संस्कृति मंत्रालय
संस्कृति मंत्रालय : वर्षांत समीक्षा 2019
Posted On:
03 JAN 2020 1:01PM by PIB Delhi
संस्कृति मंत्रालय मूर्त और अमूर्त दोनों रूप में भारत की समृद्ध कला और संस्कृतिक के संरक्षण और प्रोत्साहन के प्रति संकल्पबद्ध है। इसके लिए मंत्रालय और उसके स्वशासी निकायों ने पूरे वर्ष कार्य किया। इस वर्ष मंत्रालय के महत्वपूर्ण कार्य आकर्षणों में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाना, कुंभ मेला में 29 दिनों का संस्कृति कुंभ का आयोजन, 10वां राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव का आयोजन, राष्ट्रीय आजाद हिंद सरकार की 76वीं वर्षगांठ मनाने के लिए आयोजन, महाराष्ट्र के वास्तु सौन्दर्य मार्कन्डेश्वर मंदिर का पुनः स्थापन कार्य तथा एक भारत श्रेष्ठ भारत समारोहों का आयोजन है।
- 10 जनवरी, 2019 से कुंभ मेला क्षेत्र प्रयागराज में 29 दिनों का सांस्कृतिक कार्यक्रम संस्कृति कुंभ का आयोजन
10 जनवरी, 2019 से कुंभ मेला क्षेत्र प्रयागराज में 29 दिनों का सांस्कृतिक कार्यक्रम संस्कृति कुंभ का आयोजन किया गया। संस्कृति मंत्रालय ने संस्कृति कुंभ का आयोजन किया। इसका उद्देश्य भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दिखाना था। इसके लिए एक ही स्थान पर लोककला, जनजातीय तथा शास्त्रीय कला, दस्तकारी, व्यंजन और प्रदर्शनियों का आयोजन किया गया।
संस्कृति कुंभ के बैनर तले एनसीजेडसीसी के परिसर में राष्ट्रीय शिल्प मेला आयोजित किया गया। जहां हस्तकला तथा दस्तकारों के कौशल को लाइव रूप में दिखाने के लिए शिल्प हाट बनाए गए थे। प्रयागराज में कुंभ मेला में ‘प्रवासी भारतीय दिवस’ सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों के लिए विशेष प्रबंध किये गए थे। रंगारंग सम्मेलन में लगभग 10,000 लोगों ने भाग लिया। राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोंविद ने परमार्थ निकेतन शिविर में तीन दिवसीय गांधीवादी पुनरूत्थान सम्मेलन का उद्घाटन किया। सम्मेलन में देश भर के लगभग 300 गांधीवादियों और संगठनों ने भाग लिया।
- प्रधानमंत्री को उपहार में मिले स्मृति चिन्हों की नीलामी दो भागों में यानी जनवरी और सितंबर 2019 में आयोजित की गई
संस्कृति मंत्रालय की राष्ट्रीय आधुनिक कला गैलरी द्वारा प्रधानमंत्री को उपहार में मिले स्मृति चिन्हों की भौतिक नीलामी का आयोजन किया गया। यह नीलामी 28 जनवरी, 2019 को समाप्त हुई और भौतिक नीलामी में बची सामग्रियों की ई-नीलामी 29 से 31 जनवरी, 2019 तक पोर्टल www.pmmementos.gov.in पर की गई।
नीलामी से प्राप्त राशि नमामी गंगे के पुण्यकार्य के लिए दान में दी जाती है।
प्रधानमंत्री को प्राप्त उपाहरों की दूसरी नीलामी नई दिल्ली के राष्ट्रीय आधुनिक कला गैलरी में 14 सितंबर से 3 अक्टूबर, 2019 तक आयोजित की गई। उपहारों में 576 शॉल, 964 अंग वस्त्रम, 88 पगड़ियां और विभिन्न जैकेट शामिल थे जो हमारे देश की विविध और रंगारंग संस्कृति दिखा रहे थे। एनजीएमए में आयोजित भौतिक नीलामी का प्रमुख आकर्षण हाथ से बनाई गई लकड़ी की बाइक थी जो सफलतापूर्वक 5 लाख रुपये में नीलाम हुई। इसी तरह की बोली एक विशिष्ट पेंटिंग के लिए लगाई गई जिसमें रेलवे प्लेटफार्म पर प्रधानमंत्री मोदी को दिखाया गया था। यह रेल के साथ नरेन्द्र मोदी के विशेष लगाव की कलात्मक अभिव्यक्ति थी।
- नोएडा में 30 जनवरी, 2019 को राष्ट्रीय संग्रहालय के नए परिसर का उद्घाटन
राष्ट्रीय संग्रहालय संस्थान के नए परिसर का उद्घाटन ए-19, सेक्टर 62, नोएडा (संस्थागत क्षेत्र) में 30 जनवरी, 2019 को किया गया। इस अवसर पर 4 नए पाठ्यक्रमों - (1) पुरातत्व; (2) प्राचीन शिलालेख अध्ययन; पुरालेख विद्या तथा ढाल कर बनाए गए सिक्कों का अध्ययन (3) ढांचागत संरक्षण (4) और सांस्कृतिक तथा विरासत प्रबंधन - को शुरू करने का प्रस्ताव किया गया। इन नियमित पाठ्यक्रमों के अंतर्गत संस्थान में 5 महीने का लघु अवधि का पाठ्यक्रम कला प्रशंसा तथा भारतीय कलानिधि (हिन्दी) चलाने का प्रस्ताव किया गया ताकि देश की मूर्त और अमूर्त विरासत के बारे में प्रचार और प्रसार हो सके।
- कुंभ मेला पर विशेष डाक टिकट 2 फरवरी को जारी किया गया
केंद्रीय रेल और संचार राज्य मंत्री श्री मनोज सिन्हा ने 2 फरवरी, 2019 को कुंभ मेला पर भारतीय डाक विभाग का विशेष डाक टिकट जारी किया। इस अवसर पर एक विशेष फर्स्ट डे कवर भी जारी किया गया। डाक टिकट का मूल्य 5 रुपये है।
- नई दिल्ली में 20वें भारत रंग महोत्सव का आयोजन
भारत का अंतर्राष्ट्रीय नाटक उत्सव भारत रंग महोत्सव (बीआरएम) के 20वें संस्करण का आयोजन राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय द्वारा किया गया। 20वें बीआरएम में 111 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय नाटक शामिल किये गए। इसमें लोक तथा परंपरागत नाट्य विधा, आमंत्रित नाटक, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के विद्यार्थियों के नाटक शामिल किये गये।
- राष्ट्रपति ने संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार 2017 प्रदान किये
राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने 6 फरवरी, 2019 को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में वर्ष 2017 के लिए संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार प्रदान किये।
- आगरा किला और ताज महल के बीच ताज कॉरिडोर पर ताज व्यू गार्डन की आधारशिला 14 फरवरी को रखी गई
आगरा किला और ताज महल के बीच ताज कॉरिडोर पर ताज व्यू गार्डन की आधार शिला 14 फरवरी, 2019 को रखी गई।
ताज व्यू गार्डन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा मुगलकाल के चारबाग गार्डन की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है। ताज महल के पूर्वी द्वार पर आगंतुक सुविधा केंद्र के निकट एक स्थायी फोटो प्रदर्शनी लगाई गई।
- वाराणसी के दशाश्वमेध घाट के निकट मन-महल में वर्चुअल एक्सपेरीमेंटल संग्रहालय स्थापित
संस्कति मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद (एनसीएसएम) द्वारा वर्चुअल एक्सपेरीमेंटल संग्रहालय स्थापित किया गया है। इस संग्रहालय की डिजाइनिंग और क्यूरेशन में कला और सांस्कृतिक विरासत के लिए भारतीय राष्ट्रीय ट्रस्ट (आईएनटीएसीएच) ने सहायता दी। संग्रहालय में दिखाए जाने वाले विभिन्न वृत्तचित्रों के पटकथा लेखन में भी ट्रस्ट ने सहायता दी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअल एक्सपेरीमेंटल संग्रहालय (वीईएम) का उद्घाटन किया। संग्रहालय भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन केंद्रीय संरक्षित स्मारक है। मन-महल वाराणसी में पवित्र दशाश्वमेध घाट के निकट गंगा तट पर स्थित है।
- नई दिल्ली के लाल किला परिसर में एएसआई द्वारा बनाया गया आजादी के दिवाने संग्रहालय देश के स्वतंत्रता संग्राम के अनाम सेनानीयो के प्रति श्रृद्धांजलि है
आजादी के दिवाने संग्रहालय का उद्घाटन 4 मार्च, 2019 को लाल किले में किया गया। इसे भारतीय पुरातत्व संरक्षण (एएसआई) ने बनाया है। लाल किला परिसर के अंदर बना यह संग्रहालय भारतीय संग्राम के अनाम सेनानीयो के प्रति श्रृद्धांजलि है, अन्यथा ये अनाम सेनानी भुला दिये जाते।
- संस्कृति मंत्रालय की राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद ने नवाचारों तथा आविष्कारों पर सबसे बड़ी इंटरएक्टिव ऑनलाइन प्रदर्शनी के लिए गुगल आर्ट्स एंड कल्चर से सहयोग किया
संस्कृति मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद (एनसीएसएम) ने नवाचारों और आविष्कारों पर सबसे बड़ी ऑनलाइन प्रदर्शनी ‘वन्स अपॉन ए ट्राई’ : एपिक जर्नी इनवेंशन एंड डिस्कवरी के लिए गुगल आर्ट्स एंड कल्चर से सहयोग किया। इस सहयोग का उद्देश्य इंटरएक्टिव ऑनलाइन प्रदर्शनी के रूप में मानवता के महानतम नवाचारों और आविष्कारों को तलाशना है। ऑनलाइन प्रदर्शनी 7 मार्च, 2019 को लॉन्च की गई।इसमें 23 देशों के 110 प्रसिद्ध संस्थानों के संग्रह, कहानियों और ज्ञान को शामिल किया गया, जो महान आविष्कारों और इनके पीछे कार्य को अंजाम देने वाले मस्तिष्कों की जानकारी देते हैं।
- भारतीय स्वतंत्रता संग्राम (1857-1947) के शहीदों का कोश जारी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली के लोक कल्याण मार्ग पर 7 मार्च, 2019 को आयोजित समारोह में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों का कोश जारी किया। पांच खंड के इस कोश में 1857 में भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों की गाथा से लेकर 1947 में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों की गाथाओं को शामिल किया गया है। इस कोश में जलियांवाला बाग नरसंहार के शहीदों, असहयोग आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन के शहीदों तथा शहादत प्राप्त करने वाले आजाद हिंद फौज के सैनिकों को शामिल किया गया है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों के कोश के संकलन की परियोजना संस्कृति मंत्रालय ने 1857 के विद्रोह की 150वीं वर्षगांठ मनाने के लिए भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (आईसीएचआर) को दी।
- प्रधानमंत्री द्वारा उत्तर प्रदेश के नोएडा में पंडित दीनदयाल उपाध्याय पुरातत्व संस्थान का उद्घाटन
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 9 मार्च, 2019 को उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में पंडित दीनदयाल उपाध्याय पुरातत्व संस्थान का उद्घाटन किया। उसी दिन परिसर में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का अनावरण किया गया और दीनदयाल संग्रहालय का उद्घाटन किया गया। यह अत्याधुनिक संस्थान 289 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 25 एकड़ क्षेत्र में बना है। संस्थान में एक सभागार है जिसकी क्षमता 1000 लोगों के बैठने की है। ओपन एयर थियेटर और पुरातत्व संग्रहालय है। पुरातत्व संस्थान संस्कृति मंत्रालय के एएसआई का अकादमिक प्रभाग है।
- संस्कृति मंत्रालय ने अमरनाथ यात्रा कार्यक्रम के लिए बालटाल में 103.7 मेगाहर्ट्स फ्रीक्वेंसी पर एफएम रेडियो ट्रांसमीटर स्थापित करने में सहायता दी
पहली बार संस्कृति मंत्रालय के अनुरोध पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने अमरनाथ यात्रा मार्ग पर बालटाल में 103.7 मेगाहर्ट्स फ्रीक्वेंसी पर एफएम रेडियो ट्रांसमीटर स्थापित किया। बालटाल शिविर में स्टूडियो सुविधा बनाई गई और बालटाल बेस कैंप से अमरनाथ यात्रा कार्यक्रम प्रारंभ किया गया। पहलगाम ट्रांसमीटर को भी बालटाल से जोड़ा गया। आकाशवाणी ने भीड़ प्रबंधन, मौसम, स्वास्थ्य तथा अन्य अलर्ट पर नियमित सेवा दी। संस्कृति मंत्रालय द्वारा यात्रा के लिए उच्च कोटि के विषयों पर भक्ति संगीत प्रदान किया गया। भक्ति संगीत में मंत्र, श्लोक तथा शिव, पार्वती और गणेश पर संदर्भ पूर्ण भजन शामिल किये गए थे। इसके लिए अग्रणी संगीत निदेशकों तथा गायकों को बुलाया गया था। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अंतर्गत सांस्कृति ऑडियो विजुअल अभिलेखों से विषय पुरातत्व के विषय लिये गए।
- गुलाबी शहर जयपुर के रूप में भारत को 38वां विश्व यूनेस्को विरासत स्थल पुरस्कार प्राप्त हुआ
अजरबैजान के बाकू में विश्व विरासत समिति की 43वीं बैठक के दौरान राजस्थान के जयपुर शहर पर भारत का प्रस्ताव 6 जुलाई, 2019 को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में अंकित किया गया। जयपुर शहर का नामांकन 2017 के विभिन्न यूनेस्को के दिशा-निर्देशों के अनुरूप किया गया। जयपुर शहर के नाम के सफल अंकन के साथ भारत के पास 38 विश्व विरासत स्थल हैं। इनमें 30 सांस्कृतिक संपत्तियां, 7 प्राकृतिक संपत्तियां और एक मिश्रित स्थल है।
- भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा महाराष्ट्र में मार्कन्डेश्वर मंदिर के पुरातत्व सौंदर्य के पुनः स्थापन का काम प्रारंभ
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा महाराष्ट्र में मार्कन्डेश्वर मंदिर के पुनः स्थापन का कार्य जुलाई, 2019 में प्रारंभ किया गया।मार्कंडदेव का यह मंदिर विदर्भ के खजुराहो के रूप में प्रसिद्ध है और यह महाराष्ट्र के गढ़चिरोली जिले में बाणगंगा नदी के तट पर है। संरक्षण प्रक्रिया चलाने के लिए मंदिर की मैपिंग की गई। मैंपिक के उद्देश्य से विस्तृत प्रलेखन प्रक्रिया प्रारंभ की गई।
- एडवांसड एलईडी लाइट से नई दिल्ली का ऐतिहासिक सफदरजंग मकबरा रोशन किया गया
सफदरजंग मकबरा प्रतिवर्ष हजारों पर्यटकों को आकर्षित करने वाले ऐतिहासिक स्मारक है। और यह दिल्ली के इतिहास का गौरवशाली रत्न है। 17वीं शताब्दी का यह मुगलकालीन स्मारक पुरातत्व सौन्दर्य का प्रतीक है और इसे रोशन किया गया। सफदरजंग मकबरे के मेहराबों और मीनारों सहित मकबरे के पुरातत्व सौन्दर्य को दिखाने के लिए कुल 213 प्रौद्योगिकी दृष्टि से अग्रणी एलईडी लाइट से रोशन किया गया। एलईडी लाइट में बिजली की बचत होती है और इसमें 62 प्रतिशत कम बिजली की खपत होती है।
- संस्कृति मंत्रालय की सीनियर/ जूनियर फेलोशिप योजना में अनुदान के लिए नेपाली तथा संथाली भाषाओं को शामिल किया गया
संस्कृति मंत्रालय संस्कृति के क्षेत्र में असाधारण कलाकारों के लिए सीनियर/ जूनियर फेलोशिप योजना चलाता है। फेलोशिप शोध परियोजनाओं के लिए प्रदान किये जाते हैं। सांस्कृतिक संसाधन तथा प्रशिक्षण केंद्र (सीसीआरटी), द्वारका अंतिम चयन प्रक्रिया तक सीनियर/ जूनियर फेलोशिप योजना लागू करने के लिए नोडल संस्थान है। साहित्यिक कला योजना का ऐसा क्षेत्र है, जहां 22 भाषाओं में शोध के लिए उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं। भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची की शेष दो भाषाओं यानी नेपाली तथा संथाली को साहित्य क्षेत्र के उप क्षेत्र के रूप में शामिल किया गया। यह योजना घटक संस्कृति के क्षेत्र में असाधारण कलाकारों को सीनियर/ जूनियर फेलोशिप प्रदान करने के अंतर्गत है।
- दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व सहायता के अंतर्गत खरीदी गई मोबाइल लाइब्रेरी बसें लॉन्च की
दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी की ‘घर घर दस्तक घर घर पुस्तक’ योजना के अंतर्गत भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व सहायता के अंतर्गत खरीदी गई मोबाइल लाइब्रेरी बसें लॉन्च की गई। इसका उद्देश्य दिल्ली के नागरिकों विशेष कर झुग्गी-झोपड़ियों, पुनर्वास कॉलोनियों तथा ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों को पुस्तकें प्रदान करना है।
- महाराष्ट्र के फूपगांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की खुदाई में लौहयुग की बस्ती के संकेत मिले हैं
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा महाराष्ट्र के फूपगांव में की गई खुदाई से विदर्भ क्षेत्र में लौहयुग की बस्ती का साक्ष्य मिला है। एएसआई द्वारा खुदाई का कार्य दिसंबर, 2018 से मार्च, 2019 के बीच किया गया। एएसआई के दल ने महाराष्ट्र के अमरावती जिले में चंदूर बाजार से फूपगांव (उत्तर 21° 24’ 00.6” पूर्व 77° 54’ 11.6”) के पूर्णा बेसिन के दरियापुर के बीच व्यापक सर्वे किया। यह स्थल विशाल घुमावदार पूर्णानदी के निकट है। पूर्णानदी तापी नदी की प्रमुख सहायक नदी है। तापी में पहले 12 मास पानी रहता था। लेकिन अब ऊपरी छोर पर बांध निर्माण के कारण नदी पूरी तरह से सूख गई है। यह स्थल नदी से 20 किलोमीटर दूर है और पहले के समय में भारी जल प्रवाह के दौरान इसके एक तिहाई हिस्से में लगातार गिरावट आदी रही। एएसआई का मत है कि फूपगांव में खुदाई में पूर्णा नदी बेसिन के लौहयुग के लोगों की जानकारी मिली है। अवधि क्रम के अनुसार इस स्थल को 7वीं शताब्दी बीसीई तथा 4थी शताब्दी बीसीई के बीच रखा जा सकता है। विदर्भ के लौहयुग के आगे के पहलुओं का पता लगाने के लिए विस्तृत अध्ययन कार्य किया जा रहा है।
- महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर भारतीय पुरातत्व संस्थान द्वारा आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस के सहयोग से ‘मनु गांधी की डायरी’ (1943-44) लॉन्च की गई
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर भारतीय पुरातत्व संस्थान द्वारा आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस के सहयोग से प्रकाशित ‘मनु गांधी की डायरी’ (1943-44) नई दिल्ली नेहरू स्मृति संग्रहालय के सभागार में आयोजित समारोह में लॉन्च की गई। मौलिक मनू गांधी की डायरी गुजराती भाषा में है और इसका संपादन और अनुवाद गांधीवादी बौद्धिक परंपरा को समझने वाले विद्वान डॉ. त्रिदीप शुरूड़ ने किया है। प्रथम खंड में 1943-44 की अवधि को शामिल किया गया है।
- 6 राज्यों में 517 स्थानीय निकायों के लिए राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकार की एकल खिड़की मंजूरी प्रणाली एकीकृत एनओएपीएस लॉन्च की गई।
संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रहलाद सिंह पटेल द्वारा नई दिल्ली में छह राज्यों के 517 स्थानीय निकायों के लिए राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (एनएमए) के लिए एक एकीकृत एनओसी ऑनलाइन एप्लीकेशन प्रोसेसिंग सिस्टम URL: http://nmanoc.nic.in/ पर सार्वजनिक डोमेन में लॉन्च किया गया । एएसआई संरक्षित स्मारकों के निषिद्ध और विनियमित क्षेत्र में निर्माण संबंधी कार्यों के लिए एनओसी का अनुरोध करने वाले आवेदनों की ऑनलाइन प्रक्रिया को इस प्रणाली के साथ सरल बनाया गया है। छह नए राज्य अब शहरी स्थानीय निकायों की गणना के साथ इस एकीकृत ऑनलाइन आवेदन पोर्टल का एक हिस्सा हैं। इस पोर्टल को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के स्मार्ट 'स्मार्क' मोबाइल ऐप के साथ एकीकृत किया गया है, जिसके माध्यम से आवेदक अपने प्लॉट और जियो का पता लगाता है। छवियों के साथ उनके प्लॉट के निर्देशांक निकटता और अनुमोदन की स्थिति के साथ एनआईसी पोर्टल में अपलोड किए जाते हैं।
- ताजमहल परिसर में जल संरक्षण प्रणाली तथा बेबीकेयर और फिडिंग कक्ष बनाया गया
ताजमहल परिसर में जल संरक्षण प्रणाली तथा बेबीकेयर और फिडिंग कक्ष बनाया गया है इसका उद्घाटन 29 अगस्त, 2019 को संस्कृति तथा पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) द्वारा किया गया। जल संरक्षण प्रणाली के अंतर्गत आरओ प्रणाली से आ रहे 10,000 लीटर जल को विरासत स्थल परिसर में स्थापित जगह पर रखा जाता है।
- एएसआई द्वारा बनाई गई जब्त और पुनःप्राप्त पुरातन वस्तुओं की गैलरी में लोगों के लिए जब्त और प्राप्त की गई पुरातन सामग्रियां दिखाई गई
एएसआई द्वारा बनाई गई जब्त और पुनःप्राप्त पुरातन वस्तुओं की गैलरी में लोगों के लिए जब्त और प्राप्त की गई पुरातन सामग्रियां दिखाई गई है। यह गैलरी पुराने किले के मेहराब खाने में है। पिछले 5 वर्षों में सबसे अधिक पुरातन कृतियों को जब्त किया गया है। एएसआई ने अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, जर्मनी, कनाडा तथा इंग्लैंड से चुरायी गई 44 पुरातर कृतियों की पुनःप्राप्ति की। 119 पुरातन कृतियां पुनःप्राप्ति की प्रक्रिया में हैं। एएसआई के प्रयासों के कारण पिछले कुछ वर्षों में केंद्रीय संरक्षित स्मारकों और एएसआई के अंतर्गत आने वाले आने वाले स्थलों से चोरी की कोई घटना नहीं हुई है।
- कुतुबमीनार का पहली बार एलईडी लाइट्स से पुरातत्व सौन्दर्य रोशन किया गया
31 अगस्त, 2019 को संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रबभार) श्री प्रहलाद सिंह पटेल द्वारा रोशनी में नहाए ऐतिहासिक कुतुबमीनार का उद्घाटन किया गया।
कुतुब मीनार के मेहराबों और मीनारों सहित उसके पुरातत्व सौन्दर्य को एंडवान्स्ड एलईडी लाइट से रोशन किया गया। एलइडी लाइट के उपयोग से सामान्य बिजली की तुलना में 62 प्रतिशत बिजली की खपत होती है। मीनारों के अतिरिक्त रास्तों और कुतुब मीनार के आसपास छोटे ढांचों को भी रोशनी से सजाया गया। इसमें प्रकाश और छाया के सहारे स्मारक के सौन्दर्य को निखारा गया। यह प्रकाश कार्यक्रम शाम 7 बजे से रात 11 बजे तक रोजाना किया जाता है और इस पर 16,615 रुपये का मासिक खर्च आता है, जो पूरे वर्ष के लिए 1,99,388 रुपये होता है।
- पूरे लद्दाख क्षेत्र के लिए लेह में आयोजित एनसीएसएम की पहली मोबाइल विज्ञान प्रदर्शनी
पूरे लद्दाख क्षेत्र के लिए लेह में प्रथम मोबाइल विज्ञान प्रदर्शनी को केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने 5 सितंबर, 2019 को हरी झंडी दिखाई।
मोबाइल विज्ञान प्रदर्शनी (एमएमई) कार्यक्रम मूल रूप से मोबाइल साइंस म्यूज़ियम (एमएसएम) के रूप में 1965 में शुरू किया गया था। इसका मिशन था कि 'अगर लोग संग्रहालय नहीं जा सकते, तो संग्रहालय को लोगों के घर पर जाने दें'। यह एनसीएसएम का सबसे बड़ा और सबसे लंबा चलने वाला आउटरीच कार्यक्रम है। गै-पारंपरिक विज्ञान शिक्षा मोड के साथ औपचारिक शिक्षा के पूरक के रूप में सफल है। यह वैज्ञानिक जागरूकता पैदा करने और युवाओं में वैज्ञानिक और सृजनात्मक क्षमता विकसित करता है।
- केंद्रीय संस्कृति मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ब्राजील के कुरितिषा में ब्रिक्स संस्कृति मंत्रियों की बैठक में भाग शामिल हुए
केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने ब्राजील के कुरितिबा में आयोजित ब्रिक्स संस्कृति मंत्रियों की बैठक में भाग लिया। इस अवसर पर श्री पटेल ने कहा कि भारत ब्रिक्स के साथ उभरते हुए अपने जुड़ाव को महत्व देता है। ब्रिक्स पारस्परिक हित के समकालीन वैश्विक मुद्दों पर परामर्श, समन्वय और सहयोग के लिए मूल्यवान मंच के रूप में ऊभरा है और आपसी समझ को बढ़ावा देने में मदद की है। नवंबर-दिसंबर, 2019 के दौरान ब्रिक्स एलायंस ऑफ़ म्यूज़ियम और आर्ट गैलरीज़ के संयुक्त तत्वावधान में बॉन्डिंग क्षेत्र और इमेजिनिंग कल्चरल सिनर्जीज़ की संयुक्त प्रदर्शनी का आयोजन भारत की राष्ट्रीय आधुनिक गैलरी द्वारा किया जा रहा है। श्री पटेल ने सहयोग के तहत एक और क्षेत्र यानी साहित्य के क्षेत्र में सहयोग और आदान-प्रदान को जोड़ने का प्रस्ताव रखा। इसमें साहित्य के क्षेत्र में सहयोग और आदान-प्रदान बढ़ाने के लिए और ब्रिक्स के सदस्य देशों के साहित्यकारों और कवियों के साहित्यिक कार्यों के अनुवाद को बढ़ावा देने के लिए ब्रिक्स साहित्य महोत्सव की परिकल्पना है।
- मध्य प्रदेश में 10वां राष्ट्रीय संस्कृत महोत्सव का आयोजन
एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के तहत, मध्य प्रदेश में संस्कृति मंत्रालय द्वारा 10वां राष्ट्रीय संस्कृत महोत्सव आयोजित किया गया। मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रहलाद सिंह पटेल की उपस्थिति में 14 अक्टूबर, 2019 को मध्य प्रदेश के जबलपुर में महोत्सव का उद्घाटन किया। एक भारत श्रेष्ठ भारत के बैनर तले भारत के सभी क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों के कलाकारों द्वारा व्यक्त कला रूपों यानी शास्त्रीय नृत्य, लोक नृत्य, लोक संगीत का प्रदर्शन किया। इसमें हथकरघा और हस्तशिल्प का भी प्रदर्शन किया गया। बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और कई अन्य राज्यों के व्यंजनों को भी परोसा गया। जबलपुर में इसकी समाप्ति के बाद, महोत्सव ने सागर की यात्रा की और 21 अक्टूबर, 2019 को रीवा में समाप्ति हुई।
- "डिजिटल भारत डिजिटल संस्कृतिक" के शुभारंभ के मौके पर सीसीआरटी ई-पोर्टल और यूट्यूब चैनल लॉन्च
सीसीआरटी ई-पोर्टल और यूट्यूब चैनल 20 अक्टूबर, 2019 को सेंटर फॉर कल्चरल रिसोर्सेज एंड ट्रेनिंग (संस्कृति मंत्रालय) द्वारा दिल्ली के द्वारका स्थित सीसीआरटी मुख्यालय में आयोजित “डिजिटल भारत - डिजिटल संस्कृत” कार्यक्रम में लॉन्च किया गया था।
- 'आजाद हिंद सरकार के गठन का 76वीं वर्षगांठ का आयोजन
केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने 21 अक्टूबर, 2019 को लाल किला, दिल्ली में आजाद हिंद सरकार के गठन की 76वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में भाग लिया।
- आन्ध्रप्रदेश में गोट्टीप्रोलु में पुरातत्व सर्वेक्षण की खुदाई में स्थान को प्रारंभिक ऐतिहासिक काल के व्यापार केंद्र माना गया
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के दल द्वारा आन्ध्रप्रदेश में नेल्लौर (अब श्रीपोट्टी श्री रामुलु) के निकट गोट्टीप्रोलु में पुरातत्व सर्वेक्षण की खुदाई में इस स्थान पर विशाल बस्ति को साक्ष्य मिले हैं और ईंट के घेरे मिले हैं। खुदाई में प्राप्त अन्य कृतियों में आदमकद विष्णु मूर्ती कला तथा वर्तमान युग की प्रारंभिक शताब्दियों के मिट्टी के सामान मिले। खुदाई से इस स्थान का संकेत प्रारंभिक ऐतिहासिक काल के व्यापार केंद्र के रूप में मिला है।
- यूनेस्को ने मुंबई को यूनेस्को रचनात्मक शहरों के नेटवर्क के सदस्य के रूप में और गैस्ट्रोनॉमी के क्षेत्र में हैदराबाद को नामित किया।
यूनेस्को ने मुंबई को यूनेस्को रचनात्मक शहरों के नेटवर्क के सदस्य के रूप में और गैस्ट्रोनॉमी के क्षेत्र में हैदराबाद को नामित किया।
- जलियाँवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक, 2019 संसद द्वारा पारित
जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक, 2019 संसद द्वारा राज्यसभा में पारित होने के बाद पारित किया गया है। इस विधेयक का उद्देश्य इसे गैर-राजनीतिक बनाना है। ऐसा आईएनसी के अध्यक्ष से संबंधित प्रावधान को हटाकर किया गया। विधेयकों को संशोधिक करके ट्रस्ट में लोकसभा में मान्यता प्राप्त विरोधी दल के नेता का स्थान देने का प्रावधान है। यदि विपक्ष का कोई नेता नहीं है तो सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को शामिल करने का प्रावधान है।
- नेताजी सुभाष चंद्र बोस और आजाद हिंद फौज से संबंधित सभी रिकॉर्डों को गैर-वर्गीकृत करके उन्हें भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार में रखा गया
नेताजी सुभाष चंद्र बोस और आजाद हिंद फौज से संबंधित सभी रिकॉर्डों को गैर-वर्गीकृत करके भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार में रखा गया। इसी के अनुसार, स्थायी अवधारण के लिए उपर्युक्त मंत्रालयों/ कार्यालयों द्वारा कुल 304 गैर-वर्गीकृत रिकॉर्ड/ फाइलें भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार में स्थानांतरित कर दी गई हैं। 304 फाइलों में से, 303 फाइलें नेताजी वेब पोर्टल यानी www.netajipapers.gov.in पर पहले से अपलोड हैं।
- जलियाँवाला बाग की शहीदों की मिट्टी वाले कलश का राष्ट्रीय संग्रहालय में अनावरण
जलियांवाला बाग की शहीदों की मिट्टी वाले कलश को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को भेंट किया गया। बाद में, नई दिल्ली के राष्ट्रीय संग्रहालय में इसका अनावरण किया गया। राष्ट्रीय संग्रहालय में जलियाँवाला बाग की शहीदों की मिट्टी वाले कलश प्रदर्शित करने के पीछे मुख्य विचार भारत के युवाओं को विशेष रूप से बच्चों को प्रेरित करना और स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को श्रद्धांजलि देना है। संस्कृति मंत्री द्वारा पवित्र मिट्टी लाई गई थी जब उन्होंने ऐतिहासिक जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक का दौरा किया था। बलिदान की भूमि से यह मिट्टी 100 साल बाद राष्ट्रीय संग्रहालय पहुंची है।
- केंद्रीय संस्कृति मंत्री द्वारा भारत की समृद्ध मूर्त और अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के बारे में जानकारी देने वाला भारतीय संस्कृति पोर्टल लॉन्च किया गया
भारतीय संस्कृति पोर्टल को संस्कृति मंत्रालय द्वारा परिकल्पित किया गया था और इसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), बॉम्बे की एक टीम द्वारा विकसित किया गया, जबकि आंकड़ों को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (आईजीएनओयू) द्वारा किया क्यूरेट किया गया। भारत का संस्कृति पोर्टल पहला सरकारी अधिकृत पोर्टल है, जहां संस्कृति मंत्रालय के विभिन्न संगठनों के ज्ञान और सांस्कृतिक संसाधन अब एक ही मंच पर सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध हैं। यह परियोजना प्रधान मंत्री के डिजिटल इंडिया पहल का एक हिस्सा है जो समृद्ध मूर्त और अमूर्त सांस्कृतिक समृद्धि की देश-विदेश दोनों स्थानों पर जानकारी देता है।
- राष्ट्रपति ने महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती मनाने के लिए गठित राष्ट्रीय समिति की दूसरी बैठक की अध्यक्षता की
राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने 19 दिसंबर, 2019 को राष्ट्रपति भवन में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाने के लिए गठित राष्ट्रीय समिति की दूसरी बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के बाद में उपाध्यक्ष सहित राष्ट्रीय समिति के सदस्य शामिल थे। उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू; प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी; केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य; विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री तथा प्रमुख गांधीवादी बैठक में उपस्थित थे। पुर्तगाल के प्रधान मंत्री श्री एंटोनियो कोस्टा ने भी बैठक में भाग लिया। वहां एक मात्र विदेशी प्रधानमंत्री हैं, जो सदस्य हैं।
प्रधानमंत्री ने गणमान्य व्यक्तियों को संबोधित किया। उन्होंने कि जहां समय-समय पर सरकारी शताब्दी समारोहों का आयोजन किया जाता है वहीं, गांधी @ 150 समारोह केवल एक अवसर से कहीं अधिक हो गए हैं। वे जनसामान्य का कार्यक्रम बन गए हैं और यह हर भारतीय के लिए गर्व की बात है।
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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/एजी/सीएस-5110
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