जल शक्ति मंत्रालय

केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री और नागालैंड के मुख्यमंत्री ने जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संयुक्त समीक्षा बैठक की

Posted On: 28 AUG 2020 5:15PM by PIB Delhi

जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने नागालैंड में जल जीवन मिशन की प्रगति पर विचार विमर्श के लिए आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राज्य के मुख्यमंत्री श्री नेफियू रियो के साथ एक बैठक की। श्री शेखावत वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अस्पताल से ही बैठक में शामिल हुए, क्योंकि वह हाल में जांच में कोविड पॉजिटिव आए थे। बैठक में सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, अतिरिक्त सचिव एवं मिशन निदेशक और मंत्रालय के अन्य अधिकारियों ने भी भाग लिया।

नागालैंड की 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार तक 100 प्रतिशत नल कनेक्शन उपलब्ध कराने की योजना है। राज्य को वर्ष 2019-20 के लिए 56.49 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था, लेकन राज्य इस पूरी रकम का उपयोग नहीं कर सका। राज्य अपने हिस्से में से सिर्फ 4.67 करोड़ रुपये व्यय कर सका, जबकि राज्य के लिए अपने अंश में से 5.65 करोड़ रुपये व्यय किया जाना अनिवार्य था। 2020-21 में नागालैंड के लिए आवंटन बढ़ाकर 114.09 करोड़ रुपये कर दिया गया है और शुरुआती धनराशि 32.95 करोड़ रुपये के साथ नागालैंड ने जेजेएम के लिए केन्द्रीय कोष के 147.04 करोड़ रुपये की उपलब्धता का भरोसा दिलाया है। राज्य के अंश को मिलाकर राज्य के पास जेजेएम के कार्यान्वयन के लिए 2020-21 में 163 करोड़ रुपये होंगे।

इस साल अभी तक 1.47 लाख के लक्ष्य की तुलना में सिर्फ 2,950 घरों को ही नल कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। केन्द्रीय मंत्री श्री शेखावत ने कार्य की धीमी प्रगति के साथ कोष के कम उपयोग पर चिंता जाहिर की और राज्य से तेजी से योजना का कार्यान्वयन करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री के साथ राज्य में मिशन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने राज्य के ग्रामीण घरों को तेजी से नल कनेक्शन उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया।

ग्रामीण स्थानीय निकायों को 15वें वित्त आयोग अनुदान के अंतर्गत नागालैंड को 125 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है; इसमें से 50 प्रतिशत धनराशि पेयजल आपूर्ति और स्वच्छता पर उपयोग करना अनिवार्य है। यदि किसी स्थानीय निकाय ने अपनी एक श्रेणी की आवश्यकताओं को पूरा कर लिया है, तो वह कोष को किसी अन्य श्रेणी में इस्तेमाल कर सकता है। केन्द्रीय मंत्री ने राज्य से ग्राम स्तर पर योजना बनाने और मनरेगा, 15वें वित्त आयोग अनुदान, सीएएमपीए कोष, स्थानीय क्षेत्र विकास निधि आदि कार्यक्रमों को मिलाने से मिले सभी संसाधनों से हर गांव के लिए ग्राम कार्य योजना (वीएपी) तैयार करने आह्वान किया।

नागालैंड में 1,502 गांवों में से 1,351 गांव में पीडब्ल्यूएस योजनाएं हैं, लेकिन 3.68 लाख घरों में से सिर्फ 18,826 घरों (5.1 प्रतिशत) में नल कनेक्शन हैं। केन्द्रीय मंत्री ने अभियान के रूप में काम करने का आह्वान किया, जिससे अगले 4-6 महीनों में समाज के गरीब और सीमांत तबकों से संबंधित 3.5 लाख परिवारों को नल कनेक्शन उपलब्ध कराए जा सकते हैं। नागालैंड में एक आकांक्षी जिला किफिरे है और राज्य से सभी घरों में नल कनेक्शन सुनिश्चित करने के लिए जिले में काम में तेजी लाने के लिए कहा है।

स्थानीय समुदाय के महत्व को रेखांकित करते हुए राज्य से ग्राम पंचायत या न्यूनतम 50 प्रतिशत महिला सदस्यों की भागीदारी वाली उसकी ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति जैसी उप समितियों को गांवों के भीतर जल आपूर्ति ढांचे की योजना, डिजाइनिंग, कार्यान्वयन और परिचालन के लिए जवाबदेह बनाने के लिए कहा है।

जल जीवन मिशन के अंतर्गत स्थानीय समुदाय को जोड़ने के साथ ही अग्रणी कार्यकर्ताओं की भागीदारी से जल की गुणवत्ता की निगरानी को प्राथमिकता दी जा रही है। हर गांव में 5 लोगों विशेषकर महिलाओं को ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध कराए जा रहे जल की गुणवत्ता की जांच में काम आने वाली फील्ड टेस्ट किट्स के उपयोग के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। हर स्रोत का साल में कम से कम एक बार भौतिक और रासायनिक मानकों पर तथा जीवाणुनाशक संदूषण के लिए दो बार जांच की आवश्यकता होती है। राज्य को अगले 3-4 महीने में राज्य और जिला प्रयोगशालाओं को मान्यता दिलाने तथा साथ ही उन्हें जनता के लिए खोलने का परामर्श दिया जाता है, जिससे वे बेहद मामूली दर पर आपूर्ति किए जा रहे जल की गुणवत्ता की जांच कर सकते हैं।

नागालैंड के मुख्यमंत्री को राज्य को 100 प्रतिशत एफएचटीसी राज्य बनाने के लिए पूरा सहयोग देने का भरोसा दिलाते हुए केन्द्रीय मंत्री ने उनसे 2024 तक प्रत्येक गांव को 100 प्रतिशत नल कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए राज्य में हर घर जल अभियान शुरू करने का अनुरोध किया।

 

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