खान मंत्रालय

खान मंत्रालय की वर्षांत समीक्षा- 2022


खनन क्षेत्र को और प्रोत्साहन देने के लिए अधिनियम और नियमों में संशोधन

622 जिलों में जिला खनिज फाउंडेशन का गठन; अक्टूबर 2022 तक 71128.71 करोड़ रुपये एकत्र, जिससे बड़ी संख्या में लोग लाभान्वित हुए

रणनीतिक महत्व के खनिजों के लिए विदेशों में अधिग्रहण के लिए खनिज बिदेश इंडिया लिमिटेड (केएबीआईएल) के द्वारा प्रयास तेज किए गए

जीएसआई के द्वारा खनिज अन्वेषण के लिए एकसमान एयरो-जियोफिजिकल आंकड़े प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय एयरो-जियोफिजिकल मैपिंग

एचसीएल ने वित्त वर्ष 2021-22 में अब तक का सर्वाधिक 1812 करोड़ रुपये का कारोबार किया; साथ ही 35.7 लाख टन  अयस्क का उत्पादन किया

नालको ने वित्त वर्ष 2021-22 में 2952 करोड़ रुपये का अब तक का सर्वाधिक शुद्ध लाभ और 6364 करोड़ रुपये की निर्यात आय दर्ज की

Posted On: 26 DEC 2022 5:57PM by PIB Delhi

वर्ष 2022 के दौरान खनन गतिविधि में और तेजी लाने और कारोबार में आसानी के लिए भारत के खनन क्षेत्र में अधिनियमों और नियमों में संशोधन का मार्ग प्रशस्त करने वाली नीतिगत पहलों की श्रृंखला देखने को मिली। खान मंत्रालय द्वारा की गई कई विशेष पहलों के परिणामस्वरूप अधिनियम और नियमों में संशोधन हुए जिससे हमारे खनन क्षेत्र के सामने पिछले कई सालों से आ रही प्रमुख बाधाओं/अड़चनों को दूर किया गया।

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) द्वारा अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए खनिज अन्वेषण के लिए अभिनव  गतिविधियां और खनिज बिदेश इंडिया लिमिटेड (केएबीआईएल) के द्वारा ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना और चिली जैसे देशों से रणनीतिक महत्व के खनिजों के स्रोत के लिए किए गए प्रयास साल 2022 की कुछ मुख्य बातें थीं। 90 खनिज ब्लॉकों की सफल नीलामी, 622 जिलों में जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) की स्थापना और डीएमएफ के अंतर्गत अक्टूबर, 2022 तक 71128.71 करोड़ रुपये की राशि का संग्रह साल के दौरान खान मंत्रालय की इसी तरह की कुछ अन्य महत्वपूर्ण उपलब्धियां रही हैं।

वर्ष 2022 के दौरान केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी और खान सचिव श्री विवेक भारद्वाज के द्वारा वर्ष भर किए गए दौरों और समीक्षा बैठकों से खान मंत्रालय के अधीनस्थ कार्यालयों/सार्वजनिक उपक्रमों को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहन मिला।     

उपरोक्त के अलावा, मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजधानी और अन्य राज्यों में विभिन्न हितधारकों को शामिल करने और खनन क्षेत्र में अधिक उद्यमियों/निवेशकों को आकर्षित करने के लिए  राष्ट्रीय खान कॉन्क्लेव और कई प्रदर्शनियों का सफलतापूर्वक आयोजन किया है।

नीतिगत पहलें: अधिनियम और नियमों में संशोधन

खनिज (खनिज सामग्री के साक्ष्य) द्वितीय संशोधन नियम, 2021 को 14.12.2021 को अधिसूचित किया गया था, जिसमें प्रावधान है कि किसी खास क्षेत्र के संबंध में समग्र लाइसेंस प्राप्त करने का इच्छुक कोई भी व्यक्ति समग्र लाइसेंस प्रदान करने के लिए उस क्षेत्र की नीलामी की अधिसूचना के लिए, उपलब्ध भू-विज्ञान आंकड़ों के साथ निर्दिष्ट प्रारूप में राज्य सरकार को प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकता है।

उक्त नियमों के अनुसार, राज्य सरकार ब्लॉक की खनिज क्षमता की पहचान करने के लिए एक समिति के समक्ष ऐसा प्रस्ताव रखेगी। समिति राज्य सरकार से प्रस्ताव प्राप्त होने के साठ दिनों के भीतर इसकी सिफारिश करेगी या इसे अस्वीकार करेगी और तत्पश्चात् राज्य सरकार अनुशंसित ब्लॉक को साठ दिन के अंदर नीलामी के लिए अधिसूचित करेगी या ऐसी सिफारिश को अस्वीकार कर देगी।

खनिज (नीलामी) चौथा संशोधन नियम, 2021 को 14.12.2021 को अधिसूचित किया गया था जो ये प्रावधान करता है कि यदि किसी व्यक्ति द्वारा प्रस्तावित क्षेत्र को समग्र लाइसेंस प्रदान करने के लिए नीलामी के लिए रखा जाता है, तो ऐसे व्यक्ति को उक्त क्षेत्र के लिए नीलामी में भाग लेने की बोली के लिए निर्धारित धरोहर राशि का सिर्फ 50 प्रतिशत जमा करने की आवश्यकता होगी।

खनिज (नीलामी) संशोधन नियम, 2022 को 18.02.2022 को अधिसूचित किया गया था। बड़े क्षेत्र के ब्लॉकों जहां नीलामी के माध्यम से एक समग्र लाइसेंस दिया जाना प्रस्तावित है, की नीलामी की सुविधा के लिए ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम के द्वारा उस क्षेत्र की पहचान और सीमांकन के लिए अनुमति दी गई है । इसके अलावा समग्र लाइसेंस के लिए नीलाम किए जाने वाले क्षेत्र के वन भूमि, राज्य सरकार के स्वामित्व वाली भूमि, और ऐसी भूमि जिसका स्वामित्व राज्य सरकार के पास न हो, के वर्गीकरण की आवश्यकता को हटा दिया गया है।

खान मंत्रालय ने ग्लूकोनाइट, पोटाश, एमराल्ड, मोलिब्डेनम, प्लेटिनम समूह की धातुएं (पीजीएम), एंडेलूसाइट, सिलिमेनाइट और क्यानाइट के संबंध में रॉयल्टी की दर निर्दिष्ट करने के लिए जी.एस.आर. संख्या 204(ई) दिनांक 15.03.2022 के जरिए खान और खनिज (विकास एवं नियमन) अधिनियम, 1957 की दूसरी अनुसूची में संशोधन किया है।

इसके अलावा, मंत्रालय ने खनिज (परमाणु और हाइड्रो कार्बन ऊर्जा खनिजों के अलावा) रियायत संशोधन नियम, 2022 को जी.एस.आर. संख्या 205(ई) दिनांक 15.03.2022 द्वारा ग्लूकोनाइट एवं पोटाश का औसत विक्रय मूल्य विनिर्दिष्ट करने हेतु अधिसूचित किया ।

खनिज संरक्षण और विकास (संशोधन) नियम, 2022 को 11.04.2022 को अधिसूचित किया गया था ताकि लौह अयस्क के आंकडों को 45% से 51% आयरन से कम और 45% से कम (मैग्नेटाइट के लिए) की रिपोर्टिंग की अनुमति दी जा सके।

अन्वेषण व्यय की प्रतिपूर्ति नियम, 2022 को 03.06.2022 को उन रियायत धारकों के अन्वेषण व्यय की प्रतिपूर्ति के लिए अधिसूचित किया गया था जिनके अधिकार एमएमडीआर अधिनियम, 1957 की धारा 10ए(2)(बी) के तहत समाप्त हो गए हैं।

एमएमडीआर अधिनियम, 1957 की धारा 4 की उप-धारा (1) के दूसरे प्रावधान के तहत खनिज खोजने के लिए लाइसेंस के बिना खनिज खोज का संचालन करने के उद्देश्य से तेरह मान्यता प्राप्त निजी खनिज अन्वेषण एजेंसियों को मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किया गया ।

खनिज अन्वेषण के लिए अभिनव पहल - भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई)

  1. जीएसआई ने नवंबर 2022 के अंत तक वार्षिक कार्यक्रम 2022-23 के दौरान 19000 वर्ग किमी लक्ष्य में से 7,198 वर्ग किमी में विशेष विषयगत मानचित्रण (1:25,000 पैमाने पर) पूरा कर लिया है।
  2. जीएसआई ने वार्षिक कार्यक्रम 2022-23 के दौरान 250,000 वर्ग किमी लक्ष्य में से नवंबर 2022 तक  81,974 वर्ग किमी राष्ट्रीय भू-रासायनिक मानचित्रण (1:50,000 पैमाने पर) पूरा कर लिया है।
  3. वार्षिक कार्यक्रम 2022-23 के 1,00,000 वर्ग किमी लक्ष्य में से नवंबर 2022 तक 29,506 वर्ग किमी राष्ट्रीय भूभौतिकीय मानचित्रण (1:50,000 पैमाने पर) पूरा कर लिया गया है।
  4. जीएसआई ने वार्षिक कार्यक्रम 2022-23 के दौरान 10,200 वर्ग किमी लक्ष्य में से नवंबर 2022 के अंत तक  5,613 वर्ग किमी में बड़े पैमाने पर मानचित्रण (1:10,000/12,500 पैमाने पर) पूरा कर लिया है।
  5. नेशनल एयरो-जियोफिजिकल मैपिंग प्रोग्राम (एनएजीएमपी) जीएसआई का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जो पहले से पहचाने गए स्पष्ट भूगर्भीय संभावित क्षेत्र पर एकसमान एयरो-जियोफिजिकल आंकड़े प्राप्त करता है। जीएसआई के 2022-23 के वार्षिक कार्यक्रम के दौरान दिसंबर 2022 के मध्य तक  आगे की खोज के लिए संभावित क्षेत्रों की पहचान करने के लिए एनएजीएमपी के माध्यम से लगभग 25,086 लाइन किलोमीटर की उड़ान भरी गई है। 2022-23 के दौरान 322 खनिज अन्वेषण परियोजनाएं शुरू की गई हैं।
  6. रणनीतिक, महत्वपूर्ण और उर्वरक खनिजों की खोज को गति देने के लिए, जीएसआई ने 2022-23 के दौरान दुर्लभ मृदा धातुएं, लीथियम, मोलिब्डेनम, उर्वरक खनिज, टंगस्टन, ग्रेफाइट आदि जैसे महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों पर 125 परियोजनाएं अपने हाथ में ली हैं।
  7. जीएसआई ने 2022 में राज्य सरकारों को 16 (जी3/जी2) रिपोर्ट सौंपी हैं। इनमें से चूना पत्थर, तांबा, बॉक्साइट, मोलिब्डेनम, पीजीई, पोटाश और लोहा और मैंगनीज के दो-दो ब्लॉक और लोहे और बेस मेटल पर एक एक ब्लॉक हैं।
  8. जीएसआई ने मार्च में राज्य सरकारों को कम्पोजिट लाइसेंस के रूप में नीलामी के लिए  तीसरे चरण में 50 संभावित जी4 स्तर के ब्लॉक और जुलाई 2022 में चौथे चरण में 50 संभावित जी4 स्तर के ब्लॉक भी सौंपे हैं।
  9. जीएसआई ने मौजूदा नीतियों और दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए जीएसआई के प्रमुख भू-स्थानिक पोर्टल "भूकोश" के माध्यम से सभी संबंधित हितधारकों के उपयोग के लिए बहु-विषयक भू-वैज्ञानिक सूचनाओं का स्वतंत्र रूप से प्रसार करने की जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए ऑनलाइन कोर बिजनेस इंटीग्रेटेड सिस्टम (ओसीबीआईएस) पोर्टल को लागू किया है। इन आंकड़ों का उपयोग खनिज पूर्वानुमान के साथ-साथ अनुसंधान के माध्यम से नई जानकारी उत्पन्न करने के लिए किसी के द्वारा भी किया जा सकता है। 2022 के दौरान 29021 भू-स्थानिक मानचित्र और भूभौतिकीय डेटा सेट बाहरी उपयोगकर्ताओं द्वारा डाउनलोड किए गए और इन पंजीकृत उपयोगकर्ताओं द्वारा जीएसआई के "भूकोष" पोर्टल में 41771 लॉग किए गए।
  1. वार्षिक कार्यक्रम 2022-23 के दौरान, जीएसआई द्वारा रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कई प्रकाशन जारी किए गए।
  2. उपरोक्त के अलावा, GSI ने 2022 में अपने सार्वजनिक भलाई के भूवैज्ञानिक कार्यक्रमों को और आगे बढ़ाया है।

खनिज बिदेश इंडिया लिमिटेड (केएबीआईएल)

रणनीतिक महत्व के खनिजों का विदेशों में अधिग्रहण :-

भारत में आपूर्ति के लिए विदेश में मौजूद जगहों पर रणनीतिक महत्व के खनिजों की पहचान, अधिग्रहण, विकास, संसाधन और वाणिज्यिक उपयोग के लिए 2019 में नालको, एचसीएल और एमईसीएल के बीच एक संयुक्त उद्यम कंपनी बनाई गई थी जिसका नाम  खनिज बिदेश इंडिया लिमिटेड (केएबीआईएल) रखा गया । केएबीआईएल बैटरी के लिए जरूरी खनिजों जैसे लिथियम और कोबाल्ट की पहचान करने और उन्हें भारत भेजने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना और चिली में कुछ कंपनियों/परियोजनाओं के साथ अनुबंध चल रहा है। संक्षिप्त विवरण नीचे दिया गया है:

ऑस्ट्रेलिया:

    • केएबीआईएल, भारत और क्रिटिकल मिनरल ऑफिस (सीएमओ) डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्री, साइंस एंड रिसोर्सेज (डीआईएसईआर) ऑस्ट्रेलिया सरकार के बीच 10 मार्च, 2022 को ऑस्ट्रेलिया में लीथियम और कोबाल्ट खनिज संपत्ति में संयुक्त सम्यक तत्परता और आगे के संयुक्त निवेश के लिए विस्तृत सहयोगी ढांचे के साथ  समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
    • तय कार्रवाइयों के तहत ऑस्ट्रेलिया द्वारा जुलाई, 2022 में दुर्लभ खनिज बाजार  की जांच की गई थी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई के लिए खनिज संपत्तियों की पहचान की जाएगी।
    • केएबीआईल और सीएमओ ने परस्पर चर्चा के बाद लिथियम और कोबाल्ट परियोजनाओं की पहचान करने और ऑस्ट्रेलिया में परियोजनाओं के आगे सम्यक तत्परता के लिए वाणिज्यिक सलाहकार सेवाओं को संलग्न करने के लिए खरीद पद्धति को अंतिम रूप दिया है।
    • सीएमओ ऑस्ट्रेलिया के द्वारा वाणिज्यिक सलाहकार की नियुक्ति के लिए आरएफक्यू अक्टूबर 2022 में जारी किया गया था। वाणिज्यिक सलाहकार के जनवरी, 2023 तक नियुक्त होने की उम्मीद है।

अर्जेंटीना:-

o केएबीआईएल ने अर्जेंटीना में लिथियम और अन्य खनिज संपत्तियों की सोर्सिंग का पता लगाने के लिए जेईएमएसई , सीएएमवाईएन और वाईपीएफ (अर्जेंटीना की सरकारी कंपनियों) के साथ जुलाई-सितंबर, 2020 में तीन समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं।

o अक्टूबर, 2022 में सीएएमवाईएन, अर्जेंटीना ने ब्यूनस आयर्स में भारतीय दूतावास के माध्यम से अर्जेंटीना के कैटामार्का में ला अगुआडा और एल इंडियो में दो संभावित लिथियम परियोजनाओं के बारे में जानकारी साझा की।

  • भूवैज्ञानिकों की एक टीम ने 20 नवंबर 2022 से दो सप्ताह की अवधि के लिए कैटामार्का प्रांत में सीएएमवाईएन द्वारा प्रस्तावित लिथियम अन्वेषण परियोजनाओं के मूल्यांकन और जांच के लिए अर्जेंटीना का दौरा किया। प्रारंभिक आकलन के बाद, केएबीआईएल ने तय किए जाने वाले समय में लिथियम निकालने के लिए पहचाने गए दो क्षेत्रों में परियोजनाओं की स्थापना के उद्देश्य से  दिसंबर 2022 में सीएएमवाईएन के साथ साझेदारी करने में रुचि व्यक्त की।

चिली:

चिली में भारत के राजदूत की सलाह के अनुसार, केएबीआईएल ने नॉन डिस्क्लोजर एग्रीमेंट (एनडीए) के मसौदे में कुछ संशोधनों का सुझाव दिया है और ईएनएएमआई और केएबीआईएल द्वारा चिली में लिथियम खनन परियोजनाओं को संयुक्त रूप से आगे बढ़ाने के लिए एनडीए पर हस्ताक्षर करने से पहले इसे ईएनएएमआई के साथ साझा किया है।

 

खनिज ब्लॉक नीलामी और जिला खनिज निधि (डीएमएफ)

वर्ष 2022 के दौरान 21.12.2022 तक देश में 90 खनिज ब्लॉकों की सफलतापूर्वक नीलामी की जा चुकी है। इनमें से 51 खनिज ब्लॉकों की नीलामी खनन पट्टे (एमएल) के लिए की गई थी और शेष 39 की समग्र लाइसेंस (सीएल) के रूप में नीलामी की गई थी।

23 राज्यों के 622 जिलों में डीएमएफ की स्थापना की गई है। डीएमएफ के तहत अक्टूबर 2022 तक कुल 71128.71 करोड़ रुपये जमा किए जा चुके हैं। डीएमएफ के तहत धन का उपयोग करके पीएमकेकेकेवाई के तहत परियोजनाओं को लागू करने के लिए 64185.76 करोड़ रुपये विभिन्न परियोजनाओं के लिए आवंटित किए गए हैं और 37923.18 करोड़ रुपये का उपयोग किया गया है। योजना के तहत कुल 253747 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है और अब तक 135912 परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं जिससे विभिन्न राज्यों में बड़ी संख्या में लोग लाभान्वित हुए हैं।

अब तक, 18 राज्यों ने बड़े पैमाने पर लोगों के हित में सांसदों, विधायकों और एमएलसी को गवर्निंग काउंसिल में शामिल करने के संबंध में दिनांक 23.04.2021 के आदेश का अनुपालन किया है, और 20 राज्यों ने दिनांक 12.07.2021 के आदेश का अनुपालन किया है, जिसमें राज्यों पर डीएमएफ फंड को किसी अन्य राज्य स्तरीय फंड (चाहे जिस भी नाम से पुकारा जाए) या मुख्यमंत्री राहत कोष या किसी अन्य फंड या योजना में ट्रांसफर करने पर रोक लगाई गई है। इसके अलावा, 316 डीएमएफ ट्रस्ट को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10(46) के तहत छूट दी गई है।

खान मंत्रालय ने दिनांक 24.06.2022 के आदेश के तहत सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को बेसलाइन सर्वेक्षण/मूल्यांकन के माध्यम से पहचाने गए निष्कर्षों और कमियों के आधार पर एक पंचवर्षीय परिप्रेक्ष्य योजना तैयार करने और डीएमएफ के तहत कार्यों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए धन के उपयोग को विनियमित करने के निर्देश जारी किए थे।

हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल) की उपलब्धियां

 

  • कंपनी ने वित्त वर्ष 2021-22 में 381.72 करोड़ रुपये का कर पूर्व लाभ और 1812.21 करोड़ रुपये का अब तक का सर्वाधिक शुद्ध कारोबार हासिल किया है।
  • एचसीएल ने दीपम के दिशा-निर्देशों के अनुपालन में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए सरकार को 74.20 करोड़ रुपये के लाभांश का भुगतान किया है, जो टैक्स के बाद लाभ (पीएटी) का 30.01% है। सभी शेयरधारकों को कुल लाभांश भुगतान 112.17 करोड़ रुपये है।
  • कंपनी की ऋण देनदारी जून 2020 में लगभग 1650 करोड़ रुपये के उच्चतम स्तर से घटकर 31.11.2022 को लगभग 440 करोड़ रुपये पर आ गई है।
  • 24.06.22 को नई दिल्ली में फॉर्च्यून इंडिया के "द नेक्स्ट 500: ब्रेकिंग न्यूज फ्रंटियर्स" कार्यक्रम में एचसीएल को धातु उद्योग में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सेक्टोरल स्टार के रूप में सम्मानित किया गया।

Underground mining at MCP 4

  • कंपनी ने मौजूदा खानों के विस्तार से, बंद खदानों को फिर से खोलने और नई खदानों को खोलने के माध्यम से पहले चरण (कार्यान्वयन के तहत) में अपनी खनन क्षमता को लगभग 40 लाख टन प्रति वर्ष के वर्तमान स्तर से बढ़ाकर 1.22 करोड़ टन प्रति वर्ष तक करने और दूसरे चरण में 1.22 करोड़ टन प्रति वर्ष से 2.02 करोड़ टन प्रति वर्ष तक बढ़ाने की योजना बनाई है। वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान एचसीएल ने 35.7 लाख टन अयस्क उत्पादन हासिल किया है।
  • एचसीएल ने वित्त वर्ष 2021-22 में 11700 मीटर (जनवरी 2022 से दिसंबर, 2022 तक) सरफेस एक्सप्लोरेशन ड्रिलिंग की। इसके अलावा कोलिहान माइनिंग लीज पर जियोफिजिकल एक्सप्लोरेशन किया जा रहा है। सुरदा और खेतड़ी माइनिंग लीज पर सरफेस एक्सप्लोरेशन ड्रिलिंग के लिए नई निविदाएं अनुमोदन चरण में हैं।
  • भारत के उपराष्ट्रपति, श्री जगदीप धनखड़, भारत की दूसरी महिला, डॉ सुदेश धनखड़ और श्री विवेक भारद्वाज, खान सचिव के साथ नवंबर, 2022 में खेतड़ी कॉपर कॉम्प्लेक्स (केसीसी) का दौरा किया।

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  • केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी और खान सचिव श्री विवेक भारद्वाज ने समग्र प्रदर्शन की समीक्षा करने के साथ-साथ विशेष अभियान 2 की दिशा में कंपनी की पहल का निरीक्षण करने के लिए क्रमश: 22.09.2022 और 20.10.2022 को एचसीएल के कॉर्पोरेट कार्यालय, कोलकाता का दौरा किया।

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  • श्री अरुण कुमार शुक्ला, सीएमडी, एचसीएल को भारत के खनन, भूवैज्ञानिक और धातुकर्म संस्थान द्वारा गैर-कोयला उद्योग में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए  25.09.2022 को कोलकाता में वर्ष 2021-22 के लिए गैर-कोयला खनन के लिए उत्कृष्टता का एमजीएमआई पुरस्कार प्रदान किया गया है।

  • वित्त वर्ष 2020-21 के लिए एचसीएल की एमओयू रेटिंग को डीपीई ने 18.01.2022 को 'बहुत अच्छा' घोषित किया ।
  • मलंजखंड कॉपर प्रोजेक्ट ने खान पर्यावरण और खनिज संरक्षण सप्ताह 2021-22 में व्यवस्थित और वैज्ञानिक खनन, अपशिष्ट निपटान प्रबंधन और लाभकारी तरीके से खनिज के खनन में प्रथम और पुनर्ग्रहण और पुनर्वास में तीसरा स्थान हासिल करने के साथ-साथ समग्र प्रदर्शन में प्रथम पुरस्कार जीता है।
  • खान सुरक्षा महानिदेशालय नागपुर परिक्षेत्र के तत्वावधान में धात्विक खान सुरक्षा सप्ताह 2021-22 का आयोजन किया गया। एमसीपी यूनिट ने विभिन्न श्रेणियों में चार पुरस्कार जीते।
  • अजमेर क्षेत्र के 32वें खान पर्यावरण एवं खनिज संरक्षण सप्ताह 2021-22 में फुली मैकेनाइज्ड ग्रुप बी (भूमिगत खान) श्रेणी में खेतड़ी कॉपर कॉम्प्लेक्स (केसीसी) द्वारा जीते गए पुरस्कार इस प्रकार हैं:-

खेतड़ी तांबे की खान :-

1. पर्यावरण निगरानी: प्रथम पुरस्कार

2. वन-रोपण: तीसरा पुरस्कार

3. भूमि उद्धार और पुनर्वासन: तीसरा पुरस्कार

4. समग्र प्रदर्शन: तीसरा पुरस्कार

कोलिहान तांबे की खदान :-

1. अपशिष्ट निपटान प्रबंधन: दूसरा पुरस्कार

2. खनिज संरक्षण: तीसरा पुरस्कार

KCM-Jumbo drill

  • 60वीं मेटलीफेरस माइन सेफ्टी वीक प्रतियोगिता का आयोजन केंदाडीह एवं सुरदा खदान में क्रमशः 17.11.2022 एवं 18.11.2022 को किया गया। विभिन्न वर्गों में सुरदा माइंस ने पहला, दूसरा और तीसरा पुरस्कार जीता और केंदाडीह माइन ने पहला और दूसरा पुरस्कार जीता।
  • केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री श्री भूपेंद्र यादव के द्वारा हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड की तांबे की खदान को एलएएफपी (सबसे लंबी अवधि तक दुर्घटना मुक्त) और एलआईएफआरएम ( प्रति लाख मैनशिफ्ट में सबसे कम चोटों की आवृत्ति) वर्ग में वर्ष 2020, 2019, 2018 और 2017 के लिए दिनांक 08.03.2022 को राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार (खान) से सम्मानित किया गया है।
  • इंडियन कॉपर कॉम्प्लेक्स (आईसीसी), एचसीएल की घाटशिला इकाई ने अयोध्या, उत्तर प्रदेश में श्री राम जन्मभूमि परिसर में श्री राम मंदिर, परकोटा के निर्माण और बुनियादी सुविधाओं के विकास के कार्यों के लिए तांबे की पट्टियों की आपूर्ति की।

Surda

  • जून, 2022 में कोलकाता में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह के 500 प्रतिभागियों के लिए एचसीएल मुख्य संगठन था। इस कार्यक्रम को शानदार सफलता मिली, जिसमें जीएसआई, नालको, आईबीएम और एमईसीएल के अधिकारियों ने भाग लिया था।
  • इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एंटरप्राइजेज, हैदराबाद में आयोजित "डाइवर्सिटी इन मैनेजमेंट - डेवलपमेंट ऑफ वुमेन एग्जीक्यूटिव" पर 9वें राष्ट्रीय कॉन्क्लेव में, श्रीमती संपा चक्रवर्ती लाहिड़ी, एजीएम (सीसी एंड एडमिनिस्ट्रेशन) हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड को "वुमन ऑफ एक्सीलेंस अवार्ड  2021" से सम्मानित किया गया।
  • कंपनी को इसकी उधार सीमा के लिए इक्रा ए1 प्लस (लघु अवधि पैमाने पर सर्वोत्तम संभव रेटिंग) और इक्रा एए प्लस (स्थिर) (लंबी अवधि के पैमाने पर दूसरी सर्वश्रेष्ठ रेटिंग) का दर्जा दिया गया है।
  • जुलाई, 2022 में एचसीएल ने तांबे के विभिन्न उपयोगकर्ता खंडों में शिल्पकारों के लिए सूक्ष्म-उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए झारखंड के कुइलीसुता गांव में एक प्लेटफॉर्म लॉन्च किया इसमें विशेष रूप से मिशन डोकरा शिल्प को पुनर्जीवित करना था जिसमें लॉस्ट-वैक्स तकनीक का उपयोग कर घातु गढ़ने की सबसे प्राचीन विधि के इस्तेमाल के जरिए  विभिन्न रूपों में जीवन की सुंदरता को दर्शाया जाता है।

नेशनल एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (नालको)

  1. नालको ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में शानदार प्रदर्शन दर्ज किया, परिचालन से 14,181 करोड़ रुपये का आय 2,952 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हासिल किया जो कंपनी के पूरे इतिहास में अब तक का सबसे अधिक है।
  2. वर्ष के लिए 6,364 करोड़ रुपये की निर्यात आय हासिल की, जो स्थापना के बाद से अब तक का सबसे अधिक है।
  3. वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए प्रदत्त पूंजी पर 130 प्रतिशत का लाभांश घोषित जो स्थापना के बाद से अब तक का सर्वाधिक है।
  4. वित्त वर्ष 2021-22 में स्थापना के बाद से अब तक का सर्वाधिक बॉक्साइट उत्पादन (75.11 लाख टन) दर्ज किया गया।
  5. वित्त वर्ष 2021-22 में स्थापना के बाद से अब तक का सर्वाधिक कास्ट मेटल उत्पादन (4.60 लाख टन)।
  6. 12.01.2022 को स्मेल्टर प्लांट में सभी 960 पॉट्स का परिचालन, पहली बार 100 प्रतिशत क्षमता का उपयोग हासिल किया।
  7. जुलाई 2021 में सीपीपी से माइंस के रिक्त स्थानों के लिए लीन स्लरी ऐश डिस्पोजल सिस्टम चालू किया गया है, जो लंबी अवधि के लिए पर्यावरण अनुकूल राख निपटान की सुविधा प्रदान करता है।
  8. स्थापना के बाद से अब तक की सर्वाधिक कुल धातु बिक्री (4.57 लाख टन) हासिल की।
  9. 2021 में दुनिया भर में एल्यूमिना और बॉक्साइट की सबसे कम लागत वाला उत्पादक (वुड मैकेंज़ी रिपोर्ट के अनुसार)।
  10. उत्कल डी एंड ई कोयला खदान के लिए माइन डेवलपर और ऑपरेटर (एमडीओ) के लिए ऑर्डर दिया गया।
  11. जीएसीएल के साथ संयुक्त उद्यम में गुजरात में कास्टिक सोडा प्लांट के लिए कैप्टिव पावर प्लांट के पहले 260 टीपीएच कोयले से चलने वाले बॉयलर की 6 फरवरी 2022 को शुरुआत।
  12. कास्टिक इवैपरेशन यूनिट 31.03.2022 को चालू की गई ।
  13. जीईएम पोर्टल के माध्यम से 2020-21 में 343.19 करोड़ रुपये के मुकाबले वित्त वर्ष 2021-22 में कुल 3121.45 करोड़ रुपये की खरीद (कास्टिक सोडा सहित) हासिल की।
  14. एमएसई से 25 प्रतिशत की अनिवार्य खरीद लक्ष्य के मुकाबले, नालको ने वित्त वर्ष 2021-22 में कुल खरीद में 31.22 प्रतिशत हासिल किया।
  15. नालको को खनन और धातु क्षेत्र में स्थिरता के लिए प्रतिष्ठित गोल्डन पीकॉक अवार्ड-2021 का राष्ट्रीय विजेता प्रदान किया गया है। यह पुरस्कार पर्यावरण अनुकूल-लंबी समय तक कायम रहने वाली कार्य प्रणालियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए दिया जाता है।

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वित्त वर्ष 2022-23 के लिए (नवंबर 2022 तक) नालको के प्रदर्शन की खास बातें

  1. स्थापना के बाद से अब तक किसी भी पहली छमाही में 2,31,424 मीट्रिक टन एल्युमिनियम कास्ट मेटल का सर्वाधिक उत्पादन।
  2. स्थापना के बाद से किसी भी पहली छमाही में 2,32,237 एमटी की अब तक की सर्वाधिक एल्युमीनियम धातु बिक्री।
  3. उत्कल-डी कोयला खदान का खनन कार्य 09.11.2022 को शुरू हो गया है।
  4. जीएसीएल के साथ संयुक्त उद्यम में गुजरात में कास्टिक सोडा प्लांट (सीएसपी) ने 17.05.2022 को कास्टिक सोडा का उत्पादन शुरू किया। 20.08.2022 को एल्युमिना रिफाइनरी, नालको को 1,300 डीएमटी कास्टिक सोडा की पहली खेप भेजी गई।
  5. नालको की पंचपटमाली सेंट्रल और नॉर्थ बॉक्साइट माइंस को 12.07.2022 को नई दिल्ली में आयोजित 6वें नेशनल कॉन्क्लेव ऑफ माइंस एंड मिनरल्स में "फाइव स्टार रेटिंग" पुरस्कार मिला।
  6. सीआईआई-एग्जिम (निर्यात-आयात) द्वारा स्थापित व्यापार उत्कृष्टता के तहत, नालको की एल्यूमिना रिफाइनरी को प्लेटिनम श्रेणी से सम्मानित किया गया है और पंचपटमाली बॉक्साइट खान और कैप्टिव पावर प्लांट इकाइयों को व्यावसायिक उत्कृष्टता के लिए की गई पहलों की मान्यता में गोल्ड प्लस श्रेणी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

कंपनी द्वारा की गई प्रमुख सीएसआर गतिविधियां:-

नालको ने स्थानीय जनता के सामाजिक आर्थिक विकास के लिए अनेक परियोजनाएं हाथ में ली हैं। कंपनी की कुछ उल्लेखनीय प्रमुख सीएसआर योजनाएं नीचे दी गई हैं:

  1. "नालको-की-लाडली" योजना: यह योजना बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के अनुरूप है। बीपीएल परिवार की मेधावी बालिकाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। (816 लाभार्थी)
  2. इन्द्रधनुष योजना: आदिवासी बच्चों के लिए मुफ्त आवासीय शिक्षा को प्रायोजित करना (कोरापुट जिले के 34 गांवों के 1,100 लाभार्थी)।
  3. आठ मोबाइल स्वास्थ्य इकाइयों के माध्यम से घर-घर स्वास्थ्य सेवा (प्रति वर्ष 1 लाख से अधिक रोगी लाभान्वित)

नालको और आज़ादी का अमृत महोत्सव समारोह

  1. ओडिशा के 110 स्कूलों में 300 स्मार्ट क्लासरूम का उद्घाटन।
  2. एसएंडपी और एमएंडआर परिसरों दोनों में विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन । बड़ी संख्या में कर्मचारियों, परिवार के सदस्यों, सीआईएसएफ कर्मियों, आस पास के गांवों के लोगों और जनता ने एक नेक काम के लिए रक्तदान में भाग लिया। कुल 792 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया।
  3. नेत्रहीन छात्रों के लिए भीमा भोई राजकीय उच्च विद्यालय में सफेद छड़ी, ब्रेल पेपर रोल, मास्क और साउंड सिस्टम जैसी उपयोगी वस्तुओं का वितरण।

नालको स्वच्छता अभियान:

  1. कर्मचारियों, टाउनशिप निवासियों, आस पास रहने वाले ग्रामीणों और छात्रों आदि की सक्रिय भागीदारी के साथ अपने सभी साइट कार्यालयों, उत्पादन इकाइयों, क्षेत्रीय कार्यालयों, कॉर्पोरेट कार्यालय, टाउनशिप, आसपास के गांवों और स्कूलों में स्वच्छता अभियान की शुरुआत करना।

अपने सभी साइट कार्यालयों, उत्पादन इकाइयों, क्षेत्रीय कार्यालयों और कॉर्पोरेट कार्यालय में पुरानी फाइलों की सफाई और छंटाई।

मिनरल एक्सप्लोरेशन एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड. (एमईसीएल)

  • विभागीय संसाधनों के माध्यम से ड्रिलिंग प्रदर्शन 233452 मीटर है। मार्च 2022 के महीने के दौरान, कंपनी ने विभागीय संसाधनों से 48945 मीटर का ड्रिलिंग कार्य दर्ज किया।
  • नवंबर '22 तक सकल राजस्व 173.86 करोड़ रुपये है।
  • 2022 (नवंबर -22 तक) के दौरान, एमईसीएल ने विभिन्न खनिज वस्तुओं जैसे कोयला, लिग्नाइट, तांबा, लौह अयस्क, मैंगनीज, ग्रेफाइट, पोटाश आदि के लिए 26 भूवैज्ञानिक रिपोर्ट जमा की हैं और 260.046 करोड़ टन संसाधनों को राष्ट्रीय खनिज सूची में जोड़ा गया, इनमें से 10 भूवैज्ञानिक रिपोर्ट एनएमईटी को प्रस्तुत की गई हैं।
  • कोयला और लिग्नाइट में खोजपूर्ण ड्रिलिंग के लिए जीएसआई के पूरक के रूप में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई), कोलकाता और मिनरल एक्सप्लोरेशन एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड, नागपुर के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
  • आधुनिकीकरण कार्यक्रम के तहत, एमईसीएल ने तकनीकी इनोवेशन को लाने और उन्नत सॉफ्टवेयर और उपकरणों जैसे जैसे डेटामाइन स्टूडियो-आरएम, जियोवियामाइनेक्स और जियो एसयूआरपीएसी (डसॉल्ट सिस्टम, फ्रांस), आर्क जीआईएस, ईआरडीएएस इमेजिन, स्लिमहोल जियोफिजिकल लॉगिंग सिस्टम, कोर स्कैनर, एक्सआरएफ, आईसीपी एमएस, आईसीपी, ओईएस आदि को अपनाने के लिए कदम उठाए हैं ।
  • रणनीतिक विविधीकरण कार्यक्रम के तहत, लंबे समय तक टिके रहने की क्षमता और लाभप्रदता बढ़ाने के लिए एमईसीएल कारोबार के स्तर और कॉर्पोरेट के स्तर दोनों क्षेत्रों में विविधता ला रहा है। इसके अलावा एमईसीएल नीलामी उद्देश्य के लिए खनिज ब्लॉक की व्यवहार्यता का अध्ययन करने के लिए राज्य सरकार को तकनीकी सहायता के लिए परामर्श भी प्रदान कर रहा है। एमईसीएल विभिन्न राज्य सरकारों, सीपीएसई और अन्य एजेंसियों के लिए रेफरी एजेंसी के रूप में भू-रासायनिक विश्लेषण सेवाएं भी प्रदान कर रहा है।
  • व्यवसाय विकास और वाणिज्यिक प्रभाग के जरिए, प्रतिस्पर्धी तकनीकी-वाणिज्यिक प्रस्तावों और एमओयू मार्ग के साथ-साथ द्विपक्षीय वार्ताओं के माध्यम से निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों से अधिक कार्य उत्पन्न/प्राप्त करने के लिए कठोर प्रयास जारी हैं। परिणामस्वरूप, वर्ष 2022 के दौरान 31.12.2022 तक ऑर्डर बुक का कुल मूल्य अनंतिम रूप से 253.98 करोड़ रुपये है। इसमें नाल्को, आरएसएमएमएल, एचसीएल, एनएमडीसी, एफएजीएमआईएल, जीएसआई, सीएमपीडीआईएल, डीएमजी गोवा, अडानी आदि जैसे विभिन्न ग्राहकों के अनुबंध संबंधी कार्य और कोयला मंत्रालय (एमओसी) की ओर से एनएमईटी द्वारा वित्तपोषित कार्य और कोयला अन्वेषण कार्य शामिल हैं।
  • संगठन के सामाजिक उत्तरदायित्व: एमईसीएल सार्वजनिक क्षेत्र का एक प्रमुख उद्यम है जो देश के विभिन्न दूरस्थ भागों में कोयला, लिग्नाइट, लौह-अयस्क, तांबा, जस्ता, चूना पत्थर आदि जैसे सभी प्रमुख खनिजों की खोज, विकासात्मक खनन के लिए जिम्मेदार है। आम तौर पर एमईसीएल की अन्वेषण/विकासात्मक खनन परियोजनाएं दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित होती हैं।

कंपनी के व्यवसाय का संचालन करते हुए, यह अपने परिचालन के भौगोलिक क्षेत्र के विकास में भाग लेने और योगदान करने के लिए भी प्रतिबद्ध है ताकि सीएसआर और एसडी पहल के माध्यम से  यहां हमारे कार्यस्थलों के आसपास रहने वाले लोगों को आर्थिक, सामाजिक, शैक्षिक, ढांचागत, स्वास्थ्य और स्वच्छता के सांस्कृतिक विकास के लिए अवसर प्रदान किया जा सके।

परियोजनाओं/सीएचक्यू/क्षेत्रीय कार्यालयों के आस-पास रहने वाली आबादी की जरूरतों और आवश्यकताओं को छोटे या बड़े पैमाने पर निरंतर तरीके से व्यवस्थित रूप से पूरा करने के लिए, सीएसआर/एसडी कार्यों की योजना, निष्पादन और निगरानी के लिए एक नीति आवश्यक है। तदनुसार एमईसीएल परियोजनाओं के आसपास विभिन्न सीएसआर/एसडी पहलों को लागू करने के पिछले अभ्यास और अनुभव को ध्यान में रखते हुए एमईसीएल सीएसआर और एसडी नीति लागू की गई हैं । इस संबंध में डीपीई दिशानिर्देशों को भी ध्यान में रखा गया है।

2022 के दौरान खास उपलब्धियां (दिसंबर, 2022 तक)

  • एमईसीएल ने राष्ट्रीय खनिज सूची में 260.046 करोड़ टन खनिज भंडार जोड़ा है।
  • एमईसीएल ने वर्ष 2021-22 के लिए भारत सरकार को 33.95 करोड़ रुपये के लाभांश का भुगतान किया है।

भारतीय खान ब्यूरो (आईबीएम):-

आईबीएम के कार्यों के मुख्य चार्टर जो कि अलग अलग फील्ड इन्वेस्टिगेशन और ओर ड्रेसिंग इन्वेस्टिगेशन हैं, के अलावा कुछ प्रमुख उपलब्धियां हैं;

  1. खानों की स्टार रेटिंग की ऑनलाइन मूल्यांकन प्रणाली के माध्यम से सतत विकास ढांचे (एसडीएफ) का कार्यान्वयन: केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय मामलों के मंत्री ने 12.07.2022 को खानों और खनिजों पर 6वें राष्ट्रीय कॉन्क्लेव-2022 का उद्घाटन किया और प्रदर्शन वर्ष 2020-21 के लिए खानों की स्टार रेटिंग के तहत 5 स्टार रेटिंग पाने वाली 40 खान का सम्मान किया।.

  1. खनन निगरानी प्रणाली (एमएसएस) एक उपग्रह-आधारित निगरानी प्रणाली है, जिसका उद्देश्य स्वचालित रिमोट सेंसिंग डिटेक्शन तकनीक के माध्यम से अवैध खनन गतिविधि की घटनाओं पर अंकुश लगाकर उत्तरदायी खनिज प्रशासन की व्यवस्था स्थापित करना है। खनन निगरानी प्रणाली का उपयोग करते हुए, 2021-22 में तीसरे चरण के दौरान प्रमुख खनिजों के लिए 177 ट्रिगर उत्पन्न किए गए हैं। अब तक, 89 ट्रिगर सत्यापित किए गए हैं और अनधिकृत खनन के 12 मामलों का पता चला है। चौथे चरण में, हाल ही में वर्ष 2022-23 के दौरान प्रमुख खनिजों के लिए 61 ट्रिगर उत्पन्न किए गए हैं और संबंधित राज्य सरकारों को अग्रेषित किए गए हैं।  इनका सत्यापन अभी किया जाना बाकी है।
  2. खनन निगरानी प्रणाली के प्रशिक्षण में विभिन्न राज्यों के कुल 179 अधिकारियों ने भाग लिया।
  3. माइनिंग टेनमेंट सिस्टम (एमटीएस) के तहत, एमटीएस के रिटर्न और पंजीकरण मॉड्यूल को 1 मई 2022 से सफलतापूर्वक शुरू कर दिया गया है, जिसमें अप्रैल 2022 के महीने के लिए जमा किए गए रिटर्न को समायोजित किया गया है। 12.7.2022 को 6वें माइनिंग कॉन्क्लेव में रजिस्ट्रेशन, रिटर्न और माइनिंग प्लान मॉड्यूल लॉन्च किए गए। 12.7.2022 के बाद प्रस्तुत खनन योजनाएँ केवल ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ही स्वीकार की जा रही हैं। अन्य मॉड्यूल के संबंध में डीपीआर प्रगति पर है और वे चरणबद्ध तरीके से चालू हो जाएंगे।

  1. ड्रोन एप्लिकेशन कार्यान्वयन के एक हिस्से के रूप में, अप्रैल 2022 से दिसंबर 2022 तक हर महीने आईबीएम के मुख्यालय और क्षेत्रीय कार्यालयों के 10 से 12 अधिकारियों के बैच को जीआईएस की मूल बातें और ड्रोन सर्वेक्षण डेटा के प्रसंस्करण पर आठ दिनों का प्रशिक्षण दिया गया था।
  2. यूएवी सर्वेक्षण से संबंधित गतिविधियां: आईबीएम ने ड्रोन सर्वेक्षण करने और खनन क्षेत्रों की डिजिटल हवाई छवियों को आईबीएम को प्रस्तुत करने के लिए एमसीडीआर, 2017 के नियम 34ए के उप नियम (5) के तहत मानक संचालन प्रक्रियाएं जारी कीं। पट्टेदारों द्वारा जमा किया जा रहा ड्रोन/उपग्रह डेटा की प्राप्ति के एक रजिस्टर  का एमसीडीआर 2017 के नियम 34ए के तहत आईबीएम में रखरखाव किया जा रहा है। नवंबर, 2022 तक 617 खनन पट्टों के आंकड़े प्राप्त हुए थे। ड्रोन/सैटेलाइट डेटा जमा करने के लिए एसओपी में उल्लिखित आवश्यकताओं के साथ ड्रोन/सैटेलाइट डेटा की भी जांच की जा रही है।

ड्रोन आंकडों का उपयोग करके माइन पिट विश्लेषण

  1. चालू वर्ष के दौरान, सितंबर 2022 तक खनिजों के लिए और अक्टूबर, 2022 तक धातुओं के औसत बिक्री मूल्य (एएसपी) को आईबीएम वेबसाइट पर दिया गया है।
  2. आईबीएम ने सभी हितधारकों के हित में तकनीकी आंकड़ों का प्रसार करने के लिए इंडियन मिनरल्स ईयर बुक 2020 (खंड प्रथम से तृतीय), अक्टूबर 20 से मार्च 21, अप्रैल 2021 से सितंबर, 2021 और अक्टूबर 21 से मार्च 22 की अवधि के लिए खनिज सूचना पर अर्धवार्षिक बुलेटिन, वर्ष 2019-20 और 2020-21 के लिए खनिजों की स्टेटिस्टिकल प्रोफाइल इश्यू, खनन पट्टा और खनिज की खोज का लाइसेंस 2020 और 2021 पर बुलेटिन और   फरवरी, 2022 तक खनिज उत्पादन (एमएसएमपी) के मासिक आंकड़े जारी किए हैं।
  3. मानव संसाधन की क्षमता निर्माण के हिस्से के रूप में, 2022-23 के दौरान, नवंबर 2022 तक, आईबीएम ने 09 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए, जिसमें आईबीएम के 129, उद्योगों के 301 और राज्य सरकारों के 21 अधिकारियों ने भाग लिया।
  4. 2022-23 के दौरान, आईबीएम कार्यालयों ने 16-30 नवंबर 2022 के दौरान कार्यालय परिसर के साथ-साथ खनन स्थल क्षेत्रों, आस-पास के गांवों और स्कूलों में स्वच्छता पखवाड़ा मनाया।
  5. आईबीएम की जारी गतिविधियों में विशेष अभियान 2.0 को (क) लंबित संदर्भों और शिकायतों के निपटान (ख) रिकॉर्ड प्रबंधन (फाइलों की छंटाई) (ग) स्क्रैप / अप्रचलित वस्तुओं के निपटान और (घ) कार्यालय परिसर में सफाई अभियान के संबंध में लागू किया गया था। अभियान की अवधि के दौरान 39277 दस्तावेजों की समीक्षा की गई है। जिनमें से 19453 फाइलों को छंटाई के लिए पहचाना गया और उन्हें बाद में हटा दिया गया है। स्क्रैप और अप्रचलित वस्तुओं का निपटान किया गया है और 2,58,514/- रुपये का राजस्व उत्पन्न हुआ है। रिकॉर्ड प्रबंधन और कबाड़ के निस्तारण के बाद 7000 वर्ग फुट जगह मुक्त/प्राप्त की गई है। इसके अलावा, स्कूलों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर विभिन्न क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा 24 विशेष अभियान आयोजित किए गए हैं।
  6. मिशन मोड रोजगार मेला में रिक्तियों को भरना : डीओपीटी के ओ.एम. दिनांक 16.09.2022 ने सूचित किया कि उसने खान मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत संगठनों की पहुंच अपने मिशन भर्ती रिक्ति स्थिति पोर्टल (खान मंत्रालय के संबंध में मिशन मोड पर भरी जाने वाली रिक्तियों के विवरण वाला पोर्टल; URL: https://doptonline.nic. in/mr/) तक  प्रदान की है। तदनुसार 22.10.2022 को 02 उम्मीदवारों (सहायक) और 22.11.2022 को 109 उम्मीदवारों (64 एमटीएस और 45 स्टेनोग्राफर) को नियुक्ति प्रस्ताव जारी किया गया।

जवाहरलाल नेहरू एल्युमिनियम रिसर्च डेवलपमेंट एंड डिज़ाइन सेंटर (जेएनएआरडीडीसी), नागपुर

2022-23 के दौरान दिसंबर 2022 तक, जेएनएआरडीडीसी ने तीन परियोजनाएं पूरी की और विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों के लिए तेरह आरएंडडी परियोजनाएं प्रगति पर हैं।

नामित क्षेत्र विशेषज्ञ

जेएनएआरडीडीसी निम्नलिखित प्रमुख प्राधिकरणों के लिए नामित सेक्टर विशेषज्ञ है: -

  • नीति आयोग -
    • रेड मड और कोल फ्लाई ऐश से आरईई (दुर्लभ पृथ्वी तत्व)
    • एल्युमीनियम क्षेत्र में संसाधन दक्षता और सर्कुलर अर्थव्यवस्था
  • ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई), विद्युत मंत्रालय
    • "उन्नत ऊर्जा दक्षता के लिए राष्ट्रीय मिशन" के लिए एल्यूमीनियम क्षेत्र विशेषज्ञ -पीएटी 2/3/4 चक्र
  • बीआईएस, भारतीय मानक ब्यूरो
    • एल्युमीनियम-स्क्रैप के लिए दिशानिर्देश
    • एल्यूमीनियम मिश्र धातु और उत्पादों के लिए मानक
  • खान मंत्रालय
    • नेशनल नॉनफेरस मेटल स्क्रैप रीसाइक्लिंग फ्रेमवर्क
    • सर्कुलर इकोनॉमी एक्शन  फॉर नॉनफेरस प्राइमरी एंड सेकेंडरी सेक्टर
    • एनएफएमआईएमएस (एल्यूमीनियम, तांबा, सीसा और जस्ता आयात निगरानी प्रणाली)
    • एल्यूमिनियम क्षेत्र में आयात प्रतिस्थापन के लिए अंतर-मंत्रालयी समिति
  • मेटल रीसाइक्लिंग अथॉरिटी (एमआरए)
    • जेएनएआरडीडीएस को खान मंत्रालय द्वारा मेटल रीसाइक्लिंग अथॉरिटी (एमआरए) नामित किया गया है - एमआरए के लिए निर्धारित गैर-सांविधिक कार्यों को करने के लिए जैसा कि "नेशनल नॉन-फेरस मेटल स्क्रैप रीसाइक्लिंग फ्रेमवर्क 2020" में निर्धारित किया गया है।
  • कोयले के लिए रेफरी लैब
    • जेएनएआरडीडीएस को सीएसआईआर-सीआईएमएफआर, धनबाद द्वारा तीसरे पक्ष के कोयले के नमूनों के कोयला विश्लेषण के लिए रेफरी लैब नामित किया गया है।

सेमिनार और सम्मेलन

  • अलौह धातुओं पर 26वां अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (आईसीएनएफएम-2022); रैडिसन ब्लू, नागपुर में 8-9 जुलाई 2022 को जेएनएआरडीडीसी;www.nonferrousmeet.net/ द्वारा सह-आयोजित किया गया था।
  • 10वां अंतर्राष्ट्रीय आईबीएएएस सम्मेलन और प्रदर्शनी- रायपुर; आईबीएएएस-जेएनएआरडीडीसी  2022 सितंबर 14-17, 2022 को और नॉन फेरस मेटल रीसाइक्लिंग पर एक दिवसीय विचार-मंथन सत्र जेएनएआरडीडीसी द्वारा सह-आयोजित किया गया: https://www.ibaas.info/

40वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी, आईसीएसओबीए 2022 का आयोजन द इंटरनेशनल कमेटी फॉर स्टडी ऑफ बॉक्साइट, एल्युमिना एंड एल्युमीनियम द्वारा 10-14 अक्टूबर 2022 के दौरान रेडिसन ब्लू पार्क, एथेंस, ग्रीस में किया गया था। निदेशक, जेएनएआरडीडीसी ने भाग लिया और "फ्रेमवर्क टू ड्राइव रिसोर्स एफिशिएंसी एंड, सर्कुलर इकोनॉमी इन इंडियन एल्युमीनियम सेक्टर" पर मुख्य व्याख्यान दिया।

पेटेंट

एक पेटेंट 202221024081 दिनांक 25.04.2022 को बॉक्साइट अवशेषों में दुर्लभ पृथ्वी तत्वों के लाभकारी खनन और संवर्धन के लिए प्रक्रिया" के लिए दायर किया गया था। ।.

जेएनएआरडीडीसी द्वारा विकसित विभिन्न नवीन प्रक्रियाओं और उत्पादों के लिए पांच पेटेंट प्रदान किए गए।

क्रमांक

पेटेंट की जानकारी

1

स्मेल्टर ग्रेड एल्युमिना तैयार करने की प्रक्रिया :

सं. 404896 29/08/2022 को प्राप्त 

आविष्कारक: एस बी राय, एम जे चड्ढा, एम टी निमजे, आर जे शर्मा, के जे कुलकर्णी और के आर राव (जेएनएआरडीडीसी)

 

2

अपशिष्ट या निम्न श्रेणी के एल्युमिनियम ड्रॉस से लो फेरिक ऐलम तैयार करने की प्रक्रिया

सं. 406384 12/09/2022 को प्राप्त

आविष्कारक: डॉ उपेंद्र सिंह, जे मुखोपाध्याय, (जेएनएआरडीडीसी) और बिनुता पात्रा और पी बंदोपाध्याय (नाल्को)

 

3

" खास हीट ट्रीटमेंट और सोडियम, फ्लोराइड और कार्बन वैल्यू की रिकवरी के द्वारा अकार्बनिक जहरीले साइनाइड को गैर विषैले वर्गों में परिवर्तित करके  एल्यूमीनियम उद्योगों के खतरनाक  फर्स्ट कट एसपीएल अपशिष्ट को सुरक्षित सामग्री में बदलने की प्रक्रिया"

21/09/2022 को सं. 407276 को प्राप्त

आविष्कारक: एम टी निमजे, मोहम्मद नज़र, अनुपम अग्निहोत्री, (जेएनएआरडीडीसी) और ए एस पी मिश्रा (वेदांता)

 

4

एल्युमिना हाइड्रेट से आयरन के चयनात्मक निक्षालन के लिए एक प्रक्रिया

28/09/2022 की संख्या 407793 को प्राप्त

आविष्कारक: डॉ मोहम्मद नज़र, एमटी निमजे, एस पी पुत्तेवार, अनुपम अग्निहोत्री (जेएनएआरडीडीसी) और सुब्रत कर, वी कृष्णा कुमारी, पी के बेहरा, (नालको)

 

5

एक लाइट वेट फोम्ड जियोपॉलिमर (एलडब्लूएफजीईओपी) और इसके लिए तैयारियां

12/10/2022 की संख्या 409005 को प्राप्त

आविष्कारक: डॉ. मोहम्मद नज़र, मुकेश चड्ढा, प्रवीन भुक्ते, नुमानुद्दीन आज़ाद, शमा वडसरिया, सुरेश पुत्तेवार, अनुपम अग्निहोत्री (जेएनएआरडीडीसी) और साकेत जैन (स्वर्णलता होल्डिंग्स)

 

 

शक्ति प्लास्टिक्स, मुंबई को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण

मल्टी-लेयर प्लास्टिक वेस्ट (एमएलपीडब्लू) के लिए जेएनएआरडीडीसी के द्वारा रासायनिक परिशोधन प्रक्रिया विकसित की गई थी, जो बेकार उत्पाद की बहुपरतों से गुणवत्तापूर्ण उत्पाद बनाने के लिए सामग्री की बेहतर शुद्धता को सक्षम बनाती है। जेएनएआरडीडीसी ने रीसाइक्लिंग के लिए देश भर के विभिन्न संग्रह केंद्रों से एकत्र किए गए विभिन्न प्रकार के एमएलपी को संसाधित करने के लिए विकसित रीसाइक्लिंग प्रक्रिया को मैसर्स शक्ति प्लास्टिक्स, मुंबई को स्थानांतरित कर दिया। इस प्रक्रिया के लिए 08.12.2019 को पेटेंट सं. 201921050658 दाखिल किया गया है। 

नई सुविधाओं/प्रयोगशालाओं का उद्घाटन

श्री विवेक भारद्वाज, आईएएस, भारत सरकार के सचिव, खान मंत्रालय ने 6 दिसंबर 2022 को जेएनएआरडीडीसी, नागपुर की समीक्षा की। श्री भारद्वाज ने तीन नई प्रयोगशाला सुविधाओं (क) कार्बन सल्फ्यूरानालाइज़र, प्रत्यक्ष पारा विश्लेषक और टीसीएलपी से लैस जियो-एनालिटिकल लैब (ख) एल्यूमीनियम और एल्यूमीनियम मिश्र धातुओं के विश्लेषण के लिए संदर्भ सामग्री और (ग) कोयला फ्लाई ऐश से एल्युमीनियम फ्लोराइड और सिलिका (एसआईओ2) की रिकवरी के लिए यूनिट का उद्घाटन किया।

पुरस्कार / मान्यता

  • अलौह धातुओं पर 26वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (आईसीएनएफएम-2022) में डॉ उपेंद्र सिंह विभागाध्यक्ष (विश्लेषणात्मक) को वैज्ञानिक उत्कृष्टता पुरस्कार; रैडिसन ब्लू, नागपुर में 8-9 जुलाई 2022 को
  • "प्रेपरेशन ऑफ पॉली-एल्यूमीनियम क्लोराइड; ए बेंच स्केल स्टडी " पर प्रस्तुत पोस्टर के लिए दूसरा पुरस्कार: आईसीएनएम-2022 में ज्योति पेंडम, सोनाली थवारानी, ​​मयूर तिरपुडे, डॉ. उपेंद्र सिंह और डॉ. ए. अग्निहोत्री
  • आईबीएएएस-2022 रायपुर में डॉ. प्रियंका नायर, डॉ. पूजा यादव, संदीप कोवे, ज्योति पेंडम, डॉ. उपेंद्र सिंह और डॉ. अनुपम अग्निहोत्री द्वारा “ सिंथेसिस ऑफ 3एन प्योर अल्फा-नैनो एल्यूमिना फ्रॉम एल्युमिनियम फॉयल” पेपर के लिए प्रथम पुरस्कार।

स्वच्छ भारत अभियान

जेएनएआरडीडीसी ने सभी प्रयोगशालाओं और कार्यालय परिसरों की सफाई के लिए विशेष अभियान चलाया। उपरोक्त कार्यक्रम के प्रति उत्साह को बढाने के उद्देश्य से अक्टूबर 2022 में स्वच्छता पखवाड़ा मनाया गया। मौजूदा वर्ष में जेएनएआरडीडीसी ने स्वच्छता कार्य योजना के तहत निम्नलिखित गतिविधियां शुरू की हैं (क) तकनीकी परिसर की कार्यालय सड़क की री-कार्पेटिंग (ख) बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण कार्यक्रम (ग) रिकॉर्ड रूम की फाइलों की समीक्षा और निपटान (घ) गेस्ट हाउस का नवीनीकरण और स्वच्छता सुविधाएं (च) अनुपयोगी सामान का निपटान

जेएनएआरडीडीसी की 800 मीटर सीमेंट सड़क का उद्घाटन सुश्री निरुपमा कोटरू, आईआरएस, संयुक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार, कोयला और खान मंत्रालय द्वारा जुलाई 2022 में किया गया था।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रॉक मैकेनिक्स (एनआईआरएम)

  1. समीक्षा की अवधि (2022) के दौरान विभिन्न भू-वैज्ञानिक परियोजनाओं (सिविल, खनन और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों) की आवश्यकताओं को पूरा करने वाली 16.6 करोड़ रुपये की 66 परियोजनाएं पूरी की गईं। उन्नत भूवैज्ञानिक, कार्य स्थल पर तनाव मापन, संख्यात्मक मॉडलिंग, उत्खनन डिजाइन, इंजीनियरिंग भूभौतिकीय जांच, सतह और भूमिगत से उन्नत भूकंपीय और सूक्ष्म भूकंपीय निगरानी, ​​​​भूकंपीय खतरे का अनुमान, और ढलानों की स्थिरता/भूमिगत खुदाई के जरिए वैज्ञानिक जांच और वैज्ञानिक पहलों ने परियोजनाओं में शुरू से अंत तक काफी मूल्यवर्धन किया।

एनआईआरएम विशिष्ट क्षेत्र:

· साइट विशेषता जांच - इंजीनियरिंग भूवैज्ञानिक, इंजीनियरिंग भूभौतिकीय, कार्य स्थल पर भू-तकनीकी  जांच, सिस्मोटेक्टोनिक अध्ययन

· डिजाइन और उत्खननसतह और भूमिगत खान डिजाइन, उत्खनन इंजीनियरिंग, नियंत्रित विस्फोट, संख्यात्मक मॉडलिंग, पहाड़ी ढलानों का डिजाइन

    • उन्नत निगरानीसूक्ष्म भूकंपीय निगरानी, ​​​​इंजीनियरिंग भूकंपीय जांच, ढलान की स्थिरता की निगरानी, ​​​​पारंपरिक उपकरण
    • परीक्षण सेवाएंएनडीटी तकनीक का उपयोग करते हुए चट्टान के नमूनों और तार से बनी रस्सियों का प्रयोगशाला परीक्षण और विभिन्न खनन सामानों का मूल स्थल पर परीक्षण
  1. जलविद्युत परियोजनाओं में चट्टानों के उत्खनन डिजाइन और संख्यात्मक मॉडलिंग जारी उत्खनन की योजना बनाने और निगरानी करने में अत्यधिक सहायक रही है। परियोजनाओं को बिना किसी रुकावट के उनके अपनी चरम दक्षता पर कार्य करने के लिए उद्योग समय समय पर उन्नत मॉडलिंग और इंस्ट्रूमेंटेशन की मांग करता है । कार्य स्थल पर तनाव के मापन, पारगम्यता और विरूपण के परीक्षणों के साथ एनआईआरएम ने उत्खनन और निर्माण के दौरान पूरे रॉकमास के व्यवहार के बारे में महत्वपूर्ण सुराग प्रदान किया है।
  2. एनआईआरएम सतह और भूमिगत खानों के लिए उन्नत भूकंपीय खतरे की जांच और सूक्ष्म भूकंपीय निगरानी कर रहा है। विभिन्न गतिविधियों की योजना बनाने और शामिल संरचनाओं की सुरक्षा के लिए जानकारियां महत्वपूर्ण हैं। जमीन के अंदर चट्टानों के भूकंपीय व्यवहार की समय-समय पर जानकारी बिना किसी रुकावट या लंबी अवधि तक काम बंद रखे बिना  खनन कार्यों को जारी रखने के लिए काफी उपयोगी साबित हुई है। हल प्रदान करने के अलावा, एनआईआरएम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों, संगोष्ठी, समकक्ष समीक्षा पत्रिकाओं और अन्य तकनीकी प्रकाशनों के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाले वैज्ञानिक कार्यों को प्रकाशित करने का भी प्रयास करता है।
  3. उद्योग प्रशिक्षण: एनआईआरएम ऑनसाइट प्रशिक्षण और वर्चुअल ऑनलाइन कार्यक्रमों के माध्यम से उद्योग के इंजीनियरों, वैज्ञानिक परियोजनाओं में सहयोगियों को भी प्रशिक्षित करता है। एनआईआरएम ने एकेएएम (भारतीय स्वतंत्रता के 75 वर्ष) तकनीकी साप्ताहिक व्याख्यानों के माध्यम से उद्योग के विशेषज्ञों और संगठन के वैज्ञानिकों की भागीदारी के साथ उन्नत व्याख्यान श्रृंखला का सफलतापूर्वक आयोजन किया । एनआईआरएम ने फरवरी 2022 में खान मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित एक कार्यक्रम के तहत भूकंपीय निगरानी से जुड़े कौशल के लिए आवश्यक बुनियादी जागरूकता और कार्यप्रणालियों पर भी प्रशिक्षण प्रदान किया।
  4. उद्योग-अकादमिक सहभागिता: एनआईआरएम वैज्ञानिक अपनी विशेषज्ञता के उन्नत क्षेत्रों में पीएचडी जैसे उच्च कौशल और डिग्री हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। इस तरह के कार्य उद्योग-अकादमिक के बीच मजबूत संबंध सुनिश्चित करते हैं और युवा इंजीनियरों, विज्ञान स्नातकों को संगठन के वैज्ञानिकों के साथ बातचीत करने का अवसर प्रदान करते हैं। यह ज्ञान, कौशल के उन्नयन के साथ उच्च गुणवत्ता वाले वैज्ञानिक समाधान के दो तरह के अवसर प्रदान करता है।

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