कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय

कोविड के कारण प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और स्वस्थ जीवन शैली के विकास के लिए दुनिया भर में योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा में लोगों की रुचि बढ़ी है: डॉ. जितेंद्र सिंह

Posted On: 30 OCT 2020 5:36PM by PIB Delhi

केंद्रीय पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि कोविड के कारण प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और स्वस्थ जीवन शैली के विकास के लिए दुनिया भर में योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा में लोगों की रुचि बढ़ी है। एसोचैम द्वारा आयोजित वैश्विक आयुष मेले में उद्घाटन भाषण देते हुए, उन्होंने कहा कि पिछले 4-5 महीनों में पश्चिमी दुनिया ने वैकल्पिक चिकित्सा के सर्वोत्तम तरीकों का पता लगाने के लिए भारत की ओर रुख किया है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि नया भारत स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होगा और पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली के माध्यम से विश्व को प्रतिरोधक क्षमता संवर्धन प्रणाली प्रदान करने में भी योगदान करेगा। उन्होंने कहा कि, कोविड के कारण एकीकृत स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के गुणों पर बल दिया गया और वे फिर से उजागर हुए। उन्‍होंने कहा कि इस प्रणाली को डब्ल्यूएचओ सहित विश्व चिकित्सा व्यवस्था का हिस्सा बनाने की आवश्यकता है।

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डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जब से नरेन्द्र मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभाला है, उन्होंने चिकित्सा प्रबंधन की स्वदेशी प्रणाली के गुणों पर ध्‍यान केंद्रित किया है। उन्होंने कहा श्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए एकमत प्रस्ताव रखा, जिसके परिणामस्वरूप योग दुनिया भर में लगभग हर घर में पहुंच गया है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने स्वदेशी चिकित्सा प्रबंधन प्रणाली के महत्व को देखते हुए एक अलग आयुष मंत्रालय बनाया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत के हिमालयी, पर्वतीय और पूर्वोत्‍तर राज्यों में औषधीय जड़ी-बूटियों और पौधों का समृद्ध भंडार है। उन्‍होंने सभी हितधारकों से आग्रह किया है कि वे इसका उपयोग करें और वैश्विक स्तर पर इसे बढ़ावा दें।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने शीर्ष उद्योग संस्था एसोचैम (भारतीय वाणिज्य एंव उद्योग मंडल) के अध्‍यक्ष डॉक्‍टर निरंजन हीरानंदानी और एसोचैम के महासचिव दीपक सूद को वैश्विक आयुष मेले के आयोजन के लिए बधाई दी और उनसे आग्रह किया कि वे महामारी के समय में इसे वर्चुअल माध्यम से वास्तव में वैश्विक बनाएं।

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आयुष मंत्रालय के सचिव, श्री राजेश कोटेचा ने कहा कि सरकार मिशन आत्मनिर्भर भारत के तहत 4,000 करोड़ रुपये की लागत से 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में औषधीय पौधे उगाने पर सक्रिय रूप से विचार कर रही है।

अपने संबोधन में, आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि, आयुर्वेद को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए जोर-शोर से काम कर रही है और उसने सभी हितधारकों की मदद करने का वादा किया है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस अवसर पर औषधीय पौधों पर एसोचैम-नाबार्ड जानकारी रिपोर्ट भी जारी की। उन्‍होंने गुजरात के यूसुफ शेख के कुदरती आयुर्वेद की एक नई विनिर्माण इकाई का ई-उद्घाटन भी किया।

योग चिकित्सक, विद्वान, लेखक और बेंगलुरु स्थित समकक्ष विश्वविद्यालय- स्वामी विवेकानंद योग अनुसंधान संस्‍थान (एस-वीवाईएएसए) के संस्थापक कुलपति पदमश्री एच. आर. नागेंद्र, सामी-सबिन्सा समूह के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. मुहम्मद मजीद, प्रमुख उद्योगपति और विभिन्न देशों के प्रतिभागी वेबिनार में शामिल हुए।

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