शिक्षा मंत्रालय
शिक्षा मंत्रालय सीखने के बुनियादी स्तर पर सीखने की स्थिति के बारे में सीधी जानकारी हासिल करने के लिए ‘आधारभूत शिक्षण अध्ययन’ (फाउंडेशनल लर्निंग स्टडी) करायेगा
यह अध्ययन दुनिया में अपनी तरह का पहला अध्ययन होगा, जिसका उद्देश्य 22 भारतीय भाषाओं में समझ के साथ पढ़ने से संबंधित मानक स्थापित करना है
Posted On:
24 MAR 2022 2:46PM by PIB Delhi
शिक्षा मंत्रालय सीखने के बुनियादी स्तर (कक्षा-3 के अंत होने) पर छात्रों के सीखने की स्थिति के बारे में सीधी जानकारी हासिल करने के लिए एक ‘आधारभूत शिक्षण अध्ययन’ (फाउंडेशनल लर्निंग स्टडी) करायेगा। यह अध्ययन दुनिया में अपनी तरह का पहला अध्ययन होगा क्योंकि इसका उद्देश्य 22 भारतीय भाषाओं में समझ के साथ पढ़ने से संबंधित मानक स्थापित करना है। एनसीईआरटी द्वारा सभी राज्यों और केन्द्र- शासित प्रदेशों में चार दिनों यानी 23 मार्च से 26 मार्च, 2022 के दौरान सैंपल किए गए स्कूलों में ‘आधारभूत शिक्षण अध्ययन’(फाउंडेशनल लर्निंग स्टडी)कराया जाएगा। इस अध्ययन में लगभग 10000 स्कूलों और एक लाख छात्रों के भाग लेने की उम्मीद है। आधारभूत शिक्षण अध्ययन के विशिष्ट उद्देश्य इस प्रकार हैं:
• निपुण भारत मिशन के लिए एक आधार तैयार करने के लिए कक्षा-3 के छात्रों की बुनियादी शिक्षा का व्यापक पैमाने पर मूल्यांकन करना
• इस अध्ययन के तहत मूल्यांकन की जा रही प्रत्येक भाषा के लिए समझ के साथ धाराप्रवाह पठन में प्रवीणता संबंधी मानक स्थापित करना
• सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) 4.1.1 के लिए डेटा प्रदान करना (बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता के पहलुओं को शामिल करते हुए)
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 इस बात पर प्रकाश डालती है कि “पढ़ने और लिखने की क्षमता और संख्याओं का बुनियादी उपयोग करने की क्षमता भविष्य की सभी स्कूली शिक्षा और आजीवन सीखने का एक आवश्यक आधार है और एक अनिवार्य शर्त है”। बाद के वर्षों में विद्यार्थियों के सीखने से जुड़े अनुभवों को और अधिक सार्थक बनानेतथाउन्हें ज्ञान को आत्मसात करने की क्षमता प्रदान करने के लिए आधारभूत वर्षों में उनके‘सीखने संबंधी उपलब्धि’ पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी है। सीखने के भले ही विविध आयाम हो सकते हैं, लेकिन समझ के साथ पढ़ने, बुनियादी संख्यात्मक अवधारणाओं (जैसे संख्याएं, पैटर्न इत्यादि) को लिखने और समझने की बुनियादी क्षमता आधारभूत स्तर पर सीखने के मूल लक्ष्यों से जुड़ी हुई हैं। शिक्षा मंत्रालय (एमओई) ने बुनियादी शिक्षा के क्षेत्र को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत करने की दिशा में एक रोडमैप प्रदान करने के उद्देश्य से ‘समझ और संख्यात्मकता के साथ पढ़ने में प्रवीणता के लिए राष्ट्रीय पहल’ (निपुण - भारत) मिशन शुरू किया है।
‘आधारभूत शिक्षण अध्ययन’ (फाउंडेशनल लर्निंग स्टडी) कक्षा-3 के स्तर पर बच्चों के लिए विभिन्न भारतीय भाषाओं में समझ के साथ पढ़ने से संबंधित मानक स्थापित करने में समर्थ होगा। यह अध्ययन उम्र के हिसाब से ज्ञात और अज्ञात पाठ को एक निश्चित गति से, सटीक रूप सेऔर समझ के साथ एवं मूलभूत संख्यात्मक कौशल को पढ़ने की क्षमता का आकलन करेगा और निपुण भारत लक्ष्यों के लिए आधार तैयार करेगा।
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