प्रधानमंत्री कार्यालय
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प्रधानमंत्री 16 और 17 जून को धर्मशाला में मुख्य सचिवों के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे


यह सम्मेलन केंद्र और राज्य सरकारों के बीच साझेदारी को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा

तीन विषयों: एनईपी का कार्यान्वयन, शहरी शासन और फसल विविधीकरण तथा कृषि-वस्तुओं में आत्मनिर्भरता पर विस्तृत विचार-विमर्श किया जाएगा

प्रत्येक विषय के तहत राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों से सर्वोत्तम तौर-तरीकों की प्रस्तुति की जाएगी

‘आजादी का अमृत महोत्सव: रोडमैप टू 2047' पर विशेष सत्र

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, योजनाओं का अधिकतम कवरेज प्राप्त करना और अंतिम व्यक्ति तक वितरण सुनिश्चित करना, पीएम गति शक्ति के माध्यम से भारत के बुनियादी ढांचे को बदलना, और क्षमता निर्माण पर चार अतिरिक्त विषयगत सत्र आयोजित किए जाएंगे

आकांक्षी जिला कार्यक्रम पर भी सत्र आयोजित किए जाएंगे

कार्य योजना को अंतिम रूप देने के लिए नीति आयोग की संचालन परिषद की बैठक में सम्मेलन के परिणाम पर विचार-विमर्श किया जाएगा

Posted On: 14 JUN 2022 8:56AM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 16 और 17 जून, 2022 को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला के एचपीसीए स्टेडियम में मुख्य सचिवों के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। यह केंद्र और राज्य सरकारों के बीच साझेदारी को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

मुख्य सचिवों का राष्ट्रीय सम्मेलन 15 से 17 जून, 2022 तक आयोजित किया जाएगा। सम्मेलन में केंद्र सरकार, सभी राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों और विषयगत क्षेत्र के विशेषज्ञों का प्रतिनिधित्व करने वाले 200 से अधिक लोग भाग लेंगे। तीन दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन में राज्यों के साथ साझेदारी में तीव्र और निरंतर आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। टीम इंडिया के रूप में काम करते हुए, सम्मेलन कृषि में स्थिरता, नौकरियों के सृजन, शिक्षा, जीवन में आसानी और आत्मनिर्भरता के साथ उच्च विकास के लिए सहयोग आधारित कार्य के लिए आधार तैयार करेगा। सम्मेलन में आम विकास एजेंडे की प्रगति और कार्यान्वयन पर जोर दिया जाएगा और लोगों की आकांक्षाओं को प्राप्त करने के लिए एकजुट कार्रवाई का खाका तैयार किया जाएगा।

इस सम्मेलन की अवधारणा और एजेंडा छह महीने में 100 से अधिक दौर के विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है। सम्मेलन में विस्तृत विचार-विमर्श के लिए तीन विषयों: (i) राष्ट्रीय शिक्षा नीति का कार्यान्वयन; (ii) शहरी शासन; और (iii) फसल विविधीकरण तथा तिलहन, दलहन एवं अन्य कृषि-वस्तुओं में आत्मनिर्भरता की पहचान की गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूल और उच्च शिक्षा दोनों पर विचार किया जाएगा। सम्मेलन में प्रत्येक विषय के तहत राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के सर्वोत्तम तौर-तरीकों को परस्पर सीखने के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।

आकांक्षी जिला कार्यक्रम पर एक सत्र होगा जो अब तक की उपलब्धियों पर विचार करेगा, जिसमें विशिष्ट जिलों में युवा कलेक्टरों द्वारा प्रस्तुत डेटा आधारित शासन सहित सफल केस स्टडीज शामिल हैं।

'आजादी का अमृत महोत्सव: 2047 का रोडमैप' पर एक विशेष सत्र और कारोबारी सुगमता के लिए अनुपालन बोझ को कम करने और छोटे अपराधों के गैर-अपराधीकरण, योजनाओं के अधिकतम कवरेज और अंतिम व्यक्ति तक वितरण सुनिश्चित करने के लिए केंद्र - राज्य समन्वय, पीएम गति शक्ति के माध्यम से भारत के बुनियादी ढांचे का बदलाव, और क्षमता निर्माण: आईजीओटी का कार्यान्वयन - मिशन कर्मयोगी पर चार अतिरिक्त विषयगत सत्र आयोजित किए जाएंगे।

बाद में सम्मेलन के परिणामों पर नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में विचार-विमर्श किया जाएगा, जिसमें सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री और प्रशासक मौजूद रहेंगे, ताकि उच्चतम स्तर पर व्यापक सहमति के साथ एक कार्य योजना को अंतिम रूप दिया जा सके।

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