रेल मंत्रालय

केन्द्रीय रेल तथा वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) के कार्यो की प्रगति की समीक्षा की


डीएफसीसीआईएल निर्धारित अवधि के भीतर या उससे पहले अपना काम पूरा करने के इच्छुक ठेकेदारों को प्रोत्साहन के रूप में कुछ तरह की रियायतें देने की संभावना का पता लगाएगा

डीएफसीसीआईएल के पास जल्दी ही एक ऐसा डैशबोर्ड होगा जिसके माध्यम से 'किलोमीटर दर किलोमीटर' के हिसाब से परियोजना की निगरानी और उसके आधार पर रेलवे के अधिकारियों द्वारा जरुरी कार्रवाई की जा सकेगी ताकि सभी तरह के मुद्दों का तत्काल समाधान किया जा सके

डैशबोर्ड के माध्यम से शिकायत निवारण के लिए संस्थागत प्रणाली उपलब्ध कराना

राज्यों के साथ समन्वय सहित सभी मुद्दों का समाधान मिशन मोड पर किया जाना, मंत्रालय ने इस बारे में पहले से ही सभी संबंधित राज्यों को पत्र लिख कर कहा है कि वे परियोजना को तेजी से ट्रैक करें और समन्वय सें संबधित मामलों को हल करें

परियोजना की साप्ताहिक प्रगति की निरंतर निगरानी करना

Posted On: 01 SEP 2020 1:18PM by PIB Delhi

केन्द्रीय रेल तथा वाणिज्य और उद्योग मंत्रीश्री पीयूष गोयल ने आज एक बैठक में देश में समर्पित रेल गलियारे के लिए गठित डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) केकार्यों की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में रेलवे बोर्ड, डीएफसीसीआईल और सीआरबी के सभी शीर्ष अधिकारियों तथा अनुबंध पर काम करने वाली एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

बैठक के दौरान, वरिष्ठ अधिकारियों ने श्री गोयल को परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति का ब्यौरा उपलब्ध कराया।

श्री गोयल ने डीएफसीसीआईएल की प्रबंधन टीम और ठेकेदारों को पश्चिमी समर्पित माल गलियारे . डीएफसी  (1504 मार्ग किमी) और पूर्वी समर्पित माल गलियारे (1856 मार्ग किमी) के सभी वर्गों पर तेजी से काम करने के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया। समीक्षा बैठक में, प्रत्येक सेक्शन में हुई कार्य प्रगति पर विस्तार से चर्चा की गई और सभी व्यवधानों का हल निकालते हुए सुचारू प्रगति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।

परियोजनाओं पर तेजी से काम करने के लिए केन्द्रीय मंत्री की ओर से निम्निलिखित उपाय सुझाए गए:-

 

  1. सभी ठेकेदारों,वेंडरों और आपूर्तिकर्ताओं के साथ नियमित साप्ताहिक बैठक करना
  2. निर्धारित अवधि के भीतर या उससे पहले अपना काम पूरा करने के इच्छुक ठेकेदारों को प्रोत्साहन के रूप में कुछ तरह की रियायतें देने की संभावना का पता लगाना 

c)         डीएफसीसीआईएल द्वारा वास्तविक समय के आधार पर 'किलोमीटर दर

किलोमीटर' परियोजना की निगरानी और अनुवर्ती कार्रवाई के लिए एक डैशबोर्ड बनाना । यह रेलवे बोर्ड के अधिकारियों के लिए भी सुलभ होगा। डैशबोर्ड का प्रावधान  तत्काल आधार पर अनुबंध से संबधित कार्यों के निष्पादन से जुड़े सभी मामलों का समाधान निकालने में भी मदद करेगा।

बैठक के में यह तय किया गया कि सभी ठेकेदारों के काम की कड़ी निगरानी की जाएगी। राज्यों के साथ समन्वय सहित सभी मुद्दों का समाधान मिशन मोड पर किए जाएगा। मंत्रालय की ओर से पहले ही सभी संबंधित राज्यों को अंतर्देशीय, आरओबी तथा कानून और व्यवस्था से संबधित लंबित मुद्दों को जल्दी हल करने के लिए पत्र लिखा जा चुका है।

समर्पित माल गलियारा भारत सरकार द्वारा शुरू की गई सबसे बड़ी रेल अवसंरचना परियोजनाओं (3360 मार्ग किमी की कुल लंबाई) में से एक है। इसकी कुल लागत 81,459 करोड़ रुपये आंकी गई है। डीएफसीसीआईएल की स्थापना समर्पित माल गलियारे के ​निर्माण, रखरखाव और संचालन के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने के विशेष उद्देश्य के साथ की गई है।

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