ग्रामीण विकास मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

‘नये भारत की नारी’ विषय पर ग्रामीण विकास विभाग का अमृत महोत्सव प्रतीक-सप्ताह समारोह सम्पन्न


भारत की ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके मान के लिये देश तथा राज्य स्तर पर 18 गतिविधियों का आयोजन

दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई) के तहत 174 से अधिक ‘महिला केंद्रित’ एकजुटता शिविरों का आयोजन

देशभर में आरसेटी (ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थानों) द्वारा महिला केंद्रित पाठ्यक्रमों के नये बैच शुरू

सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले संकुल स्तरीय संघों को आत्मनिर्भर संगठन पुरस्कार

विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की 75 ग्रामीण महिला लाभार्थियों के लिये ‘पक्के आवास’ मंजूर किये

डीडीयू-जीकेवाई और आरसेटी, दोनों के पांच हजार से अधिक प्रशिक्षुओं द्वारा समुचित पोषण के अभाव, खून की कमी और कम वजन के बच्चों की पैदाइश के प्रति ग्रामीण महिलाओं में जागरूकता पैदा करने के लिये 100 से अधिक रैलियों का आयोजन

एसबीएम-जी में समरूपता के आधार पर पीएमएवाई-जी की 750 महिला लाभार्थियों को शौचालय बनाने के लिये वित्तीय सहायता

Posted On: 14 MAR 2022 10:55AM by PIB Delhi

आजादी के अमृत महोत्सव के क्रम में सात से 13 मार्च, 2022 तक चलने वाला केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के ग्रामीण विकास विभाग का प्रतीक-सप्ताह सम्पन्न हो गया। यह कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह के दौरान आयोजित किया गया था। प्रतीक-सप्ताह का विषय नये भारत की नारी था, जिसके तहत देश की ग्रामीण महिलाओं के योगदान का अभिनंदन किया गया।

ग्रामीण विकास विभाग के विभिन्न कार्यक्रमों के मद्देनजर देश और राज्य स्तर पर 18 महिला केंद्रित समारोहों और गतिविधियों की एक पूरी श्रृंखला का आयोजन किया गया। इनमें दीन दयाल उपाध्याय-ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई), ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी), दीन दयाल अंत्योदय-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम), प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम और रूरबन शामिल हैं।

अवसर की आजादी | सात मार्च, 2022 (सोमवार)

देश भर में सात मार्च, 2022 को दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई) के तहत 174 से अधिक महिला केंद्रितएकजुटता शिविरों का आयोजन किया गया। इस तरह के विभिन्न शिविरों के जरिये 4281 से अधिक महिला प्रत्याशियों को सफलतापूर्वक साथ लाया गया, ताकि उन्हें सहायक सौंदर्य थेरेपिस्ट, कपड़ा सिलाई और सैंपल सिलाई, आदि पाठ्यक्रमों में पंजीकृत किया जा सके। डीडीयू-जीकेवाई योजना के तहत प्रशिक्षण पाने वाले लोगों में से एक-तिहाई महिलायें होनी चाहियें। इसके अलावा, योजना का लक्ष्य 15-35 आयुवर्ग के ग्रामीण युवा हैं, लेकिन महिलाओं के लिये अधिकतम आयुसीमा 45 वर्ष रखी गई है।

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देशभर में आरसेटी (ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थानों) ने सात मार्च, 2022 को महिला केंद्रिय पाठ्यक्रमों के नये बैच शुरू किये। ये नये बैच, गृह-निर्मित अगरबत्ती, हल्के-फुल्के खिलौने बनाने और बेचने, पापड़, अचार, मसाला पाउडर, ब्यूटी पार्लर प्रबंधन तथा आभूषण आदि के निर्माण सम्बंधी कारोबारों में शुरू किये गये। आरसेटी योजना के तहत चलने वाले कुल 64 पाठ्यक्रमों में से 10 प्रशिक्षण पाठ्यक्रम विशेषकर महिलाओं के लिये हैं। आरसेटी कार्यक्रम के तहत कुल प्रशिक्षित प्रत्याशियों में से 66 प्रतिशत महिलायें हैं। अब तक, लगभग 26.28 लाख महिला प्रत्याशियों को योजना की शुरुआत से अब तक की अवधि में प्रशिक्षित किया गया तथा लगभग 18.7 लाख का सफलतापूर्वक समायोजन हो गया है।

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नये भारत की नारी राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह | आठ मार्च, 2022 (मंगलवार)

डीएवाई-एआरएलएम ने आठ मार्च, 2022 को विज्ञान भवन में नये भारत की नारी की उद्यमी भावना का अभिनंदन करके अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया। ग्रामीण विकास मंत्री श्री गिरिराज सिंह, ग्रामीण विकास राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और ग्रामीण विकास राज्यमंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते तथा ग्रामीण विकास सचिव श्री नागेन्द्र नाथ सिन्हा की गरिमामयी उपस्थिति रही।

कार्यक्रम में लखपति महिलाओं (ग्रामीण स्वसहायता समूह की महिलायें, जिनकी वार्षिक आय एक लाख रुपये से अधिक है), लैंगिक न्याय केंद्र का प्रबंधन करने वाली महिला सदस्यों, डीडीयू-जीकेवाई की पुरानी सदस्यों और आरसेटी की पुरानी सदस्यों ने बदलाव की अपनी जीवन-कथा सुनाई। कार्यक्रम में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले संकुल स्तरीय संघों तथा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को पुरस्कृत किया गया। जिन परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियों (पीआईए) ने डीडीयू-जीकेवाई के तहत अधिकतम महिलाओं को प्रशिक्षित/समायोजित कराया है, उनका भी स्वागत किया गया। देशभर से पुरस्कार विजेताओं को चुना गया और सभी नई दिल्ली में आयोजन में सम्मिलित हुये।

इस अवसर पर श्री गिरिराज सिंह ने कहा कि ग्रामीण महिलाओं की उद्यमी भावना नये भारत की नारी के रूप में उभर रही है। श्री सिंह ने कहा कि आज के प्रतिभागी जिस तरह की सकारात्मक ऊर्जा से भरे हैं, वह उल्लेखनीय है। ये वही महिलायें हैं, जो प्रधानमंत्री श्री मोदी के पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने के मिशन में भारी योगदान करेंगी। उन्होंने कहा कि मैं आश्वस्त हूं कि महिलायें तेज प्रगति मार्ग पर हैं और जल्द ही एक लाख रुपये वार्षिक के बजाय एक लाख रुपये मासिक से अधिक अर्जित करने लगेंगी।

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आगे बढ़ने की आजादी | नौ मार्च, 2022 (बुधवार)

ग्रामीण विकास विभाग ने दीन दयाल अंत्योदय-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम), प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम और रूरबन जैसी विभिन्न पहलों के जरिये राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की नये भारत की नारी की बेमिसाल पहलों तथा उपलब्धियों का मान किया। यह कार्यक्रम आगे बढ़ने की आजादी के विषय पर नौ मार्च, 2022 को विभिन्न स्तरों पर आयोजित किया गया।

विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने पीएमएवाई-जी की 75 महिला लाभार्थियों के लिये पक्के आवास मंजूर किये, जो या तो आवास की स्वामी हैं या आवास उनके सह-स्वामित्व में है।

 

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कुपोषण से आजादी | 10 मार्च, 2022 (गुरुवार)

डीडीयू-जीकेवाई और आरसेटी, दोनों के पांच हजार से अधिक प्रशिक्षुओं द्वारा समुचित पोषण के अभाव, खून की कमी और कम वजन के बच्चों की पैदाइश के प्रति ग्रामीण महिलाओं में जागरूकता पैदा करने के लिये 100 से अधिक रैलियों का आयोजन किया गया। विभिन्न हितधारकों, जैसे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, आरसेटी, परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियों, कार्यक्रम लाभार्थियों, आदि ने रैलियों के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं में पोषण के महत्त्व के प्रति जागरूकता पैदा की। महिला प्रत्याशियों ने गांवों में पदयात्रा और साइकिल यात्रा की। वे अपने साथ सूचनात्मक तख्तियां और पोस्टर लिये थीं।

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इस दौरान दीन दयाल अंत्योदय-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के तहत जिला/ब्लॉक/ग्रामीण स्तर पर पौधारोपण और कृषि-पोषक वाटिका का अभियान चलाया गया।

गर्व से जीने की आजादी | 11 मार्च, 2022 (शुक्रवार)

तीन हजार से अधिक राज्य मिशन स्टाफ और स्वसहायता समूह के सदस्य 34 राज्यों से जुटे और 11 मार्च, 2022 को ग्रामीण विकास मंत्रालय के दीन दयाल अंत्योदय-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) द्वारा आयोजित तीसरे लैंगिक संवाद में हिस्सा लिया। यह डीएवाई-एनआरएलएम के तहत राष्ट्रीय वर्चुअल पहल है, ताकि देशभर में लैंगिक समानता के विषय में मिशन की पहलों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी हो सके। इस आयोजन की विषयवस्तु महिला समुदायों के जरिये खाद्य और पोषण सुरक्षा को प्रोत्साहन था। ऑनलाइन उपस्थितजनों को सम्बोधित करते हुये ग्रामीण विकास सचिव श्री नागेन्द्र नाथ सिन्हा ने महिला समुदायों की क्षमता को रेखांकित किया कि वे किस तरह आदतों में बदलाव ला सकती हैं। उन्होंने कहा, देशभर की एसएचजी महिलाओं ने 5.5 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में कोविड-19 के बारे में जागरूकता पैदा करने में अहम भूमिका निभाई थी।

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हर राज्य/केंद्र शासित प्रदेश ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत 75 महिला लाभार्थियों के लिये गृह-प्रवेश का आयोजन किया। उन 75 महिलाओं का स्वागत किया गया, जिन्हें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका गारंटी अधिनियम के तहत आजीविका अवसर प्रदान किये गये हैं और जिन्होंने इसमें सफलता प्राप्त की है।

सफाई से रहने की आजादी | 12 मार्च, 2022 (शनिवार)

ग्रामीण विकास विभाग की यह लगातार कोशिश है कि वह नये भारत की नारी को स्वच्छ माहौल प्रदान करे। सफाई से रहने की आजादी के तहत दीन दयाल अंत्योदय-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के ग्रामीण स्वसहायता समूहों की महिलाओं तथा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका गारंटी अधिनियम की सदस्यों द्वारा विभिन्न स्वच्छता अभियान चलाये गये। साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) की 750 महिला लाभार्थियों को एसबीएम-जी के तहत शौचालय बनाने के लिये वित्तीय सहायता दी गई।

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सामाजिक बंधनों से आजादी | 13 मार्च, 2022 (रविवार)

दीन दयाल अंत्योदय-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के तहत सामाजिक समावेश, सामाजिक विकास और लैंगिकता सम्बंधी क्षेत्रों में काम करने वाली एसएचजी महिला सदस्यों का स्वागत किया गया और सबने अपने अनुभव साझा किये। इसके लिये राज्य स्तर पर वेबिनारों/कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) और दीन दयाल अंत्योदय-राष्ट्रीय ग्रामीण कौशल्य योजना (डीएवाई-जीकेवाई) के तहत सभी प्रशिक्षित महिलाओं को पाठ्यक्रम पूरा करने पर प्रमाणपत्र प्रदान किये गये।

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