पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने यमुना नदी में प्रदूषण और झाग पर चिंता व्यक्त की
दिल्ली समेत अन्य राज्यों को नालों की प्रभावी सफाई के लिए कहा
Posted On:
06 DEC 2020 6:00PM by PIB Delhi
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) यमुना नदी और इस नदी में बहने वाले नालों के पानी की गुणवत्ता की निगरानी करता है।
इससे पहले सीपीसीबी ने यमुना नदी के किनारों पर नाले से बहने वाले अशोधित गंदे पानी, मौजूदा सीवेज शोधन संयंत्र के कार्य ना करने और उद्योग व सामान्य अपशिष्ट शोधन संयंत्र (सीईटीपी) द्वारा लगाए गए अपशिष्ट शोधन संयंत्र (ईटीपी) के सही से काम ना करने की वजह से यमुना नदी में बन रहे झाग और अमोनिया के बढ़ते स्तर का अवलोकन किया।
यमुना नदी में बहने वाले 22 नालों की निगरानी के दौरान, 14 नालों (सोनिया विहार, नजफगढ़, शास्त्री पार्क, शाहदरा आदि) जो इस्तेमाल में नहीं हैं, उनसे नालों में गंदा पानी बहता दिखा। एक ओर जहां 5 नाले पूरी तरह प्रयोग में थे और उनमें पानी का कोई बहाव नहीं देखने को मिला, वहीं 02 नाले इस्तेमाल में थे और यमुना नदी में उनके पानी का अधिक बहाव पाया गया। एक नाले (नाला संख्या 14) में पानी बह ही नहीं रहा था। आंशिक/गंदे पानी के अनुपचारित बहाव और उद्योगों के फास्फोरस युक्त प्रवाह के कारण कई बार नदी में झाग बनते भी देखा गया।
इसका संज्ञान लेते हुए सीपीसीबी ने दिल्ली जल बोर्ड को एसटीपी द्वारा बनाए गए मानदंडों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए समयबद्ध कार्रवाई की योजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
इसके साथ ही दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को मानदंडों का पालन ना करने वाली आद्योगिक इकाइयों और सामान्य अपशिष्ट शोधन संयंत्र (सीईटीपी) के खिलाफ कार्रवाई करने को भी कहा। सीपीसीबी की ओर से यही निर्देश हरियाणा और उत्तर प्रदेश के राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों के लिए भी जारी किया गया।
इस मुद्दे की अहमियत को देखते हुए, संबंधित एजेंसियों को 15 दिसंबर 2020 तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट जमा करने के लिए रिमांइडर भी जारी किया।
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