाओं को कम किया गया है और 3,400 से अधिक विधिक उपबंधों को अपराध की श्रेणी से हटाया गया है। विश्वास-आधारित शासन को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने 42 केन्द्रीय अधिनियमों में संशोधन करने के लिए ‘जन विश्वास’ विधेयक पेश किया है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए उत्कृष्टता केन्द्र
वित्त मंत्री ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता को भारत में बनाएं और कृत्रिम बुद्धिमत्ता से भारत के लिए कार्य कराएं के विजन को साकार करने के लिए, देश के शीर्ष शैक्षिक संस्थानों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए तीन उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। अग्रणी उद्योगपति कृषि, स्वास्थ्य और संधारणीय शहरों के क्षेत्रों में बहुविषयक अनुसंधान कराने, अत्याधुनिक एप्लीकेशन तैयार करने और मापनीय समस्याओं के समाधान तैयार करने में सहभागी होंगे। इससे कृत्रिम बुद्धिमत्ता के कारगर इकोसिस्टम को प्रेरित करने और इस क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण मानव संसाधनों को प्रशिक्षित किया जा सकेगा।
राष्ट्रीय डाटा शासन नीति
वित्त मंत्री ने कहा कि स्टार्ट-अप्स और शिक्षाविदों द्वारा नवाचार और अनुसंधान शुरू करने के लिए राष्ट्रीय डाटा शासन नीति लाई जाएगी। इससे अज्ञातनाम से आने वाले डाटा तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा कि एमएसएमई, बड़े व्यवसायों और चेरिटेबल ट्रस्टों के प्रयोग के लिए एक निकाय डिजीलॉकर स्थापित किया जाएगा। इससे दस्तावेजों को सुरक्षित तरीके से ऑनलाइन स्टोर करने तथा जहां आवश्यकता हुई उन्हें विभिन्न प्राधिकरणों, विनियामकों, बैंकों और अन्य व्यावसायिक निकायों के साथ साझा करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि 5जी सेवाओं का प्रयोग करते हुए एप्लीकेशन तैयार करने के लिए इंजीनियरिंग संस्थानों में एक सौ प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी, जिनसे अनेक नए अवसरों, बिजनेस मॉडलों और रोजगार की संभावनाओं से जुड़ी जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा। ये प्रयोगशालाएं अन्य बातों के साथ-साथ, स्मार्ट कक्षाओं, सूक्ष्म-कृषि, इंटेलीजेंट परिवहन प्रणालियों और हैल्थकेयर एप्लीकेशनों को कवर करेगी।
प्राथमिकता 5: हरित विकास
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पर्यावरण के प्रति सजग जीवन शैली के आंदोलन को गति देने के लिए “लाइफ” अथवा पर्यावरण के लिए जीवन-शैली की संकल्पना प्रस्तुत की है। भारत हरित उद्योग और आर्थिक परिवर्तन को लाने के लिए वर्ष 2070 तक ‘पंचामृत’ तथा निवल-शून्य कार्बन उत्सर्जन की ओर दृढ़ता से आगे बढ़ रहा है। यह बजट हरित विकास पर दिए गए हमारे विशेष ध्यान पर आधारित है।
उन्होंने कहा कि हरित विकास पर ध्यान देने के लिए बजट में खासतौर पर प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि हाल में 19,700 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ शुरू किए गए राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन की मदद से अर्थव्यवस्था को निम्न कार्बन सघनता वाली स्थिति में ले जाने, जीवाश्म ईंधन के आयातों पर निर्भरता को कम करने तथा भारत को इस उदीयमान क्षेत्र में प्रौद्योगिकी और बाजार में अग्रणी बनाने का मार्ग प्रशस्त होगा। हमारा लक्ष्य है वर्ष 2030 तक 5 एमएमटी का वार्षिक उत्पादन हासिल करना।
उन्होंने कहा कि इस बजट में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा ऊर्जा-परिवर्तन तथा निवल-शून्य उद्देश्यों और ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में प्राथमिकता प्राप्त पूंजीगत निवेशों के लिए 35,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था को धारणीय विकास के मार्ग पर ले जाने के लिए 4,000 एमडब्ल्यूएच की क्षमता वाली बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणालियों को व्यवहार्यता अंतर निधियन के माध्यम से सहायता दी जाएगी। पम्प्ड स्टोरेज परियोजनाओं के लिए एक विस्तृत कार्य ढांचा भी तैयार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि लद्दाख से 13 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के निष्क्रमण और ग्रिड एकीकरण के लिए अंतर-राज्यीय पारेषण प्रणाली 20,700 करोड़ रुपये के निवेश के साथ निर्मित की जाएगी, जिसमें 8,300 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता शामिल है।
गोबरधन योजना
श्रीमती निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि गोबरधन (गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सिज धन) नामक स्कीम के तहत 500 नए ‘अवशिष्ट से आमदनी’ संयंत्रों को चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित किया जाएगा। इनमें 200 कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) संयंत्र शामिल होंगे, जिनमें शहरी क्षेत्रों में 75 तथा 300 समुदाय या क्लस्टर आधारित संयंत्र हैं, जिनमें कुल लागत 10,000 करोड़ रुपये होगी।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक और बायो गैस का विपणन कर रहे सभी संगठनों के लिए 5 प्रतिशत का सीबीजी अधिदेश यथासमय लाया जाएगा। बायो-मास के संग्रहण और जैव-खाद के वितरण के लिए उपयुक्त राजकोषीय सहायता प्रदान की जाएगी।
भारतीय प्राकृतिक खेती बायो-इनपुट संसाधन केन्द्र
वित्त मंत्री ने घोषणा की कि अगले 3 वर्षों में सरकार 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए सहायता देगी। इसके लिए, राष्ट्रीय स्तर पर वितरित सूक्ष्म-उर्वरक और कीटनाशक विनिर्माण नेटवर्क बनाते हुए 10,000 बायो-इनपुट रिसोर्स केन्द्र स्थापित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदूषण करने वाले पुराने वाहनों को बदलना हमारी अर्थव्यवस्था को पर्यावरण-हितैषी बनाने के लिए बहुत आवश्यक है। बजट 2021-22 में उल्लिखित वाहन स्क्रैपिंग की नीति को और बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार के पुराने वाहनों को स्क्रैप में देने के लिए पर्याप्त निधियां आबंटित की हैं। राज्यों को भी पुराने वाहनों और एंबुलेंसों को बदलने के लिए सहायता दी जाएगी।
प्राथमिकता 6: युवा शक्ति
वित्त मंत्री ने कहा कि युवाओं को सशक्त करने के लिए और ‘अमृत पीढ़ी’ के सपने को साकार करने में मदद करने के लिए सरकार ने कौशलवर्द्धन पर केन्द्रित राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार की है, बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन करने में सहायक आर्थिक नीतियां अपनाई हैं और व्यवसाय के अवसरों का समर्थन किया है।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि अगले तीन वर्षों में लाखों युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 शुरू की जाएगी। ऑन जॉब प्रशिक्षण, उद्योग साझीदारी और उद्योग की जरूरतों के साथ पाठ्यक्रमों के संरेखन पर जोर दिया जाएगा। यह योजना इंडस्ट्री 4.0 जैसे कोडिंग, एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता), रोबोटिक्स, मेकाट्रॉनिक्स, आईओटी, 3डी प्रिंटिंग, ड्रोनों और सॉफ्ट स्किल जैसे नये युग के पाठ्यक्रमों को शामिल करेगी।
उन्होंने घोषणा की कि युवाओं को अंतर्राष्ट्रीय अवसरों के लिए कौशल प्रदान करने हेतु अलग-अलग राज्यों में 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर स्थापित किए जाएंगे।
राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना
श्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अखिल भारतीय राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत तीन वर्षों में 47 लाख युवाओं को वृत्तिका सहायता प्रदान करने के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण शुरू किया जाएगा।
यूनिटी मॉल
वित्त मंत्री ने कहा कि राज्यों को अनके स्वयं के ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद), जीआई उत्पाद और अन्य हस्तशिल्प उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए और उनकी बिक्री करने के लिए तथा शेष राज्यों के ऐसे उत्पादों को स्थान उपलब्ध करवाने के लिए अपनी-अपनी राजधानियों में या सबसे प्रमुख पर्यटन केन्द्र पर या उनकी वित्तीय राजधानी में एक यूनिटी मॉल स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
प्राथमिकता 7: वित्तीय क्षेत्र
एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी
वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष उन्होंने एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी योजना को नवीकृत करने का प्रस्ताव दिया था और उन्हें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि कॉर्पस में 9,000 करोड़ रुपये जोड़कर नवीकृत योजना को 1 अप्रैल, 2023 से शुरू किया जाएगा। इससे अतिरिक्त 2 लाख करोड़ रुपये का संपार्श्विक मुक्त गारंटीयुक्त ऋण संभव हो पाएगा। इसके अलावा, ऋण की लागत में करीब 1 प्रतिशत की कमी आएगी।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि वित्तीय और अनुषंगी सूचना की केन्द्रीय रिपोजिटरी के रूप में काम करने के लिए एक राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्ट्री स्थापित की जाएगी। इससे ऋण का कुशल प्रवाह संभव होगा, वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलेगा और वित्तीय स्थिरता बढ़ेगी। एक नया विधायी प्रारूप इस क्रेडिट पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को विनियमित करेगा और इसे आरबीआई के साथ परामर्श कर डिजाइन किया जाएगा।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि कंपनी अधिनियम के अंतर्गत क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ विभिन्न रूपों के क्षेत्र के केन्द्रीयकृत प्रबंधन के माध्यम से कंपनियों को त्वरित प्रतिक्रिया देने के लिए एक केन्द्रीय प्रसंस्करण केन्द्र का गठन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के स्मरणस्वरूप मार्च 2025 तक दो वर्ष की अवधि के लिए एककालिक नई लघु बचत योजना, महिला सम्मान बचत प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जाएगा। यह महिलाओं या बालिकाओं के नाम पर आंशिक आहरण विकल्प के साथ 2 वर्षों की अवधि के लिए 7.5 प्रतिशत की नियत ब्याज दर पर 2 लाख रुपये तक की जमा सुविधा का प्रस्ताव देगा।
वरिष्ठ नागरिक
वित्त मंत्री ने घोषणा की कि वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के लिए अधिकतम जमा सीमा को 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 30 लाख रुपया कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मासिक आय खाता स्कीम के लिए अधिकतम जमा सीमा को एकल खाते के लिए 4.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 9 लाख रुपये और संयुक्त खाते के लिए 9 लाख से बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दिया जाएगा।
राजकोषीय प्रबंधन
राज्यों को पचास वर्षों के लिए ब्याज मुक्त ऋण
श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि राज्यों के निमित्त संपूर्ण पचास वर्षीय ऋण को वर्ष 2023-24 के अंदर पूंजीगत व्यय पर खर्च किए जाने हैं। इनमें से अधिकांश ऋण व्यय राज्यों के विवेक पर निर्भर करेंगे, परंतु इस ऋण का एक हिस्सा उनके द्वारा वास्तविक पूंजी व्यय को बढ़ाने की शर्त पर दिया जाएगा। इस परिव्यय के हिस्से निम्नलिखित प्रयोजनों के लिए भी जोड़े या आबंटित किए जाएंगे। इनमें पुराने सरकारी वाहनों की स्क्रैपिंग, शहरी आयोजना सुधार और कार्रवाइयां, शहरी स्थानीय निकायों में वित्तीय सुधार ताकि उनमें नगरपालिका बांडों के लिए साख बन सके, पुलिस स्टेशनों के ऊपर या उसके भाग के रूप में पुलिसकर्मियों के लिए आवास सुविधा, यूनिटी मॉल का निर्माण, बाल और किशोर पुस्तकालयों और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर और केन्द्रीय स्कीमों के पूंजीगत व्यय में राज्य का हिस्सा शामिल हैं।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि उधारियों से इतर कुल प्राप्तियों का संशोधित अनुमान 24.3 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें से निवल कर प्राप्तियां 20.9 लाख करोड़ रुपये है। कुल व्यय का संशोधित अनुमान 41.9 लाख करोड़ है, जिसमें से पूंजीगत व्यय लगभग 7.3 लाख करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि राजकोषीय घाटे का संशोधित अनुमान जीडीपी का 6.4 प्रतिशत है, जो बजट अनुमान के अनुरूप है।
बजट अनुमान 2023-24
उन्होंने कहा कि आम बजट के प्रथम भाग का समापन करते हुए श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि वर्ष 2023-24 में, कुल प्राप्तियां और कुल व्यय क्रमशः 27.2 लाख करोड़ रुपये और 45 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया गया है। उन्होंने कहा कि निवल कर प्राप्तियों के 23.3 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि राजकोषीय घाटा जीडीपी के 5.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 के अपने बजट भाषण में उन्होंने यह घोषणा की थी कि सरकार कालांतर में राजकोषीय घाटे को सतत रूप से अच्छी तरह कम करने के सात वर्ष 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत से नीचे रखने के लिए राजकोषीय समेकन के मार्ग पर चलते रहने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मार्ग का अनुसरण करना जारी रखा है और वर्ष 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 4.5 प्रतिशत से नीचे ले आएगी।
श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि वर्ष 2023-24 में राजकोषीय घाटे का वित्तपोषण करने के लिए दिनांकित प्रतिभूतियों से निवल बाजार उधारियां 11.8 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया गया है। उन्होंने कहा कि शेष वित्तपोषण लघु बचतों और अन्य स्रोतों से आने की अपेक्षा है। वित्त मंत्री ने कहा कि सकल बाजार उधारियां 15.4 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया गया है।
भाग – बी
श्रीमती निर्मला सीतारमण ने व्यक्तिगत आयकर में व्यापक राहत दी है। बजट में किए गए अप्रत्यक्ष कर संबंधी प्रस्तावों का उद्देश्य निर्यात को प्रोत्साहित करना, घरेलू मूल्यवर्धन को बढ़ावा देना, और हरित ऊर्जा एवं गतिशीलता को प्रोत्साहित करना है।
व्यक्तिगत आयकर
व्यक्तिगत आयकर के संबंध में पांच प्रमुख घोषणाएं की गई हैं। नई कर व्यवस्था में छूट सीमा बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दी गई है जिसका मतलब यही है कि नई कर व्यवस्था में 7 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों को कोई आयकर नहीं देना होगा। नई व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था में कर ढांचे को परिवर्तित कर दिया गया है जिसके तहत स्लैबों की संख्या को घटाकर अब 5 स्लैब कर दिए गए हैं और कर छूट सीमा बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई है। इससे नई कर व्यवस्था में सभी करदाताओं को व्यापक राहत मिलेगी।
नई कर व्यवस्था में मानक कटौती का लाभ वेतनभोगी वर्ग और पेंशनभोगियों को दिया गया है जिनमें पारिवारिक पेंशनभोगी भी शामिल हैं। प्रस्ताव के अनुसार वेतनभोगी व्यक्ति को 50,000 रुपये की मानक कटौती दी जाएगी और पेंशनभोगी को 15,000 रुपये की मानक कटौती दी जाएगी। अत: 15.5 लाख रुपये या उससे अधिक की आय वाले प्रत्येक वेतनभोगी व्यक्ति को उपर्युक्त प्रस्तावों से 52,500 रुपये का लाभ मिलेगा।
नई कर व्यवस्था में 2 करोड़ रुपये से अधिक की आय वाले व्यक्तियों के लिए व्यक्तिगत आयकर में उच्चतम अधिभार दर को 37 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके परिणामस्वरूप व्यक्तिगत आयकर की उच्चतम कर दर घटकर 39 प्रतिशत रह जाएगी जो कि पहले 42.74 प्रतिशत थी।
गैर-सरकारी वेतनभोगी कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने पर अवकाश नकदीकरण पर कर छूट सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई है।
नई आयकर व्यवस्था ही अब डिफॉल्ट कर व्यवस्था हो गई है। हालांकि, देश के नागरिकों के पास पुरानी कर व्यवस्था का लाभ लेने का विकल्प भी उपलब्ध रहेगा।
अप्रत्यक्ष कर प्रस्ताव
केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा बजट में घोषित किए गए अप्रत्यक्ष कर प्रस्तावों में अपेक्षाकृत कम कर दरों के जरिए कर ढांचे के सरलीकरण पर विशेष जोर दिया गया है, ताकि अनुपालन बोझ को कम करने और कर प्रशासन को बेहतर करने में मदद मिल सके। वस्त्र और कृषि को छोड़ अन्य वस्तुओं पर मूल सीमा शुल्क की दरों की कुल संख्या 21 से घटाकर अब 13 कर दी गई है। खिलौने, साइकिल, ऑटोमोबाइल, और नाफ्था सहित विभिन्न वस्तुओं पर मूल सीमा शुल्क, उपकर और अधिभार में मामूली परिवर्तन किए गए हैं।
मिश्रित संपीडित प्राकृतिक गैस पर देय टैक्स पर टैक्स लगाने से बचने के लिए इसमें शामिल जीएसटी की अदायगी वाली संपीडित बायो-गैस को उत्पाद शुल्क से मुक्त कर दिया गया है। सीमा शुल्क से छूट अब इलेक्ट्रिक वाहनों में उपयोग होने वाली बैटरियों के लिए लिथियम-आयन सेल के निर्माण के लिए आवश्यक पूंजीगत वस्तुओं और मशीनरी के आयात पर भी दी गई है।
मोबाइल फोन के निर्माण में घरेलू मूल्यवर्धन को और भी अधिक बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री ने कुछ विशेष कलपुर्जों एवं कच्चे माल जैसे कि कैमरा लेंस के आयात पर सीमा शुल्क में राहत देने की घोषणा की है। बैटरियों के लिए लिथियम-आयन सेल पर रियायती शुल्क अभी एक और साल तक जारी रहेगा। टीवी पैनलों के ओपन सेल के कलपुर्जों पर मूल सीमा शुल्क को घटाकर 2.5 प्रतिशत कर दिया गया है। बजट में मूल सीमा शुल्क में परिवर्तन करने का भी प्रस्ताव किया गया है, ताकि शुल्क ढांचे में इन्वर्जन को दुरुस्त किया जा सके और इसके साथ ही इलेक्ट्रिकल किचन चिमनी के विनिर्माण को प्रोत्साहित किया जा सके।
डिनेचर्ड इथाइल अल्कोहल को मूल सीमा शुल्क से छूट दी गई है। एसिड ग्रेड फ्लोरस्पार और क्रूड ग्लिसरिन पर भी मूल सीमा शुल्क को घटा दिया गया है। श्रिम्प के चारे के घरेलू विनिर्माण में इस्तेमाल होने वाले प्रमुख कच्चे माल पर देय शुल्क को घटाया जा रहा है। लैब ग्रोन डायमंड के विनिर्माण में उपयोग किए जाने वाले सीड पर मूल सीमा शुल्क को घटा दिया गया है। सिल्वर डोर, इसकी छड़ों एवं इससे बनी वस्तुओं पर आयात शुल्क को बढ़ा दिया गया है, ताकि इसे सोने एवं प्लेटिनम पर देय शुल्क के अनुरूप किया जा सके। कंपाउंडेड रबर पर मूल सीमा शुल्क की दर बढ़ा दी गई है। विशिष्ट सिगरेट पर देय राष्ट्रीय आपदा आकस्मिक शुल्क को लगभग 16 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है। इपीक्लोरोहाइड्रिन के उत्पादन में उपयोग होने वाले क्रूड ग्लिसरिन पर देय मूल सीमा शुल्क को 7.5 प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है।
कॉमन आईटी रिटर्न फॉर्म
केन्द्रीय बजट में करदाताओं की सुविधा के लिए अगली पीढ़ी का एक कॉमन आईटी रिटर्न फॉर्म भी पेश करने का प्रस्ताव किया गया है। बजट में प्रत्यक्ष करों से जुड़ी शिकायत निवारण व्यवस्था को मजबूत करने की एक योजना का भी जिक्र किया गया है। वित्त मंत्री ने प्रत्यक्ष कर से जुड़े मामलों में छोटी अपील के निपटारे के लिए लगभग 100 संयुक्त आयुक्तों को तैनात करने की भी घोषणा की है। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि इस वर्ष पहले ही प्राप्त किए जा चुके आईटी रिटर्न की जांच करने के मामले में विभाग कहीं अधिक चुनिंदा रुख अपनाएगा।
कर रियायतों को बेहतर ढंग से लक्षित करना
कर रियायतों और छूटों को बेहतर ढंग से लक्षित करने के लिए आवासीय घर में निवेश पर प्राप्त पूंजीगत लाभ पर कटौती के लिए अधिकतम सीमा 10 करोड़ रुपये तय की गई है। बेहद ज्यादा मूल्य वाली बीमा पॉलिसियों की धनराशि पर आयकर छूट की भी अपनी सीमा होगी। केन्द्रीय बजट में प्रत्यक्ष करों के युक्तिकरण और सरलीकरण के संबंध में अनेक प्रस्ताव किए गए हैं।
बजट में किए गए अन्य प्रस्तावों के तहत आईएफएससी, गिफ्ट सिटी में शामिल किए जाने वाले फंड पर कर लाभ की अवधि 31 मार्च 2025 तक बढ़ा दी गई है; आयकर अधिनियम की धारा 276ए के तहत कुछ प्रावधानों को अपराधों की श्रेणी से हटा दिया गया है; आईडीबीआई बैंक के रणनीतिक विनिवेश सहित अन्य रणनीतिक विनिवेश पर होने वाले नुकसान को आगे के खाते में डालने की अनुमति दे दी गई है; और अग्निवीर कोष को ईईई दर्जा दिया गया है।
एमएसएमई से संबंधित प्रस्ताव
एमएसएमई को भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास इंजन बताते हुए बजट में अनुमानित कराधान का लाभ उठाने के लिए सूक्ष्म उद्यमों और कुछ विशेष प्रोफेशनलों के लिए बढ़ी हुई सीमा का प्रस्ताव किया गया है। भुगतान समय पर प्राप्त होने में एमएसएमई को आवश्यक सहयोग देने के लिए बजट में एमएसएमई को किए गए भुगतान पर किए गए व्यय के लिए कर कटौती का प्रावधान किया गया है, लेकिन यह तभी संभव हो पाएगा जब भुगतान वास्तव में किया जाएगा।
सहयोग
बजट में सहकारी क्षेत्र के लिए अनेक प्रस्ताव किए गए हैं। अगले साल 31 मार्च तक अपनी विनिर्माण गतिविधियां शुरू करने वाली नई सहकारी समितियों को 15 प्रतिशत की अपेक्षाकृत कम कर दर का लाभ मिलेगा। बजट में चीनी सहकारी समितियों को एक अवसर प्रदान किया गया है जिसके तहत आकलन वर्ष 2016-17 से पहले की अवधि के लिए गन्ना किसानों को किए गए भुगतान का दावा व्यय के रूप में किया जा सकता है। प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों और प्राथमिक सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों में नकद जमा और इनके द्वारा दिए जाने वाले नकद ऋणों के लिए प्रति सदस्य दो लाख रुपये की ऊंची सीमा मंजूर की गई है। बजट में सहकारी समितियों के लिए नकद निकासी पर टीडीएस के लिए 3 करोड़ रुपये की ऊंची सीमा का प्रस्ताव किया गया है।
स्टार्टअप्स
बजट में स्टार्टअप्स को आयकर लाभ देने के लिए इनके गठन की अवधि को 31 मार्च, 2023 से बढ़ाकर 31 मार्च, 2024 करने का प्रस्ताव किया गया है। बजट में स्टार्टअप्स की शेयरधारिता में परिवर्तन होने पर नुकसान को आगे ले जाने का लाभ दिया गया है जो कि पहले गठन के 7 साल तक सीमित था और अब इसे बढ़ाकर गठन के 10 साल तक कर दिया गया है।
सीजीएसटी अधिनियम में संशोधन
बजट में सीजीएसटी अधिनियम में संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है, ताकि जीएसटी के तहत अभियोजन शुरू करने के लिए कर राशि की न्यूनतम आरंभिक सीमा को 1 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये किया जा सके। इसमें वस्तुओं या सेवाओं अथवा दोनों की ही आपूर्ति के बिना ही इनवॉयस जारी करने का अपराध शामिल नहीं है। कंपाउंडिंग राशि को टैक्स रकम के 50 से 150 प्रतिशत की मौजूदा रेंज से घटाकर 25 से 100 प्रतिशत कर दिया जाएगा। इससे अधिनियम के कुछ प्रावधानों को अपराधों की श्रेणी से हटा दिया जाएगा, जिनमें किसी अधिकारी के कर्तव्य निर्वहन में बाधा डालना एवं उसे रोकना, साक्ष्य में जानबूझकर फेरबदल करना, या संबंधित सूचना देने में विफल रहना भी शामिल है।
टैक्स में किए गए परिवर्तनों का असर
प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष करों में बदलावों की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इन प्रस्तावों के परिणामस्वरूप लगभग 38,000 करोड़ रुपये के राजस्व को छोड़ना होगा, जबकि लगभग 3,000 करोड़ रुपये का राजस्व अतिरिक्त रूप से जुटाया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि अत: इन प्रस्तावों की वजह से कुल मिलाकर 35,000 करोड़ रुपये का राजस्व हर साल छोड़ना होगा।
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आरएम/एमजी/आरएनएम/हिंदी इकाई – 15
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