इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भारतीय प्रौद्योगिकी इकोसिस्‍टम के विकास के लिए एक काइनेटिक एनबलर है: इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर

Posted On: 27 OCT 2021 4:16PM by PIB Delhi

भारत सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमिता और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी (एमईआईटीवाई), राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसोचैम) द्वारा वर्चुअल मोड के माध्यम से लचीला विकास के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसविषय पर आयोजित 5वें एसोचैम सम्मेलन में कहा, "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भारतीय प्रौद्योगिकी इकोसिस्‍टम के विकास के लिए एक काइनेटिक एनबलर है।"

कार्यक्रम में श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि कुछ लोगों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक बड़ा व्यवसाय हो सकता है, लेकिन भारत सरकार के लिए इसका अर्थ है-  शासन संबंधी वितरण में सुधार के लिए मौजूदा स्टैक, कृषि कार्यक्रम, रक्षा, सुरक्षा और खुफिया संबंधी कार्यक्रम, राजस्व/कर संग्रह के साथ-साथ न्याय और कानून से संबंधित कार्यक्रम में एआई-एल्गोरिदम का उपयोग करना। एआई के प्रति सरकार के दृष्टिकोण को साझा करते हुए उन्होंने कहा, "हम ऐसे एआई का निर्माण करेंगे, जिसमें जोखिम प्रबंधन और नैतिक उपयोग के गुणात्मक तत्व शामिल होंगे।"

श्री राजीव चंद्रशेखर ने तीन प्रमुख कारकों पर भी प्रकाश डाला जो भारत में एआई के विकास के लिए जबरदस्त गति पैदा करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत सबसे पहले जल्द ही सबसे बड़ा कनेक्टेड राष्ट्र बन जाएगा, क्योंकि ग्रामीण ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी कार्यक्रम भारतनेट ग्रामीण परिवारों को इंटरनेट से जोड़ना चाहता है। वर्तमान में, लगभग 800 मिलियन भारतीय इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं। अगले 2 साल में यह आंकड़ा 100 करोड़ के पार जाने की उम्मीद है। दूसरा, डिजिटल इंडिया अभियान ने पहले ही भारत को सार्वजनिक सेवाओं, फिनटेक, स्वास्थ्य और शिक्षा आदि में नवाचार में अग्रणी स्थान दिया है और तीसरा, सरकार और समग्र अर्थव्यवस्था के त्वरित डिजिटलीकरण से देश में डिजिटल क्रियाकलापों को अपनाने की दर में वृद्धि होगी।

श्री राजीव चंद्रशेखर ने संभावना को वास्तविकता में बदलने में श्री नरेन्द्र मोदी सरकार के सकारात्मक दृष्टिकोण पर भी प्रकाश डाला। दुनिया के सबसे बड़े प्रौद्योगिकी संचालित टीकाकरण अभियान की सफलता के बारे में उन्होंने कहा कि "दशकों से भारत की क्षमता को उजागर करने के लिए भारत के समृद्ध जनसांख्यिकीय लाभांश के आसपास कई गाथाएं कायम की गई हैं। हालांकि, पिछले 7 वर्षों में, हमने देखा कि कैसे निर्णायक नेतृत्व और सक्रिय नीतियों का संयोजन संभावना को वास्तविकता में बदल सकता है।"

श्री राजीव चंद्रशेखर ने अपनी बात समाप्त करते हुए कहा कि 2021 में हमारी महत्वाकांक्षाएं 2014 की तुलना में अधिक हैं और वे उससे पहले के किसी समय की तुलना में काफी अधिक हैं। इन महत्वाकांक्षाओं और आगे के रोडमैप पर हमारे पास पूर्ण स्पष्टता है। हमारे दिमाग में 1 ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था का गणित बिल्कुल स्प्ष्ट है

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