Posted On:
28 APR 2020 7:33PM by PIB Delhi
दुनिया भर में छह क्षेत्रीय विशिष्ट मौसम विज्ञान केंद्र (आरएसएमसी) और पांच क्षेत्रीय उष्णकटिबंधीय चक्रवात चेतावनी केंद्र (टीसीडब्ल्यूसी) हैं जो उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के लिए परामर्श जारी करने और नामकरण करने के लिए स्थापित किए गए हैं।
भारत मौसम विज्ञान उन छह आरएसएमसी में से एक है जो बांग्लादेश, भारत, ईरान, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, कतर, सउदी अरब, श्रीलंका, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात और यमन सहित डब्ल्यूएमओ/ईएससीएपी पैनल में शामिल 13 सदस्य देशों को उष्णकटिबंधीय चक्रवात और तूफान के बारे में परामर्श जारी करता है।
आरएसएमसी, नई दिल्ली को बंगाल की खाड़ी (बीओबी) और अरब सागर (एएस) सहित उत्तर हिंद महासागर (एनआईओ) में विकसित होने वाले उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नामकरण के लिए भी अधिकृत किया गया है।
उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का नामकरण वैज्ञानिक समुदाय, आपदा प्रबंधकों, मीडिया और आम जनता की निम्नलिखित कार्यों में मदद करता है:
- प्रत्येक चक्रवात की अलग-अलग पहचान करने में।
- इसके विकास के बारे में जागरूकता पैदा करने में।
- किसी क्षेत्र पर टीसी की एक साथ आने की स्थिति में भ्रम को दूर करने में।
- टीसी को आसानी से याद रखने में।
- त्वरित और प्रभावी तौर पर व्यापक आबादी के बीच चेतावनी प्रसारित करने में।
इसलिए विभिन्न महासागर में पैदा होने वाले उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का नामकरण संबंधित आरएसएमसी और टीसीडब्ल्यूसी द्वारा नामित किया जाता है। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर सहित उत्तर हिंद महासागर के लिए आरएसएमसी, नई दिल्ली को एक मानक प्रक्रिया के जरिये उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नामकरण के लिए अधिकृत किया गया है।
वर्ष 2000 में मस्कट में आयोजित उष्णकटिबंधीय चक्रवात (पीटीसी) पर डब्ल्यूएमओ/ ईएससीएपी पैनल के सत्रहवें सत्र में ओमान के सल्तनत ने बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों को नाम देने के लिए सैद्धांतिक तौर पर सहमति जताई थी। सदस्य देशों के बीच लंबे विचार-विमर्श के बाद सितंबर 2004 से उत्तर हिंद महासागर में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का नामकरण शुरू हुआ। इस सूची में डब्ल्यूएमओ/ ईएससीएपी पीटीसी के तत्कालीन आठ सदस्य देशों: बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड द्वारा नाम प्रस्तावित किए गए थे। इस सूची से अंतिम नाम (अंफान) को छोड़कर लगभग सभी नामों का उपयोग अब तक किया जाता रहा है।
सितंबर 2018 में ओमान में आयोजित डब्ल्यूएमओ/ ईएससीएपी पीटीसी के 45वें सत्र के दौरान निर्णय लिया गया था कि पांच नए सदस्य देशों यानी ईरान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन (कुल 13 सदस्य देश) के प्रतिनिधित्व के साथ उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नामों की एक नई सूची तैयार की जाए। इस सत्र में डब्ल्यूएमओ/ ईएससीएपी पीटीसी ने भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की ओर से डॉ. मृत्युंजय महापात्र को पैनल सदस्य देशों के बीच तालमेल बनाने और मानक प्रक्रिया का पालन करने वाले नामों की सूची को अंतिम रूप देने और कार्यान्वयन योजना का सुझाव देने के लिए नामित किया।
उनकी की रिपोर्ट को शुरू में भारत द्वारा म्यांमार की ने पई में 9 से 13 सितंबर 2019 को आयोजित डब्ल्यूएमओ/ ईएससीएपी पीटीसी के 46 वें सत्र के दौरान प्रस्तुत किया गया था।
काफी विचार-विमर्श के बाद अंत में अप्रैल, 2020 में आम सहमति के साथ डब्ल्यूएमओ/ ईएससीएपी पीटीसी द्वारा रिपोर्ट को अपना लिया गया।
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एएम/एसकेसी