सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्रालय

बांस उद्योग में 30,000 करोड़ रुपए तक बढ़ने की क्षमता: नितिन गडकरी


बांस के अधिक से अधिक इस्तेमाल की अपील ताकि इसकी मांग और इसके रोपण को बढ़ाया जा सके

Posted On: 23 MAR 2021 1:53PM by PIB Delhi

सड़क परिवहन और राजमार्ग और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री श्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बांस प्रौद्योगिकी, उत्पाद और सेवाओं पर एक वर्चुअल प्रदर्शनी को संबोधित किया। प्रदर्शनी का आयोजन इंडियन फेडरेशन ऑफ ग्रीन एनर्जी (आईएफजीई) द्वारा किया गया।

अपने संबोधन में श्री गडकरी ने कहा कि बाँस की माँग बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कोयले के विकल्प के रूप में बांस का उपयोग करने की क्षमता है और इसका उपयोग निर्माण कार्यों में भी किया जा सकता है। श्री गडकरी ने कहा कि जल्द ही सभी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की सड़कों के लिए जूट और कॉयर मैट्रेसेज का उपयोग अनिवार्य किया जाएगा। उन्होंने जूट, कॉयर और बांस जैसी पारंपरिक सामग्रियों के और अधिक विकास की वकालत की।

श्री गडकरी ने उम्मीद जताई कि सभी हितधारकों के एकीकृत प्रयासों से भारत में बांस उद्योग 25-30 हजार करोड़ रुपये का हो जाएगा। सैद्धांतिक रूप से सिद्ध, लागत प्रभावी और आकर्षक उत्पाद डिजाइनों से बांस का उपयोग और इसकी मांग बढ़ सकती है जिससे लोगों को बांस रोपण का भी प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने बांस को बढ़ावा देने से संबंधित किसी भी योजना के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय से सभी सहायता का आश्वासन दिया।

मंत्री ने कहा कि हमें उत्पाद विकास, बाजार समर्थन के लिए अधिक शोध, अधिक उपयुक्त दृष्टिकोण की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि वह बांस और बांस के डंडे के लिए रेलवे से 50 फीसदी सब्सिडी लेने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि बांस के उपयोग और आवश्यकता को बढ़ाने से इसके रोपण में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि बांस का इस्तेमाल बायो-सीएनजी और चारकोल बनाने के लिए भी किया जा सकता है और आईआईटी को बांस मिशन के विशेष अनुदानों की मदद से इस पर आगे अनुसंधान करने के लिए शामिल किया जा सकता है।

 

पूरा संबोधन यहां सुनें- https://www.youtube.com/watch?v=IfZBPjgcDE0

 

एमजी/एएम/पीके



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