प्रधानमंत्री कार्यालय
आयुष्मान भारत को धन्यवाद – दूरस्थ प्रायद्वीप के इस निवासी का जीवन सामान्य हुआ
रतन बरई अब स्वस्थ जीवन जी रहा है
प्रविष्टि तिथि:
01 OCT 2019 7:29PM by PIB Delhi
अंडमान एवं निकोबार के एक गरीब परिवार का सदस्य 52 वर्षीय रतन बरई मायोकार्डियल इन्फार्क्सन से पीड़ित था।
सीने के बाई ओर दर्द तथा पसीना आने की शिकायत को लेकर उसे पोर्ट ब्लेयर के जी.बी. पंत अस्पताल में भर्ती किया गया था। वह डायबिटीज मेलीटस से भी पीड़ित था। विस्तृत जांचों से पता चला कि यह एक्यूट एंटेरियर वाल मायोकार्डियल इन्फार्क्सन का मामला है। इसके लिए चिकित्सा प्रबंध निर्धारित किया गया और बाद में अतिरिक्त विशेषज्ञ उपचार के लिए देश की मुख्यभूमि के हृदय-रोग विशेषज्ञों के पास भेजा गया। अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूहों में हृदय रोगों के उपचार के लिए कोई सुविधा नहीं है ऐसे में इन मरीजों को उपचार के लिए कोलकाता और चेन्नई जैसे महानगरों में भेजा जाता है।

रतन बरई के यह कठिन था, क्योंकि उसके पास पर्याप्त धन नहीं था। किन्तु जब उसे आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के माध्यम से नकदरहित बीमा सुरक्षा के बारे में पता चला, तो उसके जीवन में आशा की एक नई किरण जगी। इसकी मदद से निशुल्क उपचार संभव प्रतीत हो रहा था।

आज वह एक स्वस्थ व्यक्ति है और विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना की सफलता के बारे में बताने के लिए प्रधानमंत्री से मुलाकात करने वाले 31 लाभार्थियों में से एक है।
आयुष्मान भारत योजना 2018 में ठीक एक वर्ष पहले शुरू की गई थी। यह विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है। देश के 10.74 करोड़ से अधिक गरीब लोगों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करना इसका लक्ष्य है।
पिछले एक वर्ष में, रतन बरई जैसे 50,000 से अधिक मरीजों को अपने राज्य से बाहर चिकित्सा सुविधाएं मिली, जहां आयुष्मान भारत कार्यक्रम के माध्यम से इस प्रकार की सर्वोत्तम सुविधाएं उपलब्ध थीं।
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के तहत 16,085 अस्पतालों को पैनलबद्ध करने के साथ-साथ 41 लाख से अधिक लाभार्थियों का उपचार किया गया और 10 करोड़ से अधिक ई-कार्ड जारी किए गए हैं।
आयुष्मान भारत के तहत देशभर में 20,700 से अधिक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर चालू किए गए हैं।
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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/एसकेएस/डीके – 3373
(रिलीज़ आईडी: 1586963)
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