खान मंत्रालय
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खान मंत्रालय ने खनिजों के पूर्वेक्षण संचालन के लिए निजी अन्वेषण एजेंसियों के प्रत्यायन की योजना को अपनाया


खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 के तहत मान्यता प्राप्त निजी एजेंसियों की अधिसूचना के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए

Posted On: 18 AUG 2021 2:04PM by PIB Delhi

* खनिज क्षेत्र की आर्थिक क्षमता को दर्शाने के लिए प्रमुख नियामक सुधार

* अन्वेषण की गति बढ़ाएगा और रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा

* योजना नए उद्यमियों को प्रोत्साहित करेगी

 

खान मंत्रालय ने निजी अन्वेषण एजेंसियों को मान्यता देने के लिए भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई-एनएबीईटी) के शिक्षा और प्रशिक्षण राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड द्वारा तैयार योजना अपनी मंजूरी दे दी है।

योजना के मानकों और प्रक्रियाओं के अनुसार क्यूसीआई-एनएबीईटी खनिजों के पूर्वेक्षण संचालन के लिए निजी अन्वेषण एजेंसियों को मान्यता प्रदान करेगा। इच्छुक निजी अन्वेषण एजेंसियों को योजना के अनुसार प्रत्यायन हासिल करना होगा और इसके पश्चात अधिनियम की धारा 4 की उप-धारा (1) के दूसरे प्रावधान के तहत इस अधिसूचना के अंतर्गत मंत्रालय में आवेदन करना होगा। मंत्रालय ने विस्तृत प्रक्रिया, नियम और सेवा शर्तों से युक्त अधिसूचना के लिए अन्वेषण एजेंसियों पर विचार करने हेतु दिशानिर्देश तैयार किए हैं।

खान मंत्रालय ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट (www.mines.gov.in) पर मान्यता प्राप्त निजी अन्वेषण एजेंसियों की अधिसूचना के लिए मान्यता और दिशानिर्देशों के लिए योजना प्रकाशित की है।

https://www.mines.gov.in/writereaddata/UploadFile/orderdated12aug2021enclosures.pdf

खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957, एमएमडीआर अधिनियम को हाल ही में एमएमडीआर संशोधन अधिनियम, 2021 के माध्यम से संशोधित किया गया था। 28.03.2021 से प्रभावी इस संशोधन के मुताबिक अन्य व्यवस्थाओं के साथ-साथ, यह संशोधन केंद्र सरकार द्वारा निर्दिष्ट नियमों और शर्तों के अधीन पूर्वेक्षण संचालन करने में सक्षम संस्थाओं सहित निजी संस्थाओं केंद्र सरकार को अधिसूचित करने का अधिकार प्रदान करता है।

देश में अन्वेषण की गति को बढ़ाने और खनिजों के अन्वेषण में उन्नत प्रौद्योगिकी लाने की दृष्टि से, निजी अन्वेषण एजेंसियों को एमएमडीआर अधिनियम की धारा 4(1) के दूसरे प्रावधान के तहत पूर्वेक्षण कार्य करने के लिए अधिसूचित करने का निर्णय लिया गया है।

वर्तमान में, केवल सरकारी एजेंसियां ​​ही अन्वेषण में शामिल हैं और अन्वेषण की गति उनकी क्षमता के अनुसार सीमित है। सरकार की की यह पहल खनिज क्षेत्र में एक प्रमुख नियामक सुधार है और इसका उद्देश्य खनिजों की खोज में अधिक एजेंसियों को लाकर इस क्षेत्र की आर्थिक क्षमता को और मजबूत बनाना है। इससे अन्वेषण की गति बढ़ेगी, इस क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और अधिक खोजे गए ब्लॉकों को नीलामी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। यह योजना अन्वेषण के क्षेत्र में नए उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ इस क्षेत्र में नवीनतम तकनीक और विशेषज्ञता लाने में भी मदद करेगी।

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