स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय

डॉ. हर्षवर्धन ने ‘डब्ल्यूएचओ हाई-लेवल कोलिशन ऑन हेल्थ एंड एनर्जी प्लेटफॉर्म ऑफ एक्शन’ (स्वास्थ्य और ऊर्जा कार्य मंच पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के उच्च स्तरीय गठबंधन) को संबोधित किया


उन्होंने कम कार्बन उत्सर्जन और समावेशी विकास संबंधी आर्थिक विकास के एक नए मॉडल का नेतृत्व करने के लिए भारत की विशिष्ट स्थिति पर जोर दिया

"भारत का मानव-केंद्रित दृष्टिकोण वैश्विक भलाई के लिए एक फोर्स मल्टीप्लायर (प्रभाव को बढ़ाने वाला) हो सकता है": डॉ. हर्षवर्धन

Posted On: 10 JUN 2021 11:41AM by PIB Delhi

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कल रात यहां वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्वास्थ्य और ऊर्जा कार्य मंच पर उच्च स्तरीय गठबंधन की पहली बैठक को संबोधित किया। बैठक में कई गणमान्य व्यक्तियों, राष्ट्र प्रमुखों और विश्व बैंक, यूएनडीपी, यूएनएचआरसी, अंतर्राष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा एजेंसी (आईआरईएनए) आदि जैसे विभिन्न हितधारकों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

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उनका संबोधन नीचे दिया गया है:

दुनिया अब भी कोविड-19 के एक अभूतपूर्व खतरे से जूझ रही है जिसने सरकारों और नागरिकों को मानव जीवन की रक्षा करने और दुनिया भर में रुग्णता को कम करने के लिए असाधारण कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है। महामारी और साथ ही इसे प्रबंधित करने के लिए किए गए भारी प्रयासों ने विभिन्न क्षेत्रों के बीच बड़े पैमाने पर परस्पर निर्भरता को दोहराया है। इसने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया है कि एक प्रभावी और सतत सेवा वितरण सुनिश्चित करने के लिए हमारी नीतियों में सभी क्षेत्रों में परस्पर जुड़ाव को प्रतिबिंबित करने की आवश्यकता है।

हमारी सरकार द्वारा मानव स्वास्थ्य पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के बारे में आम जनता, स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं और नीति निर्माताओं के बीच जागरूकता पैदा करने के उद्देश्यों के साथ जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय कार्य योजना नामक एक विशेषज्ञ निकाय का गठन किया गया था। इस राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह ने हाल ही में अप्रैल 2021 में, चिह्नित जलवायु संवेदनशील बीमारियों और 'एक स्वास्थ्य' पर विषय विशिष्ट स्वास्थ्य कार्य योजनाओं को शामिल करते हुए अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।

"हरित और जलवायु तन्यक स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं" के संदर्भ में, भारत ने 2017 में माले घोषणा पर हस्ताक्षर किया और किसी भी जलवायु घटना का सामना करने में सक्षम होने के लिए जलवायु-तन्यक स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए सहमत हो गया। भारत आज कम कार्बन उत्सर्जन और समावेशी विकास के आर्थिक विकास के नये मॉडल का नेतृत्व करने की एक विशिष्ट स्थिति में है, वह मॉडल जिसमें सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज की प्राप्ति भी एक प्रमुख निर्धारक कारक है।

हम मानते हैं कि स्वास्थ्य और ऊर्जा क्षेत्रों की क्षमता को मजबूत करने के लिए संसाधन जुटाने की खातिर दृढ़ राजनीतिक और वित्तीय प्रतिबद्धता प्रदर्शित करना समय की आवश्यकता है। जैसा कि दुनिया भर के देश कोविड-19 के बाद की तैयारी कर रहे हैं, यह वैश्विक पुनर्व्यवस्था के लिए एक शानदार अवसर है। महत्वाकांक्षी हरित प्रोत्साहन योजनाएं देशों को अपने ऊर्जा बदलाव को गहरा करते हुए अपनी अर्थव्यवस्थाओं को बहाल करने में मदद करेंगी। मुझे विश्वास है कि इस गठबंधन समूह के सहयोग और सामूहिक कार्रवाई से एक ज्यादा हरा-भरा और स्वस्थ ग्रह प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

 

एमजी/एएम/पीके/डीसी



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