जल शक्ति मंत्रालय

जल शक्ति मंत्रालय केरल में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन की समीक्षा की

Posted On: 29 OCT 2020 4:51PM by PIB Delhi

 

 

 

 

जल शक्ति मंत्रालय, केंद्र सरकार के प्रमुख कार्यक्रम जल जीवन मिशन को लागू करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ काम कर रहा है। इस मिशन की वर्ष 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण घर में नल के पानी के कनेक्शन के माध्यम से प्रति व्यक्ति प्रति दिन 55 लीटर पीने योग्य पानी उपलब्ध कराने के प्रावधान की परिकल्पना है। इस मिशन का उद्देश्य कठिन परिश्रम को कम कर ग्रामीण लोगों खासकर महिलाओं और लड़कियों के जीवन को बेहतर बनाना है। भारत सरकार द्वारा घरेलू नल कनेक्शन के लिये उपलब्ध केंद्रीय और मिलान वाले राज्य के हिस्से के उपयोग के संदर्भ में धन उपलब्ध कराया जाता है। कार्यक्रम को और आगे ले जाने के लिए, केरल राज्य के अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के सामने राज्य में मिशन की योजना और कार्यान्वयन की स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत की। 

 

केरल 2023-24 तक सभी ग्रामीण घरों में 100% नल से पानी के कनेक्शन पहुंचाने की योजना बना रहा है। राज्य में लगभग 67.15 लाख ग्रामीण परिवार हैं, जिनमें से 49.65 लाख परिवारों को नल से पानी के कनेक्शन उपलब्ध नहीं कराये गये हैं। राज्य वर्ष 2020-21 में 21.42 लाख घरों को नल से पानी के कनेक्शन प्रदान करने की योजना बना रहा है। मध्यावधि समीक्षा में 2,493 बस्तियों में मौजूदा नल से पानी की जलापूर्ति (पीडब्ल्यूएस) योजनाओं के विश्लेषण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया, जहाँ एक भी कनेक्शन उपलब्ध नहीं कराया गया है। 95 गांवों में योजनाओं की जांच करने का भी आग्रह किया गया था, जहां एक भी नल से पानी का कनेक्शन उपलब्ध नहीं कराया गया है। केरल राज्य ने दिसंबर, 2020 तक 25,452 की आबादी के साथ शेष 14 फ्लोराइड प्रभावित बस्तियों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने की योजना बनाई है। राज्य से आग्रह किया गया था कि वे आकांक्षी जिलों, एससी / एसटी आबादी वाले गाँव, और सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाई) के तहत गाँव के सार्वभौमिक रूप से शामिल करने के लिए बराबरी से ध्यान दें।

 

जल जीवन मिशन एक विकेन्द्रीकृत, मांग-संचालित, समुदाय-प्रबंधित कार्यक्रम है। दीर्घकालिक स्थिरता के लिये स्थानीय ग्राम समुदाय / ग्राम पंचायतों या उपयोगकर्ता समूहों को गांवों में जल आपूर्ति प्रणालियों की योजना, कार्यान्वयन, प्रबंधन, संचालन और रखरखाव सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। जल जीवन मिशन को सही मायने में लोगों का आंदोलन बनाने के लिए राज्य से सभी गांवों में सामुदायिक विकास के साथ-साथ आईईसी अभियान चलाने का अनुरोध किया गया था। महिला स्वयं सहायता समूहों और स्वयंसेवी संगठनों को ग्रामीण समुदाय को पानी की आपूर्ति के बुनियादी ढांचे के निर्माण के साथ-साथ उनके संचालन और रखरखाव के लिए शामिल किया जाना है।

 

केंद्र सरकार प्रत्येक घर में पानी की आपूर्ति के सार्वभौमिक रूप से उपलब्ध कराने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार को उनके प्रयासों में पूर्ण सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। केंद्र ने वर्ष 2020-21 में, जल जीवन मिशन के तहत केरल को 404.24 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। राज्य को पहले से ही फ्लोराइड प्रभावित बस्तियों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय जल गुणवत्ता उप-मिशन के तहत 2.15 करोड़ रुपये प्रदान किये जा चुके हैं। राज्य से आग्रह किया गया है कि वे आवंटित धनराशि का लाभ उठाने के लिए कार्यान्वयन को गति दें और उपलब्ध धन का उपयोग करें ताकि केंद्रीय अनुदान खोने से बचा जा सके।

 

इसके अलावा, 15वें वित्त आयोग का 50% पंचायती राज संस्था-पीआरआई को अनुदान, पानी और स्वच्छता पर खर्च किया जाना है। केरल को 2020-21 में  वित्त आयोग से अनुदान के रूप में 1,628 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके अलावा, राज्य को ग्राम स्तर पर समग्र योजना के लिए एमजीएनआरईजीएस, जेजेएम, एसबीएम (जी), जिला खनिज विकास कोष, सीएएमपीए, सीएसआर निधि, स्थानीय क्षेत्र विकास निधि आदि जैसे विभिन्न कार्यक्रमों के अभिसरण के माध्यम से निधियों और अपने उपलब्ध धन का विवेक पूर्ण उपयोग करना चाहिए।

 

राज्य से अनुरोध किया गया कि सभी आंगनवाड़ी केंद्रों, आश्रमशालाओं और स्कूलों को नल से जलापूर्ति प्रदान की जाए क्योंकि 2 अक्टूबर, 2020 को विशेष 100-दिवसीय अभियान चलाया गया है, ताकि शौचालयों में उपयोग के लिए और मध्यान्ह भोजन पकाने के लिए पीने और हाथ धोने के लिए इन संस्थानों में पीने योग्य पानी उपलब्ध हो सके। यह अभियान इन सार्वजनिक संस्थानों में सुरक्षित पानी प्रदान करने का सुनहरा अवसर प्रदान करता है, ताकि बच्चों को सुरक्षित पीने का पानी उपलब्ध हो, जिससे उनके स्वास्थ्य और रहन सहन में सुधार होगा।

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