विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

सीएसआईआर ने पुनः उद्देश्य तय करने के लिए की शीर्ष 25 दवाओं की पहचान


वायरल आरएनए पॉलिमेराज के लिए सबसे ज्यादा ज्यादा भरोसेमंद दवाओं के रूप में उभरी है फैविपिरावीर, जो एक व्यापक पहुंच वाली अवरोधक है

हैदराबाद स्थित सीएसआईआर-आईआईसीटी ने फैविपिरावीर के लिए विकसित की है एक सुविधाजनक और किफायती सिंथेटिक प्रक्रिया

Posted On: 30 APR 2020 7:25PM by PIB Delhi

सीएसआईआर कोविड 19 महामारी के खिलाफ कई मोर्चों पर लड़ाई लड़ रहा है। उसका मुख्य जोर दवाओं के पुनः उद्देश्य तय करने पर है, क्योंकि नई दवाओं की तुलना में उपचार में जल्दी उपयोग किया जा सकता है जिनके विकास के लिए एक दशक की आवश्यकता है। कोविड 19 के खिलाफ दवाओं के प्रभाव तय करने के लिए वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस के मरीजों पर चिकित्सा परीक्षण किया जा रहा है।

भारत में कोरोना वायरस के मरीजों के लिए दवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में सीएसआईआर ने पुनः उद्देश्य तय करने के लिए 25 दवाओं की पहचान की है। इन शीर्ष 25 दवाओं में से वायरल आरएनए पॉलिमेराज की एक व्यापक पहुंच वाली अवरोधक फैविपिरावीर सबसे ज्यादा भरोसेमंद दवाओं के रूप में उभरी है। फैविपिरावीर को फ्यूजीफिल्म टोयामा केमिकल लिमिटेड ने विकसित किया था और सामान्य इंफ्लुएंजा के लिए एक स्वीकृत उपचार है, जिसका विपणन रूस, चीन तथा जापान में किया जाता है।

हैदराबाद स्थित सीएसआईआर-आईआईसीटी ने फैविपिरावीर के लिए एक सुविधाजनक और किफायती सिंथेटिक प्रक्रिया विकसित की है। उद्योग के साथ एक सामूहिक प्रयास के तहत सीएसआईआर-आईआईसीटी ने फैविपिरावीर के फार्मा ग्रेड एपीआई की पूरी प्रक्रिया और पर्याप्त मात्रा एक अग्रणी दवा कंपनी सिप्ला को हस्तांतरित कर दी है। सिप्ला भारत में कोविड-19 के खिलाफ इस दवा की पेशकश से पहले कई जांच करेगी। सिप्ला ने फैविपिरावीर को भारत में पेश करने के लिए नियामकीय प्राधिकरण डीसीजीआई से संपर्क कर स्वीकृति मांगी है। फैविपिरावीर एक जेनरिक दवा है और इसे पहले से इंफ्लुएंजा के उपचार के लिए उपयोग किया जा ररहा है। साथ ही चीन, जापान और इटली जैसे कई देशों में कोविड-19 के लिए चिकित्सा परीक्षण चल रहा है। आईसीएमआर के संरक्षण में सिप्ला, सिप्लेंजा के रूप में उत्पाद के विपणन से पहले उपयुक्त सीमित परीक्षण कराएगी।

सीएसआईआर और सिप्ला का भारत और वैश्विक स्तर पर किफायती दवाओं के क्षेत्र में मिलकर काम करने का पुराना इतिहास रहा है। सीएसआईआर की प्रयोगशालाओं में एचआईवी जेनरिक दवाओं के लिए कई तकनीकों की स्थापना की गई है और सिप्ला ने दुनिया भर में एचआईवी मरीजों के लिए सफलतापूर्वक किफायती उपचार उपलब्ध कराया है, जिससे लाखों लोगों की जिंदगी बचाना संभव हुआ है। उन्होंने सरकार को भरोसा दिलाया है कि वे ऐसा ही फैविपिरावीर के मामले में करेंगे।

 

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एएम/एमपी/ (सीएसआईआर)


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