सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय

शैक्षिक सामग्री को भारतीय सांकेतिक भाषा में परिवर्तित करने के लिए आईएसएलआरटीसी और एनसीईआरटी के बीच ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन पर कल हस्ताक्षर होंगे

Posted On: 05 OCT 2020 6:28PM by PIB Delhi

बधिरों के लिए उपलब्ध शैक्षिक सामग्री को और अधिक सुलभ बनाने के लिए भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान तथा प्रशिक्षण केंद्र-आईएसएलआरटीसी (सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग का एक राष्ट्रीय संस्थान) तथा राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद-एनसीईआरटी (शिक्षा मंत्रालय का एक राष्ट्रीय संस्थान) के बीच कल एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। इस समझौता ज्ञापन पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. थावरचंद गहलोत और केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की उपस्थिति में हस्ताक्षर होंगे। इस मौके पर दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की सचिव श्रीमती शकुंतला डोले गैमलिन, शिक्षा मंत्रालय में सचिव (एसई एंड एल) श्रीमती अनीता करवाल, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग में संयुक्त सचिव प्रबोध सेठ और आईएसएलआरटीसी के निदेशक तथा एनसीईआरटी के निदेशक, प्रो. हृषिकेश सेनापति भी उपस्थित रहेंगे।

इस समझौता ज्ञापन के हिस्से के रूप में कक्षा I से लेकर XII तक हिंदी और अंग्रेजी दोनों माध्यमों के सभी विषयों की एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों, शिक्षकों की हैंडबुक, अन्य संसाधनों और पूरक शैक्षिक प्रिंट सामग्री को डिजिटल प्रारूप में भारतीय सांकेतिक भाषा में परिवर्तित किया जाएगा।

इस एमओयू पर हस्ताक्षर करना एक ऐतिहासिक कदम है क्योंकि भारतीय सांकेतिक भाषा में एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी कि, बधिर बच्चे भी अब भारतीय सांकेतिक भाषा में शैक्षिक संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं और यह सुनने में असमर्थ छात्रों तथा शिक्षकों के साथ-साथ शिक्षकों के प्रशिक्षणकर्ताओं, माता-पिता और बधिर समुदाय के लिए बहुत ही आवश्यक संसाधनों की जरूरत को भी पूरा करेगी। जिससे देश के सुनने में असमर्थ बच्चों की शिक्षा पर व्यापक सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यह नई शिक्षा नीति (एनईपी), 2020 में अनिवार्य भारतीय साइन लैंग्वेज के शैक्षिक मानकीकरण को भी सुनिश्चित करेगा।

भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र (आईएसएलआरटीसी) सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग का एक स्वायत्त राष्ट्रीय संस्थान है, जो कि भारतीय सांकेतिक भाषा के उपयोग को लोकप्रिय बनाने, भारतीय सांकेतिक भाषा में शिक्षण और अनुसंधान के प्रभावी संचालन के लिए जन-शक्ति के विकास के वास्ते कार्य करता है।

एनसीईआरटी शिक्षा मंत्रालय के तहत कार्य करने वाला एक स्वायत्त संगठन है जो स्कूली शिक्षा से संबंधित क्षेत्रों में अनुसंधान को बढ़ावा देने और स्कूली शिक्षा में गुणात्मक सुधार सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाता है। मॉडल पाठ्यपुस्तकों, पूरक सामग्री, समाचार पत्र, पत्रिकाओं को तैयार करना भी एनसीईआरटी के कार्य क्षेत्र में आता है। यह सार्वभौमिक शिक्षा के लिए शैक्षिक किट, मल्टीमीडिया डिजिटल सामग्री इत्यादि का विकास और प्रकाशन भी करता है। एनसीईआरटी नवीन शैक्षिक तकनीकों और प्रथाओं का विकास और प्रसार करता है, साथ ही प्रारंभिक शिक्षा के सार्वभौमिकरण के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करता है।

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