सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय
श्री नितिन गडकरी ने कहा कि हमारा लक्ष्य विश्व में निर्माण उपकरणों का विनिर्माण केन्द्र बनना है
श्री गडकरी ने बड़े उद्योगों से प्राथमिकता के आधार पर एमएसएमई की देय राशि का भुगतान करने के लिए कहा
Posted On:
18 AUG 2020 4:03PM by PIB Delhi
केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई), सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा है कि हमारा लक्ष्य देश को विश्व में निर्माण उपकरणों का विनिर्माण केन्द्र बनाना है। श्री गडकरी आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ‘निर्माण उपकरण, प्रौद्योगिकी घटक और एग्रीगेट्सपर सीआईआई की वर्चुअल प्रदर्शनी नामक वेबिनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए हमें निर्यात को कम करने और ऑटोमोबाइल क्षेत्र में विभिन्न घटकों और कलपुर्जों के निर्माण को बढ़ावा देने की जरूरत है। वर्तमान में ऑटोमोबाइल क्षेत्र ऐसे पुर्जों का आयात कर रहा है। उन्होंने इस क्षेत्र के सभी उद्योगों से औद्योगिक समूह, प्रौद्योगिकी केन्द्र, अनुसंधान, प्रयोगशालाएं और प्रौद्योगिकी तथा कौशल के उन्नयन को विकसित करने की अपील की।
श्री गडकरी ने सभी हितधारकों को भारत में प्रौद्योगिकी केन्द्र विकसित करने में सभी संभव सहायता देने का भी आश्वासन दिया। उन्होंने गुणवत्ता से समझौता किए बगैर अनुसंधान और लागत में कमी लाने की जरूरत पर भी जोर दिया।
श्री गडकरी ने सभी प्रतिभागियों से कोविड-19 महामारी द्वारा थोपे गए मुद्दों की चुनौतियों का सामना करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कोविड-19 के संकट को देखते हुए पूरा औद्योगिक क्षेत्र आज अनेक चुनौतियों का सामना कर रहा है, लेकिन हमें सकारात्मक सोच के साथ इन सभी चुनौतियों से लड़ना होगा और निर्माण उपकरणों के लिए ऑटोमोबाइल उद्योग को एक विनिर्माण केन्द्र बनाना होगा। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता के साथ समझौता किए बगैर लागत में कमी करके ही यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
श्री गडकरी ने अनुसंधान, नवाचार और प्रौद्योगिकी उन्नयन का आह्वान करते हुए संयुक्त उपक्रमों तथा आसानी से वित्त और सुसंगत प्रौद्योगिकी हासिल करने के लिए विदेशी सहयोग की जरूरत पर जोर दिया। एलएनजी, सीएनजी और बायो ईंधन के अधिकतम उपयोग से लागत में निश्चित रूप से कमी लाई जा सकती है। सरकार जलमार्ग, समुद्री परिवहन, रेल, सड़क और हवाई परिवहन जैसे सभी प्रकार के परिवहन को एकीकृत और विकसित करने के बारे में भी काम कर रही है, इनसे निश्चित रूप से लॉजिस्टिक लागत कम होगी और उद्योग को बड़े पैमाने पर मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार प्रधानमंत्री द्वारा परिकल्पित आत्मनिर्भरता को अर्जित करने के लिए नीतियों में सक्रिय रूप से बदलाव कर रही है।
श्री गडकरी ने कहा कि एमएसएमई को प्रोत्साहन देने के लिए एमएसएमई की परिभाषा में बदलाव किया गया है। इन उद्योगों के लिए ऋण सुविधा और अन्य निधियों का सजृन किया गया है। उन्होंने कहा कि परिवहन क्षेत्र के लिए एक नई स्क्रैपिंग नीति पर काम आगे बढ़ रहा है। सरकार हरसंभव तरीके से उद्योग को मदद देने के लिए तैयार है इसलिए उद्योग को अपनी नवाचारी योजनाओं के साथ आगे आना चाहिए ताकि हम ऑटोमोबाइल क्षेत्र में निर्माण केन्द्र के स्वप्न को पूरा कर सकें।
श्री नितिन गडकरी ने प्राथमिकता के आधार पर एमएसएमई की बकाया राशियों का भुगतान किए जाने पर भी जोर दिया। उन्होंने बड़े उद्योगों, व्यापार घरानों/कंपनियों से अनुरोध किया कि वे इस मामले को महत्वपूर्ण समझें। श्री गडकरी ने सीआईआई सदस्यों से खुदरा पुर्जों की आपूर्ति के लिए सहायक इकाइयों/ उद्योगों की प्रगति और विकास में मदद करने के लिए कहा।
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एमजी/एएम/आईपीएस/वीके/डीसी
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