ग्रामीण विकास मंत्रालय

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज व्‍यापक रोजगार सृजन-सह-ग्रामीण सार्वजनिक कार्य सृजन अभियान - ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ का शुभारंभ किया  


केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ‘ग्रामीणों, गरीबों, किसानों और प्रवासी श्रमिकों के समक्ष मौजूद समस्याओं के निवारण को कोविड लॉकडाउन की शुरुआत से ही प्राथमिकता दी जा रही है;  सरकार अपने-अपने गांव लौट चुके प्रवासी श्रमिकों को रोजगार प्रदान करने के लिए मिशन मोड पर काम कर रही है’ 

Posted On: 20 JUN 2020 3:26PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ नामक व्‍यापक रोजगार सृजन-सह-ग्रामीण सार्वजनिक कार्य सृजन अभियान का शुभारंभ किया। इसका उद्देश्‍य उन क्षेत्रों/गांवों में आजीविका के अवसरों को सशक्त बनाना और प्रदान करना है जहां विनाशकारी कोविड-19 से प्रभावित प्रवासी श्रमिक बड़ी संख्‍या में वापस लौट चुके हैं। वीडियो-कॉन्‍फ्रेंस के जरिए इस अभियान का शुभारंभ 20 जून (शनिवार) को ग्राम तेलिहार, ब्लॉक बेलदौर, जिला खगड़िया, बिहार से किया गया। इसमें केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर, 6 प्रतिभागी राज्यों के मुख्यमंत्रि‍यों एवं प्रतिनिधियो तथा अन्य लोगों ने भाग लिया।

अभियान के शुभारंभ समारोह में अपने प्रारंभिक संबोधन में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी तथा संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ग्रामीण विकास मंत्रियों सहित सभी का स्वागत-अभिनंदन किया। श्री तोमर ने कहा कि हमारा देश पूरा विश्‍व कोरोना वायरस के संकट के दौर में असुविधा का सामना कर रहा है। जब लॉकडाउन घोषित हुआ, उस समय भी प्रधानमंत्री जी के मन में गांव-गरीब-किसान और मजदूर प्राथमिकता पर रहे। उस समय जो समस्याएं उत्पन्न हो सकती थीं, वे हों, इसलिए मौलिक आवश्यकताओं सुविधाओं की दृष्टि से एक लाख सत्तर हजार करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया, जिससे निश्चित रूप से देशभर में बहुत सुविधा हुई। इसी प्रकार जब 12 मई को प्रधानमंत्री जी ने 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज घोषित किया तो उस समय भी अर्थव्यवस्था को बल देना मुख्य उद्देश्य था। इसके साथ ही कृषि, ग्रामीण विकास, रोजगार एवं रोजगार के अवसरों के सृजन का क्षेत्र, इन सबको समाहित करते हुए 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की गई। इसका कार्यान्वयन राज्यों के साथ मिलकर प्रारंभ हो रहा है, जिसके परिणाम निश्चित रूप से आने वाले कल में परिलक्षित होंगे।    

श्री तोमर ने कहा कि कोरोना वायरस के संकट के इस दौर में सबको बहुत प्रसन्नता है कि प्रधानमंत्री जी का सशक्त नेतृत्व हम सब लोगों के साथ रहा है और प्रधानमंत्री जी ने राज्यों के साथ मिलकर जो समुचित रणनीति बनाई, उसका कार्यान्वयन किया गया। इसकी बदौलत निश्चित रूप से असुविधा को सुविधा में बदलने में भारत काफी सफल रहा है। हम सबको मालूम है कि इसी संकट के दौरान जो हमारे मजदूर भाई-बहन अपने घर से दूरस्थ स्थानों पर अपनी आय वृद्धि को लेकर काम करने के लिए जाते थे, वे अपने-अपने घर लौट गए हैं। ऐसे में उन्हें वहां भी रोजगार की आवश्यकता होगी। इसकी पूर्ति के लिए सरकार के भी अपने दायित्व हैं और इसलिए प्रधानमंत्री जी की जो दूरदृष्टि है, वह बहुत प्रशंसनीय है क्योंकि उन्होंने इसे ध्‍यान में रखते हुए केवल यह योजना बनाई है, बल्कि तत्काल इसका शुभारंभ करने के लिए आज हम सबके बीच वे उपस्थित हैं।

श्री तोमर ने बताया कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान छह राज्यों के 116 जिलों में कार्यान्वित होगा। केंद्र सरकार के 11 मंत्रालयों की विभिन्न योजनाओं के तालमेल से इसका कार्यान्‍वयन निचले स्तर तक होगा। यह अभियान 125 दिनों तक चलेगा, जिसके अंतर्गत प्रमुख रूप से 25 कार्य चिन्हित किए गए हैं। इसके परिणामस्वरूप रोजगार के अवसर बहुत तेजी से सृजित होंगे। अभियान के रूप में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने का यह बड़ा उपक्रम है।

यह अभियान विभिन्न मंत्रालयों/विभागों यथा ग्रामीण विकास, पंचायती राज, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, खान, पेयजल व स्वच्छता, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा, सीमा सड़कें, दूरसंचार और कृषि के बीच एक सामंजस्‍यपूर्ण प्रयास होगा, ताकि 25 सार्वजनिक अवसंरचना कार्यों के साथ-साथ आजीविका के अवसरों को बढ़ाने से संबंधित कार्यों के भी कार्यान्वयन में तेजी लाई जा सके। इस पहल के प्रमुख उद्देश्यों में निम्‍नलिखित शामिल हैं:

  • अपने-अपने क्षेत्र/गांव वापस लौट चुके प्रवासियों और इसी तरह से अत्‍यंत प्रभावित ग्रामीण नागरिकों को आजीविका का अवसर प्रदान करना।  
  • गांवों को सार्वजनिक बुनियादी ढांचे से परिपूर्ण करना और आजीविका के अवसरों का सृजन करना। इनमें सड़कें, आवास, आंगनवाड़ियां, पंचायत भवन, विभिन्न आजीविका परिसंपत्तियां और सामुदायिक परिसर, इत्‍यादि शामिल हैं।
  • विभिन्न प्रकार के कार्य यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रत्येक प्रवासी श्रमिक को आने वाले 125 दिनों में अपने कौशल के अनुसार रोजगार का अवसर प्राप्त हो जाए। यह कार्यक्रम लंबे समय तक आजीविका के विस्तार और विकास के लिए भी तैयार करेगा।

ग्रामीण विकास मंत्रालय ही इस अभियान के लिए प्रमुख (नोडल) मंत्रालय है और इस अभियान को राज्य सरकारों के साथ अच्‍छी तरह समन्वय स्‍थापित करते हुए लागू किया जाएगा।

 

 

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