राष्ट्रपति सचिवालय

भारतीय नेवल एविएशन को ध्वज प्रदान किए जाने के अवसर पर राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद का संबोधन

Posted On: 06 SEP 2021 3:52PM by PIB Delhi

आज भारतीय नेवल एविएशन को ध्वज प्रदान करने के लिए आप सभी के बीच होना मेरे लिए गर्व की बात है। यह वास्तव में नौसैनिक उड्डयन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना है, क्योंकि इसने राष्ट्र की सेवा में 68 गौरवशाली वर्ष पूरे किए हैं।

मैं इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए अतीत और वर्तमान के सभी अधिकारियों और नाविकों को बधाई देना चाहता हूं। आज प्रस्तुत किया गया ध्वज शांति और युद्ध में राष्ट्र को की गई असाधारण सेवा की मान्यता है। नेवल एविएशन के पास पेशेवर उत्कृष्टता का एक असाधारण रिकॉर्ड है और उसने सम्मान और विशिष्टता के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया है। नौसेना उड्डयन बिरादरी के प्रत्येक सदस्य को मेरी शुभकामनाएं।

भारतीय नेवल एविएशन ने पिछले कुछ दशकों में एक सतत यात्रा की है। इसकी शुरुआत 11 मई 1953 को पहले भारतीय नौसेना वायु स्टेशन, आईएनएस गरुड़ की कमीशनिंग के साथ हुई थी। तब से नौसेना की विमानन शाखा ने एक लंबा सफर तय किया है। 1961 में कमीशन किए गए एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत ने भारतीय नौसेना को शक्ति और गौरव प्रदान किया और गोवा की मुक्ति के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हमने पिछले साल "गोवा एट 60" मनाया था।

नेवल एविएशन ने 1962 और 1965 के युद्धों में हिस्सा लिया था। आईएनएस विक्रांत ने अपने इंटिग्रल विमान के साथ 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जो हमेशा हमारी स्मृति में अंकित रहेगा। मुझे बताया गया है कि नेवल एविएशन ने 1999 के कारगिल संघर्ष के संदर्भ में भी अपनी भूमिका निभाई थी। इसने हिंद महासागर क्षेत्र में भी सतर्क निगरानी बनाए रखी है।

1980 के दशक में आईएनएस विराट के शामिल होने और 2013 में आईएनएस विक्रमादित्य के शामिल होने से समुद्र में हमारे बेड़े को और अधिक शक्ति मिली है। भारतीय नौसेना के लिए यह बहुत गर्व की बात है कि स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत नए विक्रांत ने समुद्री परीक्षण शुरू कर दिया है। यह लगभग सात दशकों तक निरंतर वाहक संचालन को बनाए रखने के लिए भारतीय नौसेना को इस क्षेत्र की एकमात्र नौसेना और दुनिया की तीन नौसेनाओं में से एक के रूप में विशिष्ट बनाता है। इसका एक उत्कृष्ट परिचालन रिकॉर्ड है।

नेवल एविएशन ने कई मानवीय सहायता और आपदा राहत कार्यों के माध्यम से योगदान दिया है, जिसके दौरान इसने देशवासिय़ों को राहत प्रदान की है, जैसे कि मई 2021 में चक्रवात तौके के दौरान मुंबई से हाल ही में किए गए बचाव अभियान। इसने हिंद महासागर क्षेत्र में कई पड़ोसी देशों और राष्ट्रों को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की है।

भारतीय नौसेना ने सभी क्षेत्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने और हिंद-प्रशांत में मित्रों और भागीदारों के साथ हमारे राजनयिक संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। ऑपरेशन 'समुद्र सेतु' और 'मिशन सागर' जैसे मिशनों के साथ, नौसेना भारत के कोविड आउटरीच का एक प्रमुख साधन थी, जो हिंद महासागर क्षेत्र में हमारे समुद्री पड़ोसियों और भागीदारों को सहायता और समर्थन प्रदान करती थी। संकट के समय में भारतीय नौसेना की त्वरित और प्रभावी तैनाती ने हिंद महासागर क्षेत्र में 'पसंदीदा सुरक्षा भागीदार' और 'प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता' होने के भारत के दृष्टिकोण को रेखांकित किया है।

हमारी समुद्री सीमाओं को सुरक्षित करने के अलावा, भारतीय नौसेना की एक विशेष उपलब्धि है, जिस पर मैं प्रकाश डालना चाहूंगा। मुझे बताया गया है कि भारतीय नौसेना ने सक्रिय रूप से स्वदेशीकरण किया है। यह नौसेना की वर्तमान और भविष्य की अधिग्रहण योजनाओं में अच्छी तरह से परिलक्षित होता है, जो स्वदेशीकरण द्वारा संचालित हैं। भारत सरकार के 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण के अनुसरण में, भारतीय नेवल एविएशन ने भी मेक इन इंडिया अभियान के अनुरूप लगातार प्रगति की है। विमानन प्रौद्योगिकी में शानदार प्रगति के साथ, आज नौसेना के विमान आधुनिक, अत्याधुनिक स्वदेशी, हथियार, सेंसर और डेटा लिंक सूट के साथ सुसज्जित किए जा रहे हैं। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा स्वदेशी रूप से निर्मित उन्नत हल्के हेलीकॉप्टरों के साथ-साथ डोर्नियर और चेतक विमानों को हाल ही में शामिल करना रक्षा क्षेत्र में 'आत्मनिर्भरता' की ओर हमारे कदमों को उजागर करता है।

अपनी स्थापना के बाद से नेवल एविएशन के प्रभावशाली उड़ान संबंधी आँकड़े वास्तव में एक अत्यधिक प्रेरित टीम के अथक प्रयासों को दर्शाते हैं। महिलाओं को शामिल करने में नेवल एविएशन सबसे आगे रहा है। मुझे बताया गया है कि नौसेना उड्डयन में लगभग 150 वायु यातायात नियंत्रण अधिकारियों में से लगभग 84 यानी 50 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं और 400 पर्यवेक्षकों में से 75 महिलाएं हैं। मुझे यह भी बताया गया है कि महिला पायलटों को भी नौसेना उड्डयन में शामिल किया गया है। यह एक स्वस्थ प्रवृत्ति है और इसे प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

इस विशेष अवसर पर मैं नेवल एविएशन के उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने राष्ट्र की सेवा में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। हम उनके और उनके परिवारों के हमेशा ऋणी रहेंगे।

मैं एक बार फिर सभी पूर्व-सैनिकों और सेवारत नौसेना एविएटरों को राष्ट्र के लिए उनकी अथक सेवा के लिए बधाई देता हूं। मैं सभी पुरुषों और महिलाओं से अपनी नि:स्वार्थ और समर्पित सेवा जारी रखने का आग्रह करता हूं। आपके भविष्य के प्रयासों में सफलता के लिए मेरी शुभकामनाएं।

धन्‍यवाद,

जय हिन्‍द!

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एमजी/एएम/एसकेएस/एचबी



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