नागरिक उड्डयन मंत्रालय
नागर विमानन मंत्रालय की उड़ान योजना की सफलता के 5 वर्ष पूरे
योजना की शुरुआत के बाद से एक करोड़ से अधिक यात्रियों ने उड़ान भरी
योजना के तहत 425 नए रूट शुरू
58 हवाई अड्डों, 8 हेलीपोर्ट और 2 वाटर एरोड्रोम को जोड़ा गया
इस योजना के तहत 2026 तक 1000 मार्गों और 220 हवाई अड्डों को सुगम बनाने की योजना
Posted On:
17 AUG 2022 3:22PM by PIB Delhi
नागर विमानन मंत्रालय के प्रमुख कार्यक्रम क्षेत्रीय संपर्क योजना उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) ने अपनी सफलता के 5 वर्ष पूरे कर लिये हैं। 27 अप्रैल, 2017 को प्रधानमंत्री ने इसकी पहली उड़ान शुरू की थी। योजना की शुरुआत टियर II और टियर III शहरों में उन्नत विमानन संरचना और एयर कनेक्टिविटी के साथ “उड़े देश का आम नागरिक” की परिकल्पना के बाद आम नागरिकों की आकांक्षाओं को पूरा करने के उद्देश्य से 21 अक्टूबर, 2016 को हुई थी।
पिछले पांच वर्षों में उड़ान ने देश में क्षेत्रीय हवाई-संपर्क में उल्लेखनीय वृद्धि की है। 2014 में चालू हवाई अड्डों की संख्या 74 थी। उड़ान योजना के कारण यह संख्या अब तक बढ़कर 141 हो गई है।
उड़ान योजना के अंतर्गत 58 हवाई अड्डे, 8 हेलीपोर्ट और 2 वाटर एरोड्रोम सहित 68 अपर्याप्त सुविधाओं वाले गंतव्यों को जोड़ा गया है। योजना के तहत शुरू किए गए 425 नए मार्गों के साथ उड़ान ने देश भर में 29 से अधिक राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को हवाई संपर्क प्रदान किया है। 4 अगस्त 2022 तक एक करोड़ से अधिक यात्रियों ने इस योजना का लाभ उठाया है। इस योजना ने क्षेत्रीय कैरियरों को अपना परिचालन बढ़ाने के लिए बेहद आवश्यक मंच प्रदान किया है।
उड़ान के तहत 220 गंतव्यों (हवाई अड्डे/हेलीपोर्ट/वाटर एरोड्रोम) को 2026 तक 1000 मार्गों के साथ पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है ताकि देश के बिना संपर्क वाले गंतव्यों को हवाई संपर्क प्रदान किया जा सके। उड़ान के अंतर्गत 156 हवाई अड्डों को जोड़ने के लिए 954 मार्ग पहले ही दिए जा चुके हैं।
इस अवसर पर नागर विमानन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा, ''आरसीएस उड़ान की सफलता प्रधानमंत्री की 'उड़े देश का आम नागरिक' की परिकल्पना के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसने भारतीय विमानन उद्योग के परिवर्तन में एक बड़ी भूमिका निभाई है। इस योजना के तहत अब तक हमारे पास 425 मार्ग हैं, जिन्हें 1000 तक पहुंचाने का लक्ष्य है। 68 नए हवाई अड्डों को 100 हवाई अड्डों के लक्ष्य तक पहुंचाना है। अगले 4 वर्षों में हम भारत में नागर विमानन के माध्यम से 40 करोड़ यात्रियों की उम्मीद कर रहे हैं। वह दिन दूर नहीं जब रेल परिवहन और सड़क परिवहन के साथ-साथ नागर विमानन भारत में परिवहन का आधार बन जाएगा।
आरसीएस-उड़ान को राष्ट्रीय नागर विमानन नीति (एनसीएपी)-2016 की समीक्षा के आधार पर तैयार किया गया था और इसे 10 वर्षों की अवधि के लिए लागू रखने की योजना थी। इसमें क्षेत्रीय कनेक्टिविटी फंड (आरसीएफ) के विकास के साथ एक स्व-वित्तपोषित तंत्र है। इस योजना के तहत, आरसीएफ बनाया गया था, जो कुछ घरेलू उड़ानों पर लेवी के माध्यम से योजना की वीजीएफ आवश्यकताओं को पूरा करता है। इस तरह, क्षेत्र से उत्पन्न धन स्वयं क्षेत्र के विकास और विकास को प्रोत्साहित करता है।
उड़ान योजना ने विभिन्न हितधारकों को लाभान्वित किया है। यात्रियों को हवाई संपर्क का लाभ मिला है, एयरलाइनों को क्षेत्रीय मार्गों में परिचालन के लिए रियायतें मिली हैं, अपर्याप्त सेवा वाले क्षेत्रों को उनके आर्थिक विकास के लिए हवाई संपर्क का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ मिला है।
उड़ान ने आवश्यकता के आधार पर एक रूपरेखा तैयार की और इसे तैयार कियाः
- लाइफलाइन उड़ान (महामारी के दौरान मेडिकल कार्गो पहुंचाने के लिए)।
- कृषि उड़ान (विशेष रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र {एनईआर} और जनजातीय जिलों में कृषि उत्पादों की मूल्य प्राप्ति)।
- एनईआर के लिए अंतर्राष्ट्रीय उड़ान मार्ग गुवाहाटी और इंफाल से/के लिए अंतर्राष्ट्रीय कनेक्टिविटी का पता लगाने के लिए।
लाइफलाइन उड़ान - लाइफलाइन उड़ान पहल मार्च 2020 में कोविडज-19 अवधि के दौरान शुरू हुई थी और इसने देश के विभिन्न हिस्सों में लगभग 1000 टन भारी माल और आवश्यक चिकित्सा सेवाओं के परिवहन के लिए 588 उड़ानों को संचालित करने में मदद की।
आरसीएस-उड़ान को वर्ष 2020 के लिए नवाचार श्रेणी के तहत लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 26 जनवरी, 2022 को उड़ान पर गणतंत्र दिवस की झांकी को रक्षा मंत्रालय द्वारा सर्वश्रेष्ठ झांकी के रूप में चुना गया था।
(उड़ान के तहत परिचालित आरसीएस मार्गों और हवाई अड्डों का राज्यवार विवरण अनुबंध-ए में दिया गया है)
अनुबंध-ए
उड़ान के तहत परिचालित आरसीएस मार्गों और हवाई अड्डों का राज्यवार विवरण
क्रम संख्या
|
राज्य
|
आरसीएस
मार्ग
|
आरसीएस हवाई अड्डे
|
-
|
अंडमान और निकोबार द्वीप
(केंद्रशासित देश)
|
लागू नहीं
|
लागू नहीं
|
लागू नहीं
|
-
|
आंध्र प्रदेश
|
26
|
02
|
कडप्पा, कुरनूल
|
-
|
अरुणाचल प्रदेश
|
04
|
02
|
तेजु, पासीघाट
|
-
|
असम
|
30
|
04
|
जोरहाट,लीलाबाड़ी, तेजपुर, रुपसी
|
-
|
बिहार
|
11
|
01
|
दरभंगा
|
-
|
चंडीगढ़
|
06
|
लागू नहीं
|
लागू नहीं
|
-
|
छत्तीसगढ़
|
12
|
02
|
बिलासपुर्, जगदलपुर
|
-
|
दमन और दीव
(केंद्रशासित प्रदेश)
|
02
|
01
|
दीव
|
-
|
दिल्ली(केंद्र शासित प्रदेश)
|
35
|
लागू नहीं
|
लागू नहीं
|
-
|
गोवा
|
06
|
लागू नहीं
|
लागू नहीं
|
-
|
गुजरात
|
53
|
08
|
भावनगर, जामनगर, कांडला, केशोड, मुंद्रा, पोरबंदर, स्टेच्यू ऑफ यूनिटी (डब्ल्यूए),साबरमती नदी फ्रंट (डब्ल्यूए)
|
-
|
हरियाणा
|
06
|
01
|
हिसार
|
-
|
हिमाचल प्रदेश
|
20
|
04
|
शिमला, कुल्लू, मंडी (एच),रामपुर (एच)
|
-
|
जम्मू और कश्मीर
|
04
|
लागू नहीं
|
लागू नहीं
|
-
|
झारखंड
|
01
|
01
|
देवघर
|
-
|
कर्नाटक
|
90
|
06
|
बेलगाम, हुबली, मैसूर, विद्यानगर, कलबुर्गी, बीदर
|
-
|
केरल
|
18
|
01
|
कन्नूर
|
-
|
लद्दाख (केंद्रशासित प्रदेश)
|
लागू नहीं
|
लागू नहीं
|
लागू नहीं
|
-
|
लक्षद्वीप (केंद्रशासित प्रदेश)
(केंद्रशासित प्रदेश)
|
लागू नहीं
|
लागू नहीं
|
लागू नहीं
|
-
|
मध्य प्रदेश
|
29
|
01
|
ग्वालियर
|
-
|
महाराष्ट्र
|
65
|
06
|
गोंडिया,जलगांव, कोल्हापुर,,नांदेड, नासिक, सिंधुदुर्ग
|
-
|
मणिपुर
|
06
|
लागू नहीं
|
लागू नहीं
|
-
|
मेघालय
|
14
|
01
|
शिलांग
|
-
|
मिजोरम
|
02
|
लागू नहीं
|
लागू नहीं
|
-
|
नागालैंड
|
08
|
01
|
दीमापुर
|
-
|
ओडिशा
|
18
|
01
|
जारसुगुडा
|
-
|
पुद्दुचेरी(केंद्रशासित प्रदेश)
|
02
|
01
|
पुद्देचेरी
|
-
|
पंजाब
|
20
|
04
|
आदमपुर, लुधियाना, भटिंडा, पठानकोट
|
-
|
राजस्थान
|
38
|
03
|
बीकानेर, जेसलमेर, किशनगढ़
|
-
|
सिक्किम
|
06
|
01
|
पाकयोंग
|
-
|
तमिलनाडु
|
14
|
01
|
सेलम
|
-
|
तेलंगाना
|
40
|
लागू नहीं
|
लागू नहीं
|
-
|
त्रिपुरा
|
06
|
लागू नहीं
|
लागू नहीं
|
-
|
उत्तर प्रदेश
|
63
|
06
|
आगरा, कानपुर, हिंडन, बरेली,, कुशीनगर,प्रयागराज
|
-
|
उत्तराखंड
|
24
|
08
|
पंतनगर, पिथौरागढ़, सहस्रधारा (एच), चिन्यालीसौड़ (एच), न्यू टिहरी (एच), गौचर (एच), श्रीनगर (एच),हल्द्वानी (एच)
|
-
|
पश्चिम बंगाल
|
24
|
01
|
दुर्गापुर
|
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एमजी/एएम/केपी/एचबी
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