विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

प्रकाश और अणुओं के बीच अंतःक्रिया की नई खोज ऑप्टिकल उपकरणों को शक्तिशाली बना सकती है

Posted On: 06 SEP 2020 5:41PM by PIB Delhi

प्रकाश और अणुओं के बीच अंतःक्रिया की नई खोज, दूरबीन व टेलिस्कोप, रंग बदलने वाले पेंट और स्याही जैसे उपकरणों में कम परावर्तन वाले लेंसों तथा उच्च परावर्तन दर्पणों को शक्तिशाली बना सकती है। बेंगलुरु स्थित वैज्ञानिकों ने पाया है कि यूवी और नीली रोशनी का संयोजन 3डी और 1डी फोटोनिक संरचना के बीच प्रणाली को बदल देता है- यह एक नयी अंतःक्रिया है, जो प्रभावी ऑप्टिकल उपकरणों के निर्माण में मदद कर सकती है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के स्वायत्त संस्थान, नैनो एवं मृदु पदार्थ विज्ञान केंद्र (सीईएनएस) के वैज्ञानिकों ने प्रभावी ऑप्टिकल उपकरणों के लिए सामग्री विकसित करने की खोज करने के क्रम में पाया है कि नीली तरंग दैर्ध्य या एक्टिनिक प्रकाश में उच्च स्तर, प्रकाश दो फोटो आइसोमरों के बीच अदला-बदली कर सकते हैं --- चिरल नेमैटिक (सी एच) और ट्विस्ट ग्रेन बाउंड्री स्मेथिक सी* (टीजीबीसी*), जो क्रमशः लिक्विड क्रिस्टल चरणों में एक और तीन आयामों में फोटोनिक संरचनाएं रखते हैं। इस कार्य के लिए सीईएनएस की शोध टीम में राजलक्ष्मी साहू, डी.एस.शंकर राव, यू.एस. हिरमथ, सी.वी. येलमग्गद और एस कृष्णा प्रसाद शामिल हैं। यह खोज जर्नल ऑफ फिजिकल केमिस्ट्री में प्रकाशित हुआ है।

यह परिवर्तन प्रकाश और अणुओं के बीच परस्पर क्रिया के कारण होता है, जिससे फोटोइसमोमाइजेशन होता है जिसमें एक विशिष्ट तरंग दैर्ध्य (एक्टिनिक प्रकाश) का प्रकाश कुछ निश्चित समूहों के साथ अणुओं को मोड़ सकते हैं। इस संबंध में एक प्रसिद्ध उदाहरण है, जिसमें पराबैंगनी प्रकाश (~ 365 एनएम) के साथ विकिरणित होने पर एज़ोबेंजीन डेरिवेटिव के एक बड़े अणु के आकार में बदलाव होता है। सीईएनएस द्वारा किये गए प्रयोग में नीली रोशनी के साथ उत्तेजना (स्टीमुलेट) पर विपरीत (रिवर्स) परिवर्तन होता है। यह प्रयोग लिक्विड क्रिस्टल (एलसी) सामग्री में फोटो-चालित आइसोथर्मल चरण बदलाव प्राप्त करने के लिए काफी आकर्षक है। इस तरह के फोटो रेस्पोंसिव एलसी अनुप्रयोगों के लिए आकर्षक हैं। अनुप्रयोगों में लचीले पोलराइज़र, पैटर्न वाले ऑब्जेक्ट, लॉजिक डिवाइस और ऊर्जा संचयन सामग्री शामिल हैं।

वर्तमान अध्ययन से यह भी पता चलता है कि 100 नैनोमीटर से अधिक की फोटोनिक तरंग दैर्ध्य भिन्नताएं कुछ सेकंड के भीतर आसानी से प्राप्त (विपरीत क्रम में) की जा सकती हैं। यह एक ऐसी विशेषता है, जिसका उपयोग कम परावर्तन वाले लेंस और उच्च परावर्तन वाले दर्पण से लेकर रंग बदलने वाले पेंट और स्याही तक के अनुप्रयोगों में किया जा सकता है।

[प्रकाशन लिंक: https: //doi.org/10.1021/acs.jpcc.0c03597

अधिक जानकारी के लिए, डी एस शंकर राव ( shankar@cens.res.in ) से संपर्क किया जा सकता है]

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