वित्त मंत्रालय
आत्मनिर्भर भारत पैकेज– अब तक की प्रगति
वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्रालयों से संबंधित आत्मनिर्भर भारत पैकेज के कार्यान्वयन की समीक्षा की
Posted On:
01 OCT 2020 5:28PM by PIB Delhi
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 12 मई, 2020 को देश में कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये, जो भारत के सकल घरेलू उत्पाद के 10 प्रतिशत के बराबर है, के विशेष आर्थिक और व्यापक पैकेज की घोषणा की। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत या स्वाबलंबी भारत का आह्वान किया। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के पांच स्तंभों- अर्थव्यवस्था, अवसंरचना, प्रणाली, जनसंख्या और मांग को भी रेखांकित किया।
प्रधानमंत्री के आह्वान के बाद, वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 13 मई से 17 मई 2020 के दौरान प्रेस वार्ताओं के जरिये आत्म निर्भर भारत पैकेज का विवरण प्रस्तुत किया।
वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्रालयों ने तुरंत ही आत्मनिर्भर भारत पैकेज (एएनबीपी) के तहत आर्थिक पैकेज से संबंधित घोषणाओं को लागू करना शुरू कर दिया। वित्त मंत्री द्वारा व्यक्तिगत रूप से आर्थिक पैकेज के कार्यान्वयन की नियमित समीक्षा और निगरानी की जा रही है।
श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा आज हुई वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्रालयों से संबंधित नवीनतम समीक्षा में, निम्नलिखित प्रगति के बारे में जानकारी दी गई है:
- एमएसएमई समेत कारोबार के लिए 3 लाख करोड़ रुपये का गिरवी-मुक्त स्वचालित ऋण
कारोबार को राहत देने के लिए, 29 फरवरी, 2020 तक के बकाया ऋण के 20 प्रतिशत के बराबर अतिरिक्त कार्यशील पूंजी रियायती ब्याज दर पर सावधि ऋण के रूप में प्रदान की जायेगी। यह उन इकाइयों के लिए मान्य है, जिनका बकाया ऋण 25 करोड़ रुपये तक है, वार्षिक कारोबार 100 करोड़ रुपये तक है तथा जिनके खाते मानक हैं। इकाइयों को स्वयं की कोई गारंटी या गिरवी देने की जरूरत नहीं होगी। 45 लाख से अधिक एमएसएमई को 3 लाख करोड़ रुपये की नकदी प्रदान करने की 100 प्रतिशत गारंटी भारत सरकार द्वारा दी जाएगी।
20 मई, 2020 को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद, वित्तीय सेवा विभाग ने 23 मई, 2020 को योजना संबंधी दिशा-निर्देश जारी किए और 26 मई, 2020 को आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) फंड पंजीकृत किया गया। 4 अगस्त, 2020 को संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए गए और इसमें व्यापार के लिए व्यक्तिगत ऋण को शामिल किया गया तथा ऋण की बकाया सीमा बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये और वार्षिक कारोबार की सीमा बढ़ाकर 250 करोड़ रुपये की गयी।
सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों, निजी क्षेत्र के शीर्ष 24 बैंकों और 31 एनबीएफसी द्वारा दी गयी रिपोर्ट के अनुसार 29 सितम्बर, 2020 तक, 100प्रतिशत आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना के तहत गैर-व्यक्तिगत और व्यक्तियों को स्वीकृत कुल राशि 1,86,469 करोड़ रुपये है, जिनमें से 1,32,246 करोड़ रुपये की धनराशि 2,709,027 ऋण लेने वालों को पहले ही वितरित की जा चुकी है।
2. एमएसएमई और व्यक्तिगत ऋण देने के लिए एनबीएफसी, एचएफसी और एमएफआई के लिए 45,000 करोड़ रुपये की आंशिक क्रेडिट गारंटी योजना 2.0
17 अगस्त, 2020 को जारी किए गए संशोधित दिशा-निर्देशों के तहत, पोर्टफोलियो बनाने के लिए और कुल पोर्टफोलियो में एए/एए रेटेड बॉन्ड की सीमा 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने के लिए 19 नवम्बर, 2020 तक अतिरिक्त 3 महीने की अनुमति दी गई।
25 सितंबर 2020 तक, बैंकों ने 25,505 करोड़ रुपये के पोर्टफोलियो की खरीद को मंजूरी दे दी है और वर्तमान में बैंक 3,171 करोड़ रुपये के लिए अनुमोदन/वार्ता की प्रक्रिया में हैं। 25 सितंबर 2020 को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा दी गयी रिपोर्ट के अनुसार, 16,401 करोड़ रुपये के पोर्टफोलियो खरीदे गए हैं।
(3) नाबार्ड के माध्यम से किसानों के लिए 30,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आपातकालीन कार्यशील पूंजी फंड
25 सितंबर, 2020 तक इस विशेष सुविधा के तहत 25,000 करोड़ रुपये का वितरण किया गया है। विशेष नकदी सुविधा (एसएलएफ) के तहत छोटे एनबीएफसी और एनबीएफसी-एमएफआई के लिए 5,000 करोड़ रुपये की शेष राशि आरबीआई द्वारा नाबार्ड को आवंटित की गयी है।
नाबार्ड दिशा-निर्देशों को अंतिम रूप दे रहा है ताकि इस सुविधा के तहत वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जा सके।
(4) एनबीएफसी/एचएफसी/एमएफआई के लिए 30,000 करोड़ रुपये की विशेष नकदी योजना
योजना को लागू करने के लिए एसबीआईकैप को एक एसपीवी स्थापित करने का काम सौंपा गया। यह योजना 1 जुलाई, 2020 को एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से शुरू की गई थी। उसी दिन नियामक आरबीआई ने भी एनबीएफसी और एचएफसी को योजना पर एक परिपत्र जारी किया था।
30 सितंबर 2020 तक, 11,120 करोड़ रुपये की कुल राशि के 39 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। इस स्वीकृत राशि में से, 7,227 करोड़ रुपये का वितरण किया गया है, जबकि 182 करोड़ रुपये का लाभ नहीं उठाया जाएगा। 3,707 करोड़ रुपये की शेष मंजूरी समय बीत जाने के कारण समाप्त हो गयी है। यह योजना 30 सितंबर, 2020 को बंद कर दी गई है।
(5) मुद्रा–शिशु ऋणों के लिए ब्याज में 1,500 करोड़ रुपये की छूट
मुद्रा–शिशु ऋणों का वर्तमान पोर्टफोलियो 1.62 लाख करोड़ रुपये (अधिकतम 50,000 रुपये की ऋण राशि) है। कैबिनेट ने 24 जून, 2020 को योजना को मंजूरी दी और 26 जून, 2020 को योजना के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए। हालांकि, पात्र खातों में से 86 प्रतिशत 31 अगस्त, 2020 तक ऋण स्थगन में थे। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 1,232 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया गया और 7 सितंबर, 2020 को सिडबी को 120 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गयी।
(6) विशेष अभियान के तहत किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 2.5 करोड़ किसानों को 2 लाख करोड़ रुपये के रियायती ऋण का प्रोत्साहन
प्रथम चरण में, 46,330 करोड़ रुपये की केसीसी सीमा के साथ 58.12 लाख केसीसी कार्ड मंजूर किए गए
चरण II के तहत, 25 सितंबर 2020 तक, 78,999.80 करोड़ रुपये की केसीसी सीमा के साथ 83.03 लाख केसीसी कार्ड मंजूर किए गए हैं। द्वितीय चरण में स्वीकृत इस 80.46 लाख केसीसी की विभिन्न श्रेणियां निम्नलिखित है:
|
क्षेत्र जिसमें केसीसी की मंजूरी दी गई
|
मंजूर किये गए केसीसी की संख्या
|
क)
|
फसल ऋण
|
70.31 लाख
|
ख)
|
एएच या मत्स्य गतिविधियों के साथ फसल ऋण
|
1.92 लाख
|
ग)
|
डेयरी
|
2.97 लाख
|
घ)
|
पोल्ट्री, मवेशी और भेड़ पालन आदि
|
21,961
|
ड)
|
मत्स्य
|
10,622
|
(7) टीडीएस/टीसीएस दर में कमी के माध्यम से 50,000 करोड़ रुपये की नकदी
इस घोषणा को प्रभावी करने के लिए विधायी संशोधनों को कराधान और अन्य कानूनों (कुछ प्रावधानों में छूट और संशोधन) विधेयक, 2020 में शामिल किया गया, जिसे 18 सितंबर 2020 को लोकसभा में पेश किया गया था। बाद में, माननीय राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद, 29 सितंबर, 2020 को कराधान और अन्य कानून (कुछ प्रावधानों में छूट और संशोधन) अधिनियम, 2020 को अधिसूचित किया गया है।
(8) अन्य प्रत्यक्ष कर उपाय:
चालू वित्त वर्ष के दौरान, 1,18,324 करोड़ रुपये मूल्य के 33,53,898 धन वापसी (रिफंड) जारी किए गए हैं। शेष रिफंड प्रक्रिया में हैं।
आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत, निम्न घोषणाएं की गई थी:
क) वित्त वर्ष 2019-20 के लिए सभी आयकर रिटर्न की अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2020 और 31 अक्टूबर, 2020 से बढाकर 30 नवंबर, 2020 तक तथा कर लेखा 30 सितंबर, 2020 से बढ़ाकर 31 अक्टूबर, 2020 कर दी जाएगी।
ख) आकलन के लिए 30 सितंबर, 2020 को समाप्त होने की तारीख को बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2020 कर दिया जाएगा और 31 मार्च, 2021 को समाप्त होने की तारीख को बढ़ाकर 30 सितंबर, 2021 कर दिया जाएगा।
ग) अतिरिक्त राशि के बिना भुगतान करने के लिए, विवाद से विश्वास योजना की अवधि को 31 दिसंबर, 2020 तक बढ़ाया जाएगा।
इन घोषणाओं को प्रभावी बनाने के लिए विधायी संशोधनों को कराधान और अन्य कानूनों (कुछ प्रावधानों में छूट और संशोधन) विधेयक, 2020 में शामिल किया गया था, जिसे 18 सितंबर 2020 को लोकसभा में पेश किया गया। माननीय राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद कराधान और अन्य कानून (कुछ प्रावधानों में छूट और संशोधन) अधिनियम, 2020 को 29 सितंबर, 2020 को अधिसूचित किया गया है।
(9) आईबीसी संबंधित उपाय के माध्यम से कारोबार में आसानी को और बेहतर करना:
सरकार ने आईबीसी, 2016 की धारा 4 के तहत 24 जून, 2020 को जारी अधिसूचना के माध्यम से डिफ़ॉल्ट की सीमा को बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये (मौजूदा सीमा 1 लाख रुपये) कर दिया है।
एमएसएमई को राहत देने के लिए संहिता की धारा 240ए के तहत एक विशेष प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जा रहा है और जल्द ही इसे अधिसूचित किया जाएगा।
दिवाला और दिवालियापन संहिता (दूसरा संशोधन) अधिनियम, 2020 को 23 सितंबर, 2020 को अधिसूचित किया गया है और यह 5 जून, 2020 से प्रभावी हो गया है। दिवाला और दिवालियापन संहिता 2016 (संहिता) में धारा 10 ए को जोड़ा गया है ताकि संहिता की धारा 7, 9 और 10 के तहत कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) की शुरुआत को अस्थायी रूप से निलंबित रखा जा सके। निलंबन की यह अवधि 25 मार्च, 2020 से छह महीने या इससे ज्यादा लेकिन एक वर्ष से अधिक नहीं होगी। प्रस्तावित निलंबन का लाभ उन सभी कॉर्पोरेट देनदार के लिए उपलब्ध होगा, जो 25 मार्च 2020 से निलंबन की अवधि के अंत तक ऋण चुकाने में असफल रहे हैं। इसके अलावा, 25 मार्च, 2020 और निलंबन अवधि के पूरा होने तक इस तरह के डिफॉल्ट्स, संहिता के तहत सीआईआरपी की शुरुआत के उद्देश्य के लिए गैर-ब्याज के रूप में रहेंगे। इस तरह के डिफ़ॉल्ट के संबंध में, कॉर्पोरेट देनदार के निदेशकों या हिस्सेदारों के खिलाफ कार्रवाई के आवेदन को समाधान पेशेवर (रेजोल्यूशन प्रोफेशनल) द्वारा दाखिल नहीं करने के लिए संहिता की धारा 66 में संशोधन किया गया है।
10. कंपनी अधिनियम में चूक (डिफ़ॉल्ट) को अपराध की श्रेणी से हटाना
कंपनी (संशोधन) विधेयक, 2020 को 19 सितंबर, 2020 को लोकसभा और 22 सितंबर, 2020 को राज्यसभा द्वारा पारित किया गया है। माननीय राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद, कंपनी (संशोधन) अधिनियम, 2020 को 28 सितंबर, 2020 को अधिसूचित किया गया।
11. कॉर्पोरेट्स के लिए कारोबार करने में आसानी:
कंपनी (संशोधन) विधेयक, 2020 को 19 सितंबर, 2020 को लोकसभा और 22 सितंबर, 2020 को राज्यसभा द्वारा पारित किया गया है। माननीय राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद, कंपनी (संशोधन) अधिनियम, 2020 को 28 सितंबर, 2020 को अधिसूचित किया गया।
एमजी/एएम/जेके/
(Release ID: 1660995)
Visitor Counter : 466