रक्षा मंत्रालय

वर्षांत समीक्षा- 2020 रक्षा मंत्रालय

Posted On: 01 JAN 2021 7:57PM by PIB Delhi
  • वर्ष 2020 की शुरुआत भारतीय रक्षा इतिहास में एक महत्वपूर्ण निर्णय के साथ हुई। इस वर्ष सैन्य मामलों का विभाग बनाया गया और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) का पद सृजित किया गया । जनरल बिपिन रावत ने 1 जनवरी 2020 को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) पद का कार्यभार संभाला था । सीडीएस सेना के तीनों अंगों से जुड़े मामलों पर रक्षा मंत्री का प्रमुख सैन्य सलाहकार होता है।
  • भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा (एलसी) और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर प्रतिद्वंद्वियों का कड़ाई से मुकाबला किया है और लगातार विद्रोह-रोधी (सीआई)/ आतंकरोधी (सीटी) अभियानों को अंजाम दिया है।
  • इस वर्ष हमारी सेनाओं के पराक्रम का सबसे शानदार उदाहरण गलवान घाटी में भारत की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करना रहा है, जिसमें भारत के 20 बहादुर सैनिकों ने सर्वोच्च बलिदान दिया।
  • भारत ने चीन को स्पष्ट रूप से बता दिया कि सीमा पर यथास्थिति में एकतरफा बदलाव का कोई भी प्रयास अस्वीकार्य है और भारत अपनी संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए कृतसंकल्प है।
  • भारतीय सेना को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए क्षमता विकास तथा अन्य जरूरतों को पूरा करने हेतु बजटीय बाधाओं को दूर किया गया है।
  • 20 सितंबर, 2020 को आठ राफेल विमानों को वायुसेना में शामिल किया गया, इससे भारत की संप्रभुता को चुनौती देने वालों को कड़ा संदेश गया है । अपनी विश्वस्तरीय क्षमता के साथ राफेल लड़ाकू विमान भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा की समूची तस्वीर बदलने वाला है।
  • सुपरसोनिक ब्रह्मोस एयर मिसाइल का एयर वर्जन सुखोई-30 एमकेआई विमान पर एकीकृत किया गया।
  • भारतीय नौसेना की ताकत इनको शामिल करने से बढ़ीः (i) आईएनएस कवरत्ती (P31), जो पूरी तरह से पनडुब्बी रोधी युद्ध (एएसडब्ल्यू) के लिये तैयार स्टील्थ कार्वेट है और (ii) नौसेना में LCU L57 युद्धपोत की कमीशनिंग।
  • वर्ष 2020 लगभग पूरी दुनिया के लिए मायूसी भरे वर्ष के रूप में इतिहास में दर्ज होगा । कोविड 19 महामारी ने सामान्य मानवीय गतिविधियों को थाम दिया और अर्थव्यवस्थाओं को काफी हद तक पंगु बना दिया। इस वर्ष की आपाधापी के बीच सरकार ने संकट को अवसर में बदलने के कदम बढ़ाए। इसी बात को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अर्थव्यवस्था को उच्च विकास मार्ग पर लाने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान का आह्वान किया।
  • आत्मनिर्भर भारत अभियान के अनुरूप रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 का शुभारंभ किया गया। इसका उद्देश्य घरेलू उद्योग को गति प्रदान करना और रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ाना है ।
  • ऑफसेट के माध्यम से निवेश और प्रौद्योगिकी को आकर्षित करने के लिए एवं मेक इन इंडिया पहल को प्रोत्साहित करने हेतु तथा घरेलू रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में क्षमताओं को बढ़ाने के लिये रक्षा ऑफसेट दिशानिर्देश 2020 को प्रख्यापित किया गया।
  • रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए एवं उपकरणों के स्वदेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए दिनांक 07 से 14 अगस्त 2020 तक 'आत्मनिर्भर' सप्ताह मनाया गया। रक्षा क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और आयुध कारखाना बोर्ड में सुविधाओं का आधुनिकीकरण/ सुधार और नये बुनियादी ढांचे का सृजन शुरू किया गया।
  • भारतीय नौसेना के आदेश पर 43 जहाजों में से 41 का निर्माण स्वदेश में किया जा रहा है और स्वदेश में बनाए जाने वाले 44 जहाजों और पनडुब्बियों के निर्माण के लिए एओएन (एक्सेपटेंस ऑफ नेसेसिटी) मौजूद है ।
  • आयुध निर्माणी बोर्ड की कार्यकुशलता और जवाबदेही में वृद्धि करने के लिए उनका निगमीकरण शुरू किया गया ।
  • स्वचालित मार्ग के तहत रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत कर दी गई।
  • रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की आत्मनिर्भरता की मुहिम एवं अग्नि तथा पृथ्वी श्रृंखला जैसी मिसाइलों और रणनीतिक प्रणालियों के सफल स्वदेशी विकास; हल्के लड़ाकू विमान तेजस; मल्टी बैरल रॉकेट लांचर, पिनाका; वायु रक्षा प्रणाली, आकाश; रडार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियों की एक विस्तृत श्रृंखला; इत्यादि ने भारत की सैन्य शक्ति को क्वांटम जंप दिया है ।
  • पिछले कुछ वर्षों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ती जा रही है और सरकार प्राथमिकता के आधार पर उनकी भूमिका को और बढ़ा रही है। शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) प्राप्त महिला अधिकारियों को भारतीय सेना के सभी दस प्रभागों में स्थायी कमीशन प्रदान किया गया। चार महिला अधिकारियों को भारतीय नौसेना के युद्धपोतों पर नियुक्त किया गया है। कैप्टन तानिया शेरगिल ने गणतंत्र दिवस परेड 2020 में पुरुष सैनिकों के दल का नेतृत्व किया।
  • कोविड 19 की विभीषिका के बीच सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने रणनीतिक महत्व के सभी कार्यों को जारी रखा मसलन- प्रमुख पुलों, सड़कों, सुरंगों का निर्माण एवं कोविड 19 की विभीषिका के बीच रणनीतिक माउंटेन पासेज़ को खोले जाने के लिये बर्फ हटाने का काम आदि ।

20 मई 2020 को धारचूला (उत्तराखंड) से लिपुलेख (चीन सीमा) तक 80 किलोमीटर लंबे सड़क मार्ग का उद्घाटन हुआ ।

 

  • सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच पश्चिमी, उत्तरी और पूर्वोत्तर सीमाओं के निकट संवेदनशील क्षेत्रों में सामरिक महत्व के 44 पुल दिनांक 12 अक्टूबर को खोले गए।
  • उत्तर प्रदेश के लखनऊ में भारत की द्विवार्षिक सैन्य प्रदर्शनी डेफएक्सपो का 11वां संस्करण आयोजित किया गया, जिसमें वैश्विक रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में देश की क्षमता का प्रदर्शन किया गया। इस एक्सपो में दुनिया भर के 1,000 से ज्यादा रक्षा निर्माताओं तथा 150 कंपनियों ने हिस्सा लिया।
  • कोरोनावायरस (COVID-19) की विभीषिका के बीच सशस्त्र बलों ने लोगों के कष्टों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सशस्त्र बलों ने देश भर में राहत सामग्री उपलब्ध कराने से लेकर कोविड-19 प्रभावित क्षेत्रों जैसे चीन, ईरान, इटली, मलेशिया आदि में फंसे भारतीयों को निकालने तक अपने चिकित्सा संबंधी संसाधनों और जनबल को झोंक दिया है। सशस्त्र बलों के अस्पताल एवं चिकित्सा सुविधाएं COVID-19 के रोगियों के इलाज के लिए समर्पित किये गए हैं, साथ ही उन्होंने अपने कुछ ठिकानों को क्वारंटाइन केंद्रों में भी बदल दिया है।
  • सशस्त्र बलों के सभी प्रयासों के अलावा, सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाएं, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, आयुध निर्माणी बोर्ड, भारतीय तटरक्षक, छावनी बोर्ड, राष्ट्रीय कैडेट कोर जैसे विभिन्न संगठनों ने इस महामारी से लड़ने में अपने तरीक़े से योगदान दिया।

रक्षा विभाग (डीओडी)

रक्षा मंत्रालय में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) और सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए) का गठन:

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ:

15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्र के नाम संदेश में सेना के तीनों अंगों के बीच अधिक समन्वय, संयुक्तता और तालमेल बनाने के लिए सीडीएस की नियुक्ति के संबंध में की गई घोषणा के अनुरूप सरकार ने सीडीएस पद का सृजन किया एवं जनरल विपिन रावत ने दिनांक 1 जनवरी, 2020 को देश के पहले सीडीएस का पदभार ग्रहण किया।

सैन्य मामलों का विभाग:

देश के उच्च रक्षा प्रबंधन में एक अन्य बड़े सुधार के तौर पर रक्षा मंत्रालय के अंदर दिनांक 1 जनवरी 2020 से एक नया विभाग यानी सैन्य मामलों का विभाग (डीएमए) गठित किया गया है। सीडीएस को डीएमए का सचिव नामित किया गया है । डीएमए को गठन के तुरंत बाद 2 संयुक्त सचिवों, 13 निदेशकों/ उप सचिवों, 25 अवर सचिवों, 22 अनुभाग अधिकारियों और 99 सहायक कर्मचारियों को लाकर कार्यशील बनाया गया था। कुल मिलाकर डीओडी के 161 असैनिक कर्मचारियों का डीएमए में स्थानांतरण कर दिया गया था।

 

भारतीय सेना

 

नियंत्रण रेखा तथा वास्तविक नियंत्रण रेखा पर प्रतिद्वंद्वी का मुकाबला

  1. भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा (एलसी) और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर प्रतिद्वंद्वियों का कड़ाई से मुकाबला किया है, तथा निरंतर विद्रोह-रोधी (सीआई)/ आतंक रोधी (सीटी) अभियानों को अंजाम दिया है तथा पूरे वर्ष के दौरान COVID-19 महामारी का मुकाबला करने में सबसे आगे रहते हुए उच्च प्रशिक्षण मानकों को बनाए रखा है । नियंत्रण रेखा (एलसी), वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी), भीतरी इलाकों और सैन्य प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के साथ सैन्य तत्परता में कोई कमी नहीं आने दी गई है । भारतीय सेना ने न केवल सैन्य बलों की सुरक्षा सुनिश्चित की है बल्कि यह भी सुनिश्चित किया है कि राष्ट्र की सीमाओं की रक्षा के लिए सैन्य स्तर पर तत्परता अप्रभावित बनी रहे ।
  2. वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर एक से अधिक क्षेत्रों में बलपूर्वक यथास्थिति परिवर्तित करने के लिए चीन द्वारा एकतरफा और उकसावे वाली कार्रवाइयों का दृढ़ एवं विवाद न बढ़ाने वाले तौर तरीक़ों से जवाब दिया गया, जिससे पूर्वी लद्दाख में इलाके के संबंध में हमारी स्थिति सही सलामत सुनिश्चित वनी रही । भारतीय सेना ने दोनों देशों के बीच सभी प्रोटोकॉल और समझौतों को बनाए रखा है जबकि पीएलए ने अपरंपरागत हथियारों के उपयोग और बड़ी संख्या में सैनिकों को इकट्ठा करके स्थिति को बढ़ा दिया है । भारतीय सेना ने वायुसेना की मदद से तोपों, टैंकों जैसे भारी उपकरणों, गोला-बारूद, राशन और कपड़ों आदि समेत बहुत कम अवधि में अभिवृद्धि बलों समेत सैनिकों को वहां जुटाया है । सेना की तैनाती में सहायता के लिए इंजीनियरों ने सड़कों, आवास आश्रयों और पुलों का निर्माण किया । गलवान में एक बड़ी झड़प में पीएलए के सैनिकों को हमारे क्षेत्र में घुसने से रोकने के दौरान 20 बहादुर भारतीय सैनिकों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया । चीन के भी काफी सैनिक हताहत हुए । बाद में 28-29 अगस्त 2020 को एक एहतियाती तैनाती में हमारे सैनिकों ने चीनी विस्तारवादी डिजाइन को भांपते हुए पैंगोंग सो के दक्षिणी तट के साथ वाली ऊंचाइयों पर कब्ज़ा कर लिया । ख़राब मौसम का मुकाबला करते हुए हमारे सैनिक इन ऊंचाइयों पर काबिज़ हैं । अग्रिम शीतकालीन भंडार (एडब्ल्यूएस) और सर्दियों में सैनिकों की अधिक संख्या हेतु तैयारी पूरी कर ली गई है और भारतीय सैनिक चीनी सेना द्वारा किसी भी दुस्साहस का मुकाबला करने के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं । भारतीय सेना जहां किसी भी स्थिति के लिए तैयार है, वहीं इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाने के लिए बातचीत भी चल रही है ।
  3. आतंक के पारितंत्र के विरुद्ध सरकार के समग्र रवैये एवं सुरक्षा बलों के निरंतर प्रयासों से जम्मू एवं कश्मीर में सुरक्षा स्थिति में उत्तरोत्तर सुधार देखने को मिला है । एक तरफ नियंत्रण रेखा (एलसी) पर सैनिकों द्वारा उच्च स्तर की सतर्कता ने घाटी में आतंकवादियों की घुसपैठ करने के पाकिस्तान के प्रयासों को विफल कर दिया है, साथ ही भीतरी इलाकों में चलाए गए तीव्र अभियानों ने आतंकवादी संगठनों के लिये अपनी आतंकी गतिविधियां चलाना ख़त्म कर दिया है । पाकिस्तानी सेना द्वारा किये गए संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं का हमारे सैनिकों ने करारा जवाब दिया जिससे पाकिस्तानी सेना को काफी नुकसान हुआ । घुसपैठ रोधी ग्रिड को सुदृढ़ करने के परिणामस्वरूप नियंत्रण रेखा पर कई आतंकवादियों को मार दिया गया । नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों से हथियार, गोला-बारूद और तस्करी की अनेक कोशिशों को भी नाकाम कर दिया गया ।
  4. बेहतर तालमेल के साथ खुफिया सूचनाओं पर आधारित अभियानों के परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण सफलताएं मिली हैं और इसने जम्मू और कश्मीर में आतंकवादी नेतृत्व और उनकी क्षमताओं को काफी कमज़ोर किया है । घाटी में मौजूद आतंकवादियों की संख्या अब 200 से कम है और स्थानीय भर्ती कम हो रही है जिससे आतंकवादी घटनाओं को भारत भूमि से उपजा बनाने के पाकिस्तान के नापाक मंसूबों एवं घाटी में अशांति फैलाने की कोशिशों को गंभीर झटका लग रहा है । पीर पंजाल रेंज के दक्षिण में हिंसा फैलाने के प्रयासों को सक्रिय अभियानों की मदद से व्यापक तौर पर हराया गया है । जम्मू-कश्मीर के आवाम को सुरक्षित माहौल देने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं । पिछले दो वर्षों में विरोध प्रदर्शनों में उल्लेखनीय कमी देखी गई है जिससे अवाम को शांतिपूर्ण जीवन बिताने का अवसर मिला है । विरोधी तत्वों द्वारा दुष्प्रचार अभियान के माध्यम लोगों को गुमराह करने के प्रयासों की सक्रिय निगरानी कर तथा स्थानीय आबादी के साथ जुड़ कर ऐसी सभी कोशिशों को नाकाम किया गया । कोविड 19 की वैश्विक महामारी के चुनौतीपूर्ण समय में भारतीय सेना ने नागरिकों को चिकित्सा संबंधी मदद पहुंचाकर, ज़रूरतमंदों को आवश्यक आपूर्ति सुनिश्चित कर एवं आमजनों को कोविड 19 की बारीकियों के बारे में जानकारी देकर न सिर्फ नागरिक प्रशासन बल्कि सीधे सीधे आम जनता को सहायता प्रदान की है । सेना के मानवीय दृष्टिकोण की सभी ने सराहना की है ।
  5. पूर्वोत्तर राज्यों में बड़ी संख्या में विद्रोहियों के आत्मसमर्पण की घटनाओं से आंतरिक सुरक्षा की स्थिति में काफी सुधार हुआ है । म्यांमार के साथ बेहतर समझ एवं समन्वय के बूते (ऑपरेशन सनराइज) भारतीय विद्रोही समूहों (आईआईजी) के लिए वहां शिविर स्थापित करना मुश्किल हो गया है । सेना और अन्य सुरक्षा बलों ने हिंसा के स्तर को कम करने और विद्रोहियों को हिंसा का रास्ता त्यागने के लिए मजबूर करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । इन सकारात्मक बदलावों के कारण सेना विद्रोह रोधी अभियानों में अपना फुट प्रिंट कम करने में सक्षम हो सकी है ।

 

नागरिक प्रशासन की सहायता

  1. भारतीय सेना ने COVID-19 के विरुद्ध लड़ाई में सैनिकों एवं राहत सामग्री दोनों तरीक़ों से अभूतपूर्व सहायता प्रदान करके इस महामारी के खिलाफ एक सफल राष्ट्रीय प्रतिक्रिया में योगदान दिया । सेना के संसाधनों में से 12,000 रोगियों के इलाज के लिए कुल 113 अस्पतालों को निर्धारित किया गया । कोविड प्रबंधन में सहायता करने के लिए देश भर में कोविड महामारी के परीक्षण हेतु 17 प्रयोगशालाओं को निर्धारित किया गया है । इसके अतिरिक्त लॉकडाउन के दौरान भारत लौटने वाले 4000 लोगों के लिये क्वारंटाइन सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं ।
  2. कोविड 19 ने भारतीय सेना को मित्र देशों तक पहुंचने का अवसर भी प्रदान किया, जिसमें मदद न केवल विशेषज्ञ जनशक्ति एवं दवाओं के माध्यम से प्रदान की गई बल्कि कोविड प्रबंधन तकनीकों के माध्यम से भी दी गई ।
  3. सेना ने कुंभ मेले समेत मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियानों में नागरिक प्रशासन की सक्रिय रूप से सहायता की, असम में तेल के कुएं में लगी आग को बुझाने में विशेषज्ञ जनशक्ति को लगाया तथा इसके साथ ही मध्य प्रदेश में बाढ़ से प्रभावित व्यक्तियों को राहत प्रदान करने में भी सहायता की ।

 

रक्षा सहयोग एवं संयुक्त युद्धाभ्यास

  1. भारतीय सेना मित्र देशों के साथ संयुक्त अभ्यास कर, संयुक्त राष्ट्र मिशनों में योगदान देकर, संयुक्त प्रशिक्षण में शामिल होकर तथा अन्य विशिष्ट ज़रूरतों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग प्रदान कर रक्षा सहयोग करने में अग्रणी रही है ।

 

आत्मनिर्भर भारत

  1. भारतीय सेना के लिए उपकरणों की योजना बनाने तथा उनका अधिग्रहण करने के दौरान ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत अभियान पर ज़ोर दिया गया है, जिसमें देश में उभरते रक्षा उद्योग का साथ देने का प्रयास शामिल है ।

 

भारतीय सेना में महिलाएं

  1. महिलाओं को समान अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से भारतीय सेना ने उनको भी पुरुषों की तरह स्थायी कमीशन देने की सुविधा प्रदान की है । कैप्टन तानिया शेरगिल ने गणतंत्र दिवस परेड 2020 में पुरुषों से बने पूर्ण दल को नेतृत्व प्रदान किया ।

 

पूर्व सैनिकों एवं बच्चों की कल्याणकारी योजनाएं

  1. कोविड 19 महामारी के दौर में पूर्व सैनिकों की समस्याएं दूर करने के उद्देश्य से 2020 के दौरान उनसे उत्साह के साथ सम्पर्क स्थापित किया गया । इस आउटरीच में यह सुनिश्चित करना आवश्यक था कि ईसीएचएस सुविधाएं आसानी से सुलभ हों, साथ ही प्रासंगिक जानकारी तक व्यापक पहुंच के लिए मोबाइल फोन एप्लिकेशन भी शुरू किया गया । पूर्व सैनिकों को वित्तीय फायदों एवं कल्याणकारी योजनाओं के बारे में सूचित करने के लिये तथा पेंशन संबंधी समस्याओं का समाधान करने के लिये 'इयर ऑफ नेक्स्ट ऑफ किन’ को वर्ष 2020 तक विस्तारित किया गया । इस आउटरीच का स्वागत हुआ एवं यह मुहिम लक्षित पूर्व सैनिकों तक अधिकतम पहुंच बनाने तथा उनकी शिकायतों को दूर करने में सफल रही ।

 

  1.  कोविड 19 महामारी के दौरान आर्मी वेलफेयर एजुकेशन सोसायटी ने देश भर में 3 लाख से अधिक बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रभावी रूप से कार्य किया है । सभी बच्चों को आभासी कक्षा कक्ष से लाभ प्रदान करने के लिये इस बारे में आवश्यक ध्यान दिया गया एवं प्रोत्साहन प्रदान किया गया ।

 

विविध

  1. भारतीय सेना के प्रतिनिधिमंडल ने सेना के अन्य अंगों के साथ द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी के आत्मसमर्पण की 75 वीं डायमंड जुबली मनाने के लिए 24 जून 2020 को मॉस्को के रेड स्क्वायर में विजय दिवस परेड में भाग लिया । रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में परेड देखने गए ।
  2. रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 21 फरवरी 2020 को दिल्ली छावनी स्थित थल सेना भवन का भूमि पूजन किया । यह अत्याधुनिक भवन 40 एकड़ में फैला होगा एवं 1335 करोड़ रुपये की लागत से इसकी योजना बनाई गई है । इस भवन में 36 निदेशालयों समेत सेना की पांचों शाखाएं मौजूद होंगी ।

 

भारतीय नौसेना

 

सैन्य तैनाती

1. ऑपेरशन संकल्प: जून 2019 से खाड़ी क्षेत्र में बढ़ते अमेरिका -ईरान तनाव के बीच, भारतीय नौसेना ने होर्मुज स्ट्रेट से पारगमन करने वाले इंडियन फ्लैग मर्चेंट वेसल्स (आईएफएमवी) की आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए खाड़ी क्षेत्र में ऑपरेशन संकल्प कोड नाम से समुद्री सुरक्षा ऑपरेशन शुरू किया है । प्रारंभ करने के बाद से भारतीय नौसेना ने 16 युद्धपोतों को तैनात कर और 156 आईएफएमवी पर लगभग 161 लाख टन माल ढोया है, इस प्रकार हमारे जहाज़ियों को आश्वस्ति की भावना प्रदान की है, एवं भारतीय स्वामित्व वाले सामुद्रिक वाहनों तथा उनसे होने वाले व्यापार की सुरक्षा की गई है ।

 

2. संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (यूएन डब्ल्यूएफपी) एस्कॉर्ट मिशन: भारतीय नौसेना पूर्वी अफ्रीकी देशों को भोजन ले जाने वाले जहाजों को सुरक्षा प्रदान करके संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम के प्रयासों में योगदान दे रही है । आईएनएस एरावत ने संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम के चार्टर्ड जहाज एमवी जुइस्ट को 05-14 जून 2020 के बीच सोमालिया के बरबेरा से मोगादिशू तक राहत खाद्य सामग्री को ले जाने के दौरान चुनौतीपूर्ण समुद्री वातावरण/ मौसम के हालात के बीच मदद की । पिछले तीन वर्षों में भारतीय नौसेना द्वारा शुरू किया गया यह तीसरा विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) एस्कॉर्ट मिशन था ।

 

  1. ऑपेरशन समुद्र सेतु: भारतीय नौसेना के जहाजों जलाश्व, शार्दूल, ऐरावत एवं मगर को ईरान, मालदीव और श्रीलंका से कोविड 19 के दौर में फंसे भारतीय नागरिकों की स्वदेश वापसी शुरू करने के लिए ऑपरेशन समुद्र सेतु के तहत मई-जुलाई 2020 से तैनात किया गया था । ऑपरेशन समुद्र सेतु के लिये तैनात भारतीय नौसेना के जहाजों ने 3551 पुरुषों, 387 महिलाओं और 54 बच्चों सहित 3992 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाल लिया ।

 

  1. मिशन सागर और सागर-II: आईएनएस केसरी को 'मिशन सागर' के अंतर्गत COVID-19 संबंधी सहायता प्रदान करने के लिए मई-जून 2020 से दक्षिणी हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) स्थित द्वीपीय देशों में तैनात किया गया था । तैनाती के दौरान इस जहाज ने मालदीव, मॉरीशस, मेडागास्कर, कोमोरोस और सेशेल्स को दवा स्टोर और मेडिकल किट प्रदान की । पोत पर सवार भारतीय नौसेना की चिकित्सा टीमों ने मॉरीशस और कोमोरोस को चिकित्सा सहायता भी प्रदान की । भारत द्वारा अनुवर्ती मानवीय आउटरीच मिशन के भाग के रूप में, मिशन सागर द्वितीय शुरू किया गया एवं आईएनएस एरावत को अक्टूबर-नवंबर 2020 से जिबूती, मसावा (इरिट्रिया), पोर्ट सूडान और मोम्बासा, केन्या (दक्षिण सूडान के लिए) को 270 मीट्रिक टन मानवीय सहायता भंडार प्रदान करने के लिए तैनात किया गया ।

 

विदेशी नौसेनाओं के साथ युद्धाभ्यास

5. नसीम-अल-बहर 2020: भारतीय नौसेना और ओमान की रॉयल नेवी (आरएनओ) का द्विपक्षीय अभ्यास नसीम-अल-बहर जनवरी 7-10 अक्टूबर 2020 को गोवा में आयोजित किया गया था । भारतीय नौसेना के जहाज ब्यास और सुभद्र  के साथ साथ ओमान की रॉयल नेवी (आरएनओ) के जहाजों अल रासिख और अल खसब  ने इस युद्धाभ्यास में हिस्सा लिया ।

 

6. इंद्रा नेवी 2020: भारतीय नौसेना और रूसी परिसंघ नौसेना (RuFN) का द्विपक्षीय अभ्यास इंद्रा नेवी 04-05 सितंबर 2020 से बंगाल की खाड़ी में आयोजित किया गया । आरयूएफएन जहाजों एडमिरल ट्रिब्यूट, एडमिरल विनोग्रोडोव, बोरिस बुटोमा औरभारतीय नौसेना के जहाजों रणविजय, किल्टन एवं शक्ति ने इस अभ्यास में हिस्सा लिया ।

 

7. जिमेक्स 2020: भारतीय नौसेना और जेएमएसडीएफ (जापान मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स) के बीच द्विपक्षीय अभ्यास JIMEX 2020 अरब सागर में 26-28 सितंबर 2020 से आयोजित किया गया था । जेएमएसडीएफ के जहाज कागा और इकाजुची; भारतीय नौसेना के जहाज चेन्नई, तरकश और दीपक, तथा भारतीय नौसेना के विमान पी8आई, मिग 29K और दोनों देशों की नौसेना के प्रमुख हेलिकाप्टरों ने इस द्विवार्षिक अभ्यास में भाग लिया ।

 

8. बंग सागर 2020: भारतीय नौसेना और बांग्लादेश नौसेना (बीएन) का द्विपक्षीय अभ्यास बंगसागर 2020 बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्से में दिनांक 03-04 अक्टूबर 2020 तक आयोजित किया गया था । समुद्री गश्ती विमान समेत बांग्लादेशी नौसेना के जहाजों प्रतय और अबू बकर  ने एवं भारतीय नौसेना के जहाज खुकरी  और किल्टन  समेत डोर्नियर एयरक्राफ्ट और इंटीग्रल हेलिकॉप्टर ने इस अभ्यास में हिस्सा लिया ।

 

9. SLINEX 2020. भारतीय नौसेना और श्रीलंकाई नौसेना (एसएलएन) के बीच द्विपक्षीय युद्धाभ्यास SLINEX 2020, 19-21 अक्टूबर 2020 के बीच बंगाल की खाड़ी में आयोजित किया गया । श्रीलंकाई नौसेना के जहाजों सायरा और गजाबाहू  एवं डोर्नियर विमान और समेकित हेलिकॉप्टरों के साथ भारतीय नौसेना के जहाजों किल्टन और कामोर्ता  ने इस अभ्यास में भाग लिया । इस युद्धाभ्यास के दौरान भारतीय नौसेना की स्वदेशी क्षमता को प्रदर्शित करने के लिए श्रीलंकाई जहाज गजाबाहू में एडवांस लैंडिंग हेलिकॉप्टर (एएलएच) की पहली लैंडिंग की गई ।

 

10. मालाबार 2020: भारतीय नौसेना, अमेरिकी नौसेना (यूएसएन) एवं जापानी समुद्री आत्मरक्षा बल (जेएमएसडीएफ) के जहाजों और रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी (आरएएन) के बीच 03-06 नवम्बर 2020 तथा 17 नवंबर 2020 को हिंद महासागर क्षेत्र में बहुपक्षीय अभ्यास आयोजित किया गया ।

 

11. SITMEX 2020. भारतीय नौसेना, सिंगापुर गणराज्य की नौसेना (आरएसएन) और रॉयल थाइलैंड नेवी (आरटीएन) के मध्य 21-22 नवंबर 2020 के बीच पूर्वी हिंद महासागर क्षेत्र में बहुपक्षीय अभ्यास किया गया ।

 

12. सिम्बैक्स 2020. भारतीय नौसेना और सिंगापुर गणराज्य की नौसेना (आरएसएन) के बीच द्विपक्षीय अभ्यास SIMBEX 2020 पूर्वी हिंद महासागर क्षेत्र में 23-25 नवंबर 2020 के बीच आयोजित किया गया ।

 

  1. पासेक्स (PASSEX): भारतीय नौसेना अंतर-संचालनशीलता को बढ़ाने और नौसैनिक कार्रवाइयों में सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं को आत्मसात करने के लिए उपयुक्त अवसरों पर अनुकूल विदेशी नौसेनाओं के साथ PASSEX युद्धाभ्यास करती हैं । 2020 में निम्नलिखित PASSEXs किए गए थे:-

(क) फ्रेंच नौसेना के साथ PASSEX.  दिनांक 23 से 24 मई 2020 तक फ्रांसीसी नौसैनिक जहाजों मिस्ट्राल  और गेप्राट और भारतीय नौसेना के जहाजों तलवार  और त्रिकंद  के बीच एडन की खाड़ी में पासेक्स का आयोजन किया गया था ।

 

(ख) जापानी मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स (जेएमएसडीएफ) के साथ PASSEX. भारतीय नौसेना के जहाजों राणा  व कुलिश  तथा जापानी मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स (JMSDF) के प्रशिक्षण जहाजों काशिमा और शिमायुकी  के बीच दिनांक 27 जून 2020 को पूर्वी हिंद महासागर क्षेत्र में पासेक्स का आयोजन किया गया था ।

 

(ग) संयुक्त राज्य अमेरिका नौसेना (USN) के साथ PASSEX. अमेरिकी नौसेना (यूएसएन) के जहाजों निमिट्ज, प्रिंसटन, राल्फ जॉनसन, स्टीरेट तथा भारतीय नौसेना के जहाजों राणा, सहयाद्री, शिवालिक, कामोर्ता  के बीच दिनांक 20-21 जुलाई 2020 से बंगाल की खाड़ी में PASSEX युद्धाभ्यास आयोजित किया गया था ।

 

(घ) ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के साथ PASSEX: ऑस्ट्रेलियाई जहाज एचएमएएस टूवूम्बा और भारतीय नौसेना के जहाज कोच्चि के बीच दिनांक 24 जनवरी, 2020 को PASSEX आयोजित किया गया था । एक और PASSEX ऑस्ट्रेलियाई जहाज HMAS होबार्ट और भारतीय नौसेना के जहाजों सहयाद्री और कार्मुक के बीच 24-25 सितंबर 2020 से पूर्वी हिंद महासागर क्षेत्र में आयोजित किया गया था ।

 

14. हिंद महासागर क्षेत्र की तटवर्ती नौसेनाओं के साथ समन्वित गश्ती (CORPAT). समुद्री पड़ोसियों के साथ समुद्री सुरक्षा सहयोग के हिस्से स्वरूप, स्थापित आपसी समझ और मानक परिचालन प्रक्रियाओं के अनुरूप आईएमबीएल से सटे इलाकों में इंडोनेशिया, थाईलैंड, बांग्लादेश, म्यांमार के साथ मिलकर समन्वित गश्ती आयोजित की जा रही हैं ।

 

15. एंटी पायरेसी गश्ती. समुद्री डकैती, तस्करी, मानव तस्करी, हथियारों की तस्करी इत्यादि जैसी समुद्री क्षेत्र की व्यापक अपरंपरागत सुरक्षा चुनौतियों के प्रसार से निपटने के लिए भारतीय नौसेना 2008 से एडन की खाड़ी में एक जहाज की तैनाती कर रही है । कुल 84 जहाजों को आज तक तैनात किया गया है ।

 

16. विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) निगरानी. भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में तटवर्ती मित्र राष्ट्रों की समुद्री निगरानी के मामले में सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है । तदनुसार, मेजबान सरकार के अनुरोध के आधार पर, भारतीय नौसेना नियमित रूप से महीने में एक बार मालदीव के एक्सक्लूसिव आर्थिक गलियारे की निगरानी करती है, साथ ही भारतीय नौसेना के जहाजों और विमानों की तैनाती करके वर्ष में दो बार सेशेल्स और मॉरीशस की निगरानी करती है ।

 

  1. भारतीय नौसेना डोर्नियर तैनाती

(क) श्रीलंका. भारतीय नौसेना के डोर्नियर विमान को दिनांक 17 से 20 फरवरी 2020 तक प्रशिक्षण और निगरानी मिशन शुरू करने के लिए श्रीलंका में तैनात किया गया था ।

(ख) मालदीव में भारतीय नौसेना की डोर्नियर तैनाती. भारतीय नौसेना के डोर्नियर डेट को दो मौकों पर- 27 जुलाई से 10 अगस्त 2020 और 08-15 सितंबर 2020 पर मालदीव के हनिमाधु में ज्वाइंट एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक ज़ोन की निगरानी, मेडवैक तथा खोजबीन व बचाव के लिए तैनात किया गया था ।

 

 

विदेशी सरकारों को सहायता

 

18. मेडागास्कर सरकार को सहायता. भारतीय नौसेना के जहाज एरावत, जिसे दक्षिण पश्चिमी हिंद महासागर क्षेत्र में तैनात किया गया था, को 'ऑपरेशन वेनिला' के लिए जनवरी 2020 में एंटसिरानाना, मेडागास्कर में डायवर्ट किया गया था ताकि चक्रवात डायने  के कारण मची तबाही के बाद प्रभावित आबादी को मानवीय सहायता तथा आपदा राहत प्रदान की जा सके । आपदा राहत भंडार, कपड़े, भोजन, दवाइयां एवं राहत सामग्री मेडागास्कर गणराज्य के प्रधानमंत्री महामहिम क्रिश्चियन लोइस एनटीसे की उपस्थिति में 01 फरवरी 20 को मेडागास्कर सरकार को सौंपी गई थी । इसके अलावा, मार्च 2020 में दक्षिण पश्चिमी हिंद महासागर क्षेत्र में तैनात भारतीय नौसेना के जहाज शार्दुल ने देश में बाढ़ के बाद राहत हेतु एंटसिरानाना, मेडागास्कर को 600 टन चावल दिया ।

19. मॉरीशस सरकार को सहायता. भारतीय नौसेना के जहाज निरीक्षक को एमवी वाकाशिओ की ग्राउंडिंग के कारण होने वाले पर्यावरणीय खतरे की पृष्ठभूमि में मॉरीशस सरकार को सहायता प्रदान करने के लिए दिनांक 13 अगस्त से 18 सितंबर 2020 तक तैनात किया गया था । जहाज ने सैल्वर्स को सीवार्ड सुरक्षा, खोज और बचाव कवर प्रदान किया और गोताखोरी अभियानों के लिए भी सहायता प्रदान की । जहाज ने इसके अतिरिक्त, टग गेटन का पता लगाने के लिए प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों में रात में डाइविंग का संचालन किया । भारतीय जहाज ने तेल रिसाव के ख़तरे से निपटने की मॉरीशस सरकार की योजना का साथ देते हुए डूबे हुए टग के इर्द गिर्द सीमेंट के भारी ब्लॉक रखे ।

20. फिलीपीनी नौसेना जहाज के लिए सहायता. फिलीपीनी नौसेना (पीएन) के जहाज बीआरपी रेमन अल कैरेज़ और बीआरपी दाओ डेल ने फिलीपीनी नागरिकों को लेने और कोविड 19 के फेसमास्क लेने के लिए 06 मई, 2020 को कोच्चि बंदरगाह में प्रवेश किया । जहाज 07 मई, 2020 को रवाना हुआ । बंदरगाह छोड़ने के बाद 07 मई 20 को रेमन अलकैरेज़ पर आग लगने की घटना हुई थी, लिहाज़ा जहाज 08 मई, 2020 को कोच्चि लौट गया । फिलीपीनी नौसेना के दो नाविक इस अग्निकांड से घायल हुए थे उन्हें आईएनएचएस संजीवनी अस्पताल पहुंचाया गया । एक नाविक को अधिक गंभीर स्थिति में पाया गया और प्रारंभिक उपचार के बाद सैन्य एयर एम्बुलेंस द्वारा 12 मई, 2020 को कमांड अस्पताल बैंगलोर में स्थानांतरित कर दिया गया । इसके अतिरिक्त इंजन कक्ष में आग लगने से हुए नुकसान की मरम्मत के लिए एनएसआरवाई (कोच्चि) द्वारा तकनीकी सहायता भी प्रदान की गई ।

21. मॉलदीव को सहायता. भारतीय नौसेना के चालक दल के साथ एक एएलएच एमके III एयरक्राफ्ट को दिनांक 24 अप्रैल 2016 से मालदीव के कधू में तैनात किया गया है । इसके अलावा भारतीय नौसेना के एक डोर्नियर विमान को चालक दल के साथ एमएनडीएफ के रंग में 29 सितंबर 2020 से कोविड 19 के यात्रा प्रतिबंधों के बीच अल्प सूचना पर मालदीव के हानमधु में तैनात किया गया । मॉलदीव सरकार के अनुरोध के परिणामस्वरूप, दिनांक 10 मार्च से 07 नवंबर 2020 तक विशाखापत्तनम के नौसेना डॉकयार्ड द्वारा सफलतापूर्वक एमएनडीएफ हुरवी का रिफिट किया गया ।

22. भारतीय नौसेना की हाइड्रोग्राफिक एफसी पहल. भारतीय नौसेना के जहाज मॉरीशस, सेशेल्स और श्रीलंका में तैनात किये गए थे । सर्वेक्षणों के सफल समापन ने एक बार फिर भारतीय नौसेना की पहुंच तथा क्षमता को साबित किया है एवं संबंधित देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में काफी योगदान दिया है । विदेशी सहयोग सर्वेक्षणों का विवरण नीचे आने वाले पैराग्राफ में दिया गया है:-

(क)  सेशेल्स का सर्वे. आईएनएस दर्शक को सेशेल्स सरकार से प्राप्त अनुरोधों के आधार पर हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षणों के संचालन के लिए दिनांक 26 दिसंबर 2019 से सेशेल्स में 28 दिनों के लिए तैनात किया गया ।

(ख) श्रीलंका का सर्वेक्षण. आईएनएस जमुना को संयुक्त हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण के संचालन के लिए दिनांक 04 फरवरी 2020 से श्रीलंका में 61 दिनों के लिए तैनात किया गया । तैनाती के दौरान कोसगोडा से वेलिगामा तक सर्वे किया गया ।

 

  1. लॉजिस्टिक्स समझौते. क्षमता बढ़ाने और भरण-पोषण सुनिश्चित करने के लिए भारत ने 04 जून 2020 को ऑस्ट्रेलिया के साथ म्यूचुअल लॉजिस्टिक्स सपोर्ट एग्रीमेंट (एमएलएसए) और 09 सितंबर 2020 को जापान के साथ रेसिप्रोकल प्रॉविज़न्स फॉर सपोर्ट एंड सर्विसेज (आरपीएसएस) का समापन किया है ।

 

मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR)

 

24. एमवी विश्व प्रेरणा से हताहतों की निकासी. दिनांक 05 अगस्त 2020 को कोच्चि के नौसेना हवाई अड्डे गरुड़ से सी किंग हेलीकॉप्टर ने कोच्चि के समीप एंकरेज एरिया से एमवी विश्व प्रेरणा के घायल मास्टर को उठाया एवं उन्हें चिकित्सा सहायता के लिए सिविल अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया ।

 

25. मछुआरों का बचाव दिनांक 26 जुलाई 2020 को तमिलनाडु के मनाली तिवु द्वीप (तूतीकोरिन से 13 नॉटिकल मील दक्षिण पूर्व) के पास डूबती हुई एक नौका से चार मछुआरों को भारतीय नौसेना के परुंडु स्थित हवाई अड्डे से संचालित होने वाले हेलिकॉप्टर चेतक के माध्यम से बचाया गया ।

 

26. एमवी न्यू डायमंड को सहायता. 03 सितंबर 2020 को भारतीय नौसेना के जहाज सहयाद्री को श्रीलंका के पूर्वी तट से दूर पनामा को हरी झंडी दिखाने वाले कच्चे तेल के टैंकर न्यू डायमंड को सहायता प्रदान करने के लिए डायवर्ट किया गया था । श्रीलंकाई नौसेना के अनुरोध पर जहाज ने अग्निशमन और बचाव के प्रयासों के समन्वय के लिए ऑन-सीन-कमांडर के कर्तव्यों को संभाला । ऑन-सीन कमांडर के रूप में सहयाद्री ने अग्निशमन, बचाव और समुद्र में रस्से से खिंचाव के अभियान के समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।

 

27. सोमालिया के करीब परेशानी में घिरे जहाज अल हामिद  को सहायता. 05 जनवरी, 2020 को एडन की खाड़ी में समुद्री डकैती रोधी गश्ती के लिए तैनात भारतीय नौसेना के जहाज सुमेधा को श्रीलंका में पंजीकृत जहाज अल हामिद की सहायता करने के लिए डायवर्ट किया गया था जिसमें 13 भारतीय सवार थे एवं जो सोमालिया से दूर था । जहाज इलाके में पहुंचा और हताहतों को प्राथमिक उपचार प्रदान किया । मास्टर के अनुरोध पर इस जहाज को तट से दूर जाने से रोकने के लिये किनारे लाया गया और भारतीय नौसेना का जहाज सुमेधा खींचने वाले वाहन के आने तक समुद्री डकैती के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए आसपास बना रहा ।

 

लॉंचिंग एवं कमीशनिंग/ उत्पादन का आगाज़

 

28. आईएनएस कवरत्ती की कमीशनिंग. प्रोजेक्ट 28 के चौथे और अंतिम जहाज आईएनएस कवरत्ती की दिनांक 22 अक्टूबर 2020 को विशाखापत्तनम में कमीशनिंग की गई थी ।

 

29. भारतीय नौसेना के एलसीयू एल57 (यार्ड 2098) की कमीशनिंग. भारतीय नौसेना के एलसीयू एल57 को नौसेना में दिनांक 15 मई 20 को पोर्ट ब्लेयर में कमीशन किया गया था । यह जहाज कोलकाता के मेसर्स जीआरएसई द्वारा बनाए जा रहे आठ एलसीयू एमके 4 जहाजों में से सातवां है ।

 

30. यार्ड 3023 की स्थापना की शुरुआत. यार्ड 3023 (मेसर्स जीआरएसई में परियोजना 17 ए का दूसरा जहाज) के निर्माण का कार्यक्रम 24 जनवरी 2020 को जीआरएसई, कोलकाता में आयोजित किया गया ।

 

31. यार्ड 12653 की स्थापना की शुरुआत. दिनांक 10 सितंबर 2020 को एमडीएल, मुंबई में यार्ड 12653 (मेसर्स एमडीएल में प्रोजेक्ट 17 ए का तीसरा जहाज) के निर्माण का आगाज़ करने वाला समारोह आयोजित किया गया ।

 

32. यार्ड 12654 के उत्पादन की शुरुआत. एमडीएल, मुंबई में 22 जनवरी 2020 को यार्ड 12654 (मेसर्स एमडीएल में प्रोजेक्ट 17 ए का चौथा जहाज) का उत्पादन शुरू किया गया ।

 

33. यार्ड 3024 के उत्पादन की शुरुआत. यार्ड 3024 (मेसर्स जीआरएसई में प्रोजेक्ट 17 ए का तीसरा जहाज) का उत्पादन 22 अगस्त 2020 को जीआरएसई, कोलकाता में शुरू किया गया ।

 

नवाचार और स्वदेशीकरण

 

34. भारतीय नौसेना के जहाजों के लिये हायर स्पेक्स ईंधन की शुरुआतः भारतीय नौसेना ने मेसर्स आईओसीएल के साथ समन्वय करके मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय नियमनों (आईएसओ, मारपोल, नाटो इत्यादि) के तुलनात्मक मूल्यांकन के साथ एक गहन एवं विस्तृत अध्ययन का कार्य किया एवं इसके परिणामस्वरूप जनवरी 2020 में अंतर्राष्ट्रीय एवं नाटो के मानकों को पूरा करने वाले नवीन ईंधन विनिर्देशों की शुरुआत की गई । आईओसीएल के माध्यम से नए ईंधन की आपूर्ति मार्च 2020 में शुरू की गई । यह पहल उपकरणों की विश्वसनीयता, प्रदर्शन, कम कार्बन फुटप्रिंट, उत्सर्जन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित होगी एवं इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि वैश्विक स्तर पर नौसेना की 'मिशन आधारित तैनाती ' के लिये महत्वपूर्ण होगी ।

 

35. नई पीढ़ी की अग्निशमन प्रणाली. वैश्विक प्रोटोकॉल (ओजोन डिप्लीशन प्रोटोकॉल तथा ग्लोबल वॉर्मिंग क्षमता के संबंध में क्रमशः मॉन्ट्रियल और क्योटो प्रोटोकॉल) को पूरा करने के लिए भारतीय नौसेना ग्लोबल क्लासीफिकेशन सोसायटी एवं अन्य सांविधिक मानदंडों का पालन करते हुए हैलोन आधारित एफएफ प्रणाली और कार्बन डाइऑक्साइड आधारित एफएफ प्रणाली के स्थान पर पर्यावरण की दृष्टि से बेहतर नई पीढ़ी की अग्निशमन प्रणाली की ओर जा चुकी है ।

 

36. स्वदेशीकरण के प्रयास. सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत' अभियान के अनुरूप भारतीय नौसेना स्वदेशीकरण के मामले में अग्रणी बनी हुई है । आदेशित किये गए 43 जहाजों में से 41 का निर्माण स्वदेश में किया जा रहा है और स्वदेश में बनाए जाने वाले 44 जहाजों और पनडुब्बियों के निर्माण के लिए एओएन मौजूद है । भारतीय नौसेना ने अपने जहाजों और पनडुब्बियों के लिए सभी हितधारकों के निरंतर प्रयासों से अब तक 23 प्रमुख उपकरण/ प्रणालियां और 4500 से अधिक जोड़े जाने वाले छोटे उपकरण/ घटक विकसित किए हैं । भारतीय नौसेना के जहाजों के लिए स्वदेश में डिजाइन और विकसित सोनार डोम की पहली 'वाणिज्यिक आपूर्ति' दिनांक 20 सितंबर को गोवा के मेसर्स किनेको द्वारा की गई । यह भारतीय नौसेना के स्वदेशीकरण पर निरंतर प्रोत्साहन का एक उदाहरण है ।

 

COVID-19 के दौरान भारतीय नौसेना के प्रयास

 

37. भारतीय नौसेना यार्ड द्वारा विभिन्न अभिनव समाधानों की तैयारी की गई है जिनमें मल्टी-फीड ऑक्सीजन मेनीफोल्ड, पोर्टेबल नॉन कॉन्टैक्ट थर्मामीटर, उपकरणों और वर्दी की सफाई के लिए यूवी स्टर्लाइज़ेशन चैंबर, स्टेशनों की सफाई के लिये पैर से संचालित किये जाने वाले फुट पेडल का विकास आदि शामिल हैं ।

 

38. इनोवेटिव पीपीई का विकास. नौसेना डॉकयार्ड, मुंबई के सहयोग से नौसेना चिकित्सा संस्थान में नवाचार प्रकोष्ठ द्वारा एक अभिनव पीपीई विकसित किया गया । यह पीपीई एक कपड़े का उपयोग करता है जो छिड़काव प्रतिरोधी है, सांस लेने की क्षमता प्रदान करते हुए उपयोगकर्ता को संक्रमण फैलाने वाले कणों से बचाता है, इस प्रकार उपयोगकर्ता थके बग़ैर लंबे समय तक ड्यूटी पर रह सकता है । इस पीपीई का निर्माण करना आसान है, एक स्वदेशी, आसान स्रोत वाले कपड़े और बहुत बुनियादी सिलाई कौशल का उपयोग करके स्थानीय सिलाई इकाइयों को नौकरियां प्रदान करने के साथ-साथ 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम को बढ़ावा देता है । पारंपरिक आयातित पीपीई के लिए 1,800 रुपये - 2,000 रुपये की तुलना में इस पीपीई की लागत 550 रुपये से कम है । राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास निगम ने इस पीपीई के बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए छह फर्मों को लाइसेंस प्रदान किया है । इस पीपीई का उपयोग अनेक सशस्त्र बल, सरकारी और निजी अस्पताल कर रहे हैं एवं उन्होंने इसके इस्तेमाल में बहुत जबरदस्त संतुष्टि व्यक्त की है । नई दिल्ली में एसवीबीपी कोविड अस्पताल ने भी 1.1 करोड़ रुपये की लागत में 25,000 पीपीई के लिए ऑर्डर दिए ।

 

39. आईओएनएस वेबसाइट पर COVID-19 जानकारी अपलोड करना. कोविड 19 से संबंधित जानकारी को हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के साथ साझा करने की दिशा में भारतीय नौसेना आईओएनएस देशों के साथ COVID-19 का मुकाबला करने के लिए शुरू की गई जानकारी और नवाचारों को साझा कर रही है । इस बारे में आईओएनएस की वेबसाइट पर सूचना पृष्ठ दिया गया है, जिसमें विभिन्न दस्तावेज और वीडियो शामिल हैं । अपलोड किए गए आइटमों की सूची नीचे है:-

 

(क) कोविड-19 महामारी पर दस्तावेज़

(ख) आईओएनएस देशों द्वारा उपयोग के लिए भारतीय नौसेना के नवाचार

(ग) बैटल फील्ड नर्सिंग असिस्टेंट (बीएफएनए) प्रशिक्षण वीडियो

 

कल्याण और सशक्तिकरण

 

40. चौथा सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस’ उत्सव. सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस का चौथा संस्करण दिनांक 14 जनवरी, 2020 को नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में मनाया गया, जिसका उद्देश्य पूर्व सैनिकों, विधवाओं और उनके आश्रितों के कल्याण पर अपेक्षित जोर देना था । सेना के तीनों अंगों के लगभग 2600 पूर्व सैनिकों ने इस समारोह में भाग लिया ।

 

41. महिला सशक्तिकरण. महिला अधिकारियों को अधिक अवसर प्रदान करने के लिए भारतीय नौसेना द्वारा निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं:-

 

(क) जहाजों पर चार महिला अधिकारियों को नियुक्त किया गया है ।

(ख) दो महिला पर्यवेक्षक अधिकारियों को पहली बार सितंबर 2020 में सीकिंग स्ट्रीम में रखा गया है ।

(ग) किसी महिला अधिकारी को पहली बार आरपीए स्ट्रीम में रखा गया है ।

(घ) एक महिला पर्यवेक्षक अधिकारी को एक वर्ष की अवधि के लिए डोर्नियर एयरक्रू के हिस्से के रूप में मालदीव में तैनात किया गया है ।

(ङ) पहली महिला अधिकारी को प्रोवोस्ट विशेषज्ञता में शामिल किया गया है एवं 20 जुलाई को एट-आर्म्स कोर्स के लिए प्रतिनियुक्त किया गया है ।

(च) किसी महिला अधिकारी को पहली बार एडीए, मॉस्को नियुक्त किया गया है ।

 

महत्वपूर्ण गतिविधियां

 

42. (नौसेना नवाचार एवं स्वदेशीकरण संगठन) एनआईआईओ. आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए दिनांक 13 अगस्त 2020 को रक्षा मंत्री द्वारा नौसेना नवाचार एवं स्वदेशीकरण संगठन (एनआईआईओ) का उद्घाटन किया गया था । भारतीय नौसेना ने रक्षा में आत्मनिर्भरता के लिए नवाचार और स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने की दिशा में शिक्षा एवं उद्योग के साथ सम्पर्क स्थापित करने के लिए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीईडीए), गुजरात में रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय (आरएसयू), कोच्चि में मेकर विलेज और सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (SIDM) के साथ चार समझौता पत्रकों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे । इसके अतिरिक्त भारतीय 'नौसेना नवाचार और स्वदेशीकरण संगठन' के शुभारंभ के हिस्से के रूप में ‘स्वावलंबन’ शीर्षक से नौसेना की स्वदेशीकरण योजना भी माननीय रक्षा मंत्री द्वारा विमोचित की गई । इसके बाद यह दस्तावेज भारतीय नौसेना और एसआईडीएम की वेबसाइटों पर अपलोड किया गया है ताकि औद्योगिक पारितंत्र और अन्य हितधारकों के दृष्टिकोण से व्यापक प्रसार सुनिश्चित किया जा सके ।

 

43. DEFEXPO 2020. रक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित एक प्रमुख द्विवार्षिक रक्षा प्रदर्शनी डेफएक्सपो 2020 का आयोजन दिनांक 05 फरवरी से 09 फरवरी, 2020 तक लखनऊ में किया गया था । यह 'इंडिया: द इमर्जिंग डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग हब' विषय के साथ डेफएक्सपो का ग्यारहवां संस्करण था । इस कार्यक्रम में 172 विदेशी रक्षा विनिर्माण कंपनियों ने भाग लिया था । लखनऊ में 05-09 फरवरी 20 से आयोजित डेफएक्सपो 2020 प्रदर्शनी के दौरान स्वदेशीकरण मंडप की स्थापना की गई थी । स्वदेशीकरण पर नौसेना मंडप में भारतीय नौसेना के स्वदेशीकरण प्रयासों को प्रदर्शित करने के लिए 10 स्टॉल शामिल थे । मंडप में स्वदेश में विकसित मशीनरी नियंत्रण प्रणाली, सेंसर, आयुध कलपुर्जों, एनसीएन उपकरण, उड्डयन के क्षेत्र में काम आने वाले पार्ट्स और मशीनरी कलपुर्जों को शामिल किया गया था । यह मंडप 200 से अधिक उद्योग प्रतिनिधियों और गणमान्य व्यक्तियों के आगमन का साक्षी बना ।

 

44. भारत - अफ्रीका रक्षा मंत्री का कॉन्क्लेव. प्रथम भारत-अफ्रीका रक्षा मंत्री सम्मेलन दिनांक 06 फरवरी, 2020 को लखनऊ में डेफएक्सपो-20 के साथ मिलकर आयोजित किया गया था । माननीय रक्षा मंत्री ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया था जिसमें रक्षा मंत्रालय और भारतीय सशस्त्र बलों के वरिष्ठ नेतृत्व ने भाग लिया था । कॉन्क्लेव के एक हिस्से के रूप में एक संयुक्त घोषणा – ‘लखनऊ घोषणा’ पर हस्ताक्षर किए गए । इस सम्मेलन में 14 अफ्रीकी देशों के रक्षा मंत्रियों, संसद सदस्यों, 19 रक्षा और सेवा प्रमुखों एवं 38 अफ्रीकी देशों के आठ स्थायी सचिवों सहित अफ्रीका के 154 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया ।

 

45. प्रेसिडेंट कलर पुरस्कार

 

प्लेटिनम जुबली के अवसर पर कार्मिकों के प्रशिक्षण के लिए दी गई सराहनीय सेवा को मान्यता देते हुए आईएनएस शिवाजी को फरवरी 2020 में प्रेसिडेंट कलर से सम्मानित किया गया था ।

 

46. अंटार्कटिका के लिए 39 वां भारतीय वैज्ञानिक अभियान.

 

एक विस्तृत हाइड्रोग्राफी कोर्स किये हुए अधिकारी एवं एक हाइड्रो नाविक के साथ हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण दल ने दिसंबर 2019 से मई 2020 तक अंटार्कटिका में 39 वें भारतीय वैज्ञानिक अभियान में हिस्सा लिया । उन्होंने लार्समैन हिल और प्रिंसेस एस्ट्रिड कोस्ट के निकट हाइड्रोग्राफिक सर्वे किया ।

 

47. एलसीए (नौसेना). एलसीए (एन) कार्यक्रम संयुक्त रूप से एडीए और भारतीय नौसेना द्वारा विकसित किया जा रहा है । दिनांक 11 जनवरी 2020 को जब एलसीए (एन) विमान ने विमानवाहक पोत पर पहली बार नियंत्रित लैंडिंग की इस परियोजना ने एक अहम पड़ाव हासिल किया ।

 

48. विजय दिवस परेड द्वितीय विश्व युद्ध की 75 वीं वर्षगांठ समारोह के उपलक्ष्य में रूस के मास्को में विजय दिवस परेड दिनांक 24 जून 2020 को आयोजित की गई थी । भारतीय नौसेना के 19 सदस्यों (02 अधिकारियों एवं 17 नाविकों) समेत सेना के तीनों अंगों के 75 सदस्यीय दल ने इस परेड में भाग लिया ।

 

खेलकूद

 

49. अंतर्राष्ट्रीय स्तर. दो नौसैनिक खिलाड़ी नवीन और परमजीत ने इटली में 15-18 जनवरी 20 तक आयोजित पहली रैंकिंग सीरीज अंतरराष्ट्रीय कुश्ती टूर्नामेंट में भारत का प्रतिनिधित्व किया । संजय कुमार को अत्यधिक कठिन परिस्थितियों में उच्च ऊंचाई पर हाई एंड्योरेंस अल्ट्रा मैराथन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए यूएसआई द्वारा मैक-ग्रेगर मेमोरियल मेडल 2020 से सम्मानित किया गया । आईएनएस कर्ण के लेफ्टिनेंट कमांडर अभिनव झा ने सितंबर 2020 में नीदरलैंड में आयोजित होने वाली 100 किलोमीटर रनिंग वर्ल्ड चैम्पियनशिप (COVID-19 के मद्देनजर स्थगित आयोजन) में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए क्वालीफाई किया ।

 

50. राष्ट्रीय स्तर पर. (i) नौसेना के खिलाड़ियों/टीमों ने 63 वीं राष्ट्रीय निशानेबाजी चैम्पियनशिप; ii) 68 वीं सीनियर नेशनल वॉलीबॉल चैम्पियनशिप; iii) खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2020; iv) सीनियर पुरुष राष्ट्रीय हॉकी चैम्पियनशिप 2020 v) 30 वीं सीनियर नेशनल कयाकिंग एंड कैनोइंग चैम्पियनशिप; vi) 30वीं सीनियर नेशनल फेंसिंग चैम्पियनशिप एवं vi) 48 वीं सीनियर नेशनल हैंडबॉल चैम्पियनशिप में भाग लिया और ख्याति अर्जित की ।

 

भारतीय वायुसेना

 

अधिग्रहण

1. एयरफील्ड इंफ्रास्ट्रक्चर (एमएएफआई) का आधुनिकीकरण. दिनांक 08 मई 20 को 37 एयरफील्ड्स के लिए एमएएफआई फेज-2 अनुबंध पर रक्षा मंत्रालय ने मैसर्स टाटा पावर एसईडी (टीपीएसईडी) के साथ 1189.44 करोड़ रुपये की लागत से हस्ताक्षर किए । इस परियोजना के तहत नौवहन संबंधी साज़ोसामान एवं बुनियादी ढांचे का सुधार, एयरोस्पेस सुरक्षा को बढ़ाते हुए खराब दृश्यता और प्रतिकूल मौसम में भी सैन्य और नागरिक विमानों के हवाई संचालन को सुविधाजनक बनाकर परिचालन क्षमता को बढ़ाता है । एमएएफआई चरण-1 परियोजना 15 दिसंबर 19 को पूरी हुई थी जिसमें भारतीय वायु सेना के 30 हवाई क्षेत्रों का आधुनिकीकरण शामिल था । एमएएफआई चरण-2 के 37 हवाई अड्डों में भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के 24, भारतीय नौसेना (आईएन) के नौ और अन्य सेवाओं के चार हवाई अड्डे शामिल हैं ।

 

2. एमएएफआई परियोजना एक टर्न-की परियोजना है जिसमें कैट-II इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) और कैट-II एयर फील्ड लाइटिंग सिस्टम (एएफएलएस) इत्यादि जैसे आधुनिक एयरफील्ड उपकरणों की स्थापना और कमीशनिंग शामिल है । हवाई क्षेत्र के आसपास आधुनिक उपकरण सीधे हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी) से जुड़े हुए हैं, इस प्रकार हवाई यातायात नियंत्रकों को एयरफील्ड सिस्टम का उत्कृष्ट नियंत्रण प्रदान करते हैं । इस परियोजना के तहत नौवहन संबंधी साज़ोसामान एवं बुनियादी ढांचे का सुधार, एयरोस्पेस सुरक्षा को बढ़ाते हुए खराब दृश्यता और प्रतिकूल मौसम में भी सैन्य और नागरिक विमानों के हवाई संचालन को सुविधाजनक बनाकर परिचालन क्षमता को बढ़ाता है ।

 

3. राफेल. आठ राफेल विमानों को फ्रांस से भारत लाया गया है और यह पूरी तरह से कार्यशील कर दिए गए हैं । राफेल की पहली स्क्वैड्रन को दिनांक 20 सितम्बर को वायुसेना में आवश्यक साज़ोसामान और अवसंरचना के साथ सफलतापूर्वक शामिल किया गया था ।

 

4. ब्रह्मोस एयर लॉंच्ड मिसाइल का सुखोई-30 एमकेआई विमान पर सफल एकीकरण. भारतीय वायुसेना ने सुखोई-30 एमकेआई विमान पर ब्रह्मोस एयर वर्जन मिसाइल को सफलतापूर्वक एकीकृत किया । ब्रह्मोस मिसाइल भारतीय वायु सेना को समुद्र में या जमीन पर किसी भी लक्ष्य पर दिन या रात और सभी प्रकार की मौसमी परिस्थितियों में सटीकता के साथ वार करने की क्षमता प्रदान करता है । भारतीय वायुसेना को इस क्षमता को प्राप्त करने की दरकार थी ।

 

5. अन्य अधिग्रहण मामले

 

(क) नये अधिग्रहणों को सरकार की मंजूरी. रक्षा अधिग्रहण परिषद द्वारा अस्त्र बीवीआर मिसाइल, स्मार्ट एंटी फील्ड हथियार (एसएएडब्ल्यू), लॉंग रंग लैंड अटैक क्रूज मिसाइल (एलआर-लैक्म), एचटीटी-40 इत्यादि जैसे संभावित स्वदेशी प्लेटफार्मों की खरीद के लिए एओएन स्वीकृति प्रदान की गई थी । उपरोक्त रक्षा उपकरणों का अधिग्रहण प्रक्रिया के अनुसार चल रहा है ।

(ख) एचएएल से उन्नत एलसीए एमके 1ए की खरीद का मामला कैबिनेट की रक्षा मामलों की समिति (सीसीएस) द्वारा अंतिम अनुमोदन की स्थिति में है एवं अनुबंध पर शीघ्र ही हस्ताक्षर होने की संभावना है ।

(ग) भारत में 40 विमानों (कुल 56 में से) के निर्माण के लिए किसी भारतीय उत्पादन एजेंसी की भागीदारी के साथ मेसर्स एयरबस से 56 सी-295 की खरीद का मामला भी सीएफए अनुमोदन चरण में है और निकट भविष्य में अनुबंध पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है । यह मामला अपनी तरह का पहला है जिसमें निजी कंपनियों की भागीदारी की परिकल्पना की गई है और यह हमारे रक्षा उद्योग के लिए बढ़ावा देने वाला साबित होगा ।

(घ) एचएएल से एलसीएच के अधिग्रहण का मामला, बीईएल से आईईडब्ल्यूआर और डी-29 की खरीद का मामला, हारोप (पी-4) (विकल्प खंड), यूएवी प्रणालियों को उन्नत बनाना भी अग्रिम स्थिति में है । 2021 की पहली तिमाही में अनुबंधों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है ।

 

मेक परियोजनाएं

6. आत्मनिर्भर भारत: भारतीय वायुसेना 'आत्मनिर्भर भारत' के राष्ट्रीय दृष्टिकोण का सक्रिय रूप से समर्थन करती है । भारतीय वायुसेना का यह प्रयास रहा है कि भारत सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाया जाए और रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता की प्रक्रिया को गति प्रदान की जाए । मेक इन इंडिया पहल के तहत विभिन्न योजनाओं के बारे में अपडेट निम्न है ।

 

(क) मेक-2 योजना. भारतीय वायु सेना ने- चैफ एंड फ्लेयर्स, सुखोई-30 के लिए आईआरएसटी, फोल्डेबल फाइबरग्लास मैट्स, 125 किलोग्राम बमों और हवाई बमों के लिए फ्यूज- के डिजाइन और विकास के कामकाज हेतु प्रोटोटाइप विकास के वास्ते परियोजना मंजूरी आदेश (पीएसओ) जारी किया है ।

 

(ख) प्रौद्योगिकी विकास निधि (टीडीएफ) योजना. भारत सरकार ने प्रौद्योगिकी विकास कोष (टीडीएफ) की स्थापना की थी जिसका प्रबंधन रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा किया जाता है । इस योजना के तहत भारतीय वायुसेना की 18 परियोजनाएं टीडीएफ प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में हैं । भारतीय विक्रेताओं को सुखोई-30 एमकेआई के लिए वीडियो प्रोसेसिंग/ स्विचिंग बोर्ड के डिजाइन और विकास का ठेका और मिराज-2000 के इंजन के लिए बर्नर रिंग्स का ठेका दिया गया है ।

 

(ग) आईडीईएक्स (इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस). उद्योगों (एमएसएमई, स्टार्ट-अप्स, इंडिविजुअल इनोवेटर्स समेत) को जोड़ने के लिये रक्षा मंत्रालय के डीआईओ के iDEX फ्रेमवर्क के अंतर्गत वायुसेना ने चार डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंजज़ (डीआईएससी) में भाग लिया है ।

 

(घ) एईडब्ल्यूएंडसी एमके-2. संबद्ध उपकरणों के साथ छह एईडब्ल्यू एंड सी (एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल) एमके-2 विमान की खरीद के लिए रक्षा अधिग्रहण परीषद (डीएसी) द्वारा दिनांक 17 दिसंबर 2020 को 'बाय (इंडियन-आईडीडीएम)’ श्रेणी के तहत एओएन प्रदान किया गया है । इस प्रणाली के लिए मंच एयर इंडिया के पहले से प्राप्त एयरबस ए-319/321 विमान का होने की संभावना है । मिशन प्रणाली डिजाइन और विकास के साथ-साथ प्रणाली के रखरखाव को स्वदेश में किया जाएगा जिससे भारतीय रक्षा उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा । इसलिए इस परियोजना से 'आत्मनिर्भर भारत' को एक बड़ा प्रोत्साहन मिलने की संभावना है ।

 

(ङ) एलसीए इंडक्शन. एलसीए समकालीन क्षमताओं के साथ एक शक्तिशाली लड़ाकू विमान के निर्माण की दिशा में स्वदेशी प्रयास का परिणाम है । "तेजस" भारत में डिजाइन, विकसित और निर्मित पहला एडवांस फ्लाई बाय वायर लड़ाकू विमान है । पहली एलसीए स्क्वैड्रन का गठन 01 जुलाई 2016 को किया गया था । अब तक आईओसी विन्यास में 16 विमान भारतीय वायुसेना को दिए जा चुके हैं । विमानों के लिये एफओसी की डिलीवरी भी शुरू हो गई है । भारतीय वायुसेना की 83 एलसीए एमके 1ए खरीदने की योजना भी है । एचएएल, एडीए और भारतीय वायुसेना ने किसी भी नये इंडक्शन में मौजूद शुरुआती समस्याओं को दूर करने के लिए मिल कर काम किया है । बेहतर हथियार क्षमता, लड़ने की बढ़ी हुई क्षमता, उड़ान के दौरान ईंधन भरने की क्षमता एवं कम गति में विमान को संभालने के लिये आधुनिक विशेषताओं के साथ FOC विन्यास जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है ।

 

(च) पिछोरा डिजिटलीकरण. भारतीय वायुसेना 1987 के बाद पिछोरा प्रणाली को अपग्रेड करने की प्रक्रिया में है । पिछोरा मिसाइल प्रणाली की फायरिंग इकाइयों के डिजिटलीकरण के लिए अनुबंध पर 20 सितंबर को हस्ताक्षर किए गए थे । सिस्टम के डिजीटलीकरण के पश्चात हुए प्रदर्शन में काफी वृद्धि की जाएगी । वर्तमान में फायरिंग युनिट डिजीटलीकरण का कामकाज जारी है ।

 

लेह सेक्टर में सैन्य लामबंदी

7. मध्य 2020 के दौरान (उत्तरी क्षेत्र में) तीव्र सैन्य तैनाती. भारतीय वायु सेना के टीपीटी बेड़े की भारी एयरलिफ्ट परिसंपत्तियों ने उत्तरी क्षेत्र में युद्ध के लिए तैयार सैनिकों के साथ-साथ युद्ध शुरू करने वाली मशीनरी की भारी मात्रा को कम समय सीमा में जुटाकर अपनी क्षमता साबित कर दी, इस प्रकार सैन्य बलों के जमावड़े की गतिशीलता में परिवर्तन हुआ ।

 

मानवीय सहायता एवं आपदा राहत

8. मानवीय सहायता एवं आपदा राहत मिशन (इंटरनेशनल). कोविड कार्य की दिशा में अंतरराष्ट्रीय वायु प्रयास में निम्नलिखित सम्मिलित हैं :

(क) चीन के वुहान में सद्भावना उड़ान. चीन को 15 टन चिकित्सा आपूर्ति पहुंचाने और 26 एवं 27 फरवरी 20 को 112 भारतीय और विदेशी नागरिकों को भारत पहुंचाने के लिए सी-17 परिवहन विमान का उपयोग किया गया ।

(ख) ईरान से भारतीयों की तत्काल वापसी. दिनांक 10 मार्च 2020 को तेहरान से 58 भारतीयों को निकालने के लिए भारतीय वायुसेना के सी-17 परिवहन विमान का इस्तेमाल किया गया ।

(ग) माले को चिकित्सा उपकरण/ आपूर्ति का एयरलिफ्ट. दिनांक 02 अप्रैल 20 को 6.2 टन लोड माले पहुंचाया गया ।

 

(घ) किर्गिस्तान से कोविड पॉज़िटिव डीआरडीओ कर्मियों को निकालना. 25 कोविड-19 पॉजिटिव कार्मिकों समेत 49 रक्षा अनुसंधान एवं सहयोग संगठन (डीआरडीओ) कर्मियों को दिनांक 04 नवंबर 2020 को बिश्केक, किर्गिस्तान से भारत में विशाखापट्नम पहुंचाया गया ।

 

(ङ) कुवैत को चिकित्सा सहायता. कोविड परीक्षण मशीनों और संबद्ध कंप्यूटरों समेत 1.8 टन भार के साथ 15 चिकित्सा कर्मियों को दिनांक 11 अप्रैल 2020 को कुवैत पहुंचाया गया ।

 

(च) सी-17 कांगो/ दक्षिण सूडान की यात्रा. एक सी-17 परिवहन विमान को 18 जुलाई 20 को हिंडन से गोमा (कांगो) और जुबा (दक्षिण सूडान) तक 18.6 टन COVID-19 स्टोर्स और भारतीय सेना संबंधी सामग्री को एयरलिफ्ट करने तथा यात्रियों को वापस भारत लाने के लिए लगाया गया था । विमान का संचालन बिना रुके 7,100 किलोमीटर की कुल दूरी तय कर किया गया । 18 भारतीय नागरिकों और 02 पार्थिव शरीरों सहित 62 यात्रियों को क्रमशः गोमा और जुबा से वापस लाया गया ।

 

(छ) बेरूत, लेबनान के लिए मिशन. एक सी-17 परिवहन विमान ने दिनांक 14 अगस्त 2020 को दवाइयों, खाद्यान्न, कंबल, पीपीई, दस्तानों और मास्क समेत 57 टन राहत सामग्री बेरूत पहुंचाई ।

 

(ज) मॉरीशस के लिए मिशन. एक सी-17 परिवहन विमान ने दिनांक 16 अगस्त 20 को भारतीय तटरक्षक बल के 10 कर्मियों के साथ सुलूर से मॉरीशस के लिए 35 टन मानवीय सहायता और प्रदूषण से मुकाबले से संबंधित सामग्री पहुंचाई ।

 

9. मानवीय सहायता एवं आपदा राहत मिशन (घरेलू). वर्ष के दौरान विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के लिये किया गया हवाई प्रयास निम्न है:-

 

(क) विशाखापट्नम में गैस रिसाव. विशाखापट्नम में एक रासायनिक संयंत्र से गैस रिसाव के बाद राहत प्रदान करने के लिए 8.3 टन केमिकल लोड मुंद्रा से विशाखापट्नम दिनांक 09 और 10 मई 20 को पहुंचाया गया । इसके अलावा एनडीआरएफ के 04 और राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी) के 05 वैज्ञानिकों को विमान के माध्यम से पहुंचाया गया । इस प्रक्रिया के दौरान 23 सॉर्टीज और 40 घंटों की उड़ान भरी गई ।

 

(ख) चक्रवात एम्फान. दो सी-130 को क्रमशः पुणे से कोलकाता और अराकोणम से कोलकाता के लिए चक्रवात राहत ऑपरेशन के लिये एनडीआरएफ की दो टीमों को एयरलिफ्ट करने के लिए इस्तेमाल किया गया था । 21 मई 20 को कुल 91 कार्मिक एवं 8.6 टन लोड को पहुंचाया गया ।

 

(ग) चक्रवात ‘निसर्ग. एक एल-76 विमान को दिनांक 02 जून को भटिंडा से सूरतगढ़ के लिए 10.8 टन लोड और 07 एनडीआरएफ के 122 पैक्स को एयरलिफ्ट करने का जिम्मा सौंपा गया था । एक आईएल-76 को दिनांक 02 जून 20 को विजयवाड़ा से मुंबई के लिए 6.9 टन लोड और एनडीआरएफ के 108 पैक्स एयरलिफ्ट करने का जिम्मा सौंपा गया था ।

 

(घ) बाढ़ राहत ऑपरेशन. बिहार, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और महाराष्ट्र राज्यों में 2020 के दौरान बाढ़ राहत ऑपरेशन के लिए हेलिकॉप्टरों को बड़े पैमाने पर तैनात किया गया था । इसके लिये 144 सॉर्टीज उड़ाई गई और 338 पैक्स और 76.95 टन लोड को पहुंचाया गया ।

 

(ङ) चादर ट्रेक में फंसे ट्रैकर्स का बचाव अभियान. जंस्कार घाटी में फंसे 80-100 ट्रेकर्स (02 फ्रांसीसी और 07 चीनी नागरिकों समेत) को निकालने के लिए केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख से एक अनुरोध प्राप्त हुआ था । भारतीय वायुसेना ने बचाव अभियान के लिए दो एएलएच हेलिकॉप्टर लगाए और 107 ट्रेकर्स को सुरक्षित लेह पहुंचाया गया । बचाव अभियान के लिए 14 से 16 जनवरी 20 तक 28 सॉर्टीज उड़ाई गईं ।

 

10. भारतीय वायु सेना के हेलिकाप्टरों द्वारा टिड्डियों पर स्प्रे. कृषि मंत्रालय ने टिड्डियों के प्रसार को नियंत्रित करने हेतु छिड़काव के उद्देश्य से हेलिकॉप्टर लगाने का अनुरोध किया था । भारतीय वायुसेना ने इस कार्य के लिए त्वरित समय में दो हेलिकॉप्टरों में फेरबदल किया, जिसके बाद इनका राजस्थान और गुजरात राज्यों में हवाई छिड़काव हेतु प्रयोग किया गया था ।

 

11. भारतीय हवाई क्षेत्र का प्रभावी उपयोग. भारतीय हवाई क्षेत्र के कुशल उपयोग के लिए भारतीय वायु सेना (आईएएफ) और नागरिक उड्डयन मंत्रालय (एमओसीए) ने संयुक्त रूप से एक तंत्र का गठन किया है । इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए नेशनल एयरस्पेस मैनेजमेंट सेल (एनएएलसी) को दिनांक 30 जुलाई 2020 से और रीजनल एयरस्पेस मैनेजमेंट सेल (आरएएमसी) चेन्नई को दिनांक 2 दिसंबर 2020 से चालू किया गया । इसमें संयुक्त रूप से भारतीय वायुसेना और एएआई के अधिकारी तैनात हैं ।

 

  1. आरसीएस उड़ान योजना के तहत रक्षा हवाई क्षेत्र का संयुक्त उपयोग. भारतीय वायुसेना नागरिक उड्डयन की बढ़ी हुई मांगों के पक्ष में अपने हवाई अड्डों और हवाई क्षेत्र को साझा करने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय (एमओसीए)/ एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इण्डिया (एएआई) के साथ सक्रिय रूप से बातचीत कर रही है । तदनुसार, पिछले एक वर्ष में आरसीएस उड़ान योजना के तहत सिविल अनुसूचित उड़ानों को समायोजित करने के लिए संयुक्त उपयोग हेतु सात और रक्षा से जुड़े हवाई अड्डे खोले गए हैं । दरभंगा एयरफील्ड से दिनांक 08 नवंबर 20 से निर्धारित उड़ान संचालन शुरू हो गया है । संयुक्त उपयोगकर्ता संचालन के लिए भारतीय वायु सेना के 39 हवाई अड्डे और 7 एडवांस लैंडिंग ग्राउण्ड उपलब्ध कराए गए हैं ।

 

13. विंड टरबाइन जेनरेटर के लिए एनओसी मामलों का निपटान. भारत सरकार के नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में विंड टरबाइन जेनरेटर (डब्ल्यूटीजी) की स्थापना की प्रक्रिया को आसान बनाने और उसमें तेजी लाने के लिए भारतीय वायु सेना ने गुजरात और राजस्थान क्षेत्र में ऐसे क्षेत्रों की पहचान और सीमांकन किया है जहां एनओसी के लिए आवेदन किए बिना विंड टरबाइन जेनेरेटर (WTGs) स्थापित किए जा सकते हैं । कोविड-19 प्रतिबंधों के बावजूद 01 जनवरी 20 से 15 दिसंबर 20 की अवधि के दौरान देश भर में 1654 विंड टरबाइन जेनेरेटर (WTG) स्थानों की सिफारिश की गई है ।

 

14. भारतीय वायु सेना में ई-गवर्नेंस (ई-कार्यालय) प्रणाली का कार्यान्वयन. दिसंबर 2020 में वायुसेना के सभी अधिकारियों के लिये भारतीय वायुसेना इ-गवर्नेंस (इ-ऑफिस) प्रणाली शुरू की गई है । भारत सरकार की डिजिटल और ई-गवर्नेंस नीतियों के भाग स्वरूप शुरू की गई इस पहल के कार्यान्वयन से आने वाले वर्ष में देश भर में भारतीय वायु सेना की 800 से अधिक इकाइयां 'पेपरलेस ऑफिस वर्किंग' में प्रवेश करेंगी । भारतीय वायु सेना में ई-गवर्नेंस (ई-कार्यालय) का शुभारंभ फाइलों और दस्तावेजों की मैन्युअल हैंडलिंग की वर्तमान विधि से डिजिटल प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन का प्रतीक है । इस प्रणाली का उद्देश्य कागज के उपयोग में भारी कमी के साथ-साथ बढ़ी हुई पारदर्शिता, बेहतर दक्षता, जवाबदेही में वृद्धि, सुनिश्चित आंकड़ों की अखंडता और सुरक्षा हासिल करना है तथा इसके परिणामस्वरूप समय और मानवीय संसाधनों का अनुकूलन होगा ।

 

15. प्रोजेक्ट ई-मेंटेनेंस मैनेजमेंट सिस्टम (ई-एमएमएस). भारतीय वायु सेना ने ई-रखरखाव प्रबंधन प्रणाली (ई-एमएमएस) के कार्यान्वयन के माध्यम से रखरखाव प्रबंधन के स्वचालन में एक बड़ा कदम उठाया है जो दुनिया में लागू किए गए सबसे बड़े रखरखाव मरम्मत ओवरहाल (एमआरओ) समाधानों में से एक है । ई-एमएमएस परियोजना रक्षा मंत्रालय और भारतीय वायु सेना द्वारा सार्वजनिक-निजी भागीदारी और डिजिटल इंडिया अवधारणा की सफलता का प्रमाण है । अनुबंध का कुल मूल्य 637.77 करोड़ रुपये है जिसमें भारतीय वायु सेना के 170 स्थानों पर कार्यान्वयन के साथ-साथ एक डाटा सेंटर (डीसी) और एक आपदा रिकवरी (डीआर) केंद्र का संचालन शामिल है । रक्षा मंत्रालय और मेसर्स विप्रो लिमिटेड के बीच हस्ताक्षरित परियोजना ई-एमएमएस के लिए अनुबंध दिनांक 31 दिसंबर 19 को समाप्त हो गया । परियोजना वर्तमान में 01 जनवरी 2020 से अनुकूलन चरण में है जिसमें सभी रखरखाव ई-एमएमएस पर डिजिटल रूप से किए गए हैं ।

 

-एमएमएस की शुरुआत के साथ भारतीय वायुसेना को परिचालन संबंधी लाभ:

 

(क) लगभग 50 बेड़ों एवं उनके उपकरणों से जुड़े प्रकाशनों के 29 लाख से अधिक पृष्ठों का डिजिटलीकरण, इससे दस्तावेज का पता लगाने की क्षमता में फायदा हुआ है ।

(ख) समयबद्ध सर्विसिंग सुनिश्चित करने के लिये सर्विसिंग संबंधी कामकाज की देखरेख हेतु लगभग 40 लाख से अधिक आइटमों के एयरक्राफ्ट कलपुर्जों एवं 30 लाख आइटमों की अन्य प्रणालियों के कलपुर्जों की कम्प्यूटरीकृत निगरानी ।

(ग) भारतीय वायु सेना में परिसंपत्तियों की सही व हर समय स्थिति जानने के लिये, एयरक्राफ्ट की सर्विसिएबिलिटी जैसे सभी क्षेत्रों में, सभी स्तरों पर बढ़ी हुई उत्पादकता जिससे योजना बनाने एवं निर्णय लेने की प्रक्रिया बेहतर होती है ।   

(घ) रखरखाव संबंधी नीतियों एवं सर्विस शेड्यूल का केंद्रीयकृत डिजिटल प्रवर्तन, जिसके माध्यम से फील्ड में कार्मिकों तक सूचना पहुंचने में लगने वाला समय कम हुआ है, साथ ही डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित हो पाई है ।

(ङ) राफेल जैसे सभी आधुनिक और आगामी इंडक्शन ई-एमएमएस गैम्बिट में लाए गए हैं । भारतीय वायुसेना के पास अपना ई-एमएमएस होने से इन अतिरिक्त प्रणालियों में लगने वाले धन की बचत हुई है और सरकारी खजाने पर कम बोझ पड़ा है ।

 

COVID-19 के खिलाफ संघर्ष

 

 

16. क्वारंटाइन सुविधाएं

 

(क) भारतीय वायु सेना के विभिन्न स्टेशनों पर क्वारंटाइन सुविधाएं सृजित की गई थीं । ये सुविधाएं जरूरत पड़ने पर विदेशों या देश के भीतर से बचा कर लाए गए लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करेंगी । भारतीय वायु सेना ने विभिन्न स्थानों पर सुविधा आधारित क्वारंटाइन सुविधाएं बनाई हैं ।

(ख) हिंडन में क्वारंटाइन सुविधा में ईरान से 10 मार्च 20 को 58 लोग लाए गए जिन्हें भारतीय वायुसेना के सी-17 परिवहन विमान द्वारा लाया गया था । वे 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन थे, लेकिन समूह में एक पॉज़िटिव मामले के कारण क्वारंटाइन की अवधि को बढ़ा दिया गया था ।

(ग) तांबरम में क्वारंटाइन सुविधा में मलेशिया से दिनांक 24 मार्च 2020 को 113 लोग आए जिन्हें एयर इंडिया की उड़ान से लाया गया था । वो सभी 14 दिनों तक क्वारंटाइन थे । संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से कुल 178 लोग भी 18 मई 20 को पहुंचे जिन्हें 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन किया गया था ।

 

17. चिकित्सा गतिविधियां. भारतीय वायु सेना ने देश भर में नौ स्थानों पर क्वारंटाइन सुविधाएं सृजित कीं और पांच अस्पतालों को समर्पित/ मिश्रित COVID-19 अस्पतालों में बदल दिया जो सेवारत कर्मियों और आश्रितों के अलावा नागरिक रोगियों को प्राप्त करने के लिए तैयार थे । भारतीय वायु सेना के शेष अस्पतालों/ स्टेशन मेडिकेयर केन्द्रों (एसएमसीएस) को भी कोविड-19 के साथ सेवारत कर्मियों और आश्रितों को प्राप्त करने तथा उनका इलाज करने के लिए अपग्रेड किया गया था ।

 

भारतीय तटरक्षक

 

अभियान

 

1. भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) की परिसंपत्तियों में वृद्धि के साथ समुद्री निगरानी को प्रोत्साहित करने को वांछित बढ़ावा दिया गया । भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) जहाजों और विमानों को वर्ष पर्यंत चौबीस घंटों एवं सप्ताह के सातों दिन निगरानी संबंधी कामकाज में तैनात किया गया है ।

 

ईईज़ेड की विस्तारित निगरानी

 

2. भारत के समुद्री क्षेत्र में समुद्री निगरानी करने के अलावा, तटवर्ती देशों की समुद्री निगरानी शुरू करने के लिए भी आईसीजी के जहाजों और विमानों को तैनात किया जाता है । 2019 में, आईसीजी ने मालदीव के ईईजेड में पांच विस्तारित ईईजेड तैनाती की । मालदीव ईईजेड में तीन आईसीजी जहाज और दो विमान तैनात किए गए थे ।

 

सिविल अथॉरिटी की मदद

 

एलजी पॉलिमर्स केमिकल प्लांट, विशाखापट्टनम में गैस रिसाव

 

3. विशाखापट्टनम के एलजी पॉलीमर गैस संयंत्र गोपालपट्टनम में विषाक्त स्टायरीन गैस के आकस्मिक रिसाव के परिणामस्वरूप विशाखापट्टनम में इससे निपटने के लिये चल रहे प्रयासों की दिशा में वापी इंडस्ट्रियल एस्टेट (गुजरात) से केमिकल पैरा टर्शरी ब्यूटिल कैटेजोल (पीटीबीसी) को एयरलिफ्ट करने का अनुरोध आईसीजी से किया गया था । दिनांक 07 मई 20 को तेज़ी से अंजाम दिए गए एक ऑपरेशन में दमन से पुणे में 1000 किलो केमिकल ट्रांसफर किया गया था एवं दिनांक 09 मई 20 को एक और 1060 किलोग्राम हिस्सा दमन से मुंद्रा में कोस्टगार्ड डोर्नियर ने ट्रांसफर किया था ।

 

दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी में सुपर साइक्लोन 'एम्फन' के दौरान समय रहते उठाए कदम

 

4. दिनांक 13 मई 20 को दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी (बीओबी) में कम दबाव के रूप में मौसम में गड़बड़ी के पहले संकेत के साथ, भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) ने BoBdaily में सक्रिय मछुआरों और व्यापारी जहाजों को सचेत करके 13 मई 20 से पहले से ही उपाय शुरू कर दिए ।

 

पड़ोसी देशों/ विदेशी जहाजों को सहायता

 

पाल्क बे में विदेशी तैराकों को खोजबीन एवं बचाव (एसएआर) सहायता

 

5. पाल्क की खाड़ी में रामेश्वरम के निकट धनुषकोडी से मन्नार (श्रीलंका) जा रहे 02 तैराकों (01 ब्रिटिश और 01 अमेरिकी) की खोजबीन एवं बचाव (एसएआर) सहायता के बारे में कोलंबो स्थित भारत उच्चायोग के अनुरोध पर दिनांक 26 फरवरी 2020 को भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) के एसीवी एच-197 ने तैराकों को एसएआर (खोजबीन एवं बचाव) सहायता प्रदान की ।

 

अग्नि नियंत्रण में सहायता एमटी न्यू डायमंड

 

6. एमटी न्यू डायमंड ने दिनांक 03 सितंबर 20 को जहाज पर आग लगने और विस्फोट की सूचना दी । पनामा की झंडी वाला ग्रीक स्वामित्व वाला पोत कुवैत से पारादीप के रास्ते में, कुवैत से निर्यात 2.75 लाख मीट्रिक टन कच्चे तेल को आईओसीएल पारादीप ला रहा था । अग्निशमन और प्रदूषण प्रतिक्रिया क्षमताओं के साथ आईसीजी मल्टी मिशन शिप शौर्य को तुरंत भेजा गया जो उसी दिन क्षेत्र में पहुंच गया और सबसे पहले अग्निशमन अभियान शुरू किया । 01 दिन के अंतराल में आईसीजी ने चेन्नई से 03 तटरक्षक जहाज, विशाखापट्टनम से 01 प्रदूषण प्रतिक्रिया पोत, कराइकल से 02 डोर्नियर विमान और 01 हेलीकॉप्टर के साथ 02 जहाजों को भी अभियान में जोड़ा । आईसीजी जहाजों ने श्रीलंकाई तटरक्षक जहाजों, श्रीलंकाई नौसेना जहाजों, टग टीटीके-1, टग रावण, टग वसावा और टग एपीएल विंगर के साथ अग्निशमन अभियानों का समन्वय किया ।

 

 

तटीय सुरक्षा

 

तटीय सुरक्षा हेतु मानक परिचालन प्रक्रियाएं/ युद्धाभ्यास

7. भारतीय तटरक्षक ने सभी हितधारकों के परामर्श से तटीय सुरक्षा मुद्दों पर विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय के लिए राज्यवार मानक परिचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) स्थापित की हैं । इन मानक परिचालन प्रक्रियाओं का उद्देश्य तटीय सुरक्षा तंत्र की दक्षता को बढ़ाना है । इस तंत्र को प्रत्येक तटीय राज्य में द्विवार्षिक अभ्यासों के माध्यम से मान्य किया जाता है, जिसमें सभी हितधारक भाग लेते हैं । इस अवधि के दौरान कुल 06 तटीय सुरक्षा अभ्यास किए गए हैं ।

 

तटीय सुरक्षा अभियान

 

8. खुफिया सूचनाओं के आधार पर तटरक्षक बल द्वारा तटीय सुरक्षा अभियान भी संचालित किया जा रहा है । इस अवधि के दौरान भारतीय तटरक्षक द्वारा कुल 23 तटीय सुरक्षा अभियान चलाए गए हैं ।

 

खोजबीन और बचाव

 

9वां राष्ट्रीय समुद्री खोज और बचाव अभ्यास-2020 (SAREX-20)

9. भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) ने 05-06 मार्च 20 से गोवा के करीब समुद्री संकटपूर्ण स्थितियों से निपटने में भारत की एम-एसएआर क्षमता एवं तैयारियों को प्रदर्शित करने के लिए 9वें द्विवार्षिक राष्ट्रीय समुद्री खोजबीन और बचाव अभ्यास और कार्यशाला का आयोजन किया, एवं इसमें खोज और बचाव कार्यशाला, टेबल टॉप अभ्यास और समुद्री अभ्यास शामिल थे । इस अभ्यास का विषय 'HAMSAR: हार्मोनाइज़ेशन ऑफ एयरोनॉटिकल एंड मैरिटाइम एसएआर सर्विसेज़’ था । रक्षा सचिव ने दिनांक 05 मार्च 2020 को इस कार्यशाला का उद्घाटन किया जिसमें एनएमएसएआर बोर्ड के 24 सदस्यों के साथ 19 देशों के 24 अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों ने भाग लिया । वाणिज्यिक एयरलाइनों, निजी हेलिकॉप्टर ऑपरेटरों और आईएटीए के प्रतिनिधियों ने पहली बार भाग लिया । कुल 11 आईसीजी जहाज, 02 सीजीडीओ, 03 चेतक, 01 नौसेना का जहाज, 01 एएलएच और 01 वायु सेना एमआई-17 हेलिकॉप्टर ने इस अभ्यास में भाग लिया ।

 

बीकन युद्धाभ्यास

 

10. अभ्यासों की श्रृंखला में क्रमशः 21-23 तथा 28 जनवरी 2020 एवं 18-20 जून 2020 से 19वां और 20वां बीकन अभ्यास आयोजित किया गया । रक्षा और सिविल एजेंसियों से सक्रिय भागीदारी देखी गई जिसमें संबंधित अभ्यासों के दौरान कुल 37 और 46 बीकन का परीक्षण किया गया । 21वां बीकन अभ्यास दिनांक 07-09 दिसंबर 20 के बीच निर्धारित है ।

 

 

11. एसएआर डेटा:- खोजबीन और बचाव डेटा इस प्रकार है:-

 

 

क्रम संख्या

01 जनवरी- 30 नवम्बर 2020

(क)

अभियान

82

(ख)

बचाई गई ज़िंदगियां

123

(ग)

उड़ानें

58

(घ)

पोत से उड़ानें

146

(ड)

चिकित्सा संबंधी आपात स्थिति में बचाव

10

 

मेडिकल संबंधी आपात स्थिति में बचाव

 

एमटी हाई सैटर्न पर चिकित्सा संबंधी आपात स्थिति के दौरान सहायता

 

 

 

12. दिनांक 31 जुलाई 2020 को लगभग 0647 बजे, एमआरसीसी मुंबई को एमटी हाई सैटर्न व्यू पर चालक दल के एक सदस्य को गंभीर पेट दर्द से पीड़ित होने की जानकारी मैसर्स डायमंड एंग्लो शिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड से मिली । सूचना मिलने पर एमआरएससी (न्यू मैंगलोर) ने स्थानीय एजेंट से संपर्क किया और एनएमपीटी संसाधनों का उपयोग कर चिकित्सा निकासी की व्यवस्था करने का निर्देश दिया । हालांकि मौसम की स्थिति के कारण इसे आगे बढ़ाया नहीं जा सका । नतीजतन आईसीजी जहाज अमर्त्य को सहायता के लिए डायवर्ट कर दिया गया । भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) के जहाज ने COVID-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए ख़राब मौसमी हालात के बावजूद एमटी हाई सैटर्न से 11 बजकर 55 मिनट पर रोगी को सुरक्षित रूप से निकाल लिया ।

 

मेडिकल इमरजेंसी ऑनबोर्ड एमवी एवगेनिया के.

 

13. दिनांक 26 सितंबर 2020 को लगभग 1540 बजे, एमआरसीसी चेन्नई को एमवी एवगेनिया से एक अनुरोध प्राप्त हुआ जिसमें यह सूचित किया गया कि जहाज पर काम करते समय एक चालक दल का सदस्य घायल हो गया है और आवश्यक चिकित्सा सहायता की आवश्यकता है । सूचना मिलने पर आईसीजी शिप आयुष को क्षेत्र में निगरानी के लिए सहायता प्रदान करने के लिए डायवर्ट कर दिया गया । दिनांक 27 सितंबर 20 को 1545 बजे जहाज ने COVID-19 प्रोटोकॉल से जुड़ी सभी सावधानियों का पालन करते हुए पोत से रोगी को निकाला और विशाखापट्टनम पहुंचे । बाद में मरीज को विशाखापट्टनम के वेंकटरामा अस्पताल पहुंचाया गया ।

 

 

तस्करी विरोधी और नारकोटिक्स नियंत्रण खुफिया कार्रवाई

 

14.568 किलो सोने की ज़ब्ती

 

14. एक संयुक्त अभियान में, आईसीजी और डीआरआई, तूतीकोरिन ने दिनांक 03 मार्च 20 को भारतीय चालक दल (मंडपम के दक्षिण में भूमि से लगभग 01 एन मील) के दो सदस्यों के साथ एक अपंजीकृत फाइबर बोट पकड़ी । बोर्डिंग ऑपरेशन के दौरान नाव में कोई नशीला पदार्थ नहीं मिला । हालांकि नाव बंदरगाह पोस्ट किनारे पर लौट रही थी एवं उसमें मछली पकड़ने में इस्तेमाल होने वाली नेट या मछलियां मौजूद नहीं थी । नाव और चालक दल को डीआरआई के हवाले कर दिया गया । दिनांक 04 मार्च 20 को डाइविंग ऑपरेशन के दौरान सोने के लगभग 5 पैकेट बरामद किए गए जिनमें से प्रत्येक का वज़न 3 किलो था ।

 

400 किलो हेरोइन की ज़ब्ती

 

15. भारतीय तटरक्षक द्वारा साझा की गई रीयल टाइम खुफिया जानकारी के आधार पर श्रीलंकाई नौसेना ने दिनांक 03-04 मार्च 20 को दो ईरानी और दो श्रीलंकाई नौकाओं को सफलतापूर्वक पकड़ा और 400 किलोग्राम हेरोइन और 100 किलो मेथेटामाइन ज़ब्त की । पकड़े गए नशीले पदार्थों की क़ीमत श्रीलंकाई मुद्रा में 600 करोड़ रुपये आंकी गई है । श्रीलंकाई नौसेना के इतिहास में समुद्र में मादक पदार्थों की यह अब तक की सबसे बड़ी खेप है ।

 

 

 

आईसीजी और डीआरआई तूतीकोरिन द्वारा संयुक्त तस्करी विरोधी अभियान

 

संचार

 

स्थैतिक सेंसर परियोजना चरण-2 की श्रृंखला की स्थापना

 

16. दिनांक 15 जनवरी 20 को 1814.32 करोड़ रुपये की लागत से मेसर्स बीईएल के साथ स्थैतिक सेंसर्स प्रोजेक्ट फेज-2 अनुबंध की श्रृंखला समाप्त हो गई है । इसका कार्यान्वयन नवंबर 2021 तक पूरा होने की संभावना है । स्थैतिक सेंसर श्रृंखला के चरण-1 और चरण-2 के कार्यान्वयन के बाद भारतीय समुद्र तट 104 रडार स्टेशनों की निगरानी में होगा यह इस प्रकार के नेटवर्क में से सबसे बड़े नेटवर्क में से एक है ।

 

83 जीएमएसके डेमोड्यूलेटर का अनुबंध निर्धारित

 

17. आईसीजी जहाजों के लिए 83 जीएमएसके डेमोड्यूलेटर्स की खरीद का ठेका दिनांक 02 जनवरी 20 को मेसर्स बीईएल, पंचकुला के साथ संपन्न हो गया है । आईसीजी जहाजों पर उपकरण लगाने एवं चालू करने का काम पूरा कर लिया गया है ।

 

29 समुद्री बचाव उप केंद्रों की स्थापना

 

18. दिनांक 21 मार्च 2017 को शुरू की गई 29 एमआरएससी की स्थापना के संबंध में मामला 'युनिट मंजूरी' के समझौते के लिए रक्षा मंत्रालय के साथ चल रहा है ।

 

संयुक्त युद्धाभ्यास

 

आईसीजी-जेसीजी संयुक्त युद्धाभ्यास 'सहयोग-कैजिन-XIX'

 

19. चेन्नई के करीब आईसीजी (भारतीय तटरक्षक) और जेसीजी (जापानी तटरक्षक) के बीच संयुक्त अभ्यास 'सहयोग-कैजिन XIX' के लिए जापान कोस्ट गार्ड के जहाज 'इचीगो' ने दिनांक 16 जनवरी 20 को चेन्नई का दौरा किया जिसमें आईसीजी के जहाजों शौर्य, वीरा, अवीक, सी-432 और सी-435 ने जापान तटरक्षक जहाज 'इचीगो' के साथ भाग लिया ।

 

अंतर्राष्ट्रीय सहयोग

 

उच्च स्तरीय बैठकें

 

जापान तटरक्षक बल

 

20. जापान तटरक्षक बल के कमांडेंट एडमिरल ताकाहिरो ओकुशिमा के नेतृत्व में सात सदस्यीय जेसीजी प्रतिनिधिमंडल ने दिनांक 14 जनवरी 20 को आईसीजी और जेसीजी के बीच 19वें एचएलएम के लिए तटरक्षक बल मुख्यालय का दौरा किया । इसके बाद दिनांक 16 जनवरी 20 को चेन्नई के करीब आईसीजी और जेसीजी जहाजों के साथ समुद्र में एक संयुक्त अभ्यास किया गया ।

 

प्रशांत क्षेत्र कमांडर, यूएससीजी की यात्रा

 

21. यूएससीजी के प्रशांत क्षेत्र कमांडर वाइस एडमिरल लिंडा एल फागन ने यूएससीजी प्रतिनिधिमंडलों के साथ दिनांक 28 जनवरी 20 को कोस्टगार्ड मुख्यालय का दौरा किया । इस दौरान आपसी हित के मुद्दों पर चर्चा की गई ।

 

एसएआर पर आईओआरए के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर

 

22. भारत ने हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में खोजबीन एवं बचाव संबंधी सेवाओं के समन्वय तथा सहयोग के लिए दिनांक 24 सितंबर 20 को इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन (आईओआरए) के सदस्य देशों की सरकारों के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए । समझौता ज्ञापन के प्रावधानों के अनुसार भारतीय तटरक्षक को क्रियान्वयन एजेंसी के रूप में नामित किया गया है ।

 

गवर्निंग काउंसिल की बैठक (जीसीएम)

 

23. भारतीय तटरक्षक के महानिदेशक (डीजीआईसीजी) ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से दिनांक 13 और 15 अक्टूबर 20 को एशिया में जहाजों के खिलाफ समुद्री डकैती एवं सशस्त्र डकैती से निपटने के लिए क्षेत्रीय समझौते की 14वीं शासी परिषद की बैठक (जीसीएम) में भारत से गवर्नर के रूप में भाग लिया ।

 

 

उड्डयन

मालदीव में विदेशी ALH तैनाती

 

24. एक भारतीय तटरक्षक ध्रुव हेलीकाप्टर सीजी 853 एक आईसीजी टुकड़ी के साथ मालदीव में कार्यरत है । यह विदेशों में संचालित आईसीजी की पहली और एकमात्र अभिन्न टुकड़ी है । इंडक्शन के बाद से इस ध्रुव ने 168 MEDEVAC मिशन शुरू किए हैं और 178 लोगों की जान बचाई है । वर्ष 2020 में ध्रुव ने सफलतापूर्वक 12 MEDEVAC मिशन शुरू किए हैं और 12 लोगों की जान बचाई है । इसके अनुपालन में भारत सरकार से 19 अप्रैल 2019 को मालदीव में आईसीजी ध्रुव हेलीकॉप्टर की तैनाती जारी रखने के लिए तीन वर्षों के लिए सरकारी स्वीकृति पत्र प्राप्त किया गया था ।

 

एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच एमके-3) का शामिल करना

 

25. आईसीजी को सोलह (16) एएलएच एमके-3 हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए दिनांक 29 मार्च 2017 को मेसर्स एचएएल, बैंगलोर के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे । ये हेलिकॉप्टर समुद्री निगरानी, एसएआर, चिकित्सा निकासी, हताहत निकासी, जहाजों को रसद सहायता के साथ-साथ जिम्मेदारी के क्षेत्र (एओआर) में प्रदूषण प्रतिक्रिया सॉर्टीज जैसे आईसीजी चार्टर की दिशा में तट और जहाज जनित अभियान शुरू करेंगे । इन हेलिकॉप्टरों में अत्याधुनिक समुद्री सेंसर और सिस्टम जैसे इंटीग्रेटेड आर्किटेक्चर डिस्प्ले सिस्टम (आईएडीएस), सर्विलांस रडार, इलेक्ट्रो ऑप्टिक इंफ्रा रेड (ईओ-आईआर) सिस्टम, ऑटोमैटिक आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (एआईएस), 12.7 एमएम केबिन माउंटेड गन, हाई डिस्टेंस सर्च लाइट (एचआईएल) आदि लगे हुए हैं । यह हेलिकॉप्टर एचएएल, बंगलौर में उत्पादन के अंतिम चरण में हैं । कोविड-19 और परिणामी लॉकडाउन की शुरुआत के बावजूद उत्पादन के कामकाज में प्रगति हुई है एवं भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) द्वारा जनवरी 2021 में पहले 02 हेलिकॉप्टरों को शामिल किए जाने की संभावना है । सभी 16 एएलएच एमके-3 हेलिकॉप्टरों को सितंबर 2021 तक शामिल करने की योजना है ।

 

ट्विन इंजन हैवी हेलिकॉप्टर की खरीद

 

26. आईसीजी 14 ट्विन इंजन हैवी हेलिकॉप्टरों (TEHH) की ख़रीद पर काम कर रहा है । इन हेलिकॉप्टरों को किनारे स्थित स्टेशनों पर तैनात किया जाएगा और इनमें आईसीजी जहाजों से संचालन की क्षमता भी होगी । यह ट्विन इंजन हैवी हेलिकॉप्टर समुद्र तट से 200 नॉटिकल मील तक समुद्री निगरानी, एसएआर, चिकित्सा निकासी और प्रदूषण प्रतिक्रिया अभियानों को पूरा करने में सक्षम होंगे । इन हेलिकॉप्टरों के शामिल होने से ज़िम्मेदारी के क्षेत्र (एओआर) में बहुआयामी संचालन करने की आईसीजी की क्षमता में वृद्धि होगी । आईसीजी के लिए 14 ट्विन इंजन हैवी हेलिकॉप्टरों की खरीद के लिए रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) का एओएन दिनांक 20 जनवरी 2020 को और आरएफपी 24 जून 2020 को चार वैश्विक विक्रेताओं को जारी किया गया है । वर्तमान समयसीमा के अनुसार 14 ट्विन इंजन हैवी हेलिकॉप्टरों की खरीद के लिए अनुबंध पर मार्च 2022 तक हस्ताक्षर होने की संभावना है । यह साल 2025-26 तक आईसीजी को दिए जाने की संभावना है ।

 

27. 17 तटरक्षक डोर्नियर विमानों का आधुनिकीकरण

भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) ने दिनांक 07 फरवरी 2020 को कानपुर के मेसर्स एचएएल (टीएडी) के साथ 17 डोर्नियर विमानों के मिड लाइफ अपग्रेड के लिए एक अनुबंध समाप्त किया है ।

 

28. मिड लाइफ अपग्रेड में 20 अत्याधुनिक प्रणाली/ सेंसर जैसे ग्लास कॉकपिट, मिशन मैनेजमेंट सिस्टम, प्रदूषण निगरानी प्रणाली (पीएसएस), 12.7 मिमी एवी गन, पांच ब्लेड प्रोपेलर इत्यादि शामिल हैं जो आईसीजी के परिकल्पित विकास के अनुरूप हैं एवं तकनीकी उन्नति की भविष्य में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए हैं । सुधार के लिए पहला विमान सितंबर 2021 में मेसर्स एचएएल (टीएडी) द्वारा शामिल किए जाने की संभावना है और जुलाई 2022 तक पोस्ट अपग्रेड प्रस्तावित है । सभी 17 डोर्नियर विमानों के सुधार का काम दिसंबर 2025 तक पूरा हो जाएगा ।

 

एयरफील्ड इंफ्रास्ट्रक्चर (एमएएफआई) का आधुनिकीकरण

 

29. दिनांक 08 मई 2020 को भारतीय वायु सेना (आईएएफ) और मेसर्स टाटा पावर एसइडी लिमिटेड के बीच एयरफील्ड इंफ्रास्ट्रक्चर (एमएएफआई) के आधुनिकीकरण के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए हैं । इस अनुबंध में तटरक्षक एयर स्टेशन दमन और रत्नागिरी में डॉप्लर वीएचएफ ओमनी रेंज (डीवीओआर) ट्रांसमीटर, हाई पावर डिस्टेंस मापने वाले उपकरण (एचपीडीएमई) और एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (एटीएम) की स्थापना शामिल है । नियोजित निष्पादन के अनुसार इन NAV-AIDS की स्थापना क्रमश नवंबर 2021 और नवंबर 2023 तक सीजीएएस दमन और सीजीएएस रत्नागिरी में पूरी की जाएगी ।

 

 

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन

 

वर्ष 2020 में बड़ी उपलब्धियां

 

1. डीआरडीओ युवा वैज्ञानिक प्रयोगशालाएं (डीवाईएलएस)

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 2 जनवरी 2020 को पांच रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) युवा वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं (डीवाईएल) को राष्ट्र को समर्पित किया । यह डीवाईएल प्रयोगशालाएं  बेंगलुरु, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता और हैदराबाद में स्थित हैं । प्रत्येक प्रयोगशाला क्रमशः एक प्रमुख उन्नत प्रौद्योगिकी जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम प्रौद्योगिकियों, संज्ञानात्मक प्रौद्योगिकियों, असममित प्रौद्योगिकियों एवं स्मार्ट मटेरियल्स पर काम करेगी ।

 

2. आईएनएस विक्रमादित्य पर डीआरडीओ विकसित एलसीए नेवी की पहली लैंडिंग

तट आधारित परीक्षण सुविधा (एसबीटीएफ) पर व्यापक परीक्षण पूरा करने के बाद, हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) के नौसेना संस्करण ने 11 जनवरी 2020 को आईएनएस विक्रमादित्य पर एक सफल नियंत्रित लैंडिंग की ।

 

3. गणतंत्र दिवस परेड में डीआरडीओ का प्रतिनिधित्व

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड के दौरान संगठन और सशस्त्र बलों की विभिन्न झांकियों में सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल 'आकाश', विज़ुअल रेंज हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल 'अस्त्र', एंटी-सैटेलाइट (एसैट) मिसाइल, हल्के लड़ाकू विमान 'तेजस', मोबाइल ब्रिजिंग सिस्टम 'सर्वत्र' और वायु रक्षा सामरिक नियंत्रण रडार जैसे उत्पादों को प्रदर्शित किया ।

 

4. DefExpo-2020 में प्रतिनिधित्व

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 5-9 फरवरी 2020 के दौरान उत्तर प्रदेश के लखनऊ में आयोजित डेफएक्सपो-2020 में 500 से अधिक स्वदेश में ही विकसित उत्पादों का प्रदर्शन किया । इन उत्पादों ने देश एवं विदेश से आए आगंतुकों का व्यापक रूप से ध्यान आकर्षित किया । रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने डेफएक्सपो-2020 के दौरान उद्योगों को 17 ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी किए । लाइव प्रदर्शन में लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस एमके-1ए, एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (एटीएजी), मेन बैटल टैंक (बीएमटी) अर्जुन एमके-1ए, व्हील्ड आर्मर प्लेटफॉर्म (डब्ल्यूएपी), काउंटर माइन फ्लाइल (सीएमएफ) और एडवांस्ड कंपोजिट मॉड्यूलर ब्रिजिंग सिस्टम (एसीएमबीएस) शामिल थे ।

 

5. एयर डिफेंस फायर कंट्रोल रडार (ADFCR) 'अतुल्य'

वायु रक्षा अग्नि नियंत्रण रडार (ADFCR) विमान रोधी तोपों के साथ मिलकर एक जमीन आधारित वायु रक्षा प्रणाली निर्मित करता है जिसका मुख्य उद्देश्य सभी मौसमी स्थितियों में तथा दिन एवं रात के दौरान कम और बहुत कम दूरियों से सभी प्रकार के हवाई ख़तरों के खिलाफ दुश्मन द्वारा जैमिंग का प्रयोग किये जाने के बावजूद प्रभावी रक्षा प्रदान करना है । इस रडार को भारतीय सेना के लिए रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) के अनुमोदन के बाद एक स्वदेशी समाधान के रूप में विकसित किया गया है । फरवरी 2020 के महीने के दौरान उपयोगकर्ता असिस्टेड टेक्निकल ट्रायल्स (यूएएटी) यानी उच्च ऊंचाई वाले कम तापमान परीक्षणों के चरण-1 को पूरा किया गया ।

 

6. उन्नत कम वजनी टॉरपीडो (ALWT)

उन्नत कम वजनी टॉरपीडो (ALWT) एक पनडुब्बी रोधी टॉरपीडो है जो जहाज, हेलिकाप्टर या एक फिक्स्ड विंग विमान से लॉन्च किया जाता है । दुश्मन के लक्ष्य की उपस्थिति का पता जहाज या विमान में लगे सोनार द्वारा लगाया जाता है । सोनार और फायर कंट्रोल सिस्टम द्वारा निशाना बनाए जाने वाले लक्ष्य के अनुमानित मापदंडों के आधार पर, टॉरपीडो को कुछ पूर्व निर्धारित मापदंडों के साथ फायर किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हथियार लक्ष्य पर प्रहार कर इसको नष्ट करने के लिए सबसे अनुकूल स्थिति में है । मार्च 2020 के महीने के दौरान होमिंग और गाइडेंस लॉजिक सहित दो डायनेमिक ट्रायल कराए गए । एएलडब्ल्यूटी ने लगातार अच्छी होमिंग रेंज हासिल की है जिसमें लक्ष्य की बढ़ी हुई रेंज एवं टारगेट की घटी हुई क्षमता की प्राप्ति की गई है ।

 

7. सॉफ्टवेयर परिभाषित रेडियो-एयरबोर्न

एसडीआर प्रबल संचार समर्थन वाली एक सुरक्षित स्वदेशी प्रणाली है जिसमें सुरक्षित डिजिटल वॉयस/ डेटा संचार सपोर्ट हैं एवं नौसेना के लिहाज से सुरक्षित डिजिटल/ वॉइस संचार सुविधाएं हैं । इसमें सामरिक संचार के लिये 3 चैनल, 4 चैनल हैं एवं वी/ यूएचएफ और यूएचएफ बैंड में एकल संचार मौजूद है । मार्च 2020 के दौरान, एचएएल के एसडीआर-एआर ड्राउण्ड स्टेशन में नौसेना के दो डॉर्नियर विमानों में 4-चैनल CEMILAC सॉफ्ट सर्टिफाइड एसडीआर-एआर सिस्टम इंस्टॉलेशन और इंटीग्रेशन सफलतापूर्वक किया गया ।

 

8. तीसरी पीढ़ी का हेलिकाप्टर प्रक्षेपित एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (ध्रुवस्त्र)

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने जुलाई 2020 में ओडिशा के चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज से स्वदेश में विकसित एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) 'ध्रुवस्त्र' के तीन उड़ान परीक्षणों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया । यह दुनिया के सबसे उन्नत एंटी टैंक हथियारों में से एक है ।

 

9. एंटी ड्रोन सिस्टम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश को संबोधित किया तो पीएम की सुरक्षा के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की एंटी ड्रोन प्रणाली लाल किले पर तैनात की गई । यह कमांड एवं कंट्रोल लिंक को जाम करके या लेज़र आधारित डायरेक्टेड एनर्जी वेपन के ज़रिए माइक्रो ड्रोन्स को गिरा सकती है ।

 

10. डीआरडीओ ने "आत्मनिर्भर भारत" की प्राप्ति की दिशा में डिजाइन, विकास और निर्माण हेतु उद्योगों के लिए 108 प्रणालियों और उपप्रणालियों की पहचान की

माननीय प्रधानमंत्री द्वारा "आत्मनिर्भर भारत" के लिए किए गए आह्वान का पालन करते हुए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने स्वदेशी रक्षा पारितंत्र को मजबूत बनाने के लिए कई पहल की हैं । इस दिशा में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के एक प्रतिनिधिमंडल ने 24 अगस्त 2020 को रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर उन्हें 108 प्रणालियों और उपप्रणालियों के बारे में अवगत कराया था, जिनकी पहचान केवल भारतीय उद्योग द्वारा डिजाइन और विकास के लिए की गई है । प्रौद्योगिकियों की सूची तक लिंक https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1648234 पर क्लिक करके पहुंचा जा सकता है । इस पहल से भारतीय रक्षा उद्योग के लिए एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में कई प्रौद्योगिकियों का विकास करने का मार्ग प्रशस्त होगा ।

 

11. विकास-सह-उत्पादन साझेदार के रूप में उद्योग

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के वर्तमान उद्योग आधार में डीपीएसयू, आयुध कारखानों और बड़े पैमाने पर उद्योगों के साथ 1800 एमएसएमई शामिल हैं । डीआरडीओ ने पहले ही भारतीय उद्योग को विकास सह उत्पादन भागीदारों (डीसीपीपी) के रूप में शामिल करने के लिए विभिन्न नीतियों के माध्यम से बड़ी पहल की है जो नाम मात्र की लागत पर उद्योग को अपनी प्रौद्योगिकी प्रदान करते हैं और इसके पेटेंट तक मुफ्त पहुंच प्रदान करते हैं । यह पहल तेजी से बढ़ते भारतीय रक्षा औद्योगिक पारितंत्र को सहारा देगी और उद्योग को "आत्मनिर्भर भारत" की दिशा में बड़े पैमाने पर योगदान करने में मदद करेगी ।

 

12. हाइपरसोनिक प्रौद्योगिकी प्रदर्शनकारी वाहन का उड़ान परीक्षण

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने दिनांक 7 सितंबर 2020 को ओडीशा तट पर व्हीलर द्वीप स्थित डॉ एपीजे अब्दुल कलाम लॉन्च कॉम्प्लेक्स से हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोस्ट्रेशन व्हीकल (एचएसटीडीवी) के उड़ान परीक्षण के साथ हाइपरसोनिक एयर-ब्रीदिंग स्क्रैमजेट तकनीक का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया । हाइपरसोनिक क्रूज वाहन को एक ठोस रॉकेट मोटर का उपयोग करके लॉन्च किया गया था, जो इसे 30 किलोमीटर (किमी) की ऊंचाई पर ले गया, जहां एयरोडायनामिक हीट शील्ड हाइपरसोनिक मैक नंबर पर अलग हो गए थे । हाइपरसोनिक दहन बना रहा और क्रूज वाहन ध्वनि की गति से छह गुना यानी 20 सेकंड से अधिक के लिए लगभग 2 किमी/ सेकंड के वेग पर अपने वांछित उड़ान पथ पर चलता रहा ।

 

13. मल्टी प्रभाव ग्राउंड माइन (एमआईजीएम)

मल्टी इंस्ट्रस्ट ग्राउंड माइन (एमआईजीएम) को एनएसटीएल, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है, जिसका उद्देश्य भारतीय नौसेना को सबसे आधुनिक स्टील्थ जहाजों के खिलाफ बढ़त प्रदान करना है । एमआईजीएम को  लजहाजों तथा पनडुब्बियों में तैनात किया जा सकता है । एमआईजीएम ने तकनीकी परीक्षणों के दौरान प्रौद्योगिकी प्रदर्शन को सफलतापूर्वक पूरा किया है ।

 

14. एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे राडार (AESAR) 'उत्तम'

एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे राडार (एईएसएआर) ‘उत्तम एक मल्टीमोड, सॉलिड-स्टेट एक्टिव फेज़्ड एरे फायर कंट्रोल रडार है जिसमें स्केलेबल आर्किटेक्चर है जिसे विभिन्न प्रकार के लड़ाकू विमानों के लिए प्रयुक्त किया जा सकता है । यह सभी इलाकों में समुद्र मोड के लिए इंटरलीव्ड एयर टू एयर, एयर टू ग्राउंड और एयर टू सी मोड के साथ मिसाइलों को दागने के लिए उपयुक्त उच्च सटीकता के साथ कई लक्ष्यों को ट्रैक करने में सक्षम है ।

 

15. ABHYAS के सफल उड़ान परीक्षण

ओडीशा के अंतरिम परीक्षण रेंज बालासोर से रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा दिनांक 22 सितंबर 2020 को अभ्यास-हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (हीट) का सफल उड़ान परीक्षण किया गया । इन परीक्षणों के दौरान दो डेमोन्स्ट्रेटर वाहनों का सफल परीक्षण किया गया । इस वाहन का उपयोग विभिन्न मिसाइल प्रणालियों के मूल्यांकन के लिए लक्ष्य के रूप में किया जा सकता है ।

 

16. डीआरडीओ से डीजीक्यूए में पिनाका हथियार प्रणाली का एएचएसपी स्थानांतरण

दिनांक 25 सितंबर, 2020 को ऑथोरिटी होल्डिंग सील्ड पर्टिक्युलर्स (एएचएसपी) ज़िम्मेदारी को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने डीजीक्यूए को सौंपकर एक मील का पत्थर हासिल किया । एएचएसपी हस्तांतरण पिनाका रॉकेट, लांचर, बैटरी कमांड पोस्ट, लोडर कम रिप्लेनिशमेंट एवं रिप्लेनिशमेंट व्हीकल्स के उत्पादन की सफल स्थापना के साथ-साथ गुणवत्ता आश्वासन प्रक्रियाओं की सफल स्थापना को चिह्नित करता है । एएचएसपी सौंपने की जिम्मेदारी एआरडीई, पुणे में हुई जिसमें विभिन्न उत्पादन एजेंसियों, गुणवत्ता आश्वासन एजेंसियों, रखरखाव एजेंसियों और उपयोगकर्ताओं द्वारा आवश्यक प्रलेखन को औपचारिक रूप से एआरडीई, एचईआरएल और वीआरडीई द्वारा सीक्यूए (ए) को सौंप दिया गया । पिनाका एक फ्री फ्लाइट आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम है । पिनाका रॉकेट को एक मल्टी बैरल रॉकेट लांचर से प्रक्षेपित किया जाता है जिसमें 12 रॉकेट के साल्वो लॉन्च करने की क्षमता है ।

 

17. ब्रह्मोस मिसाइल का सफल उड़ान परीक्षण

ब्रह्मोस सतह से सतह पर वार करने वाले सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का, स्वदेशी बूस्टर और एयरफ्रेम सेक्शन की विशेषता के साथ-साथ अनेक प्रकार की 'मेड इन इंडिया' उप-प्रणालियों समेत, ओडिशा के इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज, बालासोर से दिनांक 30 सितंबर, 2020 को निर्धारित रेंज के लिए सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया था । यह स्वदेशी सामग्री को बढ़ाने में एक और बड़ा कदम है । दिनांक 18 अक्टूबर 2020 को भारतीय नौसेना के स्वदेश निर्मित स्टील्थ विध्वंसक आईएनएस चेन्नई से अरब सागर में लक्ष्य पर निशाना साधते हुए एक और ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया । मिसाइल ने उच्च स्तरीय और बेहद जटिल युद्धाभ्यास करने के बाद पिन-पॉइंट सटीकता के साथ लक्ष्य को सफलतापूर्वक मारा । ब्रह्मोस 'प्राइम स्ट्राइक हथियार ' के रूप में लंबी श्रेणियों में नौसैनिक सतह लक्ष्यों को साधकर युद्धपोत की अपराजेयता सुनिश्चित करेगा, इस प्रकार विध्वंसक युद्धपोत को भारतीय नौसेना का एक और घातक मंच बना देगा । दिनांक 1 दिसंबर 2020 को एंटी-शिप मोड में एक और ब्रह्मोस मिसाइल का एक डीकमीशन किये जा चुके जहाज के खिलाफ सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया । इस टेस्ट फायरिंग को भारतीय नौसेना ने अंजाम दिया था । मिसाइल ने अत्यंत जटिल कलाबाज़ी के साथ लक्ष्य पर बेहद सटीक निशाना साधा ।

 

18. डीआरडीओ के लेजर गाइडेड एटीजीएम का परीक्षण

स्वदेश में विकसित लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) का दिनांक 1 अक्टूबर 2020 को लंबी दूरी पर स्थित लक्ष्य पर सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था । यह परीक्षण 22 सितंबर 2020 को किए गए सफल परीक्षण को जारी रखते हुए केके रेंज (एसीसी एंड एस) अहमदनगर में एमबीटी अर्जुन से किया गया था । इन परीक्षणों में एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) ने सफलतापूर्वक लक्ष्य को भेदा । लेजर निर्देशित एटीजीएम सटीकता से लक्ष्य पर निशाना साधने के लिए उनको लेज़र डेसिग्नेशन की मदद से ट्रैक करते हैं । इसे मल्टीपल-प्लेटफॉर्म लॉन्च क्षमता के साथ विकसित किया गया है और वर्तमान में यह एमबीटी अर्जुन की गन से तकनीकी मूल्यांकन परीक्षणों से गुजर रहा है ।

 

19. SMART का सफल परीक्षण

सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (स्मार्ट) का ओडिशा के तट से दूर व्हीलर द्वीप से दिनांक 5 अक्टूबर 2020 को सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया है । रेंज और ऊंचाई तक मिसाइल उड़ान, नोज़ कोन को अलग करने, टारपीडो को दागे जाने और वेग न्यूनीकरण तंत्र की तैनाती समेत मिशन के सभी उद्देश्यों को पूरी तरह से पूरा किया गया है । डाउन रेंज जहाजों सहित तट और टेलीमेट्री स्टेशनों के साथ ट्रैकिंग स्टेशनों (रडार, इलेक्ट्रो ऑप्टिकल सिस्टम) ने सभी घटनाओं पर नजर रखी । स्मार्ट एक मिसाइल की सहायता से टॉरपीडो रेंज से परे एंटी-सबमरीन वॉरफेयर ऑपरेशंस के लिए हल्के पनडुब्बी रोधी टॉरपीडो सिस्टम का दागा जाना है ।

 

20. स्वदेशी में विकसित एंटी-रेडिएशन मिसाइल (रुद्रम)

नई पीढ़ी की एंटी रेडिएशन मिसाइल (रुद्रम) का ओडीशा के तट से दूर व्हीलर द्वीप पर स्थित रेडिएशन लक्ष्य पर 9 अक्टूबर 2020 को सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया । इस मिसाइल को सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान से प्रक्षेपित किया गया था । रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित की जा रही भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के लिए रुद्रम मिसाइल देश की पहली स्वदेशी एंटी रेडिएशन मिसाइल है । इस मिसाइल को प्रक्षेपण मंच के रूप में Su-30 Mk-I लड़ाकू विमान पर एकीकृत किया गया है, जिसमें प्रक्षेपण की स्थिति के आधार पर अलग-अलग प्रकार की क्षमता है । रुद्रम ने पिन-पॉइंट सटीकता के साथ रेडिएशन लक्ष्य पर निशाना साधा । यह मिसाइल बड़ी स्टैंड-ऑफ रेंज से दुश्मन की वायु रक्षा प्रणाली के दमन के लिए भारतीय वायुसेना के लिए प्रभावी रूप से एक शक्तिशाली हथियार है ।

 

21. डीआरडीओ द्वारा उद्योग सहायता उपाय

'आत्मनिर्भर भारत' का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में स्टार्ट-अप्स और माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) सहित भारतीय उद्योग की अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने अक्टूबर 2020 में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) खरीद नियमावली 2020 (पीएम-2020) का एक नया संस्करण जारी किया । स्वदेशी उद्योग का साथ देने के उपाय के अलावा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकास अनुबंधों के लिए 'प्रदर्शन सुरक्षा' की आवश्यकता को माफ कर दिया गया है । हालांकि, वारंटी बॉन्ड को वारंटी अवधि के दौरान रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) इंट्रेस्ट को कवर करने के लिए सफल विकास साझेदार से प्राप्त किया जाता रहेगा ।

 

22. नाग मिसाइल का अंतिम उपयोगकर्ता परीक्षण

तीसरी पीढ़ी की एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) नाग का अंतिम उपयोगकर्ता परीक्षण दिनांक 22 अक्टूबर 2020 को पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज से किया गया था । मिसाइल को वास्तविक बम के साथ एकीकृत किया गया था एवं एक टैंक लक्ष्य को निर्धारित रेंज में रखा गया था । इसे नाग मिसाइल कैरियर (NAMICA) से प्रक्षेपित किया गया था । मिसाइल ने कवच को सही तरीके से भेद कर लक्ष्य पर निशाना साधा ।

 

23. PINAKA रॉकेट प्रणाली के उन्नत संस्करण का सफल उड़ान परीक्षण

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित संवर्धित पिनाका रॉकेट का दिनांक 4 नवंबर 2020 को ओडीशा के तट पर एकीकृत परीक्षण रेंज चांदीपुर से सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया है । कम लंबाई के साथ पहले की डिजाइन की तुलना में लंबी दूरी के प्रदर्शन की प्राप्ति के लिए संवर्धित पिनाका प्रणाली का विकास शुरू किया गया था ।

 

24. डीआरडीओ ने बसों के लिए फायर डिटेक्शन एंड दमन प्रणाली विकसित की

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने दिनांक 9 नवंबर 2020 को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) भवन में यात्री बसों के लिए डीआरडीओ द्वारा विकसित फायर डिटेक्शन एंड दमन प्रणाली (एफडीएसएस) का प्रदर्शन देखा । इंजन में आग हेतु एयरोसोल आधारित एफडीएसएस एवं यात्री डिब्बे के लिए वाटर मिस्ट आधारित एफडीएसएस प्रदर्शन किए गए । रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के सेंटर फॉर फायर एक्सप्लोसिव एंड एनवायरमेंट सेफ्टी (सीएफआईईएस), दिल्ली ने यह तकनीक विकसित की है जो 30 सेकंड से कम समय में यात्री डिब्बे में आग का पता लगा सकती है और फिर इसे 60 सेकंड में दबा सकती है जिससे जान-माल के लिए ख़तरा काफी हद तक कम हो जाता है ।

 

25. QRSAM मिसाइल प्रणाली ने बड़ी उपलब्धि हासिल की

क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल (क्यूआर-सैम) प्रणाली ने मध्यम दूरी और मध्यम ऊंचाई पर बंशी पायलटलेस लक्ष्य विमान पर सीधी टक्कर देकर एक बड़ी महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है । यह मिसाइल प्रक्षेपण ओडीशा तट से दिनांक 13 नवंबर 2020 को इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) चांदीपुर से किया गया था । यह मिसाइल सभी स्वदेशी उप-प्रणालियों का इस्तेमाल करती है । एक और सफल उड़ान परीक्षण में दिनांक 17 नवंबर 2020 क्यूआर-सैम ने लक्ष्य को सही ढंग से ट्रैक किया और हवाई लक्ष्य को सफलतापूर्वक निष्प्रभावी कर दिया । फ्लाइट टेस्ट सीरीज में दूसरे नंबर पर रहा । यह परीक्षण एक बार फिर से किसी विमान जैसे उच्च प्रदर्शन वाले जेट मानवरहित हवाई लक्ष्य के खिलाफ किया गया ।

 

26. 5.56x30 मिमी ज्वाइंट वेंचर प्रेटेक्टिव कार्बाइन के सफल परीक्षण

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा डिजाइन की हुई 5.56x30 मिमी सुरक्षात्मक कार्बाइन का सभी जीएसक्यूआर मापदंडों को पूरा करते हुए दिनांक 7 दिसंबर 2020 को उपयोगकर्ता परीक्षणों के अंतिम चरण में कामयाब परीक्षण किया गया । इससे इनके सेना के अंगों में शामिल होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है । यह उपयोगकर्ता परीक्षणों की एक श्रृंखला में परीक्षणों का अंतिम चरण था जो गर्मियों में अत्यधिक तापमान की स्थिति और सर्दियों में उच्च ऊंचाई में किया गया है । जेवीपीसी ने डीजीक्यूए द्वारा किए गए गुणवत्ता परीक्षणों के अलावा विश्वसनीयता और सटीकता के प्रदर्शन मानदंडों को सफलतापूर्वक पूरा किया है । जेवीपीसी में उच्च विश्वसनीयता, लो रिकॉइल, निकालने योग्य बट, एर्गोनोमिक डिजाइन, सिंगल हैंड फायरिंग क्षमता और मल्टीपल पिकैटिनी रेल इत्यादि जैसी प्रमुख विशेषताएं शामिल हैं । यह विशेषताएं उग्रवाद विरोधी/ आतंकवाद रोधी अभियानों के लिए इसे बहुत शक्तिशाली हथियार बनाती हैं ।

 

27. दो डीआरडीओ प्रयोगशालाओं के बीच क्वांटम संचार

दुनिया भर में रक्षा और सामरिक एजेंसियों के लिए सुरक्षित संचार महत्वपूर्ण है और समय-समय पर एन्क्रिप्शन-की का वितरण इस संदर्भ में एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है । हवा या वायर्ड लिंक पर कुंजियों को साझा करने के लिए एन्क्रिप्शन की आवश्यकता होती है, जिसके बदले में एन्क्रिप्शन कुंजी को पूर्व-साझा करने की आवश्यकता होती है । क्वांटम आधारित संचार कुंजियों को सुरक्षित रूप से साझा करने के लिए एक मजबूत समाधान प्रदान करता है । रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने इस तकनीक के विकास के लिए परियोजना शुरू की । इस परियोजना का एक अहम पड़ाव दिनांक 9 दिसंबर 2020 को हासिल किया गया था जब डीआरडीओ ने सुरक्षित संचार दिखाने के लिए दो रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) प्रयोगशालाओं के बीच हैदराबाद में क्वांटम कुंजी वितरण (क्यूकेडी) प्रौद्योगिकी का परीक्षण किया था ।

 

28. डीआरडीओ हैदराबाद में हाइपरसोनिक विंड टनल का उद्घाटन

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 19 दिसंबर 2020 को अपनी हैदराबाद यात्रा के दौरान रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के डॉ एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल कॉम्प्लेक्स का दौरा किया था । इस मौके पर रक्षा मंत्री ने एडवांस्ड हाइपरसोनिक विंड टनल (एचडब्ल्यूटी) टेस्ट फैसिलिटी का उद्घाटन किया। अत्याधुनिक एचडब्ल्यूटी टेस्ट सुविधा प्रेशर वैक्यूम चालित संलग्न फ्री जेट सुविधा है जिसमें 1 मीटर का नोजल निकास व्यास है और यह मैक नंबर 5 से 12 का अनुकरण करेगा । अमेरिका और रूस के बाद भारत तीसरा ऐसा देश है जहां आकार एवं परिचालन क्षमता के मामले में इतनी बड़ी सुविधा है । यह एक स्वदेश निर्मित सुविधा है और भारतीय उद्योगों के साथ सहक्रियात्मक साझेदारी का परिणाम है । इस सुविधा में एक व्यापक स्पेक्ट्रम पर हाइपरसोनिक प्रवाह का अनुकरण करने की क्षमता है और यह भविष्य में अत्यधिक जटिल एयरोस्पेस और रक्षा प्रणालियों की प्राप्ति में एक प्रमुख भूमिका निभाएगी ।

 

29. समझौता ज्ञापन (एमओयू)

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने बी टेक स्तर पर रक्षा प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रमों को शामिल करने के लिए गुजरात विश्वविद्यालय, अहमदाबाद एवं इंस्टीट्यूट ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर टेक्नोलॉजी रिसर्च एंड मैनेजमेंट (आईआईटआरएएम), गांधीनगर के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए ।

 

30. COVID महामारी के दौरान डीआरडीओ की पहल

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने COVID-19 महामारी से लड़ने के लिए युद्ध स्तर पर उत्पादों के विकास का कार्य हाथ में लिया । डीआरडीओ ने 19 प्रौद्योगिकियों और 100 से अधिक उत्पादों का विकास किया जिनमें पीपीई, हैंड सैनिटाइजर, यूवी ब्लास्टर, जर्मी क्लीन और इसी प्रकार के अन्य उत्पाद शामिल हैं, जिनका इस्तेमाल COVID 19 से निपटने के लिए सीधे तौर पर है । इन प्रौद्योगिकियों और उत्पादों को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की वेबसाइट (https://drdo.gov.in/message-board/drdo-fight-against-covid-19) पर होस्ट किया जाता है और शून्य तकनीकी हस्तानांतरण शुल्क के साथ भारतीय उद्योग में स्थानांतरित किया जाता है ।

 

31. तीन समर्पित COVID-19 अस्पतालों की स्थापना

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने दिल्ली, पटना और मुजफरपुर में चिकित्सा से जुड़े बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए तीन समर्पित COVID अस्पतालों की स्थापना की । डीआरडीओ के सरदार वल्लभ भाई पटेल कोविड अस्पताल में 1000 बेड की सुविधा है, जिसे दिल्ली व अन्य राज्यों के कोविड 19 पॉजिटिव मरीजों के इलाज के उद्देश्य से दिनांक 5 जुलाई 2020 को शुरू कर दिया गया । रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने दिल्ली-एनसीआर में मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए केंद्र सरकार की सलाह पर दिल्ली छावनी स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल कोविड अस्पताल में आईसीयू बेड की संख्या बढ़ाकर 500 कर दी है । सभी बेड पर ऑक्सीजन सपोर्ट दिया जाता है । इसके अलावा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा बिहार में 125 आईसीयू बेड समेत 500 बेड के कोविड अस्पताल क्रमशः पटना और मुजफ्फरपुर में स्थापित हैं ।

 

32. वायरोलॉजी रिसर्च लैब का विकास

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने ग्वालियर, तेजपुर, लेह एवं दिल्ली जैसे विभिन्न स्थानों में कोविड के परीक्षण के लिए वायरोलॉजी रिसर्च लैब भी विकसित की हैं और कोविड परीक्षण क्षमताओं को मजबूत करने के लिए अपनी योग्य जनशक्ति और बुनियादी ढांचे को भी राज्य सरकार के लिये तैनात किया ।

 

रक्षा उत्पादन विभाग (डीडीपी)

 

रक्षा उत्पादन में निजी क्षेत्र की भूमिका को बढ़ावा देना

 

i. ग्रीन चैनल स्टेटस नीति (जीसीएस)                                            

 

(क) 500 करोड़ रुपये से अधिक के टर्नओवर वाले ऐसे बड़े उद्योग जो पिछले 5 में से 3 वर्षों में लाभ में रहे हैं, जीसीएस के लिये आवेदन करने योग्य होंगे बशर्ते उनके पास समुचित क्यूएमएस हो । ग्रीन चैनल का दर्जा फर्म को प्रदान किया जाएगा, यदि उन्हें 05 वर्ष की अवधि के लिए पात्र पाया जाता है । इस योजना के अंतर्गत भी फर्म डीजीक्यूए निरीक्षण के बिना सीधे कंसाइनी को स्टोर की आपूर्ति करेगी ।

 

(ख) अब तक 14 फर्मों को ग्रीन चैनल स्टेटस दिया जा चुका है । विशिष्ट उत्पादों के विवरण के साथ-साथ जिन कंपनियों/ फर्मों को ग्रीन चैनल का दर्जा दिया गया है, उनका विवरण नीचे दिया गया है:

 

क्रम संख्या

फर्म का नाम

 

वह तिथि जिससे जीसीएस जारी किया गया है

(क)

मेसर्स बीईएल, बंगलुरु

30/01/2019

(ख)

मेसर्स भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड, मुंबई

24/06/2019

(ग)

मेसर्स हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पेरेशन लिमिटेड, मुंबई

15/10/2019

(घ)

एल एंड टी वाल्व्स लिमिटेड, चेन्नई

21/11/2019

(ड)

मेसर्स भारत फोर्ज लिमिटेड, मुंधवा, पुणे

24/06/2020

(च)

मेसर्स बीईएल, एसबीयू मिलकॉम

16/09/2020

(छ)

मेसर्स बीईएल बंगलुरु/ एसबीयू एनएस1

16/09/2020

(ज)

मेसर्स बीईएल बंगलुरु/ एसबीयू एनएस II

16/09/2020

(झ)

मेसर्स मछलीपट्टनम

27/10/2020

(ञ)

मेसर्स बीईएल, बंगलुरु

10/11/2020

(ट)

मेसर्स बीईएल, पुणे

10/11/2020

(ठ)

मेसर्स बीईएल, पंचकुला

10/11/2020

(ड)

मेसर्स बीईएल, नवी मुंबई

27/11/2020

(ढ)

मेसर्स एल एंड टी डिफेंस, एसएससी तालेगांव

27/11/2020

 

ii.डीपीएसयू और निजी विक्रेताओं के स्व-प्रमाणन के लिए योजना-2019

 

(क) इस योजना के तहत फर्म डीजीक्यूए निरीक्षण के बिना सीधे कंसाइनी को स्टोर की आपूर्ति करेगी । यह उन्हें गुणवत्ता के स्तर को बनाए रखने और बेहतर बनाने के लिए सीधी जिम्मेदारी संभालने के लिए प्रोत्साहित करता है । डीजीक्यूए को इस योजना को लागू करने की जिम्मेदारी दी गई है । वर्तमान में, अधिकांश भाग के लिए, डीपीएसयू और प्राइवेट विक्रेताओं द्वारा प्रभावित आपूर्ति को अनुबंधित मानदंडों के अनुसार डीजीक्यूए द्वारा गुणवत्ता आश्वासन के अधीन किया जाता है । रक्षा उत्पादों के निर्माण में आत्मनिर्भर होने पर सरकार द्वारा दिए जा रहे ज़ोर के मद्देनज़र स्व-प्रमाणन योजना अधिक महत्व रखती है ।

(ख) नई योजना के तहत अब तक तीन फर्मों को स्व प्रमाणन का दर्जा दिया गया है । जिनका विवरण इस प्रकार हैं:-

 

फर्म का नाम

प्रमाणन की तिथि

मेसर्स आईओसीएल, मुंबई

22/07/2020

मेसर्स टाटा मोटर्स लिमिटेड

26/08/20

मेसर्स बीईएमएल, बंगलुरु

28/08/20

 

(ग) डीजीएक्यूए ने इन-प्रोसेस कार्यों के लिए स्व-प्रमाणन प्रदान करने हेतु गुणवत्ता रेटिंग मॉडल विकसित किया है और इस प्रकार उच्च गुणवत्ता रेटिंग विनिर्माताओं को डीजीजीएक्यूए नियंत्रण बिंदुओं को कम किया है । इस मॉडल को एचएएल, आईएएफ और डीजीएक्यूए द्वारा संयुक्त रूप से यूके मिलिट्री एविएशन अथॉरिटी (एमएए), नासा के गवर्नमेंट अनिवार्य निरीक्षण बिंदुओं (जीएमआईपी) और इंटरनेशनल एयरोस्पेस क्वालिटी ग्रुप (आईएक्यूजी) के सप्लायर क्षमता मूल्यांकन मॉडल द्वारा निर्मित किया गया है । प्रारंभिक चरण के आधार पर इस मॉडल को एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग डिवीजन, एचएएल नासिक, एमआरओ हेलिकॉप्टर डिवीजन, एचएएल, बेंगलुरु और एवियोनिक्स डिवीजन एचएएल, कोरवा में क्रियान्वित किया जा रहा है ।

 

iii. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश:

डीपीआईआईटी ने प्रेस नोट नंबर 4 (2020 सीरीज) दिनांक 17.09.2020 को संशोधित एफडीआई नीति को अधिसूचित  किया जिसके तहत रक्षा में एफडीआई को स्वचालित मार्ग के ज़रिए 74% तक एवं सरकारी मार्ग के माध्यम से 74% से अधिक की अनुमति दी गई है जहां भी आधुनिक प्रौद्योगिकी तक पहुंच होने या अन्य कारणों से दर्ज किए जाने की संभावना है ।

 

iv. औद्योगिक लाइसेंसिंग:

रक्षा क्षेत्र में उद्योग प्रोत्साहन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) तथा गृह मंत्रालय द्वारा उद्योग (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1951 तथा शस्त्र अधिनियम, 1959 के अंतर्गत औद्योगिक लाइसेंस जारी किए जाते हैं । औद्योगिक लाइसेंस आवेदन डीपीआईआईटी और गृह मंत्रालय द्वारा टिप्पणियों के लिए डीडीपी को भेज दिए जाते हैं । अब तक 500 से अधिक लाइसेंस जारी किए जा चुके हैं ।

 

रक्षा में नवाचार

 

  1. डिफेंस एक्सीलेंस (आईडीईएक्स) के लिये नवाचार. स्टार्टअप्स को कुछ नया करने, प्रौद्योगिकी विकसित करने और रक्षा एवं एयरोस्पेस से संबंधित समस्याओं को हल करने के उद्देश्य से यह वर्ष 2018 में शुरू किया गया, इसके अंतर्गत डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चुनौतियां (डीआईएससी) -1, 2, 3 एवं 4 शुरू की गई हैं जहां 1000 के करीब स्टार्टअप्स ने भाग लिया है, 29 चुनौतियां जारी की गई हैं तथा 55+ विजेताओं को घोषित किया गया है । जून 2019 के बाद से भविष्य के उत्पादों के विकास के लिए iDEX विजेताओं के साथ 38 अनुबंधों को अंजाम तक पहुंचाया गया है ।

 

  1. सितंबर 2020 में शुरू की गई डिस्क 4 के दौरान, "iDEX 4 Fauji" की एक अनूठी पहल भी शुरू की गई थी जो भारतीय सशस्त्र बलों के सदस्यों द्वारा पहचाने गए नवाचारों का समर्थन करती है और सैनिकों/ क्षेत्र संरचनाओं से विचारों की मांग करने में सक्षम होगी ।

 

 

 

  1. रक्षा नवाचार संगठन (डीआईओ) द्वारा उत्पाद प्रबंधन दृष्टिकोण (पीएमए) दिशानिर्देश भी जारी किए गए और अपनाए गए और यह अपनी तरह के पहले हैं जो सेवाओं/ डीपीएसयू/ ओएफबी द्वारा निर्धारित आवश्यकताओं के सापेक्ष आईडीईएक्स विजेताओं द्वारा उत्पाद विकास के क्षेत्र में हासिल उपलब्धियों की निगरानी करने की मंशा रखते हैं ।

 

रक्षा क्षेत्र में आत्म-निर्भरता सप्ताह

डीडीपी ने रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए सामग्रियों और उपकरणों के स्वदेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए दिनांक 7-14 अगस्त 2020 के बीच रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता सप्ताह मनाया । सप्ताह के दौरान, माननीय रक्षा मंत्री ने डीपीएसयू और ओएफबी में सुविधाओं के आधुनिकीकरण/ सुधार और नये बुनियादी ढांचे के सृजन का शुभारंभ किया । शुरू की गई गतिविधियों का विवरण नीचे सारणीबद्ध किया गया है:

 

संस्था

उपकरण/ उत्पाद

 

सुविधाएं

एमओयू/ईओआई/आरएफपी

 

डीडीपी

 

 

सृजन स्वदेशीकरण पोर्टल का शुभारंभ

 

 

ओएफबी

(i) नाग मिसाइल कैरियर (नामिका)

(ii) 14.5 एमएम एंटी मटैरियल राइफल 14.5

(iii) 8.6x70 एमएम स्नाइपर

(iv) उन्नत कमांडर्स थर्मल इमेजर कम डे साइट फॉर टी 90

(i) ओएलएफ, देहरादून में ई-24 इमारत का आधुनिकीकरण

(ii) आयुध कारखाना चंदा में पिनाका रॉकेट परिसर

(iii) आयुध कारखाना त्रिची में एसआरसीजी 12.7 एमएम की एसेम्बली तथा परीक्षण सुविधा

 

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल)

(i) 150वां डीओ-228 निर्मित एयरक्राफ्ट

(ii) एचएएल-आईआईएससी कौशल विकास

एआई-31एफपी ओवरहॉल्ड इंजन एचएएल को सौंपना

मेक-II के अंतर्गत 46 साज़ोसामानों का स्वदेशीकरण, कुल लागत 100 करोड़ रुपये

 

बीईएल

(i) लाइनियर वैरिएबल डिफ्रेंशियल ट्रांसड्यूसर (एलवीडीटी)

(ii) 1 किलो वॉट ट्रांसमीटर एरियल स्विचिंग रैक

मारीच एकीकरण सुविधा का शुभारंभ

कुल 31 करोड़ रुपये की लागत में 5 साज़ोसामानों का स्वदेशीकरण

बीईएमएल

(i) टम्प ट्रक- 150 टन

(ii) सुपर जाएंट इलेक्ट्रिक एक्सकैवेटर- 180 टन

(iii) मीडियम बुलेटप्रूफ व्हीकल (एमबीपीवी)- एमके-II

(iv) हेलिपोर्टेबल 100 एचपी डोज़र

बैंगलुरु में औद्योगिक डाज़ाइन सेंटर

(i) आईआईटी कानपुर के साथ यूएवी के विकास पर एमओयू

(ii) कृत्रिम बुद्धिमता उत्पादों के विकास पर नासकॉम, बैंगलुरु के साथ एमओयू

 

बीडीएल

कोंकुर्स मिसाइल एंड लॉंचर टेस्ट इक्विपमेंट

(i) कंचनबाग में सीकर सुविधा केंद्र (एसएफसी)-IIआर तथा आरएफ

(ii) भानुर में वॉरहेड उत्पादन सुविधा

मेक-II के अंतर्गत 15 करोड़ रुपये की लागत में 11 साज़ोसामानों का स्वदेशीकरण

जीआरएसई

पोर्टेबल असॉल्ट ब्रिज

राजा बाग डॉकयार्ड में क्षमता सुधार

 

जीएसएल

आयोनाइज़्ड गियर बॉक्सेज़ फॉर ओपीवी

नवीन अत्याधुनिक स्टील प्रिपरेशन शॉप का उद्घाटन

आईआईटी गोवा के साथ एआई, आईओटी-सीएफडी एं अन्य तकनीक संबंधी क्षेत्रों के साथ एमओयू

 

एमडीएल

अंडरवॉटर रिमोट ऑपरेटेड व्हीकल

 

एसएसके क्लास पनडुब्बियों के स्वदेशी सुधार एवं विकास पर मेधा सर्वो ड्राइव्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू)

मिधानी

 

उत्कृष्टता केंद्र का शुभारंभ

 

 

स्वदेशीकरण

  1. सृजन स्वदेशीकरण पोर्टल का शुभारंभ: आत्मनिर्भर भारत अभियान की घोषणा के अनुसार, डीडीपी/ रक्षा मंत्रालय ने “रक्षा में मेक इन इंडिया के लिए अवसर” स्वरूप एक स्वदेशीकरण पोर्टल विकसित किया है srijandefence.gov.in, यह पोर्टल निजी क्षेत्र द्वारा स्वदेशीकरण के लिए उठाई जा सकने वाली वस्तुओं के बारे में जानकारी देगा । इस पोर्टल पर डीपीएसयू/ ओएफबी/ एसएचक्यू अपनी वस्तुओं को प्रदर्शित कर सकते हैं जिनका आयात किया गया है या आयात करने जा रहे हैं जिन्हें भारतीय उद्योग अपनी क्षमता के अनुसार या ओईएम के साथ संयुक्त उद्यम के माध्यम से उनका डिजाइन, विकास और निर्माण कर सकता है । आइटम के बारे में जानकारी एक संरचित तरीके से प्रदर्शित की जाती है, जिसमें आइटम का नाम, छवि और विनिर्देश, आयात के मूल्य, नाटो वर्गीकरण (सांकेतिक), आदि शामिल हैं । पोर्टल पर सर्च की सुविधा भी है । आज की तारीख में इस पोर्टल पर रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों/ ओएफबी/ एसएचक्यू ने लगभग 6590 वस्तुओं को प्रदर्शित किया है । प्राइवेट उद्योग ने 802 आइटमों के स्वदेशीकरण में रुचि दिखाई है ।

 

ii. विभाग ने वर्तमान में आयात किए जा रहे 5000 कलपुर्जों को स्वदेशी बनाने का लक्ष्य रखा है । वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 1502 वस्तुओं को स्वदेशी बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से आज की तारीख तक 849 वस्तुओं का स्वदेशीकरण किया गया है ।

 

 

रक्षा ऑफसेट नीति 2020:

 

  1. रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 के तहत दिनांक 30 सितंबर 2020 को रक्षा ऑफसेट दिशानिर्देश 2020 प्रख्यापित किए गए हैं । इन दिशा-निर्देशों का जोर घरेलू रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में क्षमताओं को बढ़ाने और मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देने के लिए ऑफसेट के माध्यम से निवेश और प्रौद्योगिकी को आकर्षित करने के लिए प्रावधानों को सक्षम बनाना है । संशोधित दिशानिर्देशों में पेश की गई मुख्य विशेषताओं में निम्न शामिल हैं:

 

रक्षा निर्यात:

 

  1. निम्नलिखित संशोधनों के साथ दिनांक 09 जनवरी 2020 को सैन्य साज़ोसामान के निर्यात के लिए संशोधित मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी):-

 

(क) निर्यात प्राधिकार जारी करने से पहले हार्ड कॉपी में पार्ट्स एवं कम्पोनेंट्स के लिये ऑरिजिनल एंड यूज़र प्रमाण पत्र (ईयूसी) की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है ।

 

(ख) वासेनार अरेंजमेंट देशों को इंजीनियरिंग निर्यात (हथियारों की सूची वाले आइटमों से संबंधित तकनीक हस्तानांतरण) के मामलों में सरकार द्वारा हस्ताक्षरित ईयूसी की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है ।

 

(ग) निविदा/ प्रदर्शनी और परीक्षण एवं मूल्यांकन में भाग लेने के लिए सरकार द्वारा हस्ताक्षरित यूईसी प्रस्तुत करने की आवश्यकता के बिना पूर्ण प्रणालियों/ प्लेटफार्मों/ उप-प्रणालियों के निर्यात की अनुमति दी जाएगी । यह आइटम्स की वापसी करने वाले उपक्रम को प्रस्तुत करने और किसी भी सूचना का प्रकटीकरण न करने के लिए होगा जिससे प्रौद्योगिकी का अंतरण हो सकता हो ।

 

(घ) शस्त्र नियमावली 2016 के तहत निर्यात लाइसेंस जारी करने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा इस विभाग को प्रत्यायोजित शक्तियों को भी मानक परिचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) में अधिसूचित किया गया है । शस्त्र नियमों के तहत निर्यात लाइसेंस जारी करने के लिए औद्योगिक लाइसेंस की आवश्यकता और शस्त्र नियमों के तहत निर्यात लाइसेंस के लिए आवेदन का प्रारूप भी इस एसओपी में अधिसूचित किया गया है ।

 

रक्षा निर्यात और निर्यात प्राधिकार": पिछले पांच वर्षों में रक्षा निर्यात का मूल्य इस प्रकार है:

 (राशि करोड़ों में)

 

2014-15

2015-16

2016-17

2017-18

2018-19

2019-20

2020-21

आज तक

कुल निर्यात (करोड़ रुपये में)

1941

2059

1522

4682

10746

9116

5711

जारी प्राधिकारों की संख्या

42

241

254

288

668

829

633

* उल्लिखित मूल्य में डीपीएसयू द्वारा वास्तविक निर्यात एवं निजी फर्मों एवं SCOMET को (श्रेणी 6 के अतिरिक्त) डीडीपी (ईपीसी) द्वारा जारी प्राधिकार शामिल हैं ।

 

  1. निर्यात को बढ़ावा देने के लिए डिफेंस अटैशे योजना: सरकार ने अपने संबद्धता वाले देशों को डिफेंस अटैशे के माध्यम से रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना शुरू की है । इस योजना के अंतर्गत वित्त वर्ष 2019-20 में 34 देशों में निर्यात संवर्धन के लिए 2 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे । वर्ष 2020-21 के लिए 2.01 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं ।

 

iii. मित्रवत देशों (एफएफसी) के साथ वेबिनार. रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए मित्रवत देशों के साथ वेबिनारों का आयोजन किया जा रहा है ताकि भारत तथा इन देशों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाया जा सके । भारत और संबंधित देश के उद्योग मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और प्रतिनिधि वेबिनार में भाग लेते हैं । इन देशों के उद्योगों के बीच बी2बी बातचीत एक्सपो के दौरान होती है जो वेबिनार के साथ ही आयोजित की जाती है । अब तक इजरायल, कंबोडिया, कजाकिस्तान, यूएई, म्यांमार, इंडोनेशिया, उज्बेकिस्तान, बांग्लादेश, दक्षिण अफ्रीका, नाइजीरिया, ऑस्ट्रेलिया, तुर्कमेनिस्तान, ब्राजील और मालदीव जैसे 14 देशों के साथ वेबिनार आयोजित किए जा चुके हैं । इजराइल के साथ वेबिनार के दौरान भारत और इजराइल के बीच रक्षा औद्योगिक सहयोग पर एक उप कार्य समूह (एसडब्ल्यूजी) की घोषणा की गई और एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए । नेपाल के साथ वेबिनार भी बहुत जल्द होने की संभावना है ।

 

  1. रक्षा निर्यात संवर्धन योजना

 

  • रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए योजना रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी की गई थी । यह योजना संभावित रक्षा निर्यातकों को अपने उत्पादों का विश्व स्तर पर विपणन बढ़ाने के लिये डीक्यूए/ डीजीएक्यूए/ डीजीएनएआई एवं अन्य अधिसूचित एजेंसियों से रक्षा उपकरण/ प्रणालियों के संबंध में “फिट फॉर इंडियन मिलिट्री यूज़” अथवा “संभावित भारतीय रक्षा निर्यातक/ निर्माता द्वारा उपलब्ध क्यूआर के सापेक्ष परीक्षित एवं सत्यापित” प्रमाण पत्र के बारे में अनुरोध करने हेतु दो विकल्प मुहैया कराती है । दिनांक 06 मार्च 2019 को 'सर्टिफिकेशन, टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन अंडर डिफेंस एक्सपोर्ट प्रमोशन स्कीम' के लिए एक मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) प्रख्यापित की गई है ।

 

(ख) इस योजना के अंतर्गत ‘फिट फॉर इंडियन मिलिट्री यूज़’ के लिए उपयुक्त विकल्प-1 के अंतर्गत कुल 10 (दस) प्रमाण पत्र प्रदान किए गए हैं ।

विकल्प-I: फिट फॉर इंडियन मिलिट्री यूज़ प्रमाणन

फर्म का नाम

उपकरण का नाम

प्रमाण पत्रों की संख्या

प्रमाण पत्र जारी करने की तिथि

भारत फोर्ज लिमिटेड

लाइट स्ट्राइक व्हीकल

01

18/10/19

एल एंड टी डिफेंस

40 एमएम एल-70 गन अपग्रेड

01

18/10/19

 

जेसीबी लिमिटेड

एक्सकेवेटर 7/12 टन

01

03/02/20

 

टाटा मोटर्स लिमिटेड

 

विभिन्न वाहनों के लिये 7 प्रकार के प्रमाण पत्र

07

28/02/20

 

आउटरीच इवेंट्स

 

 (क) रक्षा प्रदर्शनी (डेफएक्सपो) 2020:

  1. डेफएक्सपो-20 का 11वां संस्करण दिनांक 05-09 फरवरी 2020 से वृंदावन योजना, लखनऊ, उत्तर प्रदेश में आयोजित किया गया । इस कार्यक्रम का विषय "रक्षा का डिजिटल रूपांतरण" था । यह प्रदर्शनी अपनी स्थापना के बाद से अब तक की सबसे बड़ी प्रदर्शनी थी और मंत्री स्तर, विदेशी प्रतिनिधिमंडलों और विदेशी एवं भारतीय उद्योग दोनों की उपस्थिति में अभूतपूर्व रुचि और भागीदारी देखी गई । घटना के मुख्य आकर्षण निम्न थेः-

 

इस प्रदर्शनी में कुल 35 विदेश मंत्रियों ने भाग लिया तथा 12 अफ्रीकी देशों के रक्षा मंत्रियों की भागीदारी के साथ प्रदर्शनी के मौके पर पहली बार भारत-अफ्रीका रक्षा सम्मेलन (विदेश मंत्रालय के साथ समन्वय में) भी आयोजित किया गया ।

 

856 घरेलू कंपनियों एवं 172 विदेशी कंपनियों के साथ पहली बार प्रदर्शकों की भागीदारी 1000 से अधिक थी ।

 

इस बार एक अन्य सर्वप्रथम, समर्पित समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर कार्यक्रम 'बंधन' था जिसे उद्योग जगत से ज़बरदस्त रुचि मिली और इसके परिणामस्वरूप 200 साझेदारियां और 18 टीओटी (ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी) बनीं {भारत-रूस मिलिट्री इंडस्ट्रियल कॉफ्रेंस (एमआईसी) के पांचवें दौर में अंतरसरकारी फ्रेमवर्क (आईजीए) के तहत भारतीय सैन्य फर्मों एवं रूसी रक्षा उत्पादकों के बीच हस्ताक्षरित 14 समझौता ज्ञापनों को छोड़कर} ।

 

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा अठारह (18) लाइसेंसिंग समझौतों को निजी उद्योगों को सौंपा गया ।

 

डेफएक्सपो 2020 के दौरान भाग लेने वाले 291 एमएसएमई के साथ एमएसएमई की भागीदारी भी पिछले संस्करण से दोगुनी हो गई थी ।

 

(ख) एयरो इंडिया 2021:

 

  1. एयरो इंडिया-2021 का 13वां संस्करण, रक्षा, एयरोस्पेस, नागरिक उड्डयन, हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे और रक्षा इंजीनियरिंग पर एक अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी का 03-05 फरवरी 2021 वायु सेना स्टेशन, येलहंका, बेंगलुरु में आयोजित किया जाना प्रस्तावित है ।  दिनांक 07 अक्तूबर, 2020 को माननीय रक्षा मंत्री ने नई दिल्ली में राजदूतों/ विदेशी मिशन के प्रमुखों के लिए राजदूतों के राउंड टेबल वर्चुअल सम्मेलन की मेज़बानी की । सम्मेलन में 79 देशों और 200 + प्रतिनिधियों ने भाग लिया ।

 

सीमा सड़क संगठन

 

1. कामकाज का विवरण

 

क्रम संख्या

कार्य का प्रकार

A/U

नवम्बर 2020 तक उपलब्धि

(क)

फॉर्मेशन कार्य

Km Eqvt Cl 9

1192.84

(ख)

सरफेसिंग का कार्य

Km Eqvt Cl 9

2340.67

(ग)

स्थायी कार्य

Cr

1819.38

(घ)

सुरंग

Cr

623.63

(ड)

बड़े पुल

Mtr

2683.54

(च)

रिसरफेसिंग

Cl-9

2508.47

 

2. सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सड़कों का समापन. इस अवधि के दौरान रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण निम्नलिखित सड़कों को पूरा कर लिया गया है ।

 

क्रम संख्या

सड़क

किलोमीटर में लंबाई

प्रदेश

(i)

सुमना-रिमखिम

14 किलोमीटर

उत्तराखंड

(ii)

गस्तोली-रत्ताकोना

17.95 किलोमीटर

उत्तराखंड

(iii)

मलारी-गिरथिडोबा

19 किलोमीटर

उत्तराखंड

(iv)

पोअरी-पूह

56 किलोमीटर

हिमाचल प्रदेश

(v)

ताटो-मनीगोंग-ताड़ागेड

85.98 किलोमीटर

अरुणाचल प्रदेश

(vi)

माहे-चुशूल

77.63 किलोमीटर

लद्दाख (केंद्र शासित प्रदेश)

 

3. एल-डी-वाई रोड की कनेक्टिविटी. परियोजना वर्तक के एओआर में अरुणाचल प्रदेश के दूरस्थ उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्र में भारी ढाल के साथ रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 52 किलोमीटर लुंगरो जीजी-यंग्से रोड की कनेक्टिविटी सबसे प्रतिकूल, कठोर पहाड़ी इलाके के बीच से बनाई गई थी । दिनांक 23 अक्टूबर 2020 को सड़क को यातायात के लिए खोला गया था ।

 

4. सेला सुरंग. तवांग के लिए सड़क पर सेला सुरंग पर काम जोरों पर है और इसके नवंबर 2022 में पूरा होने की संभावना है । इस सुरंग से सड़क की लंबाई 9.24 किमी कम हो जाएगी ।

 

5. ब्रह्मपुत्र सुरंग ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तर और दक्षिण तट के बीच कनेक्टिविटी हासिल करने के लिए 12.30 किमी लंबाई की ब्रह्मपुत्र सुरंग (पानी के नीचे) के निर्माण की कल्पना की गई है । डीपीआर तैयार करने का ठेका दिनांक 03 जुलाई 2020 को दिया गया है । ब्रह्मपुत्र सुरंग के निर्माण के लिए डीपीआर सितंबर 2021 तक पूरा होने की संभावना है ।

 

6. कनेक्टिविटी बहाली

 

(क) सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने दिनांक 27 जून 2020 को उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जिले में मुनस्यारी-मिलम मार्ग पर यातायात के लिए वैकल्पिक पुल के माध्यम से कनेक्टिविटी बहाल की ।

 

(ख) सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने दिनांक 29 जून 2020 को अरुणाचल प्रदेश राज्य के शी-यामी जिले में आलो-मेंचूका सड़क पर सिकम सिबू स्ट्रीम पर एक मुख्य पुल के माध्यम से संपर्क बहाल किया क्योंकि भारी भूस्खलन के कारण जून में मूल पुल बह गया था जिससे राज्य के बाकी हिस्सों से नवनिर्मित जिले में संचार टूट गया था ।

 

7. कार्यों की आउटसोर्सिंग दिनांक 29 अगस्त 2017 को रक्षा मंत्रालय डी (बीआर-1) द्वारा इंजीनियरिंग खरीद निर्माण (ईपीसी) मोड को अपनाने को मंजूरी दी गई है । तदनुसार निष्पादन के ईपीसी मोड के माध्यम से 42 सड़कों की आउटसोर्सिंग की पहचान की गई है । डीपीआर तैयार करने के लिए ठेका कार्यवाही की प्रगति इस प्रकार है:-

 

क्रम संख्या

विवरण

दिनांक 30 नवम्बर 2020 तक स्थिति

(i)

डीपीआर की तैयारी के लिये निविदा स्वीकार की गई

42

(ii)

डीपीआर की तैयारी के लिये प्रक्रियाधीन निविदा

-

 

कुल

42

 

  • जीएस/एमओडी कार्य. प्रदान किए गए सिविल कार्य का ब्योरा निम्न हैः-

 

क्रम संख्या

सड़क का नाम एवं विस्तार

लंबाई (किलोमीटर में)

1

सेला सुरंग एवं बी-सी-टी रोड पर एप्रोच रोड

229 किलोमीटर से 247.60 किलोमीटर

सुरंग- 2.265

एवं एप्रोच रोड- 9.775

2

सीआई-9 से एनएचडीएल तक बालीपाड़ा-चारद्वार-तवांग की वृद्धि

70 किलोमीटर से 88 किलोमीटर

18

3

दिनांक 6 अगस्त 2020 को एनएचडीएल विनिर्देशों के अनुरूप बाड़मेर-चौटन-केलनॉर सड़क का निर्माण/ बेहतरीकरण, 8.15 किलोमीटर से 72.50 किलोमीटर, प्रदान किया गया

64.35

4

एनएचडीएल विनिर्देशों के अनुरूप राजौरी-थानामंडी-सूरनकोट सड़क का (3.900 किलोमीटर से 56.951 किलोमीटर तक, लंबाई 53.951 किलोमीटर) निर्माण/ बेहतरीकरण कार्य 22 अक्टूबर 2020 को प्रदान किया गया

55.52

 

 

(क) सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय का कार्य.

 

(i) चारधाम यात्रा परियोजनाओं पर कुल 155 किमी (10 खंड) के लिए ईपीसी मोड के माध्यम से कार्य शुरू किया जा रहा है, जोशीमठ-माना, ऋषिकेश-धरासू और धरासू-गंगोत्री सड़कों पर 1233.28 करोड़ रुपये में कामकाज जारी है ।

 

(ii) दिनांक 04 फरवरी 2020 को 63.15 करोड़ रुपये के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग डबल लेन (एनएचडीएल) के साथ 63.15 करोड़ रुपये के लिए अखनूर-पुंछ सड़क के सुधार के लिए ईपीसी मोड के माध्यम से कार्य शुरू किया गया है ।

 

8. नेचिफू सुरंग का कार्य शुरू. 450 मीटर लंबी नेचिफू टनल पर काम शुरू हो गया है । रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने दिनांक 12 अक्टूबर 2020 को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इसका शिलान्यास किया था ।

 

9. महत्वपूर्ण पास का उद्घाटन. देश भर में राष्ट्रव्यापी लॉक डाउन के दौरान सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा स्नो क्लीयरेंस संबंधी कार्य किए गए थे । रिकॉर्ड हिमपात के बावजूद समर्पित प्रयास, अग्रिम योजना, संसाधनों की इष्टतम तैनाती, आधुनिक उपकरणों के उपयोग और प्रेरणा के उच्च स्तर से यह सुनिश्चित किया कि हर साल महत्वपूर्ण पास खोले जाने की औसत तिथियों से काफी पहले खोले जाएं । महत्वपूर्ण पास खोलने की स्थिति इस प्रकार है:-

 

क्रम संख्या

पास

ऊंचाई (फीट)

सड़क

खुलने की तिथि

2019

2020

(क)

राजधान

11,672

बांदीपुर-गुरेज़

6 मई

13 अप्रैल

(ख)

जोजिला

11,575

श्रीनगर-लेह

28 अप्रैल

  1. मार्च

(ग)

रोहतांग

14,216

मनाली-लेह (12 जून 2019/ 18 मई 2020)

19 मई

  1. अप्रैल

(घ)

बड़ालाचला

16,047

12 जून

  1. मई

(ड)

तगलांग्ला

17,582

25 मई

  1. मार्च

(च)

लाचुंगला

16,616

  1. मई

20 मार्च

(छ)

नकीला

16,170

17 मई

10 मार्च

(ज)

रिमखिम

14,239

सुमना रिमखिम

30 मई

  1. अप्रैल

(झ)

नीती

15,269

कुरकुटी-नीती

7 मई

  1. अप्रैल

(ञ)

माना

18,500

माना- माना पास

30 जुलाई

1 जुलाई

(ट)

सोनम

12,887

नेलॉंग-नागा-सोनम

5 मई

21 अप्रैल

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

10. बचाव अभियान. दिनांक 28 नवंबर 2020 को श्रीनगर-कारगिल-लेह रोड पर हिमस्खलन के कारण छह यात्रियों वाली एक एसयूवी जोजिला दर्रे पर फंस गई थी । कार का कुछ हिस्सा आंशिक रूप से बर्फ में फंसा देखा जा सकता था । प्रोजेक्ट बीकन के कर्मियों ने उसी दिन फंसे यात्रियों को बचाया एवं छह लोगों की जान बचाई । वाहनों को भी हिमस्खलन वाली जगह से निकाला गया और सड़क को यातायात के लिए खोल दिया गया ।

 

 

 

11. सड़कों, पुलों और सुरंगों का समापन/ उद्घाटन

 

(क) मानसरोवर यात्रा के लिंक रोड का उद्घाटन. मानसरोवर यात्रा मार्ग के हिस्से के तौर पर घाटिबागढ़-लिपुलेख पर चल रहा काम कोविड-19 लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुआ । इस कार्य को फिर से शुरू करने के लिए राज्य सरकार से आवश्यक अनुमति ली गई थी क्योंकि मानसून से पहले कटिंग को पूरा करना महत्वपूर्ण है । इसलिये संसाधन जुटाए गए और कटिंग का कार्य शुरू करने के लिए संकेंद्रित प्रयास किए गए । इससे दिनांक 17 अप्रैल 2020 को सड़क की शुरुआती कनेक्टिविटी हासिल हुई । माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने दिनांक 08 मई 2020 को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कैलाश मानसरोवर यात्रा (ऐसी सड़क से जुड़ी कैलाश मानसरोवर मार्ग से लिपुलेख दर्रे) का उद्घाटन किया ।

 

(ख) तवांग चाहू और सुरेखा पुल. अरुणाचल प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री पेमा खांडू ने दिनांक 23 मई 2020 को तवांग जिले में तवांग चाहू नदी पर 50 मीटर तवांग चाहू पुल और पश्चिम कामेंग जिले में सुरेखा नाले पर 45 मीटर सुरेखा पुल का लोकार्पण किया ।

 

 

 

(घ) चंबा सुरंग की सफलता. माननीय केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से दिनांक 26 मई 2020 को ऋषिकेश-धरासू मार्ग पर व्यस्त चंबा शहर के नीचे चंबा सुरंग के महत्वपूर्ण आयोजन के साक्षी बने ।

 

 

(घ) पुनेजा और देविका पुल. माननीय केंद्रीय मंत्री श्री जितेंद्र सिंह ने दिनांक 24 जून 2020 को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से डोडा जिले में 50 मीटर लंबे पुनेजा पुल और ऊधमपुर जिले में देविका नदी पर 10 मीटर लंबे देविका पुल का उद्घाटन किया । इन रणनीतिक पुलों से सेना के काफिलों और वाहनों को सुचारू रूप से लाने ले जाने में मदद मिलेगी ।

 

 

 

(ङ) अटल सुरंग, रोहतांग” का उद्घाटन. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने दिनांक 03 अक्टूबर 2020 को 10,000 फीट से ऊपर बनी 9.02 किमी लंबाई की दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग को राष्ट्र को समर्पित किया था ।

 

 

 

(च) 44 पुलों का उद्घाटन रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने दिनांक 12 अक्टूबर 2020 को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 3506 मीटर लंबाई के 44 पुलों को राष्ट्र को समर्पित किया । जिनका राज्यवार विवरण इस प्रकार हैं:-

 

क्रम संख्या

प्रदेश

पुलों की संख्या

पुलों की कुल लंबाई (मीटर)

(क)

लद्दाख (केंद्र शासित प्रदेश)

08

358

(ख)

जम्मू एवं कश्मीर (केंद्र शासित प्रदेश)

10

947

(ग)

पंजाब

04

597

(घ)

हिमाचल प्रदेश

02

470

(ड)

उत्तराखंड

08

390

(च)

अरुणाचल प्रदेश

08

514

(छ)

सिक्किम

04

230

 

कुल

44

3506

 

 

(छ) गंगटोक-नाथूला वैकल्पिक अलाइनमेंट रोड. सिक्किम राज्य में गंगटोक-नाथुला सड़क के शून्य से 19.35 किमी तक वैकल्पिक संरेखण को दिनांक 25 अक्टूबर 2020 को माननीय रक्षा मंत्री द्वारा राष्ट्र को समर्पित किया गया है ।

 

 

 

पूर्व सैनिक कल्याण विभाग

 

2020 के दौरान ऐतिहासिक घटना:

 

I. AFFDF-सीएसआर वेबिनार 2020: देश में जारी COVID-19 महामारी के बीच डिजिटल माध्यम के ज़रिए दिनांक 04 दिसंबर 2020 को एक कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) वेबिनार का आयोजन किया गया ताकि कंपनियों के बीच कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 135 में दिए गए एएफएफडीएफ के अनुरूप में कॉर्पोरेट सामाजिक ज़िम्मेदारी (सीएसआर) योगदान के बारे में कॉर्पोरेट घरानों के बीच जागरूकता पैदा की जा सके और साथ ही उन कंपनियों को सम्मानित किया जा सके जिन्होंने एएफएफडीएफ को अपने सीएसआर फंड से योगदान दिया था । इस कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों और फॉर्च्यून-500 कंपनियों की प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया जिसमें ईएसएम के सामने आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला गया और कॉर्पोरेट जगत से ईएसएम और उनके आश्रितों के कल्याण और पुनर्वास के कामकाज हेतु आगे आकर योगदान देने की अपील की गई ।

 

II. वर्ष 2020 के दौरान उपलब्धियां

 

1. कल्याण - केएसबी

(क) दिनांक 6.5.2020 की गजट अधिसूचना के माध्यम से आर्मी बैटल कैज़ुल्टी वेलफेयर फंड (एबीसीडब्ल्यूएफ) का नामकरण सशस्त्र बल युद्ध हताहत कल्याण कोष (एएफबीसीडबल्यूएफ) में बदल दिया गया है और इस योजना को वायु सेना और नौसेना के हताहतों के लिए भी विस्तारित कर दिया गया है ताकि सेना के तीनों अंगों को इसमें शामिल किया जा सके । अतिरिक्त अनुग्रह राशि को भी प्रति युद्ध हताहत (मृत्यु), युद्ध हताहत (दिव्यांगता 60% एवं अधिक) तथा दिव्यांगता के कारण अमान्य सैनिक के लिये मौजूदा 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 8 लाख रुपये कर दिया गया है । लड़ाई में 60% से कम दिव्यांगता वाले प्रभावितों के लिए अतिरिक्त अनुग्रह राशि को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 4 लाख रुपये कर दिया गया है ।

 

(ख) केंद्रीय सैनिक बोर्ड और श्री सीमेंट लिमिटेड के बीच दिनांक 15 अक्तूबर 2020 को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए जिसके अनुसार श्री सीमेंट अपने स्वामित्व वाले सीमेंट संयंत्रों से सशस्त्र बलों के पिछले बीस वर्ष में (यानी दिनांक 01 जनवरी 1999 से 01 जनवरी 2019 तक) अपने प्राणों की आहुति देने वाले बलिदानियों के निकटतम रिश्तेदार (एनओके) को 4000 वर्ग फुट तक के भूखंड क्षेत्र में एक घर बनाने के लिए निशुल्क सीमेंट उपलब्ध कराएगा ।

 

  1. पुनर्वास: डीजीआर

 

(क) ईएसएम के लिए रोजगार के अवसरों/ रिक्तियों को बढ़ाने के लिए रोजगार मेलों में ‘कॉर्पोरेट क्षेत्र’ का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए दिनांक 27.1.2020 को डीजीआर और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (फिक्की) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं ।

(ख) डीजीआर पैनल वाले राज्य ईएसएम निगमों के माध्यम से सरकारी प्रतिष्ठानों/ परिसरों को तकनीकी सेवाओं के लिए ईएसएम जनशक्ति प्रदान करने की योजना के लिए दिनांक 06.2.2020 को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं । नई योजना से ईएसएम के लिए रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे ।

(ग) सेना में कामकाज की आरंभिक अवधि पूरी करने के बाद समय से पहले सेवानिवृत्ति लेने वाले शॉर्ट सर्विस कमीशन अधिकारियों को ईएसएम का दर्जा देने के संबंध में दिनांक 16.2.2020 को अधिसूचना जारी की गई थी ।

 

3. हेल्थकेयर- ईसीएचएस

 

(क) दिल्ली/ एनसीआर के 4 ईसीएचएस पॉलीक्लीनिक में प्रायोगिक आधार पर उपचार की आयुष प्रणाली दिनांक 13-01-2020 से शुरू की गई थी ।

 

(i) रक्षा मंत्रालय, डीओईएसडब्ल्यू द्वारा दिनांक 3.2.2020 के आदेश संख्या 22डी (06) /2019/WE/D (Res) के माध्यम से रेफरल प्रणाली में सीजीएचएस द्वारा पूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) के लिये निम्न प्रावधानों को अपनाया गया:

 

(क) निजी पैनल में शामिल अस्पतालों में विशेषज्ञ/ सूचीबद्ध जांच के साथ परामर्श प्रावधान से रेफरल को सरल बनाया गया है, ताकि तीस दिनों के भीतर अस्पताल के एक ही दौरे के दौरान 3 अलग अलग विशेषज्ञों से 3 परामर्श लिये जा सकें ।

 

(ख) 75 वर्ष या उससे अधिक आयु के लाभार्थी निजी पैनल वाले अस्पतालों के विशेषज्ञों से सीधे ओपीडी उपचार ले सकते हैं ।

 

(ग) गंभीर रूप से बीमार लाभार्थी जो हृदय रोग, अंग प्रत्यारोपण से गुजरे हैं या कैंसर/ मरणासन्न स्थिति वाली किडनी की बीमारी से पीड़ित हैं/ ऑटो इम्यून डिसऑर्डर/ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर से पीड़ित हैं, इसके लिए अनुमति प्राप्त करने के बाद निजी पैनल वाले अस्पतालों में उपचार ले सकते हैं, किंतु आगे सत्यापन की आवश्यकता के बिना ।

 

(ii) ईसीएचएस पॉलीक्लीनिक में संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों के रोजगार से संबंधित नियमों में संशोधन किया गया है ताकि पूर्णकालिक कार्मिकों की अनुपलब्धता के कारण इन ग्रेडों में कमी को दूर करने के लिए अंशकालिक आधार पर चिकित्सकों और पैरा मेडिकल कर्मचारियों की भर्ती की अनुमति प्रदान की जा सके ।

 

(iii) दिनांक 1.2.2020 को जारी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आदेश क्रमांक 4-24/96-C&P / CGHS(P)/EHS के अनुरूप ईसीएचएस लाभार्थियों के पुत्रों की 25 वर्ष की आयु के बाद हुई दिव्यांगता के मामलों में भी उनको ईसीएचएस के तहत मेडिकेयर सुविधा का लाभ उठाने का अधिकार होगा बशर्ते वह  दिनांक 08.07.2020 के रक्षा मंत्रालय के आदेश क्रमांक 18(77)/2017/WE/D(Res-1) के ज़रिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की आदेश संख्या 4-24/96-C&P / CGHS(P)/EHS द्वारा निर्धारित शर्तों को पूरा करते हों ।

 

4. पेंशन नीति

 

(क) सरकार द्वारा दिनांक 16.07.2020 को जारी आदेश के माध्यम से यह निर्णय लिया गया है कि अमान्य पेंशन अब से सशस्त्र बलों के 10 वर्ष की सेवा से कम वाले उन कार्मिकों के लिये स्वीकार्य होगी जब कि यह कार्मिक किसी ऐसी शारीरिक अथवा मानसिक दुर्बलता से सेवा से बाहर हुए हों जो न तो सेना में सेवा से संबंधित हैं एवं न ही सैन्य सेवा के कारण बढ़ी ही हैं ।

 

(ख) रक्षा मंत्रालय के पत्र संख्या 1 (13)/2016/डी (पेन/पॉलिसी) दिनांक 21-02.2020 के माध्यम से, रक्षा मंत्रालय पत्र संख्या 1(8) /2008-D (Pen/Policy) दिनांक 12.06.2009 (जो 1.1.2006 के बाद सेवानिवृत्त हुए हवलदार की पेंशन के दोहरान से जुड़ा है, जिन्हें नायब सूबेदार की मानद रैंकं प्रदान कर दी गई थी) का फायदा 2006 से पहले सेवानिवृत्त होने वाले हवलदारों तक भी बढ़ा दिया गया है जिन्हें नायब सूबेदार की मानद रैंक प्रदान कर दी गई थी । इसके अतिरिक्त रक्षा मंत्रालय के दिनांक 8.3.2010 एवं 17.1.2013 के पत्र के माध्यम से मानद नायब सूबेदारों को क्रमशः 1.7.2009 एवं 24.9.2012 से परिवर्तित पेंशन प्रदान करने वाली पेंशन सूचियों को रद्द कर दिया गया है तथा 2006 से पहले रिटायर मानद नायब सूबेदारों (एचएनएस) को दिनांक 1.7.2009 एवं 24.9.2012 से बढ़ी हुई पेंशन प्रदान करती हुई नवीन सूचियां तैयार की गई हैं । वर्ष 2006 से पूर्व सेवानिवृत्त मानद नायब सूबेदार की पेंशन 1816.92/- करोड़ रुपये के वित्तीय प्रभाव के साथ न्यूनतम 8330/- रुपये संशोधित की गई है । 2006 से पहले सेवानिवृत्त लगभग, 75,250 मानद नायब सूबेदार (एचएनएस) इस निर्णय से लाभान्वित होंगे । यह 2006 से पूर्व सेवानिवृत्त एचएनएस की लंबे समय से लंबित मांग थी । इस आदेश के जारी होने से यह उम्मीद की जाती है कि इस मुद्दे पर लंबित/ दायर किए जा रहे अदालती मामलों में कमी आएगी ।

 

(ग) डीईएसडब्ल्यू पत्र संख्या 14(02)/2019/ डी (पेन/पोल) दिनांक 5.10.2020 के तहत यह निर्णय लिया गया है कि ऑरिडिनेरी फैमिली पेंशन की बढ़ी हुई दर प्रदान करने के लिए 7 वर्ष की निरंतर सेवा की न्यूनतम आवश्यकता को उन सशस्त्र बल कार्मिकों के लिये दूर किया गया है जिनकी मृत्यु सात वर्ष की सेवा से पहले ही हो गई है अथवा इस अवधि से पहले ही वे अनुपयुक्त घोषित किये जा चुके हैं । इसके अलावा रक्षा बलों के वो जवान जो पहली अक्टूबर 2019 के पहले ही, 7 साल की निरंतर सेवा पूरी किए बिना दस साल के भीतर ही चल बसे उनका परिवार भी दिनांक 1.10.2019 से बढ़ी हुई दरों पर पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र होगा ।

 

राष्ट्रीय कैडेट कोर

 

1. शिविर प्रशिक्षण

 

(क) एटीसी/ सीएटीसी वर्ष में 1500 शिविर लगाए गए हैं इनमें से हर शिविर में 500 कैडेट्स थे । लगभग 7.5 लाख कैडेट भाग लेते हैं । कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण इस साल इनका आयोजन नहीं हो सका ।

 

(ख) एक भारत श्रेष्ठ भारत (ईबीएसबी) पूरे देश में 35 शिविरों का आयोजन किया गया जिनमें 20,400 कैडेट्स शामिल थे । अतिथि राज्य निदेशालय के कैडेट्स की संख्या 100 से 150 बढ़ाने की योजना है ।

 

(ग) वायु सैनिक शिविर (वीएससी). एयरफोर्स सेंट्रल कैंप की क्षमता 592 कैडेट्स से बढ़कर 629 कैडेट्स तक बढ़ा दी गई है । अगले 4 वर्षों में 68 और कैडेट्स की वृद्धि की योजना बनाई गई है ।

 

(घ) नौ सैनिक शिविर (एनएससी) नौसेना केंद्रीय शिविर की संख्या 590 कैडेट्स से बढ़कर 612 कैडेटों तक पहुंचा दी गई है । अगले 4 वर्षों में 90 और कैडेट्स के लिए वृद्धि की योजना बनाई गई है ।

 

(ङ) थल सैनिक शिविर (टीएससी) आर्मी सेंट्रल कैंप की ताकत 1360 कैडेट्स से बढ़कर 1564 कैडेट्स (151 कैडेट्स) हो गई । अगले 4 वर्षों में 136 और कैडेट्स की वृद्धि की योजना बनाई गई है ।

 

(च) नेतृत्व शिविर. 1800 कैडेट प्रति वर्ष ऐसे छह शिविरों में भाग लेते हैं ।

 

(छ) रॉक क्लाइंबिंग ट्रेनिंग कैंप (आरसीटीसी). प्रति वर्ष 1080 कैडेट्स के लिए चार शिविर । अब ताकत में 10% की वृद्धि की योजना बनाई जा रही है । कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण इस साल इसका आयोजन नहीं हो सका ।

 

(ज) गणतंत्र दिवस शिविर (आरडीसी). सबसे महत्वपूर्ण एनसीसी शिविर की संख्या 2070 से बढ़ाकर 2155 (85 कैडेट) करने की योजना थी । हालांकि COVID-19 प्रतिबंधों के कारण प्रति निदेशालय केवल 26 कैडेट, 4 निदेशालयों को छोड़कर, जिन्होंने 34 कैडेट्स को रखा, कुल 495 कैडेट्स ने भाग लिया है । भविष्य में 2023 तक 2500 कैडेट्स तक ताकत बढ़ाने की योजना है ।

 

(j) फ्लाइंग ट्रेनिंग. इस वर्ष 110 वायरस एसडब्ल्यू माइक्रोलाइट इंडक्शन का कार्य पूरा हो गया है । सभी 50 एयर स्क्वैड्रन अब उड़ान भरने के लिए तैयार हैं ।

 

(k) नौकायन विशेष प्रशिक्षण शिविर 160 नौसेना कैडेट्स ने वाईएआई स्तर की I/II/III परीक्षा उत्तीर्ण की । एक से पांच नोड्स तक की वृद्धि की गई है । इस वर्ष से कुल 350 कैडेट्स की क्षमता होगी ।

 

2. अटैचमेंट ट्रेनिंग

 

(क) भारतीय सेना के साथ संयोजित कैडेट्स में 8000 की वृद्धि, 20000 से 28000 तक, आईएमए (इंडियन मिलिट्री अकेडमी) में संयोजित कैडेट्स की संख्या में लगाव 120 कैडेट्स से 250 की वृद्धि एवं ओटीए में 50 कैडेट्स से 100 कैडेट्स तक की वृद्धि, भारतीय नौसेना द्वारा विदेश में तैनात किए जाने वाले कैडेट्स को 20 से 30 किए जाने की योजना बनाई गई है ।

 

(ख) तटरक्षक (नवीन) के साथ ओएसडी शुरू किया जा रहा है ।

 

3. प्रशिक्षण एप लॉन्च. एनसीसी प्रशिक्षण एप संस्करण 1 को माननीय रक्षा मंत्री द्वारा दिनांक 27 अगस्त 2020 को एक ऑनलाइन समारोह के माध्यम से लॉन्च किया गया था । एप में एनसीसी, पाठ्यक्रम, संक्षिप्तीकरण, इंटरएक्टिव वीडियो, अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न व कैडेट एवं जिज्ञासाएं शामिल हैं । संबंधित एएनओ के मार्गदर्शन में कैडेट्स का ऑनलाइन प्रशिक्षण चल रहा है । मौजूदा प्रशिक्षण एप के संस्करण 2 की लॉन्चिंग की योजना शीघ्र ही बनाई जा रही है ।

 

4. कोविड-19 के दौरान एनसीसी कैडेट्स द्वारा योगदान मुहिम. एनसीसी कैडेट्स ने योगदान मुहिम के माध्यम से कोविड 19 के बारे में स्थानीय जनता को शिक्षित करने में स्थानीय प्रशासन को बहुमूल्य सहायता प्रदान की । अब तक लगभग 1,39,145 कैडेट्स और 21,067 एएनओ का संचयी रोजगार अखिल भारतीय हो चुका है । दो लाख से अधिक कैडेट्स ने आईजीओटी प्रशिक्षण के लिए नामांकन किया है और अपना प्रशिक्षण पूरा किया है । प्रक्रियाओं के अनुसार कैडेट्स की किटिंग और बीमा सुनिश्चित किया जा रहा है ।

 

5. एक भारत श्रेष्ठ भारत. सभी राज्य निदेशालयों के एनसीसी कैडेट्स ने हर महीने ऑनलाइन ईबीएसबी साप्ताहिक शिविरों में भाग लिया । अब तक इस प्रकार के चार शिविर आयोजित किए जा चुके हैं । इन ऑनलाइन शिविरों के दौरान वेबिनार आयोजित की जाती हैं जिनमें अतिथि और मेजबान राज्य निदेशालयों के कैडेट्स के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर आधारित तीन घंटे के दैनिक इंटरैक्टिव सत्रों का आयोजन किया गया । अब तक इन शिविरों के दौरान आत्मनिर्भर भारत, फिट इंडिया अभियान, नई शिक्षा नीति (एनईपी) और स्वच्छता विषयों को भी अपनाया गया है । कुल 65 कैंप आयोजित किए गए हैं, जिसमें 5700 कैडेट्स ने हिस्सा लिया है ।

 

6. वृक्षारोपण अभियान. एनसीसी द्वारा जून-जुलाई 2020 में वृक्षारोपण अभियान चलाया गया था । इसका विषय "घर में और पड़ोस में" था । एनसीसी द्वारा 3.5 लाख से अधिक पौधे लगाए गए हैं ।

 

7. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (आईडीवाई) 2020. आईडीवाई 2020 के अवसर पर कुल 10.5 लाख एनसीसी कैडेट्स, कर्मचारियों और परिवारों ने घर से योग में भाग लिया ।

 

8. आत्मनिर्भर भारत अभियान. स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर एनसीसी द्वारा 01 से 15 अगस्त 20 तक अखिल भारतीय आत्मनिर्भर भारत अभियान का आयोजन किया गया । इस अभियान में लगभग 3.59 लाख कैडेट्स ने भाग लिया और देश भर में 14 लाख से अधिक नागरिक प्रभावित हुए ।

 

9. आपदा प्रबंधन (बाढ़ राहत) एनसीसी कैडेट्स ने हाल ही में बिहार, केरल और उत्तर प्रदेश में बाढ़ राहत कार्यों में भाग लिया, प्रभावित जिलों में राहत प्रयासों और वितरण सेवाओं के माध्यम से कोविड 19 के दौरान स्थानीय प्रशासन तंत्र की सहायता की ।

 

10. फिट इंडिया अभियान एनसीसी द्वारा 15 अगस्त 2020 से 14 सितंबर 2020 तक फिट इंडिया अभियान का आयोजन किया गया था । 14.75 लाख से अधिक कैडेट्स ने जागरूकता सहित विभिन्न प्रकार की फिटनेस आधारित गतिविधियों में भाग लिया और पड़ोसियों, परिवार के सदस्यों और मित्रों को शामिल कर अपने अभियान से देश भर में लगभग 33 लाख नागरिकों को प्रभावित किया । मंत्रालय के निर्देशों के आधार पर दिनांक 02 अक्टूबर 2020 (गांधी जयंती) तक कैडेट्स और उनके परिवार/ मित्रों द्वारा दैनिक लघु कार्यक्रम भी चलाए गए । इस अवधि के दौरान कुल 59 लाख किलोमीटर से अधिक की दूरी कवर की गई ।

 

11. नई शिक्षा नीति (एनईपी) जागरूकता अभियान सभी राज्य निदेशालयों द्वारा एनईपी अभियान चलाया गया था । देश भर में कुल 945 वेबिनार करवाए गए जिसमें 50411 कैडेट्स ने हिस्सा लिया । कैडेट्स द्वारा कुल 33584 सोशल मीडिया पोस्ट किए गए और लगभग 2 लाख की आबादी प्रभावित हुई ।

 

12. एनसीसी शिविर प्रशिक्षण हेतु प्रशिक्षण क्षेत्रों की पहचान के लिए विशेषज्ञ समिति की सिफारिश. विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को रक्षा मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है और आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए सीडीएस सचिवालय को अग्रेषित कर दिया गया है ।

13. कैडेट प्रेसी का अनुवाद. सभी कैडेट प्रेसी का अनुवाद कर एनसीसी की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है । वही एनसीसी प्रशिक्षण आवेदन पर भी लोड किया जाएगा ।

 

14. संविधान दिवस युवा क्लब गतिविधियां माननीय प्रधानमंत्री के निर्देशों के अनुसरण स्वरूप सभी युवा संगठनों को एक साझा मंच पर लाने, साझा विषयों पर समन्वित कार्रवाई को बढ़ाने के लिए संविधान दिवस युवा क्लब गतिविधियां दिनांक 17 नवंबर से 14 दिसंबर 2020 तक आयोजित की गई थीं । इस अभियान का उद्घाटन दिनांक 17 नवंबर को माननीय रक्षा मंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया था । इस उत्सव में 22 नवंबर (एनसीसी दिवस) के दिन रक्तदान की गतिविधियां भी शामिल थीं ।

 

15. कारगिल विजय दिवस वेबिनार. निदेशालयों द्वारा कुल 280 वेबिनार आयोजित किए गए जिसमें 3000 कैडेट्स ने भाग लिया ।

 

16. शिविर मैनुअल संशोधन. शिविर प्रशिक्षण के लिए शिविर नियमावली में संशोधन किया गया है और युनिट स्तर तक वितरण के लिए 1000 प्रतियां छापी जा रही हैं ।

 

17. स्वच्छता पखवाड़ा 01-15 दिसंबर 2020 एनसीसी ने सभी युवा संगठनों के साथ मिलकर स्वच्छता पखवाड़े में भाग लिया ।

 

18. स्वच्छता अभियान (14 सितंबर से 16 अक्टूबर 2020) 850 वेबिनार के माध्यम से 5.5 लाख कैडेट ।

 

19. होलोग्राम समेत आरडीसी प्रमाण पत्र आरडीसी 2020 एवं इसके आगे के लिये धोखाधड़ी रोकने के लिये एनसीसी होलोग्राम और क्यूआर कोड समेत नए मुद्रित प्रमाण पत्र शुरू किए गए हैं ।

20. आरडीसी 2020 के दौरान आरडीसी शिविर के लिए नए बैज, राजपथ पर मार्चिंग टुकड़ी और गार्ड ऑफ ऑनर संस्थागत को किया गया है ।

21. एसोसिएटेड मेंबरशिप हॉकी इंडिया. एनसीसी अब हॉकी इंडिया की एसोसिएट सदस्य है । एनसीसी हॉकी टीमें अब इससे मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय स्तर के हॉकी टूर्नामेंट में भाग ले सकेंगी ।

 

22. एनडीआरएफ द्वारा प्रशिक्षण ओटीए कम्पटी और ओटीए गया में प्रशिक्षण के दौर से गुजर रहे प्रत्येक पाठ्यक्रम के एएनओ के लिए तीन दिन कैप्सूल का प्रशिक्षण अब आयोजित किया जाएगा ।

 

23. यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम. कार्यक्रम का विस्तार करते हुए सात देशों से संपर्क किया गया था जिनमें से इजरायल की सिफारिश विदेश मंत्रालय द्वारा नहीं की गई है तथा थाईलैंड ने इस कार्यक्रम में भाग लेने में असमर्थता व्यक्त की है । शेष पांच देशों जैसे आस्ट्रेलिया, फ्रांस, कनाडा, अमरीका और ब्रिटेन के साथ पत्राचार का काम चल रहा है । पहले से ही साझेदार देशों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने के लिए पत्राचार चल रहा है ।

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एमजी /एएम/एबी-


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