महिला एवं बाल विकास मंत्रालय

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की सभी योजनाओं को मिशन पोषण, 02, मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति की छत्रक योजनाओं के अंतर्गत श्रेणीबद्ध  किया गया

Posted On: 08 MAR 2021 1:24PM by PIB Delhi

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की विभिन्न  योजनाओं और कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से लागू करने के उद्देश्य से मंत्रालय की सभी प्रमुख योजनाओं और कार्यक्रमों को मंत्रालय की तीन प्रमुख योजनाओं – मिशन पोषण 2.0, मिशन वात्सल्य और मिशन शक्तिके अंतर्गत श्रेणीबद्ध किया गया है I

वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या में लगभग 67.7 प्रतिशत महिलाएं और बच्चे हैं I देश के समावेशी समतुल्य और दीर्घकालिक विकास के लिए महिलाओं और बच्चों का  सशक्तिकरण और संरक्षण करने के साथ ही उनके सम्पूर्ण विकास को सुनिशिचित करना महत्वपूर्ण हो जाता है महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का हमेशा यह प्रयास रहता है कि बच्चों को उनके अच्छे ढंग से  लालन-पालन के लिए सुरक्षित और आरामदेह परिवेश मिले साथ ही महिलाओं को सभी प्रकार की हिंसा और भेदभाव से मुक्त सुगम, वहनीय और विश्वासयोग्य वातावरण में सशक्त बनाया जा सकेI लैगिक समानता और बाल केन्द्रित कानूनों, नीतियों एवं कार्यक्रमों को तैयार करने के लिए अंतर-मंत्रालयी और अंतर-क्षेत्रीय एकरूपता को बढ़ावा देने के साथ ही महिलाओं और बच्चों के लिए राज्यों द्वारा उठाय जा रहे क़दमों में तालमेल की खाई को पाटना ही इस मंत्रालय का प्रमुख उद्देश्य हैI

 

स्वतंत्रता और अवसरों के सन्दर्भ में देश के संविधान ने महिलाओं और पुरुषों को समान अधिकार दिए हैंI महिलाएं अपनी नियति स्वयं तय कर सकें इसके लिए आजीवन जारी रहने वाली ऐसी नीति अपनाई जा रही है उनके साथ हो रहे भेदभाव और समाज में अंतर्निहित पूर्वाग्रह को समाप्त करने के साथ ही उनके अधिकारों और सम्मान को पुनर्स्थापित करती है और उन्हें आवश्यकता के अनुरूप सक्षम एवं कुशल  बनाने के साथ ही  जीवन में आगे बढने के लिए उनमें विश्वास जगाती हैI महिलाओं का सम्मान और सुरक्षा इस सरकार के लिए बहुत महत्व रखता हैI

अत: एक ऐसा समावेशी समाज बनाया जाना बहुत आवश्यक है जिसमें महिलाओं और लड़कियों की संसाधनों और अवसरों  तक समान पहुँच हो सके ताकि वे भारत के सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक विकास में शामिल हो सकें. दीर्घकालिक विकास के लिए आर्थिक, पर्यावरणीय एवं सामाजिक बदलाव में महिलाएं प्रमुख भूमिका निभाती है I इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए वर्तमान योजनाओं में उपयुक्त परिवर्तन करके उन्हें जारी रखना अवश्यम्भावी एवं नितांत आवश्यक है और ऐसा मिशन शक्ति के माध्यम से ही किया जा सकता है I

 

बच्चे इस देश का भविष्य हैंI  देश के सतत विकास के लिए बाल –कल्याण आवश्यक है क्योंकि वे ही भविष्य में देश के लिए मानव संसाधन बनेंगे I भोजन में पोषक तत्वों की मात्र और बढाए जाने, उनके वितरण, उन तक पहुँच और सकारात्मक परिणामों के लिए सरकार पूरक पोषण कार्यक्रम और पोषण अभियान का आपस में विलय करके मिशन पोषण 2.0 शुरू करेगीI महिला और बाल विकास विभाग ने बच्चों की सुरक्षा और देखरेख सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैंI मिशन वात्सल्य इन प्रयासों की भविष्य में भी निरंतरता को सुनिश्चित करेगाI

 

इन तीन छत्रक योजनाओं के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग की मांग संख्या 100के अंतर्गत वर्ष 2021 -22 के बजट में निम्न लिखित आबंटन किए गए है:

क्रम संख्या

छत्रक योजना

शामिल की गई योजना

बजट 2021-22 में आबंटन

(करोड़ रुपयों में )

1.

सक्षम आंगनवाडी एवं पोषण 2.0

छत्रक (अम्ब्रेला ) आईसीडीएस-आंगनवाडी सेवाएं ,पोषण अभियान, किशोरियों के लिए योजनाएं, राष्ट्रीय शिशुगृह (क्रेच) योजना

20,105.00

2.

मिशन वात्सल्य

बाल संरक्षण सेवाएं और बाल कल्याण योजनाएं

900.00

3.

मिशन शक्ति (महिलाओं के संरक्षण और सशक्तिकरण के लिए मिशन)

संबल (एक ठहराव केंद्र,महिला पुलिस स्वयंसेवक, महिला हेल्पलाइन/स्वाधार/उज्ज्वला /विधवा आश्रय स्थल इत्यादि)  

 

सामर्थ्य (बेटीबचाओ, बेटी पढाओ, क्रेच, प्रधान मंत्री  मातृ वन्दना योजना/ लैंगिक

बजट बनाना/ शोध 

3,109

 

मिशन शक्ति महिला और बाल विकास की अन्य छत्रक (अम्ब्रेला) योजनाओं (जैसे मिशन पोषण 2.0 : मिशन वात्सल्य : और मिशन सक्षम –आंगनवाडी (जिसमें राष्टीय स्तर से पंचायत स्तर तक एक समान जानकारी सहित प्रशासनिक आधार शामिल है) के समावेशन के साथ चलाया जाएगा I

 

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