कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
वर्षांत समीक्षा 2019- कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
प्रगति, विस्तार, आकांक्षाओं की पूर्ति और गुणवत्ता में सुधार पर जोर के साथ कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने कीं कई पहल
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19 DEC 2019 12:35PM by PIB Delhi
कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय देशभर में कौशल विकास प्रयासों, कुशल कार्यबल की मांग और आपूर्ति के बीच के अंतर को दूर करने, व्यावसायिक और तकनीक प्रशिक्षण तंत्र के विकास, कौशल सुधार, नए कौशल का निर्माण और न सिर्फ वर्तमान नौकरियों के लिए बल्कि नई नौकरियों के लिए योजनाएं बनाने के लिए जिम्मेदार है। मंत्रालय का उद्देश्य ‘कुशल भारत’ के अपने विजन को हासिल करने के लिए त्वरित और उच्च मानदंडों के साथ व्यापक स्तर पर लोगों को कुशल बनाना है।
मंत्रालय का विजन “त्वरित और उच्च स्तरीय मानदंडों के साथ व्यापक स्तर पर कौशल और नवाचार आधारित उद्यमशीलता को प्रोत्साहन देकर सशक्त वातावरण तैयार करना है, जिससे धनार्जन और रोजगार पैदा हो सकते हैं साथ ही देश के सभी नागरिकों के लिए टिकाऊ आजीविका सुनिश्चित हो सकती है।”
मंत्रालय ने 2019 में व्यापक बदलाव, विस्तार, आकांक्षाओं की पूर्ति और बेहतर गुणवत्ता के माध्यम से इस विजन को पूरा करने का प्रयास किया। इससे देश में कौशल के मौके और प्रशिक्षण कार्यबल में बढ़ोतरी हुई। साथ ही लोगों को उद्यमशीलता की भावना पैदा करने और सहयोग दिया जाना भी संभव हुआ। मंत्रालय द्वारा की गईं पहल इस प्रकार हैं:
बदलाव
1. राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन (एनएसडीएम): देश में कौशल विकास और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने और इस पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) की स्थापना वर्ष 2014 में की गई थी। एनएसडीएम के अंतर्गत किए गए प्रयासों से केंद्र सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों के अंतर्गत सालाना एक करोड़ से ज्यादा युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
2. कौशल भारत पोर्टल (स्किल इंडिया पोर्टल): स्किल इंडिया पोर्टल के नाम से पेश किए गए एक मजबूत आईटी प्लेटफॉर्म का उद्देश्य एक ही प्लेटफॉर्म पर विभिन्न मंत्रालयों, राज्य सरकारों, निजी प्रशिक्षण प्रदाताओं और कंपनियों से जुड़ा कौशल संबंधी डाटा उपलब्ध कराना है। इससे नीति निर्धारकों को डाटा के आधार पर फैसला लेना संभव होगा और कौशल के क्षेत्र में गलत सूचनाओं को हटाने में मदद मिलेगी। यह भारतीय नागरिकों के लिए कौशल अवसरों और इससे संबंधित सेवाओं तक पहुंच बनाने के लिए एक मात्र टच प्वाइंट साबित होगा।
विस्तार
3. औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र (आईटीआई): भारत में मौजूदा दीर्घकालिक प्रशिक्षण प्रणाली का विस्तार और आधुनिकीकरण किया गया है। वर्ष 2014 में भारत में औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्रों (आईटीआई) की संख्या 11,964 थी, जो 2018-19 तक 12 प्रतिशत बढ़कर 14,939 हो गए। इस अवधि के दौरान प्रशिक्षुओं का नामांकन 37 फीसदी बढ़कर 16.90 लाख से 23.08 लाख के स्तर पर पहुंच गया।
4. प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई): भारत में युवाओं को मुफ्त कौशल प्रशिक्षण के अवसर मुहैया कराने के लिए वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (1.0 और 2.0) पेश की गई थी। इस कार्यक्रम के अंतर्गत अभी तक लगभग 87 लाख युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। पीएमकेवीवाई 2016-19 के अंतर्गत नियुक्ति से संबद्ध कार्यक्रम के अंतर्गत 54 फीसदी प्रशिक्षुओं को रोजगार मिला है।
5. प्रधानमंत्री कौशल केंद्र (पीएमकेके): 812 आवंटित पीएमकेके में 681 केंद्रों की स्थापना की जा चुकी है और पीएमकेवीवाई योजना के अंतर्गत 18 लाख से ज्यादा आवेदकों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य तय किया गया था, इसमें 9,89,936 लोगों को प्रशिक्षण दिया गया, 8,85,822 का आकलन किया गया, 7,40,146 को प्रमाणन दिया गया और 4,35,022 अभ्यर्थियों को सफलतापूर्वक नौकरी दिला दी गई। माननीय सांसदों ने अपने-अपने संसदीय क्षेत्रों और/या अन्य प्रतिनिधियों ने अपने-अपने संसदीय क्षेत्रों में 501 केंद्रों का शुभारम्भ किया।
6. पहले सीखना को मान्यताः पहले सीखना को मान्यता (आरपीएल) देने में इजाफा हुआ है। पीएमकेवीवाई 2016-19 के अंतर्गत व्यक्तिगत तौर पर पूर्व में हासिल किए गए कौशल को मान्यता देने के लिए आरपीएल कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया था। पीएमकेवीवाई के आरपीएल कार्यक्रम से अभी तक 26 लाख लोग जुड़ चुके हैं। आरपीएल की सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता श्रेणी में 11 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को कंपनियों की सहायता से औपचारिक कौशल प्रदान किया गया।
7. उच्चतम न्यायालय में आरपीएलः उच्चतम न्यायालय में आरपीएल प्रशिक्षण के अंतर्गत टाटा स्ट्राइव और मारुति सुजुकी ने रसोइयों और चालकों के एक बैच का प्रशिक्षण पूरा हुआ। यह प्रशिक्षण दो दिन तक चला, जिसमें सुरक्षा के पहलुओं, व्यक्तिगत सुधार, सामान्य कौशल और कुछ तकनीक पहलुओं को शामिल किया गया।
8. इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के साथ समझौता (एमओयू): एमएसडीई के अंतर्गत बीएफएसआई (बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा) क्षेत्र कौशल परिषद ने आरपीएल सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता के अंतर्गत 1,70,000 ग्रामीण डाक सेवकों को प्रमाणित करने के लिए इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के साथ समझौता (एमओयू) किया है। इसके तहत अभी तक कुल 9,046 अभ्यर्थियों को प्रमाणित किया जा चुका है।
9. केंद्र को मान्यता देनाः केंद्र मान्यता और संबद्धता पोर्टल- स्मार्ट (एसएमएआरटी) के माध्यम से पर्याप्त स्तर पर अल्पकालिक मानक कौशल क्षमता तैयार की गई है। अभी तक 11,977 केंद्रों को मान्यता और संबद्धता दी जा चुकी है, जिनकी सालाना प्रशिक्षण क्षमता लगभग 50 लाख है।
10. जम्मू-कश्मीर में कौशल विकासः एमएसडीई, जम्मू-कश्मीर सरकार और राज्य कौशल विकास मिशन (जेकेएसएसडीएम) के अधिकारियों की बैठक में जम्मू-कश्मीर के सभी पात्र लाभार्थियों को 100 प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित करने और इसके लिए उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा हुई। एनएसडीसी, डीजीएसएस और विभिन्न क्षेत्रीय कौशल विकास परिषदों (एसएससी) सहित कई संगठनों के अधिकारी भी बैठक में मौजूद रहे। दीर्घकलिक कौशलों को प्रोत्साहन देने के लिए एनएसटीआई जम्मू का परिचालन शुरू किया गया है। प्रशिक्षकों को एनएसक्यूएफ स्तर-6 प्रशिक्षण से जोड़ने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
11. लेह में कौशल विकासः देश के सभी हिस्सों में कौशल प्रशिक्षण की बेहतर पहुंच के लिए लेह में एक एनएसटीआई विस्तार केंद्र का शुभारम्भ किया गया है। मंत्रालय देश में बेहतर प्रशिक्षण कार्यबल तैयार करने के लिए हर संभव कदम उठा रहा है।
12. संकल्पः कोहिमा, नगालैंड में 3-4 सितंबर, 2019 को संकल्प पर एक क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में छह राज्यों नगालैंड, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, झारखंड, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम ने भागीदारी की। क्षेत्रीय कार्यशाला से इतर जिले के अधिकारियों और प्रशिक्षकों की कार्यशालाओं का भी आयोजन हुआ। इसके अलावा संकल्प के अंतर्गत दिल्ली और महाराष्ट्र में भी कार्यशाला का आयोजन हुआ। वहीं एक प्रतिनिधिमंडल ने विश्व बैंक द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सियोल, दक्षिण कोरिया का दौरा किया। इसके साथ ही राज्य प्रोत्साहन अनुदान (एसआईजी) बेसलाइन की स्थिति की समीक्षा के लिए राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों के साथ वीडियो कान्फ्रेंस की और संकल्प के अंतर्गत राज्यों द्वारा प्रस्ताव सौंपे गए।
13. स्ट्राइव (एसटीआरआईवीई): इस योजना का मुख्य उद्देश्य आईटीआई के प्रदर्शन में सुधार करना है। पहले चरण में 314 आईटीआई को चुना गया और 198 प्रदर्शन आधारित अनुदान समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। योजना में आईटीआई को समर्थन देने के लिए राज्य सरकारों की क्षमताएं बढ़ाने और अप्रेंटिसशिप प्रशिक्षण की दिशा में भी काम करती है। अभी तक 31 राज्यों ने प्रदर्शन आधारित वित्तपोषण समझौते (पीबीएफए) जैसे एमओयू किए जा चुके हैं। प्रशिक्षण और सीखने की तकनीकों में सुधार के लिए एनएसक्यूएफ प्रशिक्षण के बारे में 36 राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों के प्रशिक्षण अधिकारियों, प्राचार्यों और प्रशिक्षकों को सिखाया जा रहा है।
14. अंतरराष्ट्रीय भागीदारीः कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री ने देश में कुशल कार्यबल के वास्ते क्षमता निर्माण के लिए सिंगापुर, यूएई, जापान, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में कौशल विकास पर काम कर रहे अधिकारियों से मुलाकात की। साथ ही इन देशों में लागू मानदंडों और कुशल कार्यबल की कमी की भरपाई के लिए उनके साथ भागीदारी व प्रशिक्षित पेशेवरों की आपूर्ति पर बातचीत हुई।
15. पीएम-युवा योजना (प्रधानमंत्री युवा उद्यमिता विकास अभियान): इसे पायलट परियोजना के रूप में 12 राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों (दिल्ली, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, पुडुचेरी, तेलंगाना, केरल, पश्चिम बंगाल, बिहार, असम, मेघालय, उत्तराखंड, महाराष्ट्र) के 300 संस्थानों (200 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई)/राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई), 50 पॉलिटेक्निक, 25 पीएमकेके/पीएमकेवीवाई और 25 जन शिक्षण संस्थान (जेएसएसआई) में लागू किया जा रहा है।
इस परियोजना का उद्देश्य भविष्य के विकल्प के तौर पर उद्यमशीलता को प्रोत्साहन देना और उद्यमिता शिक्षा देकर संभावित और नए उद्यमियों को सहायता देना है। इसके माध्यम से एक कौशल तंत्र विकसित करके प्रशिक्षुओं/लाभार्थियों को सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इस पायलट परियोजना में उद्यमशीलता जागरूकता और शिक्षा सत्र से लगभग 70,000 युवाओं के जुड़ने का अनुमान है। इस परियोजना में मार्च, 2020 तक 600 नए उद्यम के बनने और 1,000 उद्यम का विस्तार होने का अनुमान है। इस पायलट परियोजना के लिए 12 करोड़ रुपये के बजट को स्वीकृति दी गई है।
16. रिलायंस जियो के साथ भागीदारीः उद्योग के साथ संपर्क को मजबूत बनाने के लिए डीजीटी और एमएसडीई ने 6 एनएसटीआई में प्रशिक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना के लिए रिलायंस जियो के साथ भागीदारी कायम की है। भारत सरकार, आईटीआई पूसा नई दिल्ली के साथ 6 स्थानों एनएसटीआई चेन्नई, बेंगलुरू, मुंबई, हैदराबाद और कोलकाता में रोजगार मेलों का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण के लिए 400 अभ्यर्थियों का चयन किया गया।
17. सिस्को, क्वेस्ट अलायंस एंड एसेंचर के साथ एमओयूः कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) और सिस्को, क्वेस्ट एलायंस एंड एसेंचर के साथ इस भागीदारी के अंतर्गत 6 एनएसटीआई में रोजगारपरक कौशल प्रयोगशालाओं की स्थापना की गई। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में नामांकित भारत भर के युवाओं को डिजिटल साक्षरता, भविष्य के लिए तैयार करने, रोजगारपरक कौशल और डाटा एनालिटिक्स जैसे उन्नत तकनीक कौशल में प्रशिक्षित किया जाएगा।
आकांक्षाओं को पूरा करना
18. कौशलाचार्य पुरस्कारः प्रशिक्षकों द्वारा किए गए अच्छे कार्यों को मान्यता देने और सराहना के लिए 5 सितंबर, 2019 को कौशलाचार्य पुरुस्कार, 2019 का आयोजन किया गया, जिसमें भविष्य के लिए तैयार और कुशल कार्यबल तैयार करने की दिशा में सराहनीय योगदान करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के 53 प्रशिक्षकों को पुरस्कार प्रदान किए गए।
19. राष्ट्रीय उद्यमशीलता पुरस्कार, 2019: एमएसडीई ने देश में उद्यमशीलता ढांचा विकसित करने के लिए एनईए 2019 में 30 युवा उद्यमियों और 6 संगठनों को सम्मानित किया। उद्यमिता विकास में उल्लेखनीय योगदान के लिए ये पुरस्कार दिए गए। पुरस्कार में एक ट्रॉफी, एक प्रमाण पत्र और 10 लाख रुपए की धनराशि शामिल थी। इसका उद्देश्य युवाओं में उद्यमशीलता को प्रोत्साहन देना था, जिससे रोजगार खोजने वालों की जगह रोजगार देने वाले तैयार किए जा सकें।
20. स्किल साथी परामर्श कार्यक्रमः एमएसडीई ने स्किल साथी कार्यक्रम भी पेश किया था, जिसका उद्देश्य कौशल भारत मिशन के अंतर्गत देश के विभिन्न स्थानों के युवाओं को सुग्राही बनाना और उनमें कौशल विकास की आकांक्षा बढ़ाना है। कार्यक्रम के अंतर्गत 40 लाख विद्यार्थियों को परामर्श दिया गया।
21. व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की पेशकश के लिए नीतिगत कार्यः इसके अंतर्गत एमएसडीई ने विद्यालयों में व्यावसायिक और स्नातक पाठ्यक्रमों में पेशकश के लिए व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के समान पाठ्यक्रमों की पेशकश के लिए नीतिगत योजना बनाने की शुरुआत की। इस फ्रेमवर्क को मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) के साथ परामर्श से अंतिम रूप दिया जा रहा है।
22. सरकारी विद्यालयों में 500 कौशल हबः एमएसडीई ने सरकारी विद्यालयों में 500 कौशल हब और प्रयोगशालाओं की स्थापना की योजना को भी अंतिम रूप दिया है। विद्यालयी विद्यार्थियों के लिए “कौशल में उत्कृष्टता केंद्रों” के विकास के लिए सीबीएसई के साथ मिलकर एमएसडीई विद्यालयों के लिए उच्च गुणवत्ता, तकनीक केंद्रित कौशल कार्यक्रम पेश करेगा। कौशल भारत फिलहाल 9100 से ज्यादा विद्यालयों के साथ जुड़ चुका है और 20 क्षेत्रों के कौशलों को समेकित कर चुका है। अभी तक 7.5 लाख विद्यार्थियों को फायदा हुआ है। इन पहलों को राज्यों के साथ मिलकर योजना बनाई जा रही है।
23. डिग्री से जुड़ा अप्रेंटिस कार्यक्रमः एमएसडीई और एमएचआरडी ने संयुक्त रूप से श्रेयस कार्यक्रम शुरू किया, जिसमें उच्च शिक्षण संस्थानों में बीए/बीएससी/बीकॉम (व्यावसायिक) जैसे पाठ्यक्रमों में डिग्री के साथ खुदरा, मीडिया और लॉजिस्टिक में अप्रेंटिस डिग्री प्रोग्राम को जोड़ दिया गया है। अभी तक इन कार्यक्रमों में 643 विद्यार्थियों के साथ 25 महाविद्यालयों को जोड़ा गया है।
24. अप्रेंटिसशिप पखवाड़े के माध्यम से अप्रेंटिसशिप को प्रोत्साहन देकर औपचारिक कौशल के लिए मांग बढ़ानाः एमएसडीई ने देश भर में अप्रेंटिस पखवाड़े का आयोजन किया, जहां उद्योगों और राज्य सरकारों ने मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान 7 लाख अप्रेंटिस को प्रशिक्षण दिए जाने की प्रतिबद्धता जाहिर की, जो यदि हो जाता है तो यह पिछली बार अप्रेंटसिशिप अधिनियम, 1961 में हुए पिछले संशोधन की तुलना में प्रशिक्षित अप्रेंटिसों की लगभग दोगुनी संख्या होगी। एमएसडीई थर्ड पार्टी एग्रीगेटर्स (टीपीए) को भी प्रोत्साहन दे रहे हैं, जिससे अप्रेंटिस प्रशिक्षण को प्रोत्साहन मिलेगा, जो कौशल विकास के सबसे ज्यादा टिकाऊ रूप है।
25. भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस): कौशल में गुणवत्ता और मात्रा के लिहाज से मानदंड और आकार लाने के क्रम में एमएसडीई ने हाल में मुंबई में भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) की स्थापना का एलान किया, जिनका स्वरूप और प्रतिष्ठा देश के आईआईएम और आईआईटी की तर्ज पर होगा। यह परियोजना टाटा समूह के साथ साझेदारी में शुरू की गई है, जिसके लिए सरकार ने 4.5 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई है। टाटा समूह इस पर लगभग 300 करोड़ रुपये निवेश करेगी और इसके पूरा होने पर आईआईएस में सालाना 5,000 प्रशिक्षु प्रशिक्षण हासिल कर सकेंगे।
26. एसबीआई के साथ समझौता (एमओयू): एमएसडीई ने मौजूदा वित्त वर्ष 2019-20 में बैंकिंग फ्रंट ऑफिस एग्जीक्यूटिव और टेलीकॉलर्स के रूप में 5,000 अप्रेंटिस को जोड़ने के लिए एसबीआई के साथ समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर भी किए हैं। यह पहल वित्तीय क्षेत्र में अप्रेंटिसशिप को प्रोत्साहन देने के लिए साझेदारी की शुरुआत के तहत की गई है।
27. कौशल वाउचर्सः एमएसडीई सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) के लिए कौशल वाउचर्स कार्यक्रम भी विकसित कर रहा है, जो कार्यक्रमों की डिलीवरी और गुणवत्ता में सुधार का मॉडल हो सकता है। ये वाउचर्स प्रशिक्षण कार्यक्रम की दिशा में सीखने वालों और उद्यमियों को उपलब्ध कराए जाते हैं।
28. वर्ल्ड स्किल्स इंटरनेशनल कजान 2019: इंडिया स्किल्स 2018 के 22 विजेताओं और उनके विशेषज्ञों ने कजान, रूस में हुए वर्ल्ड स्किल्स इंटरनेशनल कजान (डब्ल्यूएसके) 2019 में अपने उल्लेखनीय प्रदर्शन के साथ देश का प्रतिनिधित्व किया। भारत ने सबसे बड़ी कौशल प्रतिस्पर्धा में एक स्वर्ण, एक रजत, दो कांस्य और 15 उत्कृष्टता पदक हासिल किए। भारत ने वर्ल्ड स्किल्स इंटरनेशनल, 2019 में भाग लेने वाले 63 देशों में 13वां स्थान हासिल किया। उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र और नकद पुरस्कार दिए गए।
गुणवत्ता में सुधार
29. अप्रेंटिसशिप अधिनियम में सुधार अधिनियम, 1961: मंत्रालय ने अप्रेंटिसशिप अधिनियम, 1961 में कई सुधार पेश किए, जिनका उद्देश्य अप्रेंटिस के लिए उद्योग में अहम सुधार किया जाना था। अप्रेंटिसशिप नियम, 1962 के अंतर्गत किए गए व्यापक सुधार इस प्रकार हैं:
• अप्रेंटिस को जोड़ने के लिए ऊपरी सीमा को 10 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी किया गया।
• एक प्रतिष्ठान के लिए अप्रेंटिस जोड़ने की अनिवार्य बाध्यता का आकार 40 से घटाकर 30 कर दिया गया।
• पहले साल के लिए न्यूनतम वेतन देने के बजाय मानदेय का भुगतान तय कर दिया है ।
• दूसरे और तीसरे साल में अप्रेंटिस के लिए मानदेय में 10 से 15 फीसदी तक बढ़ोतरी।
• वैकल्पिक कारोबार के लिए अप्रेंटिस प्रशिक्षण की अवधि 6 से 36 महीने की जा सकती है।
30. प्रशिक्षण की दोहरी प्रणालीः एमएसडीई आईटीआई की दोहरी प्रशिक्षण प्रणाली (डीएसटी योजना) का विस्तार कम से कम 1000 आईटीआई तक कर रहा है। डीएसटी जर्मन विधियों से प्रेरित एक प्रशिक्षण मॉडल है और इसमें विभिन्न आईटीआई के विद्यार्थियों को उद्योग की अगुआई में प्रशिक्षण उद्योग जगत से रूबरू कराया जाता है। पहले 100 दिनों में 40 राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) से साझेदारी समझौते और कम से 739 समझौते (एमओयू) किए गए हैं। पाठ्यक्रम के व्यावहारिक प्रशिक्षण के भाग की अवधि को लचीला और उद्योग के लिए अपनाने योग्य बना दिया गया है। सीटीएस के अंतर्गत आने वाले 138 से ज्यादा पाठ्यक्रमों को डीएसटी के दायरे में लाया गया, जबकि पहले यह संख्या महज 17 ही थी। आईटीआई को संबद्धता के साथ डीएसटी के अंतर्गत विशेष रूप से तीसरी पाली में प्रशिक्षण कार्यक्रम कराने की अनुमति दी गई है।
31. नई पीढ़ी के कौशलः संयम के साथ आगे बढ़ने के क्रम में एमएसडीई ने 12 एनएसटीआई में नई पीढ़ी के पाठ्यक्रम शुरू किए गए। इनमें इंटरनेट ऑफ थिंग्स-स्मार्ट हेल्थकेयर, इंटरनेट ऑफ थिंग्स-स्मार्ट सिटीज, 3डी प्रिंटिंग, ड्रोन पायलट, सौर तकनीशियन और जियो इंफोर्मैटिक्स आदि शामिल हैं।
32. जिला कौशल समितियों का गठनः देश में जमीनी स्तर पर विभिन्न सुधारों और हर नागरिक को सशक्त बनाने के क्रम में मंत्रालय ने संकल्प कार्यक्रम के अंतर्गत अपने आकांक्षी कौशल अभियान के तहत सभी जिलों में जिला कौशल समितियों (डीएससी) का गठन किया, जिसके लिए विश्व बैंक ने वित्तपोषण किया। एमएसडीई, प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) के माध्यम से इन जिला कौशल समितियों की देख-रेख कर रही है। इसका उद्देश्य स्थानीय स्तर पर कौशल की कमी की भरपाई करना और कौशल विकास के अवसरों के सहारे स्थानीय बाजारों को मजबूती देना है।
33. महात्मा गांधी राष्ट्रीय फेलोशिप (एमएनजीएफ): एमएसडीई ने 6 राज्यों के 75 जिलों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय फेलोशिप (एमएनजीएफ) की शुरुआत की। इनके अंतर्गत 75 युवा पेशेवरों को चुना जाएगा और जिला स्तर पर योजना बनाने में जिले स्तर के अधिकारियों को सहयोग देने, डाटा/सूचना के कौशल प्रबंधन से संबंधित गतिविधियों की निगरानी, जिले के विभिन्न हितधारकों के बीच समन्वय में जिला कौशल विकास समिति को सहयोग देने के लिए चिह्नित 75 जिलों में नियुक्त किया जाएगा।
34. भारतीय कौशल विकास सेवाएं (आईएसडीएस): देश के युवाओं को कौशल प्रशिक्षण सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने भारतीय राजस्व सेवा या डाक एवं तार सेवा आदि की तरह नई प्रशासनिक सेवा की योजना बनाई। एमएसडीई द्वारा एक अधिसूचना के माध्यम से भारतीय कौशल विकास सेवाओं (आईएसडीएस) की शुरुआत की गई। यह सेवा कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के प्रशिक्षण महानिदेशालय द्वारा शुरू की गई। आईएसडीएस समूह ए की सेवा होगी, जिसमें यूपीएससी द्वारा होने वाली भारतीय इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा के माध्यम से नियुक्ति की जाएगी। नई केंद्र सरकार सेवाओं के पहले बैच भारतीय कौशल विकास सेवाओं के तहत प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान (एटीआई), मैसूर में 9 सितंबर, 2019 से प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो गया। भारतीय कौशल विकास सेवा (आईएसडीएस) में भारत में 263 पद हैं। कैडर में वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड के 3 पद, कनिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड के 28, वरिष्ठ टाइम स्केल के 120 और कनिष्ठ टाइम स्केल के 112 पद हैं।
35. बिजनेस साखी नाम से सामुदायिक संरक्षकः विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों से मिले ज्ञान के आधार पर वर्ष 2018 में महिलाओं में उद्यमशीलता को प्रोत्साहन देने के लिए निस्बड ने यूएनडीपी के साथ सहयोग से एनआईआरडीपीआर और टीआईएसएस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित एक नई अवधारणा और व्यवस्था की पेशकश की, जो बिजनेस साखी (बिज-साखी) के नाम से पुकारे जाने वाले सामुदायिक संरक्षकों के कैडर के माध्यम से मनो-सामाजिक और कारोबार में सहयोग उपलब्ध करा रही है। एनईए समारोह के अवसर पर इसका पाठ्यक्रम 9 नवंबर, 2019 को पेश किया गया था। ये संरक्षक पश्चवर्ती (उदाहरण के लिए वित्तीय संस्थान के साथ) और अग्रिम (आकर्षक बिजनेस आइडिया और बाजार) सहयोग उपलब्ध कराएंगे। इसके अलावा संरक्षक, उद्यमी बनने के आकांक्षी लोगों को मनोवैज्ञानिक सहयोग भी उपलब्ध कराएंगे, जो कारोबार में हर स्तर पर बाधाओं का सामना करने वाली महिलाओं के लिए जरूरी होता है।
36. प्रशिक्षक कार्यक्रम में प्रशिक्षणः आईटीआई संकाय के लिए पांच दिवसीय टीओटी कार्यक्रम का पाठ्यक्रम विकसित किया गया और अखिल भारतीय स्तर पर पीएमकेवीवाई के 4,068 प्रशिक्षकों के लिए रोजगारपरकता, उद्यमशीलता और जीवन कौशल पर आधारित प्रशिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों को तैयार किए गए व उनका आयोजन किया गया। संस्थान ने ओबीसी/एससी/एसटी से आने वाले बेरोजगार युवाओं और मैनुअल सफाईकर्मियों व महिलाओं के लिए उद्यमशीलता विकास कार्यक्रमों का आयोजन किया है।
37. जन शिक्षण संस्थान के लिए एमआईएस पोर्टल का शुभारम्भः जन शिक्षण संस्थानों (जेएसएस) के लिए एक एमआईएस पोर्टल का शुभारम्भ किया गया। समाधान की स्वीकार्यता और क्रियान्वयन के फायदों से योजना के परिचालन के विस्तार के साथ ही निगरानी और प्रबंधन क्षमताओं में इजाफा हुआ। मंत्रालय की देश के हर जिले में एक जेएसएस की स्थापना करने की योजना है।
38. ई-स्किल इंडिया प्लेटफॉर्मः तकनीक चालित व्यवस्था में ई-शिक्षा से भारतीय युवाओं की कौशल अवसरों तक पहुंच बढ़ी है। एनएसडीसी ने एक बहु भाषीय ई-लर्निंग एग्रीगेटर पोर्टल ई-स्किल इंडिया की शुरुआत की, जिससे भारतीय युवाओं को ई-कौशल अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ई-स्किल इंडिया किसी भी वक्त, कहीं भी कौशल उपलब्ध कराता है। आज ई-स्किल इंडिया से टीसीएस, बेटरयू, आईबीएम, एसएएस, बीएसई, अपोलो मेडावर्सिटी, इंगुरू, अमृता टेक्नोलॉजिज, आईप्राइम्ड, वाधवानी फाउंडेशन, इंग्लिश एज, फेयर एंड लवली, एआईएफएमबी आदि संगठनों को जोड़ा जा चुका है।
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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/एमपी-4914
(Release ID: 1597233)
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