श्रम और रोजगार मंत्रालय
ईपीएफओ ने 1 अप्रैल से महामारी के दौरान 94.41 लाख दावों का निपटारा किया
कोविड-19 से संबंधित 75% अग्रिम और 79% बीमारी संबंधी दावों को लेकर 15000 रुपये से कम वेतन पाने वाले पीएफ ग्राहकों का भुगतान किया गया
Posted On:
08 SEP 2020 3:39PM by PIB Delhi
कोविड-19 महामारी संबंधी पाबंदियों के बावजूद ईपीएफओ 94.41 लाख दावों का निपटारा करने में सक्षम रहा है, जिससे अप्रैल-अगस्त, 2020 की अवधि के दौरान सदस्यों को लगभग 35,445 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
पिछले साल की समान अवधि (अप्रैल-अगस्त, 2019) के मुकाबले इस साल ईपीएफओ ने करीब 32% से ज्यादा दावों का निपटारा किया है, जबकि संवितरित राशि में लगभग 13% की वृद्धि हुई है।
इस संकट के दौरान अपने सदस्यों की तरलता (धनराशि) की जरूरतों को पूरा करने में मदद करने के लिए ईपीएफओ ने कोविड-19 से अग्रिमों और बीमारी संबंधी दावों के निपटारे पर तेजी से नज़र रखी। ईपीएफओ ने अग्रिमों की इन दो श्रेणियों के लिए निपटान को ऑटो मोड में पेश किया। निपटान के ऑटो मोड के चलते जिन दावों को वैधानिक तौर पर 20 दिनों के भीतर निपटान किया जाता है, उनका निपटान इन दो श्रेणियों में केवल 3 दिनों में कर दिया गया। विशेष रूप से अप्रैल-अगस्त 2020 के दौरान 55% अग्रिम दावे हाल ही में पेश किए गए जो कोविड-19 से संबंधित थे, जबकि बीमारी के दावों से संबंधित इस अवधि के दौरान लगभग 31% अग्रिम निपटान किया गया था।
वेतन के हिसाब से विश्लेषण करने पर पता चला कि कोविड-19 को लेकर लगभग अग्रिम 75% और बीमारी संबंधी दावे लगभग 79% पीएफ ग्राहकों के लिए 15,000 हजार रुपये से कम के स्लैब से संबंधित थे। पीएफ अग्रिमों की समय पर भुगतान ने कई कम वेतन पाने वालों को कर्ज में डूबने से बचा लिया, जिससे इन प्रतिकूल समय के दौरान कार्यबल के सबसे कमजोर वर्ग को सामाजिक सुरक्षा सहायता मिली।
अप्रैल-अगस्त 2019 की अवधि की तुलना में अप्रैल-अगस्त 2020 की अवधि के दौरान 212% बढ़ोतरी को दर्शाते हुए ईपीएफ योजना के तहत आंशिक निकासी दावों या अग्रिमों में दोगुनी से अधिक वृद्धि हुई है।
अग्रिम दावों की तादाद में बढ़ोतरी के बावजूद अप्रैल-अगस्त 2020 की अवधि से अप्रैल-अगस्त 2019 की तुलना में अंतिम पीएफ निपटान दावों की संख्या में लगभग 35% की महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई। फाइनल पीएफ सेटलमेंट का दावा सदस्यों को नौकरी छोड़ने, सेवानिवृत्ति या सेवानिवृत्ति के समय के बाद अपने पीएफ बैलेंस को वापस लेने की अनुमति देता है।
ईपीएफओ 3 दिनों के भीतर अग्रिम दावों का निपटारा करने के साथ अब पीएफ संचय को तरल संपत्ति के रूप में देखा जा रहा है जो संकट के समय ग्राहकों की आवश्यकता को पूरा कर सकता है। लिहाजा, सदस्यों ने अपनी वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पीएफ अग्रिमों के लिए आवेदन करने का चयन करने के बजाय अंतिम निकासी या खाते को बंद करने का विकल्प न देकर ईपीएफओ पर अधिक भरोसा दिखाया है।
दावों के अंतिम निपटारे में गिरावट और अग्रिम दावों में वृद्धि की इस प्रवृत्ति को भी प्रिंट और डिजिटल मीडिया के माध्यम से ईपीएफओ के लगातार संपर्क कार्यक्रमों के साथ-साथ महामारी के दौरान लगभग 4880 वेबिनार आयोजित करने की आवश्यकता महसूस की गई। स्वचालित दावा निपटान के माध्यम से सेवाओं में उत्कृष्टता के साथ, नौकरियों के बदलने पर धन का स्वतः-स्थानांतरण, बहु-स्थान दावा निपटान की पेशकश, सदस्यों के केवाईसी का नियमित अपडेशन, उमंग ऐप के माध्यम से दावे दाखिल करने की सुविधा और मजबूत शिकायत निवारण तंत्र को दर्शाता है। इन अहम पहलों के माध्यम से, ईपीएफओ अपने ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम रहा है और इस तरह इस संकट के दौरान उनके साथ मजबूती से खड़ा है।
महामारी के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव को कम करने के लिए ईपीएफओ अपने 6 करोड़ से अधिक ग्राहकों, 66 लाख पेंशनरों और 12 लाख नियोक्ताओं को निरंतर नवाचार और समर्पण के माध्यम से सेवा में उत्कृष्टता मुहैया कराने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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