रक्षा मंत्रालय
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सार्वजनिक क्षेत्र की रक्षा ईकाईयों और ओएफबी द्वारा सुविधा केन्द्रों के आधुनिकीकरण/उन्नयन और नये बुनियादी ढांचे के निर्माण का शुभारंभ किया
रक्षा मंत्रालय के आत्म-निर्भर भारत सप्ताह समारोह जारी है
Posted On:
10 AUG 2020 7:47PM by PIB Delhi
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने डिजिटल लिंक के माध्यम से रक्षा मंत्रालय के आत्म-निर्भर सप्ताह समारोह के एक भाग के रूप में सार्वजनिक क्षेत्र की रक्षा ईकाइयों और ओएफबी द्वारा नए बुनियादी ढाँचे के निर्माण के साथ-साथ सुविधाओं के आधुनिकीकरण और उन्नयन की पहलों का शुभारंभ किया। रक्षा राज्य मंत्री श्री श्रीपद वाई नाइक, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार, रक्षा उत्पादन सचिव श्री राज कुमार, वाइस एडमिरल हरिकुमार सीआईएससी, डीडीपी के वरिष्ठ अधिकारी और डीपीएसयू और ओएफबी के प्रमुख एवं अध्यक्ष ने वीडियो कॉन्फ्रेंस लिंक के माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में भाग लिया। उन्हें संबोधित करते हुए, श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आत्म-निर्भर भारत अभियान के लिए एक स्पष्ट आह्वान किया और उनका 5-I अर्थात इरादे, समावेश, निवेश, बुनियादी ढांचे और नवाचार का यह सूत्र अर्थव्यवस्था को समग्र उच्च विकास के पथ पर आगे बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने कोविड-19 के दौरान समय पर और विवेकपूर्ण हस्तक्षेप किए जिनमें आयात के लिए नकारात्मक सूची जारी करना, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा में वृद्धि, घरेलू पूंजी खरीद के लिए अलग बजट और स्वदेशीकरण पर जोर देना शामिल है। उन्होंने कहा कि 101 वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध आत्म-निर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है। नकारात्मक वस्तुओं की इस सूची में न केवल छोटी वस्तुएं हैं बल्कि उच्च और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी की हथियार प्रणालियां भी शामिल हैं। जल्द ही इस सूची में और भी कुछ ऐसी चीजें जोड़ी जाएंगी जिनसे आयात के मामले में करोड़ों रुपये की बचत होगी। रक्षा मंत्री ने कहा कि हम स्वदेशीकरण, रक्षा ढांचे में निवेश और रक्षा विनिर्माण क्षमता में विस्तार की दिशा में और कदम उठाएंगे। इन कदमों से भारतीय रक्षा उद्योग के लिए व्यापक स्तर पर अवसरों का सृजन होगा। प्रधानमंत्री की परिकल्पना को ध्यान में रखते हुए श्री सिंह ने कहा कि रक्षा उत्पादन विभाग, रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों और आयुध कारखाना बोर्ड ने वास्तव में आत्म-निर्भर भारत में प्रवेश करने के लिए अत्यंत उत्साह और प्रतिबद्धता दिखाई है। उन्होंने कहा कि रक्षा उद्योग हमेशा से ही अत्याधुनिक तकनीकों का अग्रदूत रहा है और इसलिए रक्षा क्षेत्र में आत्म-निर्भरता एक दीर्घकालिक कार्य है जिसमें सभी को पूर्ण हृदय से शामिल करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि रक्षा उद्योग सशस्त्र बलों की शक्ति का आधार रहे हैं। इस दिशा में हमारे रक्षा उपक्रम और ओएफबी का निरंतर समर्थन और प्रयास हमारे लिए गर्व का विषय है।
सुविधाओं के उन्नयन के तहत, आयुध निर्माणी चंदा में पिनाका रॉकेट परिसर ने पिनाका और इसके साथ-साथ त्रिची के एसआरसीजी में असेम्बल और परीक्षण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सुविधाओं के उन्नयन का शुभारंभ किया गया है ये सभी रक्षा तैयारियों की दिशा में महत्वपूर्ण हैं। ओएलएफ देहरादून में सुविधाओं का आधुनिकीकरण टी-90 टैंकों के लिए उच्चतम स्तर के ऑप्टोइलेक्ट्रोनिक उत्पादों के निर्माण के उद्देश्य को पूरा करेगा।
बीईएल ने एंटी टॉरपीडो डिफेंस सिस्टम मारीच के विनिर्माण, एकीकरण और परीक्षण के लिए पूरी तरह से स्वदेशी मारीच एकीकरण सुविधा का शुभारंभ किया है इसे डीआरडीओ द्वारा तैयार किया गया है।
एचएएल ने भारतीय वायुसेना को 500वां एएल-31एफपी ओवरहॉल्ड इंजन सौंप दिया है जिन्हें भारतीय वायुसेना के सबसे घातक फ्रंटलाइन लड़ाकू विमान सुखोई एसयू-30 एमकेआई पर लगाया गया है। इसे एचएके के कोरापुट डिवीजन द्वारा अंजाम दिया गया है।
बीईएमएल ने अपने नए बुनियादी ढांचे के निर्माण के एक अंग के रूप में बेंगलुरु में औद्योगिक डिजाइन केंद्र की स्थापना की है। यह केंद्र भारत में इस तरह का पहला उद्योग है, जो औद्योगिक डिजाइन और मानव कारकों के घटकों को लागू करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। यह विकासात्मक रणनीतियों के एक हिस्से के रूप में औद्योगिक डिजाइन और एर्गोनॉमिक्स उत्पादों में वैश्विक मानदण्ड को स्थापित करने में ध्यान केंद्रित करेगा। इस सुविधा को भविष्य में एक राष्ट्रीय सुविधा के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव रखा गया है और अगले चरण में इसे उद्योग के तौर पर पेश किया जाएगा।
सुविधाओं केन्द्रों के आधुनिकीकरण के तहत, जीआरएसई ने वर्तमान में चल रही प्रतिष्ठित पी178 परियोजना की उत्पादन आवश्यकता को पूरा करने के लिए अपने राजा बागान डॉकयार्ड की क्षमता में वृद्धि की है।
बीडीएल में रक्षा क्षेत्र में नए बुनियादी ढांचे के निर्माण के तौर पर अन्वेषक सुविधा केंद्र (एसएफसी) की आधारशिला रखी गई है, मिसाइल सिस्टम (आरएफ अन्वेषक) के निर्माण के लिए एक नई प्रमापीय सुविधा जो कि अन्वेषकों के लिए आयात निर्भरता को कम करेगी और बीडीएल में कोंकर-एम, इन्वार, आकाश, अस्त्र मिसाइलों आदि के लिए आवश्यक स्वदेशी उत्पादन सुविधा के लिए आधार प्रदान करने का कार्य करेगी। अत्याधिक सुविधाओं ये युक्त किए जा रहे इस केन्द्रमें भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए जरूरी सुधारों के साथ सभी अत्याधुनिक मिसाइल को तैयार किया जा सकेगा।
जीएसएल में आज एक अत्याधुनिक स्टील निर्मिति शॉप (एसपीएस) का उद्घाटन किया गया है जो राष्ट्र के लिए अन्य सहायक बुनियादी ढाँचे के साथ-साथ उच्च प्रौद्योगिकी ग्लास रेनफोर्सड प्लास्टिक (जीआरपी) हल एमसीएमवी के स्वदेशी निर्माण को सक्षम बनाएगा।
अपनी सहकारी सामाजिक दायित्व और दीर्घकालिक विकास नीति के तहत एमआईडीएचएएनआई ने एक अत्याधुनिक कौशल विकास केंद्र की स्थापना की है और इसे "उत्कृष्टता केंद्र - विशेष सामग्री" के रूप में नामांकित किया गया है। यह सुविधा केन्द्र मुख्य रूप से एयरोस्पेस, रक्षा, परमाणु, अंतरिक्ष और अन्य रणनीतिक क्षेत्रों में उपयोग किए जाने वाली विशेष सामग्रियों के विकास के लिए आनुप्रायोगिक अनुसंधान को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
रक्षा मंत्री ने एक रिमोट बटन दबाकर इन सुविधाओं का अनावरण किया। रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग, रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों और आयुध कारखाना बोर्ड को बधाई देते हुए, श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्नयनों/आधुनिकीकरण के ये नए केन्द्र नवीन उत्पादन के साथ-साथ भविष्य में रखरखाव, उन्नयन पर विदेशी संसाधनों की निर्भरता को कम करते हुए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होंगे साथ ही स्वदेशी माध्यम से जीवनभर सहायता के लिए उपलब्ध होंगे। श्री सिंह ने कहा कि रक्षा क्षेत्र की सार्वजनिक ईकाइयाँ और ओएफबी द्वारा प्रदर्शित यह भावना राष्ट्र को अत्यंत तीव्र गति से एक आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था की दिशा की ओर अग्रसर करेगी।
आत्म-निर्भर सप्ताह समारोह के एक अंग के रूप में, रक्षा क्षेत्र की विभिन्न सार्वजनिक ईकाइयाँ और ओएफबी इस उद्योग के विशेषज्ञों, विक्रेताओं और शिक्षाविदों जैसे विभिन्न हितधारकों को शामिल करने के साथ सभी प्रासंगिक विषयों को ध्यान में रखते हुए वेबिनार की एक श्रृंखला का आयोजन कर रहे हैं।
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