रक्षा मंत्रालय

एयर मार्शल बी सुरेश पीवीएसएम वीएम एडीसी एयर आफिसर कमांडिंग इन चीफ, डब्लूएसी भारतीय वायु सेना सेवानिवृत्त हुए

Posted On: 31 JUL 2020 4:32PM by PIB Delhi

एयर मार्शल बी सुरेश पीवीएसएम वीएम एडीसी एयर आफिसर कमांडिंग इन चीफ, डब्लूएसी भारतीय वायु सेना लगभग 40 वर्षों के विशिष्ट सेवा काल के बाद 31 जुलाई, 2020 को सेवानिवृत्त हुए।

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एयर मार्शल वर्ष 1980 में भारतीय वायु सेना में एक फाइटर पायलट के रूप में कमीशन हुए थे। देहरादून के राष्ट्रीय भारतीय सैन्य महाविद्यालय तथा खडकवासला के नेशनल डिफेंस एकेडमी के पूर्व छात्र एयर मार्शल टैक्ट्सि एवं एयर काम्बैट डेवलपमेंट इस्टैब्लिशमेंट से सोर्ड आफ आनरसे पुरस्कृत हो चुके हैं। वायु सेना अधिकारी ने अपना स्नात्तकोत्तर वेंलिंगटन के डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कालेज तथा ब्रिटेन के श्रीवेन्हम क्रैनफील्ड यूनिवर्सिटी से किया।

एयर मार्शल बी सुरेश एक उच्च अनुभवी फाइटर पायलट हैं और कई प्रकार के विमान उड़ा चुके हैं। अपने विशिष्ट कैरियर के दौरान, एयर मार्शल ने कई प्रतिष्ठित कमान एवं स्टाफ नियुक्तियों पर रहे। उन्होंने एक फाइटर स्क्वाड्रन को कमान किया जो सामुद्रिक तथा रात्रि में एयर स्ट्राइक करने में विशेषज्ञ था और उनकी तैनाती करगिल युद्ध के दौरान पश्चिमी सीमा पर थी। डायरेक्टर आपरेशंस, जो तीनों सेनाओं के समन्वयन के लिए जिम्मेदार है, की नियुक्ति ग्रहण करने से पूर्व उन्होंने टैक्ट्सि एवं एयर काम्बैट डेवलपमेंट इस्टैब्लिशमेंट को कमान किया। एयर मार्शल ने एक एयर कमोडोर के रूप में पश्चिमी सेक्टर में भारतीय वायु सेना के सबसे बड़े वायु ठिकाने को कमान किया है। एक एयर वाइस मार्शल के रूप में, वह लगभग चार वर्षों तक एयर स्टाफ, आपरेशंस (एयर डिफेंस) के सहायक प्रमुख के महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त हुए जिसमें वह ट्राई सर्विस ज्वांइट आपरेशंस कमिटी (जोकोम) के वायु सेना के सदस्य भी रहे।

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वायु सेना के बीच एक रणनीतिकार के रूप में विख्यात बी सुरेश को एक्सरसाइज कोप इंडिया-2004 जो लगभग 40 वर्षों के अंतराल के बाद अमरिका की वायु सेना के साथ पहला  अंतरराष्ट्रीय द्विपक्षीय अभ्यास था-के दौरान भारतीय वायु सेना के शानदार प्रदर्शन की रूपरेखा बनाने का श्रेय दिया जाता है। उन्हें एक बार फिर से सिंगापुर एयर फोर्स के साथ अब तकक के पहले द्विपक्षीय अभ्यास एक्स सिंडेक्स 2004 के लिए एक्सरसाइज डायरेक्टरके रूप में नियुक्त किया गया, जहां एक बार फिर से भारतीय वायु सेना का शानदार प्रदर्शन रहा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय वायु सेना की क्षमता सुनिश्चित करने में जो भूमिका एयर अधिकारी ने निभाई, उसके फलस्वरूप उन्हें राष्ट्रपति का अति विशिष्ट सेवा मेडल (एवीएसम) पुरस्कार प्रदान किया गया। एक ग्रुप कैप्टन के रूप में, वह राष्ट्रपति पुरस्कार पाने वाले सबसे युवा अधिकारी थे।

2014 में एयर मार्शल के रैंक में पदोन्नत होने के बाद उन्हें पश्चिमी एयर कमान का सीनियर एयर स्टाफ अधिकारी (एसएएसओ)नियुक्त किया गया। वायु सेना मुख्यालय में एयर आफिसर इन चार्ज पर्सनल (एओपी) के रूप में उनके निर्णयों एवं दूरदृष्टि ने उल्लेखनीय प्रभाव छोड़ा।

एयर मार्शल पश्चिमी एयर कमान के एयर अधिकारी कमांडिंग इन चीफ के पद पर नियुक्त होने से पहले दक्षिणी वायु कमान के एयर अधिकारी कमांडिंग इन चीफ थे। 2018 में केरल बाढ़ के दौरान समस्त मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (एचएडीआर)प्रयास उनके नेतृत्व में दक्षिणी वायु कमान द्वारा अंजाम दिया गया।

एयर मार्शल पश्चिमी एयर कमान के एयर अधिकारी कमांडिंग इन चीफ के रूप् में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने उच्च स्तर की प्रचालनगत एवं सुरक्षा तैयारी सुनिश्चित की तथा भारतीय वायु सेना में मजबूत राफेल फाइटर के समावेश की नींव रखी।

एयर मार्शल वायु सेना मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल एवं परम विशिष्ट सेवा मेडल से पुरस्कृत हैं जो राष्ट्र के प्रति उनकी विशिष्ट सेवा एवं समर्पण के लिए दिया गया है।

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