नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय
श्री भगवंत खुबा ने जर्मनी की यात्रा के तीसरे दिन कई सोलर पीवी स्थलों का दौरा किया
"विदेशी ज़मीन पर भारतीयों के साथ बातचीत करना विशेषाधिकार और बहुत खुशी की बात है" : श्री खुबा
मंत्री ने अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) के साथ मिलकर चर्चा की, कि कैसे माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत विकास कर रहा है और कैसे एनआरआई भारत के विकास में योगदान दे सकते हैं
श्री खुबा ने अपने तीन दिन के दौरे में कुछ द्विपक्षीय और गोलमेज बैठकों में हिस्सा लिया और उन्हें आशा है कि निकट भविष्य में तकनीक हस्तांतरण और निवेश की घोषणाएं हो सकती हैं।
Posted On:
14 MAY 2022 12:49PM by PIB Delhi
केंद्रीय नवीन एवम् नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्री भगवंत खुबा ने इंटरसोलर यूरोप 2022 के लिए अपने तीन दिन के म्यूनिख, जर्मनी दौरे के आखिरी दिन कई सोलर पीवी स्थलों का दौरा का दौरा किया।
श्री भगवंत खुबा ने आज पहले म्यूनिख के पास अलथेजेंबेर में इंटरस्पेस फार्मिंग एग्री-पीवी स्थल का दौरा किया। एग्री-पीवी अवधारणा के तहत भूमि पर कृषि के साथ-साथ सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है। ऊंचे उठे हुए सोलर पैनलों का ढांचा भारत की ऊष्ण कटिबंधीय जलवायु में फसलों के लिए जरूरी छांव उपलब्ध करवाएंगे। एग्रो पीवी के तहत दोतरफा सीधे खड़े पैनलों का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
मंत्री ने महसूस किया कि यह अवधारणा आने वाले सालों में भारत में खाद्य सुरक्षा और ऊर्जा सुरक्षा, दोनों की पूर्ति करने में सक्षम है, इसलिए ऐसी परियोजनाओं को भारत में शुरु किया जाना चाहिए। एमएनआरई के सचिव श्री इंदु शेखर चतुर्वेदी भी वहां मौजूद थे। श्री खुबा ने कई सोलर पीवी स्थलों का दौरा किया, जहां अलग-अलग तकनीकों/तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा था। ऐसे ही एक स्थल पर मिट्टी में बिना सीमेंट लगाए सीधे ही पीवी ढांचे को खड़ा करने के लिए मिट्टी के पेंचों की तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा था, इसके तहत एक बड़ा पेंच मिट्टी में गड़ाया जाता है, ताकि पीवी को मजबूत आधार मिल सके। इस तकनीक में सीमेंट का इस्तेमाल कम होता है और मिट्टी के किसी भी तरह के निम्नीकरण से बचाव प्राप्त होता है। उन्होने उम्मीद करते हुए कहा कि भारत का नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र भी ऐसी ही नवाचार युक्त तकनीकों को अपनाएगा।
श्री भगवंत खुबा का म्यूनिख में मौजूद भारतीय मूल के लोगों ने दिल से स्वागत और सम्मान किया। उन्होंने कहा कि विदेशी ज़मीन पर भारतीयों के साथ बातचीत करना विशेषाधिकार और बहुत खुशी की बात है। मंत्री ने वहां मौजूद भारतीयों के साथ मिलकर चर्चा की, कि कैसे माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत विकास कर रहा है और कैसे एनआरआई भारत के विकास में योगदान दे सकते हैं। इन तीन दिनों में कई द्विपक्षीय और गोलमेज बैठक आयोजित की गईं।
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