वित्‍त मंत्रालय

प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) की प्रीमियम दरों में पहली बार संशोधन 1 जून 2022 से लागू


7 वर्ष पहले 2015 में दोनों योजनाओं के शुभारंभ के बाद से प्रीमियम दरों में पहला संशोधन

Posted On: 31 MAY 2022 4:58PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) के लंबे समय से चले आ रहे प्रतिकूल दावों के अनुभव को देखते हुए और उन्हें आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाने के लिए, योजनाओं की प्रीमियम दरें निर्धारित की गई हैं। पीएमजेजेबीवाई का प्रीमियम सालाना 330 रुपये से बढ़ाकर अब 436 रुपये कर दिया गया है। संशोधित प्रीमियम को 1.25 रुपये प्रति दिन के हिसाब तय किया गया है। वहीं, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) का प्रीमियम बढ़ाकर 20 रुपये कर दिया गया है, जो अब तक केवल 12 रुपये सालाना था।

पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई के तहत नामांकित सक्रिय ग्राहकों की संख्या क्रमशः 6.4 करोड़ और 22 करोड़ है। पीएमएसबीवाई के शुभारंभ के बाद से, कार्यान्वयन बीमाकर्ताओं द्वारा 1,134 करोड़ रुपये की राशि प्रीमियम एकत्र की गई है और 31.3.2022 तक पीएमएसबीवाई के तहत 2,513 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। इसके अलावा, कार्यान्वयन बीमाकर्ताओं द्वारा प्रीमियम और रुपये के दावों के लिए 9,737 करोड़ रुपये एकत्र किए गए हैं और 31.03.2022 तक पीएमजेजेबीवाई के तहत 14,144 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। दोनों योजनाओं के तहत दावे की धनराशि को डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों के बैंक खाते में जमा करा दिया गया है।

कोविड के दौरान इन योजनाओं के माध्यम से लाभों के प्रसारण की करीबी से निगरानी की गई और प्रक्रियाओं को सरल बनाने और दावों में तेजी लाने के लिए कई उपाय किए गए, जिसमें बैंकों की पहुंच से जुड़े कार्यक्रम और संदेश शामिल हैं, जिनके माध्यम से कोविड के दौरान मरने वाले लोगों के लाभार्थियों तक पहुंचने की प्रक्रिया के तहत दावा प्रपत्र, मृत्यु के प्रमाण और अन्य साधनों को सरल बनाया गया हैं।

गौरतलब है कि 2015 में योजनाओं के शुभारंभ के समय दावों के अनुभव के आधार पर मूल अनुमोदन में प्रीमियम राशि की वार्षिक समीक्षा करते हुए (प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के लिए 12 रुपये और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के लिए 330 रुपये) निर्धारित की गई थी। हालांकि, बीमाकर्ताओं को बार-बार होने वाले नुकसान के बावजूद, योजनाओं की शुरुआत के बाद से पिछले सात वर्षों में प्रीमियम दरों में कोई संशोधन नहीं किया गया।

योजनाओं के दावों के अनुभव की जांच करने पर, आईआरडीएआई ने बताया कि 31 मार्च, 2022 तक की अवधि के लिए पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई से संबंधित दावों का अनुपात (अर्जित प्रीमियम पर भुगतान किए गए दावों की राशि का प्रतिशत) क्रमशः 145.24 प्रतिशत और 221.61 प्रतिशत है। 31 मार्च, 2022 तक की अवधि के लिए पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई से संबंधित संयुक्त अनुपात (दावा अनुपात और व्यय अनुपात का योग) क्रमशः 163.98 प्रतिशत और 254.71 प्रतिशत है।

पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई योजनाओं के प्रतिकूल दावों के अनुभव को ध्यान में रखते हुए और उन्हें लागू करने वाले बीमाकर्ताओं के लिए व्यवहार्य बनाने के लिए पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई की प्रीमियम दरों को 1.6.2022 से संशोधित किया गया है। यह अन्य निजी बीमा कंपनियों को भी योजनाओं को लागू करने के लिए बोर्ड में आने के लिए प्रोत्साहित करेगा, जिससे पात्र लक्षित आबादी के बीच योजनाओं की संतृप्ति में वृद्धि होगी, विशेष रूप से भारत में न्यून सेवा अथवा लाभ से वंचित आबादी वाले क्षेत्र हैं।

भारत को पूरी तरह से बीमाकृत समाज बनाने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए, अगले पांच वर्षों में पीएमजेजेबीवाई के तहत कवरेज को 6.4 करोड़ से बढ़ाकर 15 करोड़ और पीएमएसबीवाई के तहत 22 करोड़ से 37 करोड़ करने का लक्ष्य रखा गया है। यह लक्ष्य हमें सामाजिक सुरक्षा के लिए इन दो प्रमुख योजनाओं के माध्यम से पात्र आबादी को शामिल करने के करीब ले जाएगा।

***

एमजी/एमए/एसएस/डीसी



(Release ID: 1831107) Visitor Counter : 312