जल शक्ति मंत्रालय

जल शक्ति राज्य मंत्री ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत परियोजनाओं के घटकों की जियो टैगिंग के लिए मोबाइल ऐप्लीकेशन लांच किया

Posted On: 21 OCT 2020 4:52PM by PIB Delhi

केंद्रीय जल शक्ति एवं सामाजिक न्याय तथा अधिकारिता राज्य मंत्री श्री रतन लाल कटारिया ने जल शक्ति मंत्रालय के तहत डब्ल्यूआर, आरएंडडी एवं जीआर विभाग के प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (पीएमकेएसवाई-एआईबीपी) के तहत परियोजनाओं के घटकों की जियो टैगिंग के लिए एक मोबाइल ऐप्लीकेशन लांच किया।

पंचकूला से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये ऐप को लांच किए जाने के अवसर पर, मंत्री ने कहा कि 2016-17 में केंद्रीय सरकार ने राज्यों के साथ परामर्श से पीएमकेएसवाई-एआईबीपी के तहत चरणों में पूरी किए जाने के लिए देश में जारी निन्नायवे (99) बड़ी/मझोली सिंचाई (एमएमआई) परियोजनाओं को प्राथमिकता दी थी। इन परियोजनाओं की पूर्णता पूरे देश भर में 34.64 लाख हेक्टेयर की अतिरिक्त क्षमता का सृजन सुनिश्चित करेगी जिसका परिणाम संरक्षित सिंचाई के रूप में आएगा और यह वांछित ग्रामीण समृद्धि लाएगी। अभी तक, 99 परियोजनाओं में से 44 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और 21.33 लाख हेक्टेयर लक्षित सिंचाई क्षमता अर्जित कर ली गई है। शेष परियोजनाएं पूर्णता के विभिन्न चरणों में हैं।

मंत्री ने कहा कि कार्य की गति तथा परियोजनाओं की वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए भास्कराचार्य नेशनल इंस्टीच्यूट आफ स्पेस ऐप्लीकेशंस एंड जियो-इंफार्मेटिक्स (बीआईएसएजी-एन) की सहायता से मंत्रालय ने मोबाइल ऐप्लीकेशन का विकास एवं लांच किया।

श्री कटारिया ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय सरकार के डिजिटल इंडिया अभियान के एक हिस्से के रूप में, जहां भी संभव है, उन्नत प्रौद्योगिकी एवं नवीनतम तकनीकों का अनुपालन इन परियोजनाओं की निगरानी के लिए किया गया है जिससे कि उनकी प्रगति तथा निष्पादन से संबंधित बाधाओं का पता लगाया जा सके। इस संबंध में, परियोजनाओं में कार्यों की प्रगति की समय समय पर समीक्षा करने के लिए एक आनलाइन मैनेजमेंट इंफार्मेशन सिस्टम (एमआईएस) विकसित की गई है। प्राथमिकता वाली परियोजनाओं के कमांड एरिया के फसलीकृत क्षेत्र का आकलन करने के लिए रिमोट सेंसिंग तकनीकों का भी उपयोग किया जा रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि मोबाइल ऐप्लीकेशन का उपयोग स्थान, नहर के प्रकार/संरचना, पूर्णता स्थिति आदि जैसे अन्य विवरणों के साथ परियोजना घटक की छवि लेने के लिए निगरानी टीम/परियोजना प्राधिकारियों द्वारा किया जा सकता है और इस ली गई सूचना को इस उद्देश्‍य के लिए विकसित जीआईएस पोर्टल पर जियो-टैगिंग के लिए यूजर द्वारा प्रस्तुत किया जा सकता है। मोबाइल ऐप्लीकेशन को क्षेत्र में उपलब्ध नेटवर्क को देखते हुए आनलाइन एवं आफलाइन दोनों ही तरीके से आपरेट किया जा सकता है।

मंत्री ने कहा कि ऐप का लांच माननीय प्रधानमंत्री के किसानों की आय को दोगुना करनेके विजन को अर्जित करने के जल शक्ति मंत्रालय के प्रयासों में आगे की ओर बढ़ाया गया एक कदम है।

जल शक्ति मंत्रालय, इलेक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, केंद्रीय जल आयोग, भास्कराचार्य नेशनल इंस्टीच्यूट आफ स्पेस ऐप्लीकेशंस एंड जियो-इंफार्मेटिक्स (बीआईएसएजी-एन) के अधिकारियों ने देश भर से वीसी के जरिये इस कार्यक्रम में भाग लिया।

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