सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय
श्री नारायण राणे ने 'एमएसएमई इनोवेटिव स्कीम (इन्क्यूबेशन,डिजाइन और आईपीआर)' और एमएसएमई चैंपियंस स्कीम के तहत 'एमएसएमई आइडिया हैकथॉन 2022' का शुभारंभ किया
Posted On:
10 MAR 2022 3:14PM by PIB Delhi
केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री श्री नारायण राणे ने आज एमएसएमई आइडिया हैकथॉन 2022 के साथ एमएसएमई इनोवेटिव स्कीम (इनक्यूबेशन, डिजाइन और आईपीआर) का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर अपनी बात रखते हुए श्री राणे ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत में एमएसएमई की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं से उद्यमियों को नए उद्यम विकसित करने में मदद मिलेगी।
एमएसएमई राज्य मंत्री श्री भानु प्रताप वर्मा ने कहा कि एमएसएमई इनोवेशन योजना इस क्षेत्र की उस रचनात्मकता को बढ़ावा देगी जिसका अभी तक इस्तेमाल नहीं किया गया है।
श्री बी.बी. स्वैन, सचिव एमएसएमई ने इस इनोवेशन स्कीम के शुभारंभ के दौरान अपने संबोधन में कहा कि यह इनोवेशन से जुड़ी गतिविधियों के लिए एक हब के रूप में कार्य करेगा और अच्छे बिजनेस आइडिया को हकीकत में बदलने के लिए मार्गदर्शन भी देगा। ऐसे आइडिया आगे चलकर समाज को सीधे लाभ प्रदान करेंगे।
एमएसएमई इनोवेटिव एक उद्देश्य के साथ 3 सब-कंपोनेंट और कार्यों को एकीकृत करने, तालमेल बिठाने और कन्वर्ज करने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण का नाम है। एमएसएमई इनोवेटिव एमएसएमई के लिए एक नई अवधारणा है जहां इन्क्यूबेशन में इनोवेशन, डिजाइन इंटरवेंशन और सिंगल मोड एप्रोच में इंटलैक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स (आईपीआर) की रक्षा के लिए काम किया जाएगा। भारत के इनोवेशन के बारे में एमएसएमई के बीच जागरूकता पैदा करने और उन्हें एमएसएमई चैंपियन बनने के लिए प्रेरित करने पर भी इसका जोर रहेगा। यह इनोवेशन से जुड़ी गतिविधियों के लिए एक हब के रूप में कार्य करेगा जो ऐसे बिजनेस आइडिया के विकास में मार्गदर्शन भी देगा जो समाज को सीधे तौर पर लाभ दे सकते हैं और जिन्हें सफलतापूर्वक पूरा किया जा सकता है। उप-योजनाओं का विवरण इस प्रकार है:-
इनक्यूबेशन: योजना का प्राथमिक उद्देश्य अप्रयुक्त रचनात्मकता को बढ़ावा देना और उसकी मदद करना है। साथ ही प्रूफ-ऑफ-कॉन्सेप्ट स्तर पर अपने आइडिया की वैलिडेशन के लिए एमएसएमई में नवीनतम तकनीकों को अपनाने को बढ़ावा देना भी इसका उद्देश्य है। प्रति आइडिया 15 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता और संबंधित संयंत्र और मशीनों के लिए एक करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे।
डिजाइन: इस कंपोनेंट का उद्देश्य भारतीय मैन्युफेक्चरिंग क्षेत्र और डिजाइन विशेषज्ञता/डिजाइन बिरादरी को एक साझा मंच पर लाना है। इसका उद्देश्य नए उत्पाद विकास, इसके निरंतर सुधार और मौजूदा और नए उत्पादों में मूल्यवर्धन के लिए डिजाइन समस्याओं पर रियल टाइम विशेषज्ञ सलाह और लागत प्रभावी समाधान प्रदान करना है। डिजाइन प्रोजेक्ट के लिए 40 लाख तक की वित्तीय सहायता और छात्र प्रोजेक्ट के लिए 2.5 लाख रुपए प्रदान किए जाएंगे।
आईपीआर (बौद्धिक संपदा अधिकार): इस योजना का उद्देश्य एमएसएमई के बीच बौद्धिक संपदा अधिकारों (इंटलैक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स) के बारे में जागरूकता बढ़ाने और भारतीय अर्थव्यवस्था में रचनात्मक बौद्धिक प्रयास को प्रोत्साहित करने के लिए भारत में आईपी संस्कृति में सुधार करना है। इसका उद्देश्य एमएसएमई द्वारा उनके व्यावसायीकरण और आईपी सुविधा केंद्र के माध्यम से आईपीआर उपकरणों के प्रभावी उपयोग के लिए विकसित विचारों, तकनीकी इनोवेशन और ज्ञान-संचालित व्यापार रणनीतियों की सुरक्षा के लिए उपयुक्त उपाय करना है। इसमें विदेशी पेटेंट के लिए 5 लाख रुपए, घरेलू पेटेंट पर 1 लाख रुपए, जीआई पंजीकरण के लिए 2 लाख रुपए, डिजाइन पंजीकरण के लिए 15,000 रुपए, प्रतिपूर्ति के रूप में ट्रेडमार्क के लिए 10,000 रुपए तक की वित्तीय सहायता का प्रावधान है।
ज्यादा जानकारी के लिए विजिट करें- www.innovative.msme.gov.in
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