पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय
श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने प्रथम राष्ट्रव्यापी ऑनलाइन वितरण-आधारित गैस ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म -इंडियन गैस एक्सचेंज लॉन्च किया;
कहा, नए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के आरंभ से राष्ट्र को प्राकृतिक गैस के मुक्त बाजार मूल्य निर्धारण की दिशा में बढ़ने में मदद मिलेगी
Posted On:
15 JUN 2020 6:54PM by PIB Delhi
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आज एक ई-समारोह में प्रथम राष्ट्रव्यापी ऑनलाइन वितरण-आधारित गैस ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म इंडियन गैस एक्सचेंज (आईजीएक्स) का शुभारंभ किया। आईजीएक्स प्राकृतिक गैस के वितरण के लिए एक वितरण -आधारित ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म होगा। उनकी उपस्थिति में इस प्लेटफॉर्म पर ट्रेडिंग की शुरुआत की गई। भारत के ऊर्जा बाजार प्लेटफॉर्म के पूर्ण स्वामित्व वाले आईईएक्स की अनुषंगी के तौर पर शामिल किया गया आईजीएक्स- बाजार सहभागियों को मानकीकृत गैस अनुबंधों में व्यापार करने में समर्थ बनाएगा। यह प्लेटफ़ॉर्म ग्राहकों को निर्बाध ट्रेडिंग अनुभव प्रदान करने के लिए पूरी तरह से वेब-आधारित इंटरफ़ेस के साथ स्वचालित है।
इस अवसर पर अपने विचार प्रकट करते हुए श्री प्रधान ने कहा कि प्राकृतिक गैस के लिए नए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के लॉन्च ने आज भारत के ऊर्जा इतिहास में एक नए अध्याय का आरंभ किया है और यह देश को प्राकृतिक गैस के मुक्त बाजार मूल्य निर्धारण की दिशा में कदम बढ़ाने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि के साथ, भारत प्रगतिशील अर्थव्यवस्थाओं के क्लब में शामिल हो रहा है। उन्होंने कहा कि बाजार संचालित मूल्य निर्धारण प्रणाली होने से इंडिया गैस एक्सचेंज (आईजीएक्स) गैस के लिए मुक्त बाजार साकार करने की दिशा में बड़ी भूमिका निभाएगा।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री ने यह भी कहा कि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) देश के हर हिस्से में प्राकृतिक गैस को किफायती बनाने के लिए शुल्क को युक्तिसंगत बनाने की दिशा में काम कर रहा है। श्री प्रधान ने कहा कि इस व्यापार में सरकार का कोई प्रयोजन नहीं है और उपभोक्ता मुक्त बाजार का राजा है। उन्होंने यह भी कहा कि आईजीएक्स के माध्यम से तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) टर्मिनलों, गैस पाइपलाइनों, सीजीडी अवसंरचना पर विशाल निवेश और बाजार संचालित मूल्य व्यवस्था के लिए अनुमति के बारे में भारत के दृष्टिकोण को मूर्त रूप दिया जा सकेगा।
भारत को गैस-आधारित अर्थव्यवस्था बनाने के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों का उल्लेख करते हुए श्री प्रधान ने कहा कि भारतीय गैस बाजार में पूर्व-एनईएलपी, एनईएलपी, हाई टैम्प्रेचर एंड हाई प्रैशर(एचटीएचपी) और डीप वाटर और अल्ट्रा डीप वाटर ब्लॉक सहित परिसंपत्तियों के लिए विविध मूल्य बैंड हैं। उन्होंने कहा कि देश में जल्द ही 50 एमएमटी एलएनजी टर्मिनल क्षमता होगी। उन्होंने कहा कि देश के कतर, ऑस्ट्रेलिया, रूस और अमेरिका जैसे कई देशों के साथ दीर्घकालिक गैस अनुबंध हैं और उसने विदेशों- मोजाम्बिक, रूस और अन्य देशों में महत्वपूर्ण परिसंपत्तियों में निवेश किया है। उन्होंने देश में गैस अवसंरचना को मजबूती प्रदान करने के लिए वर्तमान में जारी ऊर्जा गंगा, पूर्वी भारत ग्रिड, पूर्वोत्तर में इन्द्रधनुष परियोजना, धमरा-दहेज पाइपलाइन, कोयला गैसीकरण और सीबीएम नीति जैसी विभिन्न परियोजनाओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि अगले कुछ वर्षों में देश में 30,000 किमी से अधिक पाइपलाइन होगी।
श्री प्रधान ने कहा कि प्राकृतिक गैस के लिए नया इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म केंद्र की प्रगतिशील नीति का सबसे बड़ा संकेतक है क्योंकि यह विविध स्रोतों से गैस के उत्पादन और दुनिया के विभिन्न हिस्सों से एलएनजी के आयात से लेकर पारदर्शी मूल्य व्यवस्था तक पूरी ऊर्जा मूल्य श्रृंखला को पूर्ण करता है। भारत के लोगों को ऊर्जा की दृष्टि से न्याय प्रदान करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि स्वच्छ, किफायती, टिकाऊ और ऊर्जा की समान आपूर्ति तक जनता की सार्वभौमिक पहुंच होनी चाहिए।
इस अवसर पर पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव श्री तरुण कपूर, पीएनजीआरबी के अध्यक्ष श्री डी. के. सराफ भी उपस्थित थे।
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