युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय

श्री किरण रिजिजू ने कहा, हमारे पैरा एथलीट्स हमारी ताकत हैं; देवेंद्र झाझरिया ने पैरा एथलीट्स के अनुकूल खेल-कूद का ढांचा विकसित करने के लिए सरकार का आभार जताया

Posted On: 03 DEC 2020 8:00PM by PIB Delhi

केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को 29वें विश्व दिव्यांगता दिवस के मौके पर एक वर्चुअल सत्र में भाग लिया, जिसमें भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) की अध्यक्ष दीपा मलिक, आदरणीय पैरा एथलीट्स देवेंद्र झाझरिया, पारुल परमार और शताब्दी अवस्थी, पीसीआई के महासचिव श्री गुरशरण सिंह और पीसीआई के मुख्य संरक्षक श्री अविनाश राय खन्ना मौजूद रहे।

श्री रिजिजू ने उल्लेख किया कि पैरा एथलीट्स देश में सभी लोगों के लिए शक्ति और प्रेरणा के स्रोत हैं और खेल मंत्रालय उनकी मदद करने में कोई भी कसर नहीं छोड़ रहा है। खेल मंत्री ने आगे कहा, “हमारे पैरा एथलीट्स और युवा ‘दिव्यांग’ योद्धा हमारी ताकत हैं। वे हमें प्रेरणा देते हैं। हमारे खेल मंत्रालय में, एक सक्षम और एक विशेष रुप से सक्षम खिलाड़ियों में कोई अंतर नहीं किया जाता है। हम उन्हें मान्यता देने से लेकर पुरस्कार राशि और अन्य सभी मौकों पर बराबर समझते हैं।”

श्री रिजिजू ने यह भी कहा कि वह राज्य सरकारों से अपने-अपने क्षेत्र में पैरालंपिक खिलाड़ियों की हर संभव मदद करने का अनुरोध करेंगे। उन्होंने कहा, “मैं संबंधित राज्य सरकारों से अनुरोध करूंगा कि ‘दिव्यांग’ योद्धाओं के लिए उनके पास एक नीति होनी चाहिए, ताकि केंद्र सरकार की तरह पैरालंपिक खिलाड़ियों को आर्थिक, कोचिंग और प्रशिक्षण सुविधाओं से लेकर उचित आजीविका और अन्य क्षेत्र में हर संभव मिल सके। सरकार, पीसीआई और सभी एक टीम की तरह हैं और हमें अपने पैरा एथलीट्स की मदद करने के अपने काम को जारी रखने की जरूरत है।”

पद्मश्री, खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित देवेंद्र झाझरिया ने पैरा एथलीट्स की तेजी से मदद करने में हमेशा असीमित योगदान करने के लिए सरकार को धन्यवाद दिया। झझारिया ने कहा, “जब भी हम अपनी समस्याएं या अपनी ज़रूरतों को बताते हुए सरकार को एक मेल भेजते हैं तो हमें एक घंटे के भीतर जवाब मिल जाता है। मैं पूरे भारत के अधिकांश प्रशिक्षण केंद्रों को देखता हूं और बहुत खुशी महसूस करता हूं कि अगली पीढ़ी के पैरा एथलीट्स को कोई समस्या नहीं होगी, क्योंकि यहां बुनियादी ढांचा और सुविधाएं पहले से मौजूद हैं। हम सरकार और विशेष रूप से हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के बहुत ज्यादा आभारी हैं, जिन्होंने सभी लोगों से हमें ‘विकलांग’ नहीं, बल्कि ‘दिव्यांग’ बुलाने के लिए कहा। यह हम सब की प्रेरणा को बहुत ज्यादा बढ़ाने वाला है।”

 

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