सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्रालय

उत्पादन और प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए केंद्रीय क्षेत्र की योजना "पूर्वोत्तर क्षेत्र और सिक्किम में एमएसएमई को प्रोत्साहन" के लिए नए दिशा-निर्देश

Posted On: 02 JUN 2022 4:08PM by PIB Delhi

केंद्र सरकार ने केंद्रीय क्षेत्र की योजना "पूर्वोत्तर क्षेत्र और सिक्किम में एमएसएमई को प्रोत्साहन" के लिए नए दिशा-निर्देशों को मंजूरी दी है। यह योजना 15वें वित्त आयोग की अवधि (2021-22 से 2025-26) के दौरान लागू की जाएगी। इस योजना की परिकल्पना पूर्वोत्तर क्षेत्र और सिक्किम में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए उत्पादन और प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के साथ-साथ इनके क्षमता निर्माण को ध्यान में रखते हुए वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए की गई है। योजना में निम्नलिखित घटक हैं;

1. नए मिनी प्रौद्योगिकी केंद्रों की स्थापना और मौजूदा केन्द्रों का आधुनिकीकरण:

इस योजना में नए मिनी प्रौद्योगिकी केंद्रों की स्थापना और मौजूदा केन्द्रों के आधुनिकीकरण के लिए राज्य सरकारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की परिकल्पना की गई है। एनईआर और सिक्किम में उपलब्ध फलों, मसालों, कृषि, वानिकी, रेशम उत्पादन तथा बांस आदि प्राकृतिक संसाधनों के लिए विनिर्माण, परीक्षण, पैकेजिंग, आर एंड डी, उत्पाद और प्रक्रिया नवाचारों एवं प्रशिक्षण को समर्थन देने वाली सामान्य सुविधाओं के निर्माण से जुड़ी परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। केंद्र सरकार की वित्तीय सहायता 90% होगी। परियोजनाओं के लिए अधिकतम सहायता राशि 13.50 करोड़ रुपये तक सीमित होगी, लेकिन 15.00 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली परियोजनाओं पर भी विचार किया जाएगा।

2. नए और मौजूदा औद्योगिक संपदाओं का विकास:

केन्द्र सरकार द्वारा नए एवं मौजूदा औद्योगिक सम्पदाओं, फ्लैट युक्त फैक्ट्री परिसरों के विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जायेगी। सरकार की वित्तीय सहायता 90% होगी। नई औद्योगिक संपदा के विकास के सन्दर्भ में वित्तीय सहायता की गणना के लिए अधिकतम परियोजना लागत 15.00 करोड़ रुपये होगी, जबकि मौजूदा औद्योगिक संपदा के विकास के लिए वित्तीय सहायता 10.00 करोड़ रुपये होगी। 10.00/15.00 करोड़ रुपये से अधिक की कुल परियोजना लागत वाली परियोजनाओं पर भी विचार किया जाएगा, लेकिन अधिकतम सहायता परियोजना के अनुरूप 9.00/13.50 करोड़ रुपये तक सीमित होगी।

3. पर्यटन क्षेत्र का विकास:

योजना के तहत होम स्टे के एक समूह में रसोई, बेकरी, लॉन्ड्री और ड्राई क्लीनिंग, रेफ्रिजरेशन और कोल्ड स्टोरेज, आईटी इन्फ्रा, पीने योग्य पानी, स्थानीय उत्पादों के लिए डिस्प्ले सेंटर, सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए केंद्र आदि सामान्य सेवाओं के निर्माण से जुड़ी परियोजनाओं पर विचार किया जा सकता है। स्थानीय एमएसई के साथ परियोजनाओं को जुड़ा होना चाहिए। केंद्र सरकार की वित्तीय सहायता 90% होगी और परियोजनाओं के लिए अधिकतम सहायता राशि 4.50 करोड़ रुपये तक सीमित होगी।

योजना के नए दिशा-निर्देश कार्यालय की वेबसाइट www.dcmsme.gov.in पर उपलब्ध हैं।

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