इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

श्री राजीव चंद्रशेखर ने भारत के स्टार्टअप्स, यूनिकॉर्न के प्रमुखों के साथ ब्रिटेन के प्रधानमंत्री श्री बोरिस जॉनसन से मुलाकात की


डिजिटल इंडिया की उपलब्धियों पर चर्चा की और नवाचार तथा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भविष्य में सहयोग की इच्छा जताई

यूके-आईजीएफ में श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, "डेटा सुरक्षा और सुरक्षित इंटरनेट के भविष्य को साकार करने के लिए साझेदार देशों के साथ मिलकर काम करने की जरूरत है।"

प्रविष्टि तिथि: 02 JUL 2022 4:11PM by PIB Delhi

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को भारतीय स्टार्टअप, यूनिकॉर्न और इनोवेटर्स के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ ब्रिटेन के प्रधानमंत्री श्री बोरिस जॉनसन से मुलाकात की। दोनों ने नवाचार और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भारत और ब्रिटेन के बीच भविष्य के सहयोग और साझेदारी के बारे में चर्चा की। श्री चंद्रशेखर ने इस संबंध में ब्रिटिश सांसद श्री पॉल स्कली से भी मुलाकात की।

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001B1LS.jpg

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image002VST7.jpg

 

 

बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए, श्री चंद्रशेखर ने कहा कि भारत और ब्रिटेन दोनों ही नवाचार अर्थव्यवस्था का जोरदार तरीके से विस्तार करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “हम डिजिटल अर्थव्यवस्था को कुल अर्थव्यवस्था का 25 प्रतिशत बनाना चाहते हैं। ब्रिटेन सरकार भी इस क्षेत्र का विस्तार करना चाहती है।

श्री चंद्रशेखर ने इंडिया ग्लोबल फोरम में ब्रिटेन की गृह सचिव सुश्री प्रीति पटेल, ब्रिटेन सरकार अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मामलों की राज्य सचिव और व्यापार बोर्ड की अध्यक्ष सुश्री ऐनी-मैरी ट्रेवेलियन और ब्रिटेन के प्रौद्योगिकी एवं डिजिटल इकोनॉमी मंत्री श्री क्रिस फिलिप के साथ मंत्रिस्तरीय गोलमेज बैठक भी की।

प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की प्रगति के बारे में चर्चा करते हुए श्री चंद्रशेखर ने कहा कि 1990 के दशक के दौरान भारत अपनी सभी तकनीकी जरूरतों पर निर्भर था और अपने द्वारा उत्पादित हर चीज के लिए सभी पुर्जों और और उपकरणों का आयात करता था, जबकि आज परिदृश्य पूरी तरह से अलग है।यह अब 5जी गियर डिजाइन कर रहा है और उन उपकरणों का निर्माण कर रहा है जो 5जी उत्पाद बनाने में इस्तेमाल किए जाते हैं। यह सब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया विजन के तहत हासिल किया गया है।"

श्री चंद्रशेखर ने यूके-इंटरनेशनल ग्लोबल फोरम (आईजीएफ), में डिजिटल के भविष्य पर एक सत्र में भी भाग लिया जहां उन्होंने तेजी से डिजिटलीकरण और उपयोगकर्ता के नुकसान के खिलाफ नागरिकों की डिजिटल सुरक्षा की आवश्यकता पर अपने विचार रखे। साइबरस्पेस एक सीमाहीन डोमेन होने के नाते, उन्होंने उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षा और विश्वास सुनिश्चित करने को लेकर, विशेष रूप से समान विचारधारा वाले लोकतंत्रों के बीच सहयोग का आह्वान किया।

श्री चंद्रशेखर ने जोर देकर कहा, “डेटा अर्थव्यवस्था ने जागरूकता पैदा की है कि उपयोगकर्ता नागरिकों की सुरक्षा के लिए कुछ करने की आवश्यकता है। हमें नीति निर्माताओं के रूप में डेटा को उपयोगकर्ता की सुरक्षा की दृष्टि से देखना होगा। इंटरनेट और बड़े तकनीकी प्रभाव के विकास में, हम एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं। सुरक्षा और विश्वास सर्वोपरि होगा और भारत अकेले ऐसा नहीं कर सकता, हमें सुरक्षित इंटरनेट के भविष्य को आकार देने के लिए भागीदार देशों के साथ काम करने की जरूरत है।

इससे पहले दिन में, श्री चंद्रशेखर ने 12वीं शताब्दी के कन्नड़ दार्शनिक और समाज सुधारक, बसवेश्वर, (जिन्हें श्रद्धापूर्वक बसवा के रूप में याद किया जाता है) की मूर्ति पर श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने लिंग, जाति या वर्ग के आधार पर भेदभाव के खिलाफ संघर्ष किया। लोकतंत्र और अहिंसा के उनके विचारों ने पीढ़ियों को प्रेरित किया है। यह मूर्ति ब्रिटिश संसद के पास टेम्स के तट पर स्थापित की गई है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2015 में इसका अनावरण किया गया था।

*****

एमजी/ एएम/ एसकेएस/ डीए


(रिलीज़ आईडी: 1838882) आगंतुक पटल : 314
इस विज्ञप्ति को इन भाषाओं में पढ़ें: English , Urdu , Marathi , Manipuri , Tamil , Kannada