कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह "नवाचारों के माध्यम से इंडिया@2047 की कल्पना" विषय पर तीन दिवसीय विचार-गोष्ठी का उद्घाटन करेंगे

Posted On: 06 MAR 2022 4:55PM by PIB Delhi

चेन्नई में  07 मार्च से लेकर 09 मार्च, 2022 तक "नवाचारों के माध्यम से इंडिया@2047 की कल्पना" विषय पर तीन दिवसीय विचार-गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। इस विचार-गोष्ठी का आयोजन आईआईटी, मद्रास के सहयोग से प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) द्वारा आईआईटीएम रिसर्च पार्क, चेन्नई में किया जा रहा है।

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह 08 मार्च 2022 को इस विचार-गोष्ठी का उद्घाटन करेंगें।

उद्घाटन सत्र के दौरान आईआईटी, मद्रास के निदेशक, प्रोफेसर वी. कामकोटि स्वागत भाषण देंगे। श्री वी श्रीनिवास, सचिव, प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी), भारत सरकार भी इसके उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे। इसमें भारत में ई-गवर्नेंस पहल पर डीएआर एंड पीजी द्वारा निर्मित एक फिल्म को दिखाया जाएगा। उद्घाटन सत्र के दौरान आईआईटी, मद्रास के वरिष्ठ प्रोफेसर अशोक झुनझुनवाला धन्यवाद प्रस्ताव देंगे।

इस परिचर्चा का उद्देश्य "मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस" जैसे नीतिगत उद्देश्यों के साथ नई पीढ़ी के सुधारों और नवाचारों को आगे बढ़ाने वाले डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए सरकार और आम नागरिकों को एक साथ लाने का प्रयास करना है, जिसमें सरकारी प्रक्रिया की री-इंजीनियरिंग, ई-सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुंच, डिजिटल पहलों को जिला स्तर पर उत्कृष्ट बनाना, उभरती प्रौद्योगिकियों को उत्कृष्टता के साथ अपनाना और आईसीटी प्रबंधन का उपयोग करना शामिल है।

भारत सरकार द्वारा टाइमलाइन और माइलस्टोन के साथ इस दशक की दीर्घकालिक लक्ष्यों और संबंधित अल्पकालिक परिभाषित परिणामों की पहचान करने के लिए "विजन इंडिया@2047" तैयार किया जा रहा है। इस विजन को वर्तमान संस्थागत संरचनाओं को बाधित किए बिना विकसित किया जा रहा है और परिकल्पित विजन की प्राप्ति के लिए उपयुक्त संरचनात्मक और संस्थागत सुधारों के लिए सुझाव प्रदान किया जा रहा है।

लगभग 200 प्रतिभागियों का चयन केंद्रीय और प्रकोष्ठ टीमों के लिए किया गया है, जिसमें एक आईएएस अधिकारी, एक युवा संकाय सदस्य और एक युवा उद्यमी शामिल होंगे जो कि विचार-विमर्श के लिए एक साथ बैठेंगे। इस तरह के 10 प्रकोष्ठ होंगे। 4-सदस्यीय केंद्रीय टीम परिचर्चा के दौरान और उसके बाद बीस वर्षों के लिए बुनियादी थिंक टैंक होगा जो यह पता लगाएगा कि भारत देश को किस प्रकार से आगे बढ़ाया जाए।

प्रत्येक प्रकोष्ठ को बुनियादी संरचना, ऊर्जा, पानी, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, शहरी आवास आदि से संबंधित 10 अलग-अलग विषयों वाली समस्याएं सौंपी जाएगी, जिसका सामना भारत कर रहा है और जहां पर अगले 25 वर्षों में बहुत विकास करने की आवश्यकता होगी। इसका समग्र विषय 'डिजिटल गवर्नेंस में नवाचार' होगा।

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