पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन सस्टेनेबल कोस्टल मैनेजमेंट इन इंडिया का आयोजन किया
Posted On:
10 SEP 2022 11:51AM by PIB Delhi
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने आज भुवनेश्वर में पहली नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन सस्टेनेबल कोस्टल मैनेजमेंट इन इंडिया का शुभारम्भ किया।
इस सम्मेलन को ग्रीन क्लाइमेट फंड समर्थित परियोजना- इनहैंसिंग क्लाइमेट रिसाइलेंस ऑफ इंडियाज कोस्टल कम्युनिटीज द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
सम्मेलन का उद्देश्य तीन संबंधित विषयों तटीय और समुद्री जैव विविधता, जलवायु न्यूनीकरण एवं अनुकूलन और तटीय प्रदूषण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भारत के सभी 13 समुद्र तटीय राज्यों के अधिकारियों को एक मंच पर लाना है।
इस पहल का उद्देश्य हितधारकों का एक सक्रिय नेटवर्क तैयार करना है, जो न सिर्फ विभिन्न विषयों पर एक-दूसरे के साथ संवाद जारी रखेंगे बल्कि तटीय शासन, प्रौद्योगिकियों और नवाचार के साथ-साथ घरेलू और अंतरराष्ट्रीय वित्त जैसे समानांतर विषयों पर भी जुड़े रहेंगे।
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने कहा, “भारतीय तटरेखा का देश के लिए खासा सामरिक, आर्थिक और सामाजिक महत्व है। 7,500 किलोमीटर लंबाई वाली यह दुनिया में सातवीं सबसे लंबी तट रेखा है और यहां पर देश की 20 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है। चार में तीन मेट्रोपोलिटन शहर इसके तट पर स्थित हैं। हमारे तटीय क्षेत्रों में पारिस्थितिकी तंत्र की एक बड़ी विविधता है जो पौधों और जानवरों की 17,000 से अधिक प्रजातियों का समर्थन करती है। जलवायु परिवर्तन के साथ, हमें तटीय क्षेत्रों में रहने वाले समुदायों में लचीलेपन को विकसित करने की आवश्यकता है।”
उन्होंने कहा, “यह सम्मेलन एक अहम दौर में हो रहा है, क्योंकि भारत ने अपने संशोधित एनडीसी जमा कर दिए हैं और इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए बहु क्षेत्रीय भागीदारी विकसित करने की मांग की है।”
इस अवसर पर अपने संबोधन में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा, “ऐसे सम्मेलन हमारे देश के तटीय क्षेत्रों में लचीलापन और स्थायित्व लाने के लिए संवाद शुरू करने के लिए खासे अहम हैं। माननीय प्रधानमंत्री की लाइफ मुहिम में भी यही संकल्पना की गई है।”
सतत तटीय प्रबंधन को मौजूदा वक्त की आवश्यकता के रूप में पहचाना जाता है। डाटा आधारित नीतियां और प्रबंधन ढांचे, भागीदारी संरक्षण मॉडल और हितधारकों के बीच एक साथ लाना प्रभावी तटीय प्रबंधन के प्रमुख स्तंभ हैं।
ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तमिल नाडु राज्यों में यूएनडीपी के साथ भागीदारी में इनहैंसिंग क्लाइमेट रिसाइलेंस ऑफ कोस्टल कम्युनिटीज पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। ग्रीन क्लाइमेट फंड (जीसीएफ) द्वारा समर्थित पहल से तटीय प्रबंधन और नियोजन में अनुकूल के लिए इकोसिस्टम और समुदाय आधारित रणनीतियों को एकीकृत किया जा रहा है।
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