स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय

डॉ. हर्ष वर्धन ने साफ-सफाई और स्वच्छता के उच्च मानकों को हासिल करने वाली सार्वजनिक एवं निजी स्वास्थ्य सुविधाओं को कायाकल्प पुरस्कार से सम्मानित किया


कायाकल्प लोगों के व्यवहार में सुधार लाने में काफी प्रभावशाली रहा है

मैं उम्मीद करता हूं कि वर्ष 2022 तक सभी स्वास्थ्य संस्थान इन मानकों तक पहुँचेः डॉ. हर्ष वर्धन

Posted On: 12 JAN 2021 6:09PM by PIB Delhi

केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 5वें राष्ट्रीय कायाकल्प अवार्ड कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उनके साथ केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री अश्विनी चौबे भी मौजूद थे।

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कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ. हर्ष वर्धन ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के राजपथ से किए गए स्वच्छागृह के आह्वान का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि स्वस्छ भारत मिशन की की शुरुआत 2 अक्टूबर 2014 को हुई थी। अपने क्रियान्वयन के आठवें वर्ष में स्वच्छ भारत मिशन अब एक राष्ट्रीय आंदोलन बन गया है, जो भारत के नागरिकों में ज़िम्मेदारी और गर्व की भावना पैदा करने में सक्षम है।

भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में स्वच्छता और साफ-सफाई सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 15 मई, 2015 को कायाकल्प नाम से एक राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम को लॉन्च किया था।इस दौरान स्वच्छता, साफ-सफाई और संक्रमण नियंत्रण के उच्च मानकों को हासिल करने वाले ज़िला अस्पतालों, उप-मंडलीय अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और हैल्थ एंड वेलनेस सेंटर को सम्मानित किया गया था।

कायाकल्प योजना की सराहना करते हुए डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा,“कायाकल्प न केवल सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने में सक्षम है, बल्कि इसने जनता के व्यवहार को बेहतर बनाने में भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। अस्पतालों की इस बदलती स्थिति और सुधार का अंदाजा मेरा अस्पताल के माध्यम से प्राप्त हुए संतुष्ट मरीजों की संख्या से लगाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान कोविड महामारी के दौरान कायाकल्प योजना का महत्व हमें काफी ज़्यादा देखने को मिला। देश की सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाएं ऐसे स्तर पर पहुंच गई हैं कि वैश्विक स्तर पर आने वाली आपात स्थिति से भी आसानी से निपट सकती हैं। भारत में कोविड से मरने वालों की दर दुनिया में सबसे कम रही है। इसका श्रेय राज्यों की प्रतिबद्धता, डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल और सहायक कर्मचारियों के समर्पण और पिछले कुछ सालों के दौरान अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को मजबूत करने के लिए किए गए प्रयासों को जाता है।

डॉ. हर्षवर्धन ने कायाकल्प योजना के तहत हासिल की गई सफलता का विस्तार से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पहले साल में 716 ज़िला अस्पतालों और केन्द्र सरकार के संस्थानों की सहभागिता से शुरू हुई कायाकल्प योजना अब 26172 सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधा केन्द्रों तक पहुँच गई है। पिछले वर्ष 2019-20 में कायाकल्प सुविधाओं का विस्तार 7615 केन्द्रों तक हुआ है।

 

उन्होंने आगे कहा कि कायाकल्य योजना की सफलता से प्रेरित होकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के साथ मिलकर स्वच्छ स्वस्थ सर्वत्र (एसएसएस) कार्यक्रम शुरू किया था, जिसके अंतर्गत ओडीएफ ब्लॉक के भीतर स्थित एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) सुधारात्मक गतिविधियों के लिए एनएचएम के तहत 10 लाख रुपये की एकमुश्त राशि का अनुदान प्राप्त करता है, ताकि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कायाकल्प सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बन सके।

कायाकल्प की सफलता केवल भारत तक सीमित नहीं है। इस बात का उल्लेख करते हुए मंत्री ने कहा कि कायाकल्प अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त, देशभर में फैला एक दूरदृष्टि रखने वाला कार्यक्रम है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 20 से 28 मई 2019 तक आयोजित हुई 72वीं वर्ल्ड हैल्थ असेंबली के दौरान भी इस कार्यक्रम की जमकर सराहना की गई। डब्ल्यूएचओ, यूनीसेफ और जेएमपी द्वारा प्रकाशित ग्लोबल बेसलाइन रिपोर्ट 2019 में भी कायाकल्प की सफलता को मान्यता दी गई।

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि, कायाकल्प ने सरकारी अस्पतालों के बीच काफी ज़्यादा उत्साह और एक सकारात्मक प्रतियोगिता को बढ़ाया है। ये कार्यक्रम स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े लोगों के मन में गर्व और स्वामित्व लेकर आया है और इसने स्थानीय नेतृत्व, समुदायों, एनजीओ, पीआरआई, स्थानीय निकायों और निजी क्षेत्र के अस्पतालों की सहभागिता को भी बढ़ाया है। मुझे ये जानकर खुशी है कि उच्च मानक तक पहुंचने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं की संख्या में लगातार धीरे-धीरे वृद्धि हो रही है। मैं चाहता हूं कि वर्ष 2022 में जब हम भारत की आज़ादी के 75वें वर्ष का जश्न मना रहे हों, उस समय सभी स्वास्थ्य सुविधाएं निर्धारित उच्च मानकों को प्राप्त कर चुकी हों।

श्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि, कायाकल्प ने स्वच्छता को हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग बना दिया है, जो लोगों को स्वस्थ तरीके से जीने की कला सिखाएगा। ये लोगों के बीच सद्भाव को बढ़ाता है। मैं उन सभी का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने कोविड महामारी के दौरान देशभर को स्वच्छ बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

कार्यक्रम के अंत में डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा, मैं कोविड मरीजों के प्रबंधन में क्लिनिकल नेतृत्व प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार के संस्थानों की सराहना करता हूं। अनुकूल वातावरण और उच्च गुणवत्ता वाली कोविड सुविधाएं प्रदान करने में राज्यों और स्वास्थ्य सुविधाओं की भूमिका काफी सराहनीय रही है।

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कार्यक्रम में एनएचएम की एएस एंड एमडी सुश्री वंदना गुरनानी, संयुक्त सचिव श्री विकास शील, संयुक्त सचिव सुश्री गायत्री मिश्रा, संयुक्त सचिव श्री निलांबुज शरण और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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एमजी/एएम/पीजी

 

 


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