سائنس اور ٹیکنالوجی کی وزارت

कोविड-19 वैक्सीन का आकलन करने के लिए डीबीटी – टीएचएसटीआई को सीईपीआई ने वैश्विक जैव परीक्षण प्रयोगशाला के रूप में मान्यता दी

Posted On: 05 OCT 2020 6:58PM by PIB Delhi

जैव प्रौद्योगिकी विभाग के स्वायत्त संस्थान ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (टीएचएसटीआई) को अब सीईपीआई द्वारा कोविड-19 टीकों के केंद्रीकृत मूल्यांकन के लिए प्रयोगशालाओं के वैश्विक नेटवर्क में से एक के रूप में मान्यता दी गई है। सीईपीआई नेटवर्क शुरू में कनाडा, ब्रिटेन, इटली, नीदरलैंड, बांग्लादेश और भारत में छह प्रयोगशालाओं को शामिल करेगा। सीईपीआई वैश्विक नेटवर्क के तहत प्रयोगशाला एक ही अभिकर्मकों का उपयोग करेगी और विकास तथा परीक्षण के तहत कई वैक्सीन उम्मीदवारों की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को मापने के लिए एक समान प्रोटोकॉल का पालन करेगी। इससे वैक्सीन परीक्षण प्रक्रिया में बहुत सामंजस्य होगा और विभिन्न वैक्सीन उम्मीदवारों की तुलना और सबसे अधिक प्रभावित उम्मीदवार के चयन में तेजी लाने में मदद मिलेगी। बीएसएल-3 सुविधा की स्थापना के लिए भारत-सीईपीआई मिशन प्लेटफ़ॉर्म प्रौद्योगिकियों के लिए एक ट्रांसलेशनल प्रयोगशाला और नैदानिक ​​इम्युनोजेनेसिटी को मापने हेतु परीक्षण विकसित करने के लिए एक जैव परीक्षण प्रयोगशाला है। टीएचएसटीआई में जैव परीक्षण प्रयोगशाला का उद्देश्य वैश्विक मानकों के साथ टीके के विकास के लिए मान्य परीक्षण उपलब्ध कराना है।

जैव प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय और भारत सरकार तीव्र टीका विकास: भारतीय टीका विकास को सहयोग के माध्यम से भारत सेपी मिशन भारत केंद्रित महामारी की तैयारीको लागू कर रहे हैं। इस मिशन के उद्देश्यों को नवाचार हेतु महामारी के लिए तैयारी के गठबंधन (सीईपीआई) के साथ जोड़ा गया है और इसका उद्देश्य भारत में महामारी क्षमता के रोगों के लिए टीकों और संबंधित दक्षताओं / प्रौद्योगिकियों के विकास को मजबूत करना है।

 

भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव डॉ. रेणु स्वरूप ने कहा कि जैव प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार कोविड-19 के टीके के विकास और परीक्षण के लिए प्रयासों का समर्थन कर रहा है। इंसानों पर तीन परीक्षण और पूर्व नैदानिक के उन्नत चरणों में लगभग 4 परीक्षण के साथ 30 से अधिक टीके मानव परीक्षण के विभिन्न चरणों में है। उन्होंने खुशी जताते हुए कहा कि जैव प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्त संस्थान ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट में जैव परीक्षण प्रयोगशाला को विश्व स्तर पर टीकों के विकास के तहत केंद्रीकृत प्रतिरोधक शक्ति परीक्षण के लिए सीईपीआई द्वारा पहचान की गई है। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अन्य प्रयोगशालाओं के साथ तुलनात्मक अध्ययन करने के लिए अच्छी स्थिति में और वैश्विक नेटवर्क का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनेगा। यह भारत सीईपीआई और सीईपीआई भागीदारी का एक और उत्कृष्ट उदाहरण है।

Text Box: For Further Information: Contact Communication Cell of DBT/BIRAC  @DBTIndia @BIRAC_2012www.dbtindia.gov.inwww.birac.nic.in

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