जनजातीय कार्य मंत्रालय

ट्राइफेड ने अपने 33वें स्थापना दिवस पर आदिवासियों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए खुद का वर्चुअल ऑफिस नेटवर्क लॉन्च किया

Posted On: 07 AUG 2020 4:01PM by PIB Delhi

जनजातीय मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत ट्राइबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ट्राइफेड) ने 6 अगस्त, 2020 को अपने 33वें स्थापना दिवस के अवसर पर जनजातीय जीवन में बदलाव लाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। मौजूदा चुनौतीपूर्ण समय में उद्यम एवं वाणिज्य के जरिये जनजातीय सशक्तीकरण के अपने मिशन को पूरा करने के लिए तेजी से कार्य करते हुए ट्राइफेड ने रोजगार एवं आजीविका सृजन में जनजातीय लोगों की मदद करने के अपने प्रयासों को दोगुना कर दिया है।

ट्राइफेड के प्रबंध निदेशक श्री प्रवीर कृष्ण ने कहा, 'हालिया लॉकडाउन और वैश्विक महामारी के दौरान भारत में बड़ी तादाद में लोगों ने खरीदारी, बैंकिंग, कामकाज आदि के लिए ऑनलाइन तरीकों को अपनाया है। लॉकडाउन नियमों में ढील दिए जाने के बाद भी इसका चलन बढ़ा है। जहां तक आपूर्ति पक्ष का सवाल है तो कोविड-19 के कारण पैदा हुए संकट ने आदिवासी कारीगरों और वनवासी वनोपज संग्रहकर्ताओं सहित गरीब एवं समाज के हाशिए पर रहने वाले समुदायों की आजीविका को गंभीर आघात किया है। ट्राइफेड ने इस उभरती परिस्थिति में रणनीतिक रूप से अपनी प्रतिक्रिया दी है। इस संदर्भ में हमारी डिजिटलीकरण रणनीति काफी महत्वपूर्ण है।'

देश भर में इस वैश्विक महामारी के प्रसार के साथ ही जीवन का हरेक पहलू ऑनलाइन हो गया है। ऐसे में ट्राइफेड ने अपने स्थापना दिवस 6 अगस्त, 2020 के अवसर पर अपना वर्चुअल कार्यालय लॉन्च किया है। ट्राइफेड वर्चुअल ऑफिस नेटवर्क में 81 ऑनलाइन वर्कस्टेशन और 100 अतिरिक्त कवरेज वाले राज्‍य एवं एजेंसी वर्कस्‍टेशन हैं। ये वर्कस्‍टेशन देश भर में अपने सहयोगियों के साथ काम करने वाले ट्राइफेड योद्धाओं की टीम- चाहे नोडल एजेंसियां हों अथवा कार्यान्वयन एजेंसियां- की मदद करेंगे ताकि जनजातीय लोगों को मुख्यधारा के विकास में शामिल करने की दिशा में मिशन मोड में काम किया जा सके।

 कर्मचारियों के जुड़ने के स्तर को मापने और उनके प्रयासों को कारगर बनाने के लिए डैशबोर्ड लिंक के साथ एक एम्‍प्‍लॉयी एंगेजमेंट एंड वर्क डिस्ट्रिब्‍यूशन मैट्रिक्स को भी लॉन्च किया गया है। इसके अलावा राज्‍यों और क्षेत्रों के बीच निर्बाध कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए अन्य डिजिटल सॉफ्टवेयर का भी अनावरण किया गया है।

ये संगठनात्मक पहल ट्राइफेड के महत्वाकांक्षी ऑल-इनकंपासिंग डिजिटाइजेशन कार्यक्रम के हिस्‍से हैं। इसके तहत जनजातीय वाणिज्य को बढ़ावा देने और उसका खाका तैयार करने और गांव आधारित जनजातीय उत्पादकों एवं कारीगरों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजारों से जोड़ने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानकों के साथ एक ई-प्‍लेटफॉर्म की स्थापना की गई है।

तत्कालीन बहु-राज्यीय सहकारी समिति अधिनियम, 1984 के तहत पंजीकृत ट्राइफेड की स्‍थापना जनजातीय मामलों के मंत्रालय के अंतरर्गत एक राष्ट्रीय नोडल एजेंसी के रूप में 1987 में की गई थी। यह सभी राज्यों के आदिवासी लोगों के सामाजिक- आर्थिक विकास की दिशा में काम कर रही है। ट्राइफेड ने नई दिल्ली में अपने मुख्‍यालय के साथ 1988 में अपना कामकाज शुरू किया था। श्री एसके चौहान, आईएएस ट्राइफेड के पहले प्रबंध निदेशक थे जबकि श्री प्रवीर कृष्ण, आईएएस इसके वर्तमान प्रबंध निदेशक हैं। उन्‍होंने 36वें प्रबंध निदेशक के तौर पर 25 जुलाई, 2017 को अपना पदभार ग्रहण किया था। इस संगठन मुख्‍यालय एवं 15 क्षेत्रीय कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों की संख्‍या फिलहाल 500 से अधिक है।

देश भर में जनजातीय समुदायों के आर्थिक कल्याण को बढ़ावा देते हुए (विपणन का विकास और कौशल में निरंतर उन्नयन के माध्यम से) इन जनजातीय लोगों को सशक्त बनाने के अपने मिशन के तहत ट्राइफेड ने जनजातीय कला एवं शिल्‍प वाली वस्‍तुओं की खरीद एवं विपणन के लिए 1999 में नई दिल्‍ली में अपना पहला रिटेल आउटलेट खोला था जिसे ट्राइब्‍स इंडिया नाम दिया गया था।

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