आर्थिक मामलों की मंत्रिमण्डलीय समिति (सीसीईए)
कैबिनेट ने पूर्वोत्तर प्राकृतिक गैस पाइपलाइन ग्रिड की स्थापना के लिए इन्द्रधनुष गैस ग्रिड लिमिटेड को ‘वीजीएफ’ के रूप में पूंजीगत अनुदान देने को मंजूरी दी
Posted On:
08 JAN 2020 3:11PM by PIB Delhi
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने निम्नलिखित को अपनी मंजूरी दे दी है –
- इन्द्रधनुष गैस ग्रिड लिमिटेड की पूर्वोत्तर गैस ग्रिड परियोजना को कम पड़ रही राशि के इंतजाम (वायबिलिटी गैप फंडिंग या वीजीएफ) /पूंजीगत अनुदान के साथ मंजूरी दी गई है, जो 9265 करोड़ रुपये (निर्माण के दौरान ब्याज सहित) की अनुमानित लागत का 60 प्रतिशत होगा। वीजीएफ राशि अनुमानित परियोजना लागत का अधिकतम 60 प्रतिशत होगी और इसे पूंजीगत लागत में होने वाली वृद्धि से नहीं जोड़ा जाएगा।
- पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय इस परियोजना से जुड़े प्रमुख कार्यकलापों के लिए विशिष्ट उपलब्धियों की पहचान करेगा और इसके साथ ही परियोजना से जुड़े पूंजीगत अनुदान को जारी करने के लिए इससे जोड़ेगा।
- परियोजना के कार्यान्वयन की प्रभावकारी निगरानी के लिए एक समिति गठित की जा सकती है, जिसमें पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, व्यय विभाग, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और उर्वरक विभाग के अधिकारी शामिल होंगे। यह समिति समय-समय पर परियोजना के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करेगी और इसके कार्यान्वयन से जुड़े किसी भी मुद्दे को सुलझाने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी।
इस पाइपलाइन की कुल लम्बाई 1656 किलोमीटर है और अनुमानित परियोजना लागत 9265 करोड़ रुपये है। योजना के अनुसार, गैस पाइपलाइन ग्रिड को पूर्वोत्तर क्षेत्र के 8 राज्यों यथा अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा में विकसित किया जाएगा।
पूंजीगत अनुदान के तहत विभिन्न प्रकार के उपभोक्ताओं यथा औद्योगिक, पीएनजी (घरेलू), सीएनजी (परिवहन) इत्यादि को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति की जाएगी और इससे द्रव ईंधनों को प्रतिस्थापित करने में काफी मदद मिलेगी। पाइपलाइन ग्रिड उपभोक्ताओं के लिए प्राकृतिक गैस की विश्वसनीय एवं निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करेगा जो, अन्यथा, देश के इस हिस्से में विभिन्न कारणों से काफी हद तक प्रभावित होती रही है।
इस पूरे क्षेत्र में प्राकृतिक गैस की उपलब्धता से पर्यावरण पर प्रतिकूल असर पड़े बगैर ही औद्योगिक विकास को काफी बढ़ावा मिलने की आशा है और इसके साथ ही स्वच्छ एवं हरित ईंधन का उपयोग होने की बदौलत लोगों का जीवन स्तर बेहतर होगा ।
सामाजिक-आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ
- पूर्वोत्तर क्षेत्र के 8 राज्यों यथा अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा में औद्योगिक माहौल विकसित होगा।
- पर्यावरण अनुकूल ईंधन ‘प्राकृतिक गैस’ का उपयोग बढ़ने से केरोसीन, लकड़ी इत्यादि के उपयोग में कमी आएगी, जिससे इस क्षेत्र में पर्यावरण बेहतर हो जाएगा।
- इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों का जीवन स्तर बेहतर होगा।
- इससे उत्खनन या खोज और उत्पादन संबंधी कार्यकलापों को बढ़ावा मिलेगा और इसके साथ ही यह क्षेत्रीय गैस स्रोतों को पाइपलाइन नेटवर्क से जोड़ेगा, जिससे इस क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधनों का शीघ्र मुद्रीकरण संभव हो पाएगा।
- परिवहन लागत में कमी करने हेतु एलपीजी (रसोई गैस) के लिए बॉटलिंग प्लांट लगाने की संभावनाओं को तलाशा जा सकता है। इस क्षेत्र में एलपीजी और अन्य मूल्य वर्धित उत्पादों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकती है, जिससे इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों को ऊर्जा सुरक्षा मिलेगी।
पृष्ठभूमि :
गैस आधारित अर्थव्यवस्था का मार्ग प्रशस्त करने और देश के प्राथमिक ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए सरकार पूरी तरह ध्यान केन्द्रित करते हुए अनेक अहम कदम उठा रही है, जिनमें देश में गैस उत्पादन बढ़ाना; पाइपलाइनों, शहरी गैस वितरण (सीजीडी) नेटवर्कों एवं पुनर्गैसीकृत तरलीकृत प्राकृतिक गैस (आर-एलएनजी) टर्मिनलों सहित गैस संबंधी अवसंरचना को तेजी से विकसित करना और गैस अवसंरचना तक मुक्त पहुंच सुनिश्चित करके गैस बाजार को विकसित करना शामिल हैं।
पूर्वोत्तर क्षेत्र में प्राकृतिक गैस पाइपलाइन ग्रिड को विकसित एवं संचालित करने के उद्देश्य से इन्द्रधनुष गैस ग्रिड लिमिटेड (आईजीजीएल) का गठन 10 अगस्त, 2018 को हुआ था, जो 5 सीपीएसयू (केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम) यथा आईओसीएल, ओएनजीसी, गेल, ऑयल इंडिया लिमिटेड एवं एनआरएल की एक संयुक्त उद्यम कंपनी है। पूर्वोत्तर क्षेत्र गैस पाइपलाइन ग्रिड को विकसित करने के लिए पीएनजीआरबी ने 14 सितम्बर, 2018 को आईजीजीएल को अनंतिम अधिकार-पत्र भी जारी किया है।
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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/आरआरएस/वाईबी-5170
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