वित्त मंत्रालय
दो और राज्यों - केरल एवं पश्चिम बंगाल ने जीएसटी के कार्यान्वयन से पैदा हुई कमी को पूरा करने के लिए विकल्प-1 का चयन किया
• 25 राज्यों और विधानसभा वाले सभी केन्द्रशासित प्रदेशों ने विकल्प-1 का समर्थन किया है
• केरल और पश्चिम बंगाल को जीएसटी कार्यान्वयन की वजह से हुई कमी को पूरा करने के लिए विशेष उधार प्रावधान के माध्यम से 10,197 करोड़ रूपए मिलेंगे
• केरल और पश्चिम बंगाल को उधार के माध्यम से अतिरिक्त 11,309 करोड़ रूपए जुटाने की अनुमति भी दी गयी।
Posted On:
25 NOV 2020 5:14PM by PIB Delhi
केरल और पश्चिम बंगाल की सरकारों ने जीएसटी के कार्यान्वयन से पैदा हुई राजस्व की कमी को पूरा करने के लिए विकल्प -1 को स्वीकार करने की सूचना दी है। इस विकल्प को चुनने वाले राज्यों की संख्या बढ़कर 25 हो गई है। विधानसभा वाले सभी 3 केन्द्रशासित प्रदेशों (यानी दिल्ली, जम्मू एवं कश्मीर और पुदुचेरी) ने भी विकल्प -1 के पक्ष में फैसला किया है।
विकल्प -1 को चुनने वाले राज्य और केन्द्रशासित प्रदेशों को भारत सरकार द्वारा किये गये एक विशेष उधार प्रावधान के माध्यम से जीएसटी के कार्यान्वयन से पैदा होने वाली कमी की राशि मिल रही है। इस प्रावधान का संचालन 23 अक्टूबर, 2020 से शुरू किया गया है। भारत सरकार ने पहले ही राज्यों की ओर से 24,000 करोड़ रुपये की राशि चार किस्तों में उधार ली है और इसे विकल्प -1 को चुनने वाले राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को 23 अक्टूबर, 2020, 2 नवंबर, 2020, 9 नवंबर, 2020 और 23 नवंबर, 2020 को दिया है। अब केरल और पश्चिम बंगाल राज्य भी इस प्रावधान के जरिए जुटाए गए धन को उधार के अगले दौर से प्राप्त करेंगे।
विकल्प -1 की शर्तों के तहत, जीएसटी के कार्यान्वयन से पैदा होने वाली कमी को पूरा करने के लिए उधार के एक विशेष प्रावधान की सुविधा प्राप्त करने के अलावा भारत सरकार द्वारा आत्मनिर्भर अभियान के तहत 17 मई, 2020 को दी गई 2% अतिरिक्त उधार की अनुमति में से राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 0.50% के बराबर की अंतिम किस्त बिना शर्त उधार लेने की अनुमति प्राप्त करने की भी हकदार हैं। यह 1 लाख करोड़ रुपये के विशेष प्रावधान से परे और ऊपर है। केरल और पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से विकल्प -1 के चुनाव की सूचना मिलने पर, भारत सरकार ने केरल की राज्य सरकार को 4,522 करोड़ रुपये (केरल के जीएसडीपी का 0.5%) और पश्चिम बंगाल की राज्य सरकार को 6,787 करोड़ रुपये (पश्चिम बंगाल के जीएसडीपी का 0.5%) के अतिरिक्त उधार की अनुमति दी है।
अब तक 25 राज्यों को दी गई अतिरिक्त उधार अनुमति की राशि और विशेष प्रावधान के माध्यम से जुटाई गई और 23 राज्यों एवं 3 केन्द्रशासित प्रदेशों को जारी की गईधनराशि संलग्न की गई है।
दिनांक 23.11.2020 तक जीएसडीपी की 0.50 प्रतिशत की राज्यवार अतिरिक्त उधार की अनुमति और राज्यों / केन्द्रशासित प्रदेशों को विशेष प्रावधान के माध्यम से जुटाई गई धनराशि
(करोड़ रूपए में)
क्र.सं.
|
राज्य / केन्द्र शासित प्रदेश का नाम
|
राज्य को जीएसडीपी की 0.50 प्रतिशत के बराबर केअतिरिक्त उधार की अनुमति
|
राज्यों / केन्द्र शासित प्रदेशों को दी गयी विशेष प्रावधान के माध्यम से जुटाई गई धनराशि
|
1
|
आन्ध्र प्रदेश
|
5051
|
672.61
|
2
|
अरुणाचल प्रदेश*
|
143
|
0.00
|
3
|
असम
|
1869
|
289.54
|
4
|
बिहार
|
3231
|
1136.27
|
5
|
गोवा
|
446
|
244.39
|
6
|
गुजरात
|
8704
|
2683.88
|
7
|
हरियाणा
|
4293
|
1266.68
|
8
|
हिमाचल प्रदेश
|
877
|
499.74
|
9
|
कर्नाटक
|
9018
|
3611.17
|
10
|
केरल #
|
4,522
|
0.00
|
11
|
मध्य प्रदेश
|
4746
|
1321.98
|
12
|
महाराष्ट्र
|
15394
|
3486.24
|
13
|
मणिपुर*
|
151
|
0.00
|
14
|
मेघालय
|
194
|
32.51
|
15
|
मिज़ोरम*
|
132
|
0.00
|
16
|
नागालैंड*
|
157
|
0.00
|
17
|
ओडिशा
|
2858
|
1112.42
|
18
|
राजस्थान
|
5462
|
645.06
|
19
|
सिक्किम*
|
156
|
0.00
|
20
|
तमिलनाडु
|
9627
|
1816.66
|
21
|
तेलंगाना
|
5017
|
164.41
|
22
|
त्रिपुरा
|
297
|
66.04
|
23
|
उत्तर प्रदेश
|
9703
|
1748.29
|
24
|
उत्तराखंड
|
1405
|
674.27
|
25
|
पश्चिम बंगाल#
|
6787
|
0.00
|
|
कुल (अ):
|
100240
|
21472.16
|
1
|
दिल्ली
|
लागू नहीं
|
1706.93
|
2
|
जम्मू एवं कश्मीर
|
लागू नहीं
|
661.21
|
3
|
पुदुचेरी
|
लागू नहीं
|
159.70
|
|
कुल (ब):
|
लागू नहीं
|
2527.84
|
|
संपूर्ण योग (अ+ब)
|
100240
|
24000.00
|
* इन राज्यों में ’शून्य’जीएसटी है
# धनराशि उधार के अगले दौर से जारी की जायेगी।
*****
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