जल शक्ति मंत्रालय

जल जीवन मिशन के तहत ग्रैंड आईटीसी चैलेंज को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली; कुशल ग्रामीण जल आपूर्ति व्यवस्था बनाने के लिए जीवंत ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स’ इको-सिस्टम का दोहन करने का लक्ष्य

Posted On: 19 OCT 2020 6:23PM by PIB Delhi

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राष्ट्रीय जल जीवन मिशन ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के साथ साझेदारी में गांव स्तर पर लगाने के लिए 'स्मार्ट वाटर सप्लाई मेजरमेंट एंड मॉनिटरिंग सिस्टम' को विकसित करने के लिए नवाचार, सुव्यवस्थित और कम लागत वाले समाधान के लिए एक आईसीटी ग्रैंड चैलेंज शुरू किया था। इसकी अंतिम तिथि 12 अक्टूबर 2020 थी। विभिन्न भारतीय तकनीकी स्टार्ट-अप्स, एमएसएमई, भारतीय कंपनियों और भारतीय एलएलपी की ओर से कुल 213 प्रस्ताव मिले हैं, जिनकी अब एमईआईटीवाई द्वारा गठित निर्णायक समिति जांच करेगी और सही प्रस्तावों का चुनाव करेगी। यह महत्वाकांक्षी मिशन महज बुनियादी ढांचे को बनाने तक नहीं, बल्कि सेवाओं के वितरण पर भी केंद्रित है। ऐसी तकनीकी चुनौती ग्रामीण क्षेत्रों में जल आपूर्ति प्रणालियों के  दीर्घकालिक टिकाऊपन को सुनिश्चित करने के लिए शानदार अवसर उपलब्ध कराती हैं।

यह ग्रैंड चैलेंज ग्रामीण क्षेत्रों में जल आपूर्ति की सेवाओं को मापने और उनकी निगरानी के लिए स्मार्ट ग्रामीण जल आपूर्ति इको-सिस्टम बनाने के लिए भारत के जीवंत सूचना और प्रौद्योगिकी (आईओटी) इको-सिस्टम का उपयोग करेगी। यह चुनौती जल जीवन मिशन के लिए काम करने और देश के सभी ग्रामीण परिवार तक कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से पीने योग्य पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने का अवसर प्रदान करेगी।

ग्रैंड चैलेंज, विचारों के चरण (आइडिएशन स्टेज), प्रायोगिक विकास के चरण (प्रोटोटाइप डेवलपमेंट स्टेज) और तैनाती के चरण (डिप्लॉयमेंट स्टेज) पर सहायता प्रदान करेगा। यह पायलट परियोजना 100 गांवों में लागू होगी। सर्वश्रेष्ठ समाधान देने वाले भागीदार को 50 लाख रुपये और प्रत्येक रनरअप को 20-20 लाख रुपये नगद पुरस्कार दिया जाएगा। इसमें सफल रहने वाले डेवलपर्स को अपने समाधान को परिपक्व बनाने के लिए एमईआईटीवाई समर्थित इनक्यूबेटर में भी शामिल होने का अवसर दिया जाएगा। इससे आत्मनिर्भर भारत, डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया जैसे विचारों और प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा।

केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम- जल जीवन मिशन (जेजेएम) को 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार तक कार्यात्मक घरेलू नल जल कनेक्शन (एफएचटीसी) देने करने के लिए राज्यों की साझेदारी के साथ लागू किया जा रहा है। यह कार्यक्रम का प्रमुख ध्यान दीर्घकालिक आधार पर घरेलू स्तर पर सेवाएं जैसे नियमित रूप से पर्याप्त मात्रा और निर्धारित गुणवत्ता की जल आपूर्ति पर है। इसने कार्यक्रम की व्यवस्थित निगरानी और सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए स्वचालित आधार पर आंकड़े जुटाने के लिए आधुनिक तकनीक के उपयोग को अनिवार्य बना दिया है। जल आपूर्ति के ढांचे के डिजिटलीकरण में देश की कुछ बड़ी सामाजिक समस्याओं को हल करने की क्षमता है। सबसे महत्वपूर्ण है कि यह भविष्य की चुनौतियों का पूर्वानुमान करने और उनका समाधान निकालने मदद करेगा।

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