पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय
मोटर वाहन ईंधन के रूप में प्राकृतिक गैस के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए भारत और रूस के बीच पहला वेबिनार आयोजित
Posted On:
02 OCT 2020 7:22PM by PIB Delhi
मोटर वाहन ईंधन के रूप में प्राकृतिक गैस के उपयोग पर भारत सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय तथा रूस के ऊर्जा मंत्रालय के बीच पहली बार एक वेबिनार का आयोजन किया गया।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव श्री तरुणकपूर ने वेबिनार में अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि परिवहन प्रणाली में प्राकृतिक गैस के उपयोग में सहयोग के लिए प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति श्री व्लादिमीर पुतिन की उपस्थिति में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय तथा रूस के ऊर्जा मंत्रालय के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि इसके कार्यान्वयन से पर्यावरण अनुकूल ईंधन के रूप में मोटर वाहन में प्राकृतिक गैस के उपयोग के सामूहिक प्रयासों में मदद मिलेगी। श्री कपूर ने कहा कि वह दोनों देशों के फायदे के लिए मोटर वाहन ईंधन के रूप में प्राकृतिक गैस के इस्तेमाल को और अधिक प्रोत्साहित करने के लिए तत्पर हैं।
रूस के उप मंत्री श्री एंटन इन्युत्सिन ने कहा कि इस बारे में उनकी सोच शुरु से ही बहुत सकारात्मक थी कि वेबिनार में सूचनाओं का आदान-प्रदान दोनों देशों के लिए फायदेमंद होगा और इससे संयुक्त गतिविधियों और आपसी निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
रूस में भारत के राजदूत श्री डी.बी. वेंकटेश वर्मा ने स्वागत भाषण में दोनों देशों के बीच अटूट ऐतिहासिक मित्रता के साथ निरंतर सहयोग के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने आश्वासन दिया कि रूस में भारतीय दूतावास ऊर्जा क्षेत्र में दोनों देशों के बीच इस साझेदारी को और अधिक मजबूत बनाने के लिए हर संभव मदद करेगा।
वेबिनार में परिवहन ईंधन के रूप में तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी) और संपीडित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) के इस्तेमाल पर दो तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। इसपर भारत और रूस दोनों ने अपने विचार और दृष्टिकोण प्रस्तुत किए। वेबिनार में कई गणमान्य व्यक्तियों, वक्ताओं और प्रतिभागियों की उपस्थिति देखी गई।
केपीएमजी इंडिया और पीडब्यूसी इंडिया के वक्ताओं ने भारतीय बाजारों में सीएनजी और एलएनजी के उपयोग तथा इस बारे में नीतियों और भविष्य की संभावनाओं पर अपनी प्रस्तुतियां देकर वेबिनार को शुरुआती दिशा दी। परिवहन क्षेत्र के लिए सीएनजी और एलएनजी उपकरण विनिर्माण के लिए साझेदारी की संभावना पर रूस के अलावा रोस्टेक, कामाज़ समूह और प्राकृतिक गैस वाहन एसोसिएशन द्वारा भी प्रस्तुतियां दी गईं।
वेबिनार के दौरान, भारतीय वक्ताओं ने परिवहन ईंधन के रूप में एलएनजी और सीएनजी की विकास क्षमताओं पर प्रकाश डाला। इस बात का भी उल्लेख किया गया कि कम कार्बन उत्सर्जन के कारण एलएनजी को परिवहन ईंधन के रूप में बढ़ावा दिया जा रहा है। भारत में एलएनजी वाहनों की संख्या 2030 तक 120,000 हो जाने की संभावना है। तब तक, सड़क परिवहन के लिए एलएनजी की मांग भी 1.2-3 एमएमटीपीए पर पहुंच जाने का अनुमान है, जिसके 2035 तक बढ़कर 4.5 एमएमटीपीए हो जाने की संभावना है।
सीएनजी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए शहरी गैस वितरण नेटवर्क (सीजीडी) का विस्तार मूलभूत जरुरत है। अब 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 400 से अधिक जिलों में सीजीडी का विस्तार किया जा रहा है। भारत में सीएनजी के बाजार के विकास की प्रचुर संभावनाएं हैं। बाजार में 2030 तक सीएनजी उपकरणों के माध्यम से 3से 4 बिलियन अमेरिकी डॉलर, सीएनजी वाहनों के माध्यम से 50-60 बिलियन डॉलर और सर्विस मार्केट के जरिए 1-1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश की बड़ी संभावना है।
रूस की ज्यादातर औद्योगिक संपत्तियों के स्वामित्व वाली कंपनी रोसटेक के प्रतिनिधि ने वेबिनार में एलएनजी उत्पादन और उसकी आपूर्ति श्रृंखला के तकनीकी और उपकरण से संबधित पहलुओं पर विस्तार से अपनी बात रखी। कामाज़ के वक्ता ने कंपनी द्वारा भारतीय बाजार के हिसाब से डिज़ाइन किए गए विभिन्न तरह के एलएनजी वाहनों का व्यापक ब्यौरा प्रस्तुत किया। नैचुरल गैस व्हीकल एसोसिएशन के अध्यक्ष ने रूस और भारत दोनों जगह ऑटोमोबाइल उद्योग में प्राकृतिक गैस के इस्तेमाल की प्रचुर संभावनाओं का जिक्र करते हुए दोनों देशों से अपने यहां वाहन ईंधन के रुप में प्राकृतिक के इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर जोर दिया।
गेल (इंडिया) लिमिटेड और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड जैसी भारत की कंपनियों के वक्ताओं ने भी देश में परिवहन ईंधन के रूप में सीएनजी और एलएनजी के इस्तेमाल के बारे में अपने अनुभव साझा किए।
वेबिनार से यह अपेक्षा की गई कि यह वाहन ईंधन के रुप में भारत और रूस में प्राकृतिक गैस के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की पायलट परियोजनाओं को शुरू करने के लिए व्यावहारिक उपायों के साथ अंततः राष्ट्रीय स्तर पर और एक दूसरे के यहां निवेश को प्रोत्साहित करने के वास्ते एक उत्प्रेरक के रूप में मददगार साबित होगा।
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