मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
श्री परशोत्तम रूपाला ने उस आईवीएफ केंद्र का दौरा किया, जहां आईवीएफ तकनीक से पहली बार बन्नी भैंस के बच्चे ने जन्म लिया
श्री रूपाला ने आईवीएफ प्रौद्योगिकी के जरिये गाय-भैंस के बच्चों को जन्म देने के तरीके और उससे आय की भरपूर संभावनाओं पर चर्चा की
Posted On:
24 DEC 2021 1:09PM by PIB Delhi
मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री परशोत्तम रूपाला ने आज पुणे के जेके ट्रस्ट बोवाजेनिक्स का दौरा किया। इस आईवीएफ केंद्र में देश में पहली बार आईवीएफ तकनीक से बन्नी भैंस के बच्चे को जन्म दिया गया है।
इस अवसर पर श्री रूपाला ने कहा, “मुझे वह प्रत्यक्ष दृश्य देखने का अनुभव प्राप्त करने का अवसर मिला था, जब डॉ. विजयपत सिंहानिया सेंटर ऑफ एक्सलेंस ऑफ असिस्टेड रीप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजीस इन लाइवस्टॉक में साहिवाल नस्ल की गाय से अंडाणु निकाले गये थे।”
श्री रूपाला ने हर्ष व्यक्त किया और कहा, “मुझे ‘समधी’ और ‘गौरी’ साहिवाल गायों से मिलने का मौका मिला था, जिन्होंने 100 और 125 बछड़ों को जन्म दिया था। प्रत्येक बछ़ड़े को एक लाख रुपये में बेचा गया। इस तरह, मुझे बताया गया इन दोनों गायों ने जेके बोवाजेनिक्स को एक साल में लगभग एक करोड़ रुपये की आय करवा दी है।”
उन्होंने आईवीएफ प्रौद्योगिकी के जरिये गाय-भैंस के बच्चों को जन्म देने के तरीके और उससे होने वाली आय की भरपूर संभावनाओं को रेखांकित किया।
जेके बोवाजेनिक्स, जेके ट्रस्ट की पहल है। ट्रस्ट ने नस्ली रूप से उन्नत गायों और भैंसों की तादाद बढ़ाने के लिये आईवीएफ और ईटी प्रौद्योगिकी की शुरुआत की है। इसके लिये स्वदेशी नस्ल की गायों और भैंसों को चुनने पर ध्यान दिया जाता है।
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